विविधा नयी सोच से नए जीवन की शुरुआत करें January 2, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग – हर व्यक्ति शांति, सुख और प्रसन्नता चाहता है और जिन्दगीभर उसी की खोज में लगा रहता है। ऐसी ही चाहत को लेकर एक व्यक्ति एक संत के पास गया और बोला मैंने अनेक स्थानों पर इनको ढूंढा, पर तीनों वस्तुएं कहीं नहीं मिली। आपको अत्यंत शांत, सुखी और प्रसन्न देखकर ही आपके […] Read more » नए जीवन की शुरुआत नयी सोच नयी सोच से नए जीवन की शुरुआत करें
विविधा नववर्ष की राह: शांति की चाह December 29, 2016 | Leave a Comment ललित गर्ग – नया वर्ष है क्या? मुड़कर एक बार अतीत को देख लेने का स्वर्णिम अवसर। क्या खोया, क्या पाया, इस गणित के सवाल का सही जवाब। आने वाले कल की रचनात्मक तस्वीर के रेखांकन का प्रेरक क्षण। क्या बनना, क्या मिटाना, इस अन्वेषणा में संकल्पों की सुरक्षा पंक्तियों का निर्माण। ‘आज’, ‘अभी’, ‘इसी […] Read more » नववर्ष नववर्ष की राह भारतीय नववर्ष शांति की चाह
समाज दशा एवं दिशा बदलने का संकल्प हो December 27, 2016 | Leave a Comment ललित गर्ग नए वर्ष का स्वागत हम और हमारे निर्माता इस सोच और संकल्प के साथ करें कि हमें कुछ नया करना है, नया बनना है, नये पदचिह्न स्थापित करने हैं। हमें नीतियां ही नहीं नियम भी बदलने है और इसी दिशा में मोदी सरकार जुटी है। नोटबंदी के बाद एक और अच्छी शुरूआत के […] Read more » resolution in new year दशा एवं दिशा बदलने का संकल्प हो दशा बदलने का संकल्प दिशा बदलने का संकल्प
कला-संस्कृति समाज संतकवि नरसी मेहता : ईश्वर से सम्पर्क के सूत्रधार December 18, 2016 / December 18, 2016 | Leave a Comment नरसी मेहता की जन्म जयन्ती- 19 दिसम्बर, 2016 के लिये विशेष ललित गर्ग ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए’ भजन में एक बात अच्छी प्रकार से कह दी है। ‘पर दुःखे उपकार करे’ कह कर भजन में रुक गए होते, तो वैष्णव जनों की संख्या बहुत बढ़ जाती है। ‘पर दुःखे उपकार करे तोए मन अभिमान […] Read more » Featured sant kavi narsi mehta संतकवि नरसी मेहता
विधि-कानून विविधा इससे लोकतंत्र का बागवां महकेगा December 15, 2016 / December 15, 2016 | Leave a Comment विमुद्रीकरण के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब मोदी सरकार चुनाव सुधार की दिशा में भी बड़ा निर्णय लेने की तैयारी में है। संभव है सारे राष्ट्र में एक ही समय चुनाव हो- वे चाहे #लोकसभा हो या #विधानसभा। इन चुनाव सुधारों में दागदार नेताओं पर तो चुनाव लड़ने की पाबंदी लग ही सकती है, वहीं शायद एक व्यक्ति एक साथ दो सीटों पर भी चुनाव नहीं लड़ पाएगा? Read more » Featured one India one election tainted politicians deprived of election चुनाव चुनाव आयोग दागदार नेताओं पर चुनाव लड़ने की पाबंदी नोटबंदी लोकसभा विधानसभा विमुद्रीकरण सारे राष्ट्र में एक चुनाव
समाज जीवन में मुस्कुराहट के फूल खिलाते रहिए December 11, 2016 | Leave a Comment – ललित गर्ग – जिन्दगी में अचानक आने वाले बदलाव या समस्या से विचलित न होने वाले ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हैं। महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि समस्या अथवा बाधा उत्पन्न होने पर उससे निपटा कैसे जाए? कई लोग कुछ भी संकट आने पर हाथ-पैर छोड़ देते हैं, निराश हो जाते हैं। किंकर्तव्यविमूढ़ होकर […] Read more » जीवन में मुस्कुराहट जीवन में मुस्कुराहट के फूल खिलाते रहिए मुस्कुराहट के फूल
विश्ववार्ता जाॅन की ने रचा पद त्याग का नया अध्याय December 8, 2016 | Leave a Comment न्यूजीलैंड के लोकप्रिय प्रधानमंत्री जॉन की ने अपने पद से इस्तीफा देकर दुनिया को चैंका दिया है। आठ वर्षों के कार्यकाल के बाद एकाएक अपने पद से मुक्त होने का चिन्तन ही आश्चर्यकारी होने के साथ-साथ राजनीति की एक ऐतिहासिक एवं विलक्षण घटना है। आज जबकि समूची दुनिया के राजनीति परिदृश्य में सत्ता लोलुपता एवं पदलिप्सा व्याप्त है, प्रधानमंत्री तो क्या, कोई सांसद, विधायक एवं पार्षद भी स्वेच्छा से अपना पद-त्याग नहीं करता है। Read more » Featured New Zealand PM John Key resigns जाॅन की न्यूजीलैंड
विधि-कानून विविधा नीति और नियमों का सरलीकरण जरूरी December 5, 2016 | Leave a Comment #कालेधन एवं #भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिये नीति एवं नियमों का सरलीकरण जरूरी है। नीति आयोग के अध्यक्ष अरविंद पानगड़िया ने इसी बात की आवश्यकता व्यक्त करते हुए कहा कि जटिल टैक्स नियमों को सरल बनाने और टैक्स दरों को कम करने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए, नोटबंदी का उद्देश्य तभी सफल होेगा। Read more » Featured notebandi नीति आयोग नोटबंदी पानगड़िया नीति
विविधा नालन्दा राजनीतिक नहीं, राष्ट्रीय मुद््दा है November 29, 2016 | Leave a Comment नालंदा विश्वविद्यालय के विचार को पुनर्जीवित करने की कोशिश एक असाधारण उपक्रम था, एक बड़ी चुनौती थी और उसका मूर्तरूप प्रकट होना आश्चर्य से कम नहीं कहा जा सकता है। वह दिन बिहार और देश-दुनिया के इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए खास बना। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने मार्च 2006 में बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। Read more » Featured Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने की कोशिश
समाज सार्थक पहल जिन्दगी में नया करने की ठाने November 29, 2016 | Leave a Comment एक अच्छा, सफल एवं सार्थक जीवन के लिये जरूरी है अच्छी आदतें। अच्छी आदतों वालों व्यक्ति सहज ही अच्छे चरित्र वाला व्यक्ति बन जाता है। बुरी आदतों वाला व्यक्ति खुद-ब-खुद बुरे चरित्र का व्यक्ति बन जाता है। अच्छे और बुरे का मापदण्ड यह है कि जो परिणाम में अच्छा या बुरा हो, वही चीज, विचार या व्यक्ति अच्छा या बुरा होते हैं। Read more » जिन्दगी में नया करने की ठाने
समाज दहेज प्रथा – एक सामाजिक अभिशाप November 25, 2016 | 4 Comments on दहेज प्रथा – एक सामाजिक अभिशाप भारतीय समाज में अनेक प्रथाएं प्रचलित हें । पहले इस प्रथा के प्रचलन में भेंट स्वरूप बेटी को उसके विवाह पर उपहारस्वरूप कुछ दिया जाता था परन्तु आज दहेज प्रथा एक बुराई का रूप धारण करती जा रही है । दहेज के अभाव में योग्य कन्याएं अयोग्य वरों को सौंप दी जाती हैं । लोग […] Read more » dowry dowry system एक सामाजिक अभिशाप दहेज प्रथा
समाज निरीह जीवों की निर्मम हत्या से बना भोजन क्यों? November 23, 2016 | Leave a Comment निया के किसी भी धर्म में मांसाहार का उपदेश नहीं दिया गया है। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने कहा है कि मांसाहार से मनुष्य का स्वभाव हिंसक हो जाता है, जो लोग मांस भक्षण या मदिरापान करते हैं, उनके शरीर तथा वीर्यादि धातु भी दूषित हो जाते हैं। बौद्ध धर्म में पंचशील अर्थात सदाचार के पाँच नियमों में प्रथम और प्रमुख नियम किसी प्राणी को दुःख न देना है। बौद्ध धर्म के मतानुसार बुद्धिमान व्यक्ति को आपातकाल में भी मांस खाना उचित नहीं है। Read more » Featured पाश्चात्य देशों में शाकाहार आन्दोलन मांस भक्षण मांसाहार विश्व मांसाहार निषेध दिवस