समाज हिंसक होती महानगरीय संस्कृति की त्रासदी April 15, 2017 | Leave a Comment दिल्ली में बढ़ती हिंसा की घटनाओं को लेकर व्यक्ति और समाज को लेकर कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। इसका एक बड़ा कारण है संयुक्त परिवारों का बिखरना। इसके कारण महानगरों में न्यूक्लियर फेमिली यानी एकल परिवार की अवधारणा को बल मिलता चला गया है। मैं, मेरी पत्नी और मेरे बच्चे तक सिमटी नई सामाजिक और शहरी अवधारणा ने परिवार के बाकी बचे लोगों को एक-दूसरे अलग-थलग कर दिया है। Read more » महानगरीय संस्कृति
विविधा गौरक्षा एवं भक्ति हिंसक क्यों? April 11, 2017 | Leave a Comment देश में समय-समय पर गौहत्या के विरोध में आन्दोलन हुए हैं। 1967 में गौ-हत्या को लेकर उग्र आन्दोलन हुआ, संसद भवन को साधु-सन्तों ने घेरा था तो पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया था और लाठी-गोलियां भी चलाई थीं। तत्कालीन गृहमन्त्री स्व. गुलजारी लाल नन्दा को इस्तीफा देना पड़ा था। तत्कालीन इन्दिरा सरकार ने भारत की सांस्कृतिक एवं धार्मिक आस्था से जुड़े इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। क्योंकि गाय भारत की आत्मा है, जन-जन की आस्था का केन्द्र है। Read more » cow slaughter Featured गौरक्षा गौहत्या के विरोध में आन्दोलन राजस्थान राजस्थान में गौरक्षा राजस्थान मेंगौसंरक्षण
राजनीति वंदे मातरम्-विवाद नहीं, विकास का माध्यम बने April 10, 2017 | Leave a Comment मुसलमानों को ‘वन्दे मातरम्’ गाने पर आपत्ति इसलिये भी बतायी जा रही है, क्योंकि इस गीत में देवी दुर्गा को राष्ट्र के रूप में देखा गया है। जबकि यह गान किसी देवी नहीं, बल्कि धरती माता की पूजा की बात कहता है। माता भी कौन-सी? पृथ्वी। जो जड़ है। इसमें भारत को माता कहा गया है। वंदे-मातरम् में भारत के जलवायु, फल-फूल, नदी-पहाड़, सुबह-शाम और शोभा-आभा की प्रशंसा की गई है। किसी खास देवी की पूजा नहीं की गई है। वह कोई हाड़-मासवाली देवी नहीं है। वह एक प्रतीक है। विभिन्न मुस्लिम देशों में भी वहां राष्ट्रीय गीतों में मातृ-भूमि का यशोगान गाया गया है। Read more » Featured Vande Mataram उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वंदे मातरम् वन्दे मातरम्-राष्ट्रगीत
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता हैं हनुमान April 9, 2017 | Leave a Comment हनुमान जयन्ती- 11 अप्रैल 2017 पर विशेष – ललित गर्ग – भगवान हनुमानजी को हिन्दू देवताआंे में सबसे शक्तिशाली माना गया है, वे रामायण जैसे महाग्रंथ के सह पात्र थे। वे भगवान शिव के ग्यारवंे रूद्र अवतार थे जो श्रीराम की सेवा करने और उनका साथ देने त्रेता युग में अवतरित हुए थे। उनको बजरंग […] Read more » हनुमान जयन्ती
विविधा सिनेमा ब्लू माउंटेंस-एक फिल्म ही नहीं, सन्देश भी April 7, 2017 | Leave a Comment ‘ब्लू माउंटेंस’ के बहाने बच्चों से जुड़ी फिल्मों को प्रोत्साहन का धरातल तैयार होना चाहिए। हमारे देश में बच्चों की फिल्मों के लिये सरकारी प्रोत्साहन बहुत जरूरी है। अमेरिका के न्यूयार्क में 18 ऐसे सिनेमाहाल हैं, जहां हमेशा बच्चों से जुड़ी फिल्में दिखाई जाती हैं और इन फिल्मों को देखने के लिए हमेशा भीड़ होती है। अपने बच्चों के साथ मां-बाप फिल्में देखने आते हैं। खास तौर पर वीकेंड में तो ये भीड़ डबल से ज्यादा हो जाती है। Read more » Blue Mountains ब्लू माउंटेंस
शख्सियत समाज हम महावीर बनने की तैयारी में जुटें April 7, 2017 / April 7, 2017 | Leave a Comment महावीर जयंती ललित गर्ग आज हर व्यक्ति के जीवन में महावीर के अवतरण की जरूरत है। क्योंकि महावीर का संपूर्ण जीवन स्व और पर के अभ्युदय की जीवंत प्रेरणा है। लाखों-लाखों लोगों को उन्होंने अपने आलोक से आलोकित किया है। इसलिए महावीर बनना जीवन की सार्थकता का प्रतीक है। भगवान महावीर ने जितने महान संदेश […] Read more » Featured mahavir jayanti महावीर जयंती हम महावीर बनने की तैयारी में जुटें
राजनीति ‘आप’ की लगातार गिरती साख April 5, 2017 | Leave a Comment नीतियां सिर्फ शब्दों में हो और निष्ठा एवं नियत पर सन्देह की परतें पड़ने लगे तो राजनीति में शुचिता और शुद्धि कैसे आएगी? बिना जागती आंखों के सुुरक्षा की साक्षी भी कैसी! एक वफादार चैकीदार अच्छा सपना देखने पर भी इसलिए मालिक द्वारा तत्काल हटा दिया जाता है कि पहरेदारी में सपनों का खयाल चोर को खुला आमंत्रण है। केजरीवालजी! ईमानदारी अभिनय करके नहीं बताई जा सकती, उसे जीना पड़ता है कथनी और करनी की समानता के स्तर तक। Read more » Featured आप गिरती साख
राजनीति दिल्ली एमसीडी चुनाव एक महासंग्राम है April 2, 2017 / April 2, 2017 | Leave a Comment एमसीडी चुनाव में जीत को सुनिश्चित करने के लिये ही कुछ महीने पहले बीजेपी ने मनोज तिवारी को राज्य में पार्टी का अध्यक्ष बनाया था। दिल्ली के पूर्वांचल वोटरों को साधने के साथ ही कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने के लिए मनोज तिवारी को दिल्ली की कमान सौंपी गयी है। देखना यह है कि वे इसमें कितना सफल हो पाते हैं? मौजूदा पार्षदों के टिकट काटने का निर्णय कहीं बीजेपी के खिलाफ न चला जाए, क्योंकि कई दिग्गज नेताओं को घर बैठा देना कहीं बगावती तेवर को हवा न दे- इस तरह की चुनौतियां भी तिवारी के सामने हैं। Read more » 2017 के दिल्ली के तीन नगर निगम चुनाव Featured एमसीडी चुनाव दिल्ली एमसीडी चुनाव 2017
समाज दूसरों के बारे में नहीं, स्वयं के बारे में सोचे April 1, 2017 | Leave a Comment दुनिया को जानना भी जरूरी है दुनिया में स्वयं को स्थापित करने के लिए। जगत को जानकर मनुष्य उसमें अपने होने को प्रमाणित करता है। अपने होने को प्रमाणित तो किया ही जाना चाहिए। इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। सेसील एम. स्प्रिंगर ने कहा कि “सबसे बड़ी बात है कि स्वयं को चुनौती दें। आप स्वयं पर हैरान होंगे कि आप में इतना बल या सामर्थ्य है, तथा आप इतना कुछ कर सकते हैं।” Read more » dont think about others Featured Happiness index Happiness index of india happiness is lost think about self first जीवन से असन्तुष्ट
राजनीति मजबूत लोकतंत्र के लिए सांसदों की हाजिरी जरूरी March 30, 2017 / March 30, 2017 | Leave a Comment संसदीय व्यवस्था के हालात प्रारंभ से ही ढुलमूल रहे हैं। शुरुआत में जवाहरलाल नेहरू ने स्वयं जागरूक रहकर सांसदों को भी जागरूक बनाया था। अब पीएम मोदी संसदीय व्यवस्था को सुदृढ़ एवं अनुशासित करने में जुटे हैं तो उसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। थोड़ी बहुत चुनौतियों के बीच मौजूदा लोकसभा कामकाज के हिसाब से पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। सदन के प्रति सांसदों को जवाबदेह बनाने के लिए मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी ढेरों प्रयास किए हैं। जरूरत है लोकतंत्र प्रशिक्षण के कार्यक्रम की। नये बनने वाले सांसदों के लिये यह प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए, जिसमें एक आदर्श जन-प्रतिनिधि के व्यवहार के साथ-साथ उसकी कार्यशैली, संसदीय व्यवस्था का सघन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिये कार्यशाला एवं प्रशिक्षण का प्रबन्ध हो। तभी हम हमारे इस सर्वोच्च मंच की पवित्रता और गरिमा को अक्षुण्ण रख सकेंगे। Read more » Featured presence of MP essential during Parliament session मजबूत लोकतंत्र संसद सत्र के दौरान सांसदों के अनुपस्थित रहने का मामला सांसदों की हाजिरी जरूरी
विविधा भोजन की बर्बादी एक त्रासदी है March 29, 2017 | Leave a Comment दुनियाभर में हर वर्ष जितना भोजन तैयार होता है उसका एक तिहाई भोजन बर्बाद चला जाता है। बर्बाद जाने वाला भोजन इतना होता है कि उससे दो अरब लोगों की खाने की जरूरत पूरी हो सकती है। विश्व भर में होने वाली भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन, अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष और विश्व खाद्य कार्यक्रम ने एकजुट होकर एक परियोजना शुरू की है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में बढ़ती संपन्नता के साथ ही लोग खाने के प्रति असंवेदनशील हो रहे हैं। खर्च करने की क्षमता के साथ ही खाना फेंकने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। समस्या की शक्ल लेती यह स्थिति चिन्ताजनक है और प्रधानमंत्री इसके लिये जागरूक है, यह एक शुभ संकेत है। Read more » Featured wastage of food भोजन भोजन की बर्बादी भोजन की बर्बादी एक त्रासदी
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार गणगौर: नारी शक्ति और संस्कार का पर्व March 29, 2017 | Leave a Comment बेला गर्ग गणगौर का त्यौहार सदियों पुराना हैं। हर युग में कुंआरी कन्याओं एवं नवविवाहिताओं का अपितु संपूर्ण मानवीय संवेदनाओं का गहरा संबंध इस पर्व से जुड़ा रहा है। यद्यपि इसे सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मान्यता प्राप्त है किन्तु जीवन मूल्यों की सुरक्षा एवं वैवाहिक जीवन की सुदृढ़ता में यह एक सार्थक प्रेरणा भी […] Read more » गणगौर