कला-संस्कृति समाज मोगरी से पुरुषों की पिटाई का सन्देश क्यों? May 9, 2017 | Leave a Comment अक्सर ऐसा देखा जाता है कि महिलाओं पर ज्यादा अत्याचार होते हैं, जबकि कई मामलों में पुरूष भी घरेलू हिंसा कि शिकार होते हैं और महिलाएं पुरुषों पर अत्याचार करती हैं। ‘पत्नी सताए तो हमें बताएं’ जैसे विज्ञापनों को एक समय अतिरंजना के तौर पर देखा जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय के आंकड़ों ने इस धारणा को बदल दिया है कि सिर्फ महिलाएं ही घरेलू हिंसा का शिकार बनती हैं। अब सिक्के का दूसरा पहलू सामने आया है, जिसमें पुरुषों को भी घर या समाज में किसी-न-किसी प्रकार की शारीरिक, मानसिक या आर्थिक हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। Read more » मोगरी से पुरुषों की पिटाई
धर्म-अध्यात्म एक नये अध्याय की शुरुआत May 4, 2017 | Leave a Comment मुनि श्री ऋषभ के आचार्य पदारोहण दिवस ( 7 मई, 2017 )पर विशेष – ललित गर्ग – भारत अपनी अध्यात्म प्रधान संस्कृति से विश्रुत था किन्तु आज उसने ‘जगद्गुरु’ होने की पहचान खो दी है। खोयी हुई पहचान को पुनः प्राप्त करने एवं अध्यात्म केे तेजस्वी स्वरूप को पाने के लिये अनेक संत-मनीषी अपनी साधना, […] Read more » मुनि श्री ऋषभ
राजनीति ‘आप’ की उल्टी गिनती शुरू May 3, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग – आजकल उल्टी गिनती एक ”सूचक“ बन गई है, किसी महत्वपूर्ण काम की शुरूआत के लिए या किसी बड़े बदलाव के लिए। हमारे यहां भी कई उल्टी गिनतियां चल रही हैं। एक महत्वपूर्ण उल्टी गिनती पर देश की निगाहें लगी है। जुमा जुमा चार साल पहले पैदा हुई आम आदमी पार्टी की इस […] Read more » AAP Featured reverse counting of AAP आप केजरीवाल
समाज ग्लोबलगिविंग की भारत में संभावनाभरी दस्तक May 3, 2017 | Leave a Comment ललित गर्गः- दुनियाभर के दानदाताओं को भारत में दान के लिये प्रोत्साहित किये जाने की दृष्टि से क्राउडफंडिंग एक सशक्त माध्यम है। भारत के लिए क्राउडफंडिंग भले ही नया हो पर इसकी अपार संभावनाएं हैं। आने वाले समय में क्राउडफंडिंग भारत की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं, सेवा उपक्रमों एवं धार्मिक कार्यों के लिये दान की उपलब्धता […] Read more » Featured global giving India क्राउडफंडिंग ग्लोबलगिविंग भारत में दान के लिये प्रोत्साहित
राजनीति एक साथ चुनाव से लोकतंत्र मजबूत होगा May 2, 2017 | Leave a Comment सही मायनों में हमारा लोकतंत्र ऐसी कितनी ही कंटीली झाड़ियों में फँसा पड़ा है। प्रतिदिन आभास होता है कि अगर इन कांटों के बीच कोई पगडण्डी नहीं निकली तो लोकतंत्र का चलना दूभर हो जाएगा। लोकतंत्र में जनता की आवाज की ठेकेदारी राजनैतिक दलों ने ले रखी है, पर ईमानदारी से यह दायित्व कोई भी दल सही रूप में नहीं निभा रहा है। ”सारे ही दल एक जैसे हैं“ यह सुगबुगाहट जनता के बीच बिना कान लगाए भी स्पष्ट सुनाई देती है। राजनीतिज्ञ पारे की तरह हैं, अगर हम उस पर अँगुली रखने की कोशिश करेंगे तो उसके नीचे कुछ नहीं मिलेगा। कुछ चीजों का नष्ट होना जरूरी है, अनेक चीजों को नष्ट होने से बचाने के लिए। जो नष्ट हो चुका वह कुछ कम नहीं, मगर जो नष्ट होने से बच सकता है वह उस बहुत से बहुत है। लोकतंत्र को जीवन्त करने के लिए हमें संघर्ष की फिर नई शुरूआत करनी पडे़गी। Read more » Democracy democracy will strenghthen with one time election Featured one time election एक साथ चुनाव लोकतंत्र मजबूत
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म एक अनूठा त्यौहार है अक्षय तृतीया April 26, 2017 | Leave a Comment अक्षय तृतीया का पावन पवित्र त्यौहार निश्चित रूप से धर्माराधना, त्याग, तपस्या आदि से पोषित ऐसे अक्षय बीजों को बोने का दिन है जिनसे समयान्तर पर प्राप्त होने वाली फसल न सिर्फ सामाजिक उत्साह को शतगुणित करने वाली होगी वरन अध्यात्म की ऐसी अविरल धारा को गतिमान करने वाली भी होगी जिससे सम्पूर्ण मानवता सिर्फ कुछ वर्षों तक नहीं पीढ़ियों तक स्नात होती रहेगी। अक्षय तृतीया के पवित्र दिन पर हम सब संकल्पित बनें कि जो कुछ प्राप्त है उसे अक्षुण्ण रखते हुए इस अक्षय भंडार को शतगुणित करते रहें। यह त्यौहार हमारे लिए एक सीख बने, प्रेरणा बने और हम अपने आपको सर्वोतमुखी समृद्धि की दिशा में निरंतर गतिमान कर सकें। अच्छे संस्कारों का ग्रहण और गहरापन हमारे संस्कृति बने Read more » Featured अक्षय तृतीया अक्षय तृतीया 2017
विविधा सुकमा की शहादत का मुंहतोड़ जबाव हो April 26, 2017 | Leave a Comment कब तक हम इन घटनाओं को होते हुए देखते रहेंगे। कब तक केन्द्र सरकार राज्य सरकार पर और राज्य सरकार केन्द्र सरकार पर बात टालती रहेगी। कब तक सुस्ती और नक्सली हिंसा से निपटने के मामले में कामचलाऊ रवैये अपनाया जाता रहेगा। न जाने कब से यह कहा जा रहा है कि सीआरपीएफ के जवान छापामार लड़ाई लड़ने का अनुभव नहीं रखते, फिर ऐसे जवानों को क्यों नहीं तैनात किया जाता जो इस तरह की छापामार लड़ाई में सक्षम हो, जो नक्सलियों को उनकी ही भाषा में सबक सिखा सके? इसके साथ ही नक्सलियों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर भी सशक्त जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। उनकी कमजोरियों को स्थानीय जनता के बीच लाया जाना चाहिए। नक्सली संगठनों की महिला कार्यकर्ताओं के साथ पुरुषों द्वारा किये जाने वाले शारीरिक एवं मानसिक शोषण को उजागर किया जाना चाहिए। Read more » crpf forces Featured Sukma शहादत सुकमा सुकमा की शहादत
विविधा सड़कों पर मौत का सन्नाटा नहीं, जीवन का उजाला हो April 25, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग – सड़क हादसों और उनमें मरने वालों की बढ़ती संख्या के आंकड़ों ने लोगों की चिंता तो बढ़ाई ही है लेकिन एक ज्वलंत प्रश्न भी खड़ा किया है कि नेशनल हाइवे से लेकर राज्यमार्ग और आम सड़कों पर सर्वाधिक खर्च होने एवं व्यापक परिवहन नीति बनने के बावजूद ऐसा क्यों हो रहा है? […] Read more » Featured road accidents मौत का सन्नाटा
राजनीति लालबत्ती के आतंक से मुक्ति की नई सुबह April 21, 2017 | Leave a Comment उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने ऐसे अनेक साहसिक निर्णय लिये एवं कठोर कदम उठाये है और अब केंद्र सरकार ने आगे बढ़कर मोटर वीइकल्स ऐक्ट के नियम 108 (1) और 108 (2) में बदलाव करके लाल बत्ती वाली गाड़ियों को ट्रैफिक नियमों से छूट देने की व्यवस्था ही खत्म कर दी। लेकिन मोदी एवं योगी से आगे की बात सोचनी होगी। देश में सही फैसलों की अनुगूंज होना शुभ है, लेकिन इनकी क्रियान्विति भी ज्यादा जरूरी है। वीआईपी कल्चर खत्म करने के नफा-नुकसान का गणित उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना महत्वपूर्ण यह है कि इससे आम लोगों के मन से खास लोगों का खौफ कुछ कम जरूर होगा। Read more » Featured लाल बत्ती वीआइपी संस्कृति
विविधा गरीबों के हित में दवा नीति का बनना April 19, 2017 | Leave a Comment नामी-गिरामी कंपनियों की दवाओं की कीमत काफी अधिक होती हैं। जबकि उन्हीं रासायनिक सम्मिश्रणों वाली दवाएं अगर जेनरिक श्रेणी की हों तो वे काफी कम कीमत में मिल सकती हैं। ये दवाएं वैसा ही असर करती हैं जैसा ब्रांडेड दवाएं। समान कंपोजीशन यानी समान रासायनिक सम्मिश्रण होने के बावजूद इनके निर्माण पर बहुत कम खर्च आता है। इनके प्रचार-प्रसार पर बेहिसाब धन भी नहीं खर्च किया जाता, इसलिए भी इनकी कीमतें काफी कम होती हैं। लेकिन दवा बाजार पर निजी कंपनियों के कब्जे का जो पूरा संजाल है, उसमें जेनरिक दवाओं की उपलब्धता इतनी कम है कि उसका लाभ बहुत-से जरूरतमंद लोग नहीं उठा पाते। Read more » Featured जेनरिक दवा कारोबार स्वास्थ्य देखभाल नीति
धर्म-अध्यात्म आचार्य वसन्त सूरिजी : कठोर तप की पूर्णता के पचास वर्ष April 19, 2017 | Leave a Comment आचार्य वसंत सूरीश्वरजी के पास लोककल्याणकारी कार्यों की एक लंबी सूची है। चाहे हस्तिनापुर में अष्टापद का निर्माण हो या जीर्ण-शीर्ण ऐतिहासिक जैन मंदिरों का जीर्णोद्धार, प्रसिद्ध जैन तीर्थ पालीताना में कमल मंदिर की कल्पना हो या देश के विभिन्न हिस्सों में शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना, दिल्ली में भव्य वल्लभ स्मारक हो या सेवा के विविध आयाम- अस्पताल, गौशाला, कन्या छात्रावास- उनकी प्रेरणा के ये आयाम जन-जन के कल्याण के लिए, संस्कार निर्माण के लिए, शिक्षा, सेवा और परोपकार के लिए संचालित हैं। उन्होंने गणि राजेन्द्र विजयजी के नेतृत्व में संचालित सुखी परिवार अभियान के आदिवासी उन्नयन एवं उत्थान के साथ-साथ परिवार संस्था मजबूती देने के संकल्प में भी निरंतर सहयोग एवं आशीर्वाद प्रदत्त किया है। Read more » Featured आचार्य वसन्त सूरिजी
विविधा सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या….? April 15, 2017 | 1 Comment on सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या….? कुलभूषण जाधव भारतीय नौ सेना के निवृत अधिकारी हैं। उनका जन्म 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। इनके पिता का नाम सुधीर जाधव है, वे 1987 में नेशनल डिफेन्स अकादमी में प्रवेश लिया तथा 1991 में भारतीय नौ सेना में शामिल हुए। उसके बाद सेवा-निवृति के बाद ईरान में अपना व्यापार शुरू किया। 29 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने उन्हें बलूचिस्तान से गिरफ्तार बताया, वहीं भारत सरकार का दावा है कि उनका ईरान से अपहरण हुआ है। Read more » Featured कुलभूषण जाधव कुलभूषण जाधव को मौत की सजा