राजनीति पैसे और मादक पदार्थों का वोटों पर ग्रहण! February 27, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग वोट की राजनीति ने पूरा अपराध जगत खड़ा किया हुआ है। मतदान जैसी पवित्र विधा भी आज असामाजिक तत्वों के हाथों में कैद है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान पकड़ी गई नगदी, शराब और अन्य मादक पदार्थों के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। कब जन प्रतिनिधि राजनीति को सेवा और संसद […] Read more » Featured politicians buying votes चुनाव पर खर्च निर्वाचन आयोग राजनीति में चरित्र एवं सेवा वोट की राजनीति
राजनीति फतवों की राजनीति में सुराज्य कैसे संभव? February 15, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग – सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावों में धर्म, जाति, सम्प्रदाय या वर्ग विशेष के नाम पर वोट मांगने को या वोट देने के लिये प्रेरित करने को भ्रष्ट प्रक्रिया करार देकर भारतीय लोकतंत्र में पहली सबसे खतरनाक बीमारी को दूर करने का प्रयास किया है। बावजूद इसके दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के इमाम अहमद […] Read more » Featured फतवों की राजनीति फतवों की राजनीति में सुराज्य सुराज्य
राजनीति चुनावी अनुष्ठान में अनिवार्य मतदान जरूरी क्यों? February 7, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर मतदाता को अपने भाग्य का फैसला करने का अधिकार मिला है। यदि मतदाता सशक्त और स्वस्थ लोकतंत्र चाहता है तो उसे कम-से-कम मतदान में उत्साह का प्रदर्शन करना होगा और अधिकतम मतदान को संभव बनाना होगा। मतदान के प्रति मतदाता […] Read more » Featured अनिवार्य मतदान चुनावी अनुष्ठान चुनावी अनुष्ठान में अनिवार्य मतदान जरूरी क्यों मतदान
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द सरस्वती : धर्मक्रांति के साथ राष्ट्रक्रांति के प्रेरक February 7, 2017 | Leave a Comment स्वामी दयानन्द सरस्वती जन्म जयन्ती – 12 फरवरी 2017 पर विशेष ललित गर्ग – महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन त्रैकालिक, सार्वभैमिक एवं सार्वदेशिक होता है और युग-युगों तक समाज का पथदर्शन करता है। स्वामी दयानंद सरस्वती हमारे ऐसे ही एक प्रकाश स्तंभ है। जिस युग में उन्होंने […] Read more » Featured दयानन्द सरस्वती धर्मक्रांति धर्मक्रांति के प्रेरक राष्ट्रक्रांति राष्ट्रक्रांति के प्रेरक स्वामी दयानन्द सरस्वती
आर्थिकी राजनीति बजट 2017 : सशक्त वित्तीय अनुशासन का सन्देश February 3, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग – बजट हर वर्ष आता है। अनेक विचारधाराओं वाले वित्तमंत्रियों ने विगत में कई बजट प्रस्तुत किए। पर हर बजट लोगों की मुसीबतें बढ़ाकर ही जाता है। लेकिन इस बार बजट ने नयी परम्परा के साथ राहत की सांसें दी है। इस बजट में कृषि, डेयरी, शिक्षा, कौशल विकास, रेलवे और अन्य बुनियादी […] Read more » Featured किसान कृषि कृषि ऋण गांव एवं गरीब का बजट फसल बीमा एवं ग्रामीण सड़क निर्माण बजट 2017 मध्यमवर्ग को इनकम टैक्स में राहत रेल बजट वित्तीय व्यवस्था में निवेशकों का भरोसा सिंचाई व्यय
खान-पान समाज जंकफूड से बीमार हो रहा है समाज February 2, 2017 / February 2, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोग खानपान की विकृति की वजह से बीमार हो रहे हैं। खानपान की इस विकृति का नाम है जंकफूड और इससे पैदा हुई महामारी का नाम मोटापा है। स्थिति तब और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है, जब हमें पता चलता है कि इनमें चैथाई तो बच्चे हैं। […] Read more » Featured जंकफूड जंकफूड से बीमार बीमार हो रहा है समाज समाज
पर्यावरण शख्सियत पर्यावरण के इस उजाले को कोई तो बांचे January 31, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग – आदर्श की बात जुबान पर है, पर मन में नहीं। उड़ने के लिए आकाश दिखाते हैं पर खड़े होने के लिए जमीन नहीं। दर्पण आज भी सच बोलता है पर हमने मुखौटे लगा रखे हैं। ग्लोबल वार्मिंग आज विश्व के सामने सबसे बड़ी गंभीर समस्या है और हम पर्यावरण को दिन-प्रतिदिन प्रदूषित […] Read more » अरुणगिरीजी अवधूत बाबा अरुणगिरीजी
राजनीति शख्सियत गांधी का पुनर्जन्म हो January 29, 2017 / January 29, 2017 | Leave a Comment महात्मा गांधी पुण्यतिथि- 30 जनवरी – ललित गर्ग – महात्मा गांधी बीसवीं शताब्दी में दुनिया के सबसे सशक्त, बड़े एवं प्रभावी नेता के रूप में उभरे, वे बापू एवं राष्ट्रपिता के रूप में लोकप्रिय हुए, वे पूरी दुनिया में अहिंसा, शांति, करूणा, सत्य, ईमानदारी एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के सफल प्रयोक्ता के रूप में याद किये […] Read more » Featured गांधी गांधी का पुनर्जन्म
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार मर्यादा महोत्सव है तेरापंथ का महाकुंभ मेला January 28, 2017 / January 28, 2017 | Leave a Comment 153वें मर्यादा महोत्सव- 3 फरवरी, 2017 – ललित गर्ग भारत की वसुंधरा ऋषिप्रधान है। भारतीय संस्कृति में दो प्रकार की पद्धतियों का प्रचलन हैµ एक है श्रमण संस्कृति, और दूसरी है वैदिक संस्कृति। दोनों ही संस्कृतियों में अनेक पर्व, उत्सव मनाए जाते है। पर्व, उत्सव क्यों मनाए जाते है? क्योंकि इन उत्सवों के माध्यम से […] Read more » तेरापंथ तेरापंथ का महाकुंभ मेला तेरापंथ धर्मसंघ महाकुंभ मेला
विविधा लोकतंत्र के दुर्ग में अनैतिक मूल्यों के छिद्र January 25, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग इन दिनों सभी दलों द्वारा विभिन्न जातियों में समीकरण बैठाने की कोशिशें की जा रही हैं। पंजाब में तो धार्मिक स्थान राजनीतिक मंच बने हुए हैं। हर कोई डेरों की तरफ दौड़ रहा है। किसी नेता को अर्जुन के रूप में पेश किया जा रहा है तो किसी को भगवान श्रीकृष्ण। कुछ राजनीतिक […] Read more » अनैतिक मूल्यों के छिद्र लोकतंत्र
विविधा गणतंत्र का नया सूरज उगाना होगा January 25, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग यही वही 26 जनवरी का गौरवशाली ऐतिहासिक दिन है जब भारत ने आजादी के लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद इसी दिन हमारी संसद ने भारतीय संविधान को पास किया। खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करने के साथ ही भारत के लोगों द्वारा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस […] Read more » Featured republic day गणतंत्र दिवस वोट बैंक
राजनीति वोट के नाम पर धर्म और जाति के उलझे धागे January 21, 2017 | Leave a Comment सभी राजनीतिक दल भले ही जातिवाद एवं धार्मिक राजनीति के खिलाफ बयानबाजी करते रहें, लेकिन चुनावी तैयारी जाति एवं धर्म के कार्ड को आधार बनाने के अलावा कोई रास्ता उन्हें दिखाई ही नहीं देता है। सच यह भी है कि यदि कोई भी दल परोक्ष रूप से जातिगत निर्णयों से बचना चाहे तो भी वह कुछ जातियों को नजरंदाज करने के आरोप से बच नहीं सकते, जैसे भाजपा में केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर यह कहा गया कि वहां पिछड़ी जातियों को आकर्षित करने के लिये यह कदम उठाया गया है और कांग्रेस द्वारा शीला दीक्षित को चुनावी चेहरा बनाने पर पार्टी के ऊपर ब्राह्मणों को रिझाने का आरोप लगा। Read more » Featured जातिवाद धर्म और जाति के उलझे धागे धार्मिक वोटों में समीकरण वोट वोट की राजनीति