विविधा अनुभव और संकल्प से नया रचें December 24, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग- नए साल की शुरूआत पर कुछ नया सोचें, नया लिखें, नया करें, नया कहें और नया रचें। प्रश्न है नया हो क्या? क्या कलेण्डर बदल देना ही नयापन है? पर मूल में तो सबकुछ कल भी वही था, आज भी वही है और कल भी वही होगा। जीवन का भी यही अन्दाज है-जो […] Read more » Featured अनुभव और संकल्प से नया रचें
पर्व - त्यौहार विविधा रोशनी पवित्रता का जीवन रक्त है November 11, 2015 / November 12, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग विद्या, बुद्धि और कला-संपन्न व्यक्ति वही होता है, जो सहनशील, नम्र और मधुर व्यवहार वाला होता है। व्यवहार रेगिस्तान में नहीं पनपता। वह तो एक फूल है,जिसे खिलने के लिये उद्यान की जरूरत होती है। लोग सोचते है कि उन्हें व्यवहार करना आता है। लेकिन उन्हें व्यवहार करना सीखना होगा। सीखने की संभावना […] Read more » Deepawali Diwali Featured रोशनी रोशनी पवित्रता का जीवन रक्त है
शख्सियत समाज कीर्तिमान गढने में उम्र बाधक नहीं November 6, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग – सफलता का कोई शाॅर्टकट नहीं होता। अपने कार्य के प्रति समर्पण और उसके प्रति प्यार-ये दो ऐसे प्रमुख कारण हंै जो किसी भी व्यक्ति को सफल बना सकते हैं। सफलता और पुरस्कार ही जीवन की सार्थकता नहीं हो सकती। हां, इनका महत्व इतना जरूर है कि ये दोनों चीजें जीवन में आगे […] Read more » Featured कीर्तिमान गढने में उम्र बाधक नहीं
समाज हर समर्थ आदमी अपने से कमजोर का सहायक बने October 16, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग – पुराने जमाने की बात है। एक राजा था। उसे अपने विशाल साम्राज्य और धन-संपत्ति पर बहुत अभिमान था। एक दिन एक साधु उसके पास आया। उसने राजा को देखकर ही भांप लिया कि वह धन और सत्ता के मद में चूर है, लेकिन अंदर से खोखला है। राजा ने साधु से पूछा, […] Read more » हर समर्थ आदमी अपने से कमजोर का सहायक बने
धर्म-अध्यात्म मैत्री का विराट् दर्शन है क्षमापना दिवस September 18, 2015 | Leave a Comment गणि राजेन्द्र विजय भारतीय संस्कृति में पर्वों का अत्यधिक महत्व एवं प्रभाव रहा है। समय-समय पर सर्वत्र-दीवाली, होली, रक्षाबंधन, दशहरा आदि अनेक भौतिक पर्व मनाये जाते हैं। किन्तु जैनधर्म त्याग प्रधान धर्म है। इसके पर्व भी त्याग-तप की प्रभावना के पर्व हैं। जैनधर्म में तीन पर्वों को विशेष महत्व दिया जाता है। 1. अक्षय तृतीया, […] Read more » Featured क्षमापना दिवस मैत्री का विराट् दर्शन है
वर्त-त्यौहार विविधा समाज इतिहास के आइने में रक्षाबंधन का पर्व August 28, 2015 / August 29, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग रक्षाबंधन हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है। सात्विकता एवं पवित्रता का सौंदर्य लिए यह त्यौहार सभी जन के हृदय को अपनी खुशबू संवेदनाओं से महकाता है। इस दिन सभी बहने अपने भाइयों की कलाई पर […] Read more »
धर्म-अध्यात्म विविधा क्या फलित हो पाया है आजादी का सपना? August 15, 2015 / August 15, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग पन्द्रह अगस्त हमारे राष्ट्र का गौरवशाली दिन है, इसी दिन स्वतंत्रता के बुनियादी पत्थर पर नव-निर्माण का सुनहला भविष्य लिखा गया था। इस लिखावट का हार्द था कि हमारा भारत एक ऐसा राष्ट्र होगा जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न अमीर होगा, न कोई गरीब। […] Read more » आजादी का सपना?
विविधा शख्सियत मिसाइलमैन कैसे अहिंसा के प्रति आकर्षित हुए? July 30, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग- मिसाइलमैन के नाम से प्रसिद्ध एवं बच्चों के चेहते डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अब हमारे बीच नहीं रहे। एक सच्चा देशभक्त हमसे जुदा हो गया। देह से विदेह होने के क्षणों को भी इस महापुरुष ने कर्ममय रहते हुए बिताया। वे जन-जन के प्रेरणास्रोत थे, विजनरी थे। उन्होंने राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने के […] Read more » मिसाइलमैन
धर्म-अध्यात्म सबके लिये जीने का सुख? July 15, 2015 / July 15, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग खुशी एवं मुस्कान जीवन की एक सार्थक दिशा है। हर मनुष्य चाहता है कि वह सदा मुस्कुराता रहे और मुस्कुराहट ही उसकी पहचान हो। क्योंकि एक खूबसूरत चेहरे से मुस्कुराता चेहरा अधिक मायने रखता है, लेकिन इसके लिए आंतरिक खुशी जरूरी है। जीवन में जितनी खुशी का महत्व है, उतना ही यह महत्वपूर्ण […] Read more » सबके लिये जीने का सुख?
राजनीति सांसदों के वेतन की तटस्थ समीक्षा जरूरी July 6, 2015 | Leave a Comment ललित गर्ग सांसदों के वेतन और भत्तों के लिये बनी संसदीय समिति ने जो सिफारिशें की हैं, उन्हें सरकार ने पूरी तरह मानने से इन्कार कर दिया। इन सिफारिशों के अनुसार सांसदों का वेतन एवं भत्तों की राशि लगभग डबल होने जा रही थी। भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने लम्बी […] Read more » सांसदों के वेतन
जरूर पढ़ें रूको, भीतर झांको और जीवन को बदलो- यही हो योग दिवस का उद्घोष June 18, 2015 | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारत भूमि अनादिकाल से योग भूमि के रूप में विख्यात रही है। यहां का कण-कण, अणु-अणु न जाने कितने योगियों की योग-साधना से आप्लावित हुआ है। तपस्वियों की गहन तपस्या के परमाणुओं से अभिषिक्त यह माटी धन्य है और धन्य है यहां की हवाएं, जो साधना के शिखर पुरुषों की साक्षी हैं। इसी […] Read more » Featured जीवन भीतर झांको और जीवन को बदलो- यही हो योग दिवस का उद्घोष योग रूको
चिंतन समस्याओं का मूल कहां है ? June 17, 2015 / June 17, 2015 | Leave a Comment -ललित गर्ग- हर मनुष्य सफल होना चाहता है और सफलता के लिये जरूरी है समस्याओं से संघर्ष। समस्याओं रूपी चुनौतियों का सामना करने, उन्हें सुलझाने में जीवन का उसका अपना अर्थ छिपा हुआ है। समस्याएं तो एक दुधारी तलवार होती है, वे हमारे साहस, हमारी बुद्धिमता को ललकारती है और दूसरे शब्दों में वे हममें […] Read more » Featured जिंदगी जीवन परेशानी बुद्धि समस्याओं का मूल कहां है ? समाधान हल