साक्षात्कार योगाचार्य स्वामी दिव्यानन्द सरस्वती जी से साक्षात्कार October 7, 2016 | Leave a Comment एक बार मैं साधना में था, मुझे पता ही नहीं चला कि सत्संग यज्ञ भी खतम हो गया। दो घंटे यज्ञ चलता है। रात्रि हो गई। साधको ने अनुभव किया और कहा कि स्वामी जी आपको समाधि लग गई, आपको पता नहीं चला। हम तो यज्ञ भी करके आ गये।’ स्वामी जी ने हमें कहा कि हमें भी इसी प्रकार से साधना करनी चाहिये। सभी लोगों को साधना जरूर करनी चाहिये। अपने विषय में वह बोले, ‘मुझे जो कार्य दिया गया, मैंने युक्ति व बल से किया। किसी काम को मैंने भार रूप अनुभव नहीं किया। सभी कामों को मैंने सदैव श्रद्धापूर्वक किया।’ Read more » योगाचार्य स्वामी दिव्यानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म यह सृष्टि किसने, क्यों व कब बनाई? September 13, 2016 | 3 Comments on यह सृष्टि किसने, क्यों व कब बनाई? मनमोहन कुमार आर्य हम संसार के अन्य लोगों व प्राणी समूहों सहित अपने जन्म से इस सृष्टि वा संसार में रह रहे हैं। हमसे पूर्व हमारे पूर्वज व अन्य प्राणी इस संसार में रहते आये हैं। आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा। मौलिक प्रश्न यह है कि सारा संसार, सृष्टि या ब्रह्माण्ड, किसने, क्यों व […] Read more » यह सृष्टि कब बनाई? यह सृष्टि किसने बनाई यह सृष्टि क्यों बनाई सृष्टि
विविधा हिंदी दिवस हिन्दी नहीं रहेगी तो देश टूट जायेगा: प्रा. अनूप सिंह September 13, 2016 | Leave a Comment हिन्दी दिवस के अवसर पर -मनमोहन कुमार आर्य 14 सितम्बर, 2016 को हिन्दी दिवस है। इस अवसर पर हम आर्य विद्वान प्रा. अनूप सिंह जी (1944-2001) का हिन्दी के महत्व और आर्यसमाज के हिन्दी के प्रचार प्रसार में योगदान पर एक पुराने व्याख्यान को प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रा. अनूप सिंह आर्यसमाज में हमारे प्रवेश […] Read more » हिन्दी हिन्दी नहीं रहेगी तो देश टूट जायेगा
धर्म-अध्यात्म ‘ब्रह्माण्ड का एकमात्र ईश्वर ही संसार के सब मनुष्यों का उपासनीय’ September 10, 2016 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर क्या है व ईश्वर किसे कहते हैं? यह एक साधारण मनुष्य का प्रश्न हो सकता है। इसका सरल उत्तर यह है कि संसार को व समस्त प्राणीजगत को बनाने वाले को ईश्वर कहते है। वह कैसा है? इसका उत्तर यह है कि वह ‘सच्चिदानन्दस्वरूप’ है। सच्चिदानन्द का अर्थ है कि वह […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने वेदों का उद्धार और प्रचार कर देश, धर्म व संस्कृति की रक्षा सहित विश्व का कल्याण किया September 9, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द ने एक पौराणिक सनातनी परिवार में जन्म लेकर महामानव अर्थात् ऋषि व महर्षि बनने का एक महान जीवन यज्ञ रचाया और सफलता प्राप्त कर अपने विद्या गुरु प्रज्ञाचक्षु दण्डी स्वामी स्वामी विरजानन्द सरस्वती, मथुरा की प्रेरणा से अनार्ष ज्ञान व परम्पराओं का खण्डन करने के साथ मानव मात्र के लिए […] Read more » ऋषि दयानन्द देश धर्म की रक्षा विश्व का कल्याण वेदों का उद्धार वेदों का प्रचार संस्कृति की रक्षा
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के बलिदान व महाप्रयाण की कारुणिक कथा September 6, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द जी का जीवन गुणों व कार्यो की दृष्टि से जितना सर्वांगपूर्ण और शिक्षाप्रद है उतनी ही उनकी मृत्यु भी आदर्श है। कार्तिक अमावस्या के दिन अजमेर नगर में उनका बलिदान वा महाप्रयाण हुआ। स्वामी जी को जोधपुर प्रवास में विष दिया गया था। इससे पूर्व भी अनेकों बार उन्हें विष […] Read more » Featured ऋषि दयानन्द के बलिदान
लेख साहित्य अक्तूबर मास के पर्व और महापुरुषों की जयन्तियां September 5, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य अक्तूबर, 2016 माह में अनेक पर्व व जयन्तियां पड़ रही हैं। जयंतियों में वीर हनुमान, महर्षि बाल्मीकि, ऋषि धनवन्तरी, गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी सम्मिलित हैं वहीं पर्वों में विजयादशमी, दीपावली, ऋषि दयानन्द बलिदान दिवस एवं गोवर्धन पूजा सम्मिलित हैं। इस अवसर पर हम कुछ चर्चा सभी जयन्तियों व पर्वों […] Read more » अक्तूबर मास के पर्व और महापुरुषों की जयन्तियां
धर्म-अध्यात्म पं. नथमल तिवाड़ी, अजमेर का ऋषि दयानन्द के निर्वाण का प्रत्यक्ष ज्ञान पर आधारित विवरण September 3, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य अजमेर निवासी पं. नथमल तिवाड़ी ने लगभग दो बार 13 व 19 वर्ष की अवस्था में अजमेर में ऋषि दयानन्द के दर्शन किये और अजमेर और मसूदा में उनके साथ भी रहे। ऋषि के मसूदा से शाहपुरा जाते समय पंडित जी अजमेर लौट आये थे। इसके बाद ऋषि ने मुख्यतः शाहपुरा, चित्तौड़ […] Read more » ऋषि दयानन्द निर्वाण का प्रत्यक्ष ज्ञान
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के मसूदा प्रवास का एक ऋषि भक्त द्वारा साक्षात अनुभवों पर आधारित वर्णन (2) September 3, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वामी दयानन्द जी अजमेर से चलकर मसूदा आये। इसका वर्णन करते हुए पं. नथमल जी तिवाड़ी, अजमेर लिखते हैं कि ‘मैं अकेला कभी-कभी दोपहर के समय भी स्वामी जी के पास चला जाया करता था। मसूदा जाने के सम्बन्ध में स्वामी जी पण्डित छगनलाल जी कामदार-मसूदे से भी पत्र व्यवहार करते थे। […] Read more » ऋषि दयानन्द मसूदा प्रवास साक्षात अनुभवों पर आधारित वर्णन
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के साक्षात्दर्शनकर्ता का उनके कुछ प्रसंगों का वर्णन September 2, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आज हम इस लेख में पं. नथमलजी तिवाड़ी, अजमेर का निजी अनुभवों पर आधारित ऋषि दयानन्द के जीवन की कुछ घटनाओं का वर्णन प्रस्तुत कर रहे हैं जो वर्तमान के अनेक आर्य विद्वानों एवं पाठकों की दृष्टि से ओझल है। इसका प्रकाशन परोपकारिणी सभा के वर्तमान प्रधान डा. धर्मवीर ने वेदवाणी के […] Read more » ऋषि दयानन्द प्रसंगों का वर्णन
धर्म-अध्यात्म पूर्व दिल्ली में दलितोद्धार का अपूर्व इतिहासिक कार्य September 1, 2016 / September 1, 2016 | Leave a Comment आर्यसमाज का एक शताब्दी पूर्व दिल्ली में दलितोद्धार का अपूर्व इतिहासिक कार्य मनमोहन कुमार आर्य महाभारत युद्ध के समाप्त होने के बाद देश निरन्तर पतन की ओर अग्रसर होता रहा जिस कारण नाना प्रकार के धार्मिक एवं सामाजिक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां प्रचलित हुईं। इन अन्धविश्वासों में मूर्तिपूजा, मृतक श्राद्ध, फलित ज्योतिष व जन्मना जाति व्यवस्था आदि […] Read more » दलितोद्धार पूर्व दिल्ली
धर्म-अध्यात्म दक्षिण भारत में आर्यसमाज का प्रचार और उसका संक्षिप्त परिचय August 31, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द (1825-1883) गुजरात में जन्में, मथुरा में पंजाब में जन्में गुरु विरजानन्द सरस्वती से संस्कृत व्याकरण व आर्ष ग्रन्थों का अध्ययन कर उनकी महत्ता को उन्होंने समझा और इसके बाद वर्तमान के उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, बंगाल, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली आदि अनेक प्रदेशों व स्थानों में प्रचार किया। दक्षिण भारत में […] Read more » आर्यसमाज का प्रचार दक्षिण भारत में आर्यसमाज का प्रचार