धर्म-अध्यात्म वेदों और आर्यसमाज का प्रचार और प्रभाव January 2, 2016 | Leave a Comment स्वाध्याय करते समय आज मन में विचार आया कि महर्षि दयानन्द ने गुरु विरजानन्द जी की आज्ञा से अज्ञान व अन्धविश्वासों का खण्डन-मण्डन और वैदिक मान्यताओं व सिद्धान्तों का प्रचार किया था। क्या कारण है कि इसका वह प्रभाव नहीं हुआ जो वह चाहते थे व होना चाहिये था? क्या महर्षि दयानन्द की वेदों पर […] Read more » Featured वेदों और आर्यसमाज का प्रचार और प्रभाव
विविधा वैदिक धर्म और आंग्ल नववर्ष २०१६ December 31, 2015 | Leave a Comment वर्तमान समय में हमने व हमारे देश ने आंग्ल संवत्सर व वर्ष को अपनाया हुआ है। इस आंग्ल वर्ष का आरम्भ 2015 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म वर्ष व उसके एक वर्ष बाद हुआ था। अनेक लोगों को कई बार इस विषय में भ्रान्ति हो जाती है कि यह आंग्ल संवत्सर ही सृष्टि में […] Read more » new year 2016 आंग्ल नववर्ष २०१६ वैदिक धर्म
समाज गोमाता व गोदुग्ध का महत्व December 30, 2015 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ज्ञान व विज्ञान की चरम उन्नति होने पर भी मनुष्य आज भी आधा व अधूरा है। आज भी उसे बहुत सी बातों का ज्ञान नहीं है और आधुनिक विज्ञान की उन्नति ने उसे इतना अधिक अभिमानी बना दिया है कि वह किसी सत्य बात को भी मानना तो दूर, उसे सुनना […] Read more » Featured गोमाता व गोदुग्ध का महत्व
प्रवक्ता न्यूज़ उपासना क्या, क्यों व किसकी करें तथा इसकी विधि? December 29, 2015 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य उपासना का उल्लेख आने पर पहले उपासना को जानना आवश्यक है। उपासना का शब्दार्थ है समीप बैठना। हिन्दी में हम अपने परिवार, मित्रों व विद्वानों आदि के पास बैठते हैं परन्तु इसे कोई उपासना करना नहीं कहता, यद्यपि यह उपासना ही है। उपासना शब्द सम्प्रति रूढ़ हो गया है और इसका अर्थ […] Read more » इसकी विधि? उपासना किसकी करें
धर्म-अध्यात्म सत्य के ग्रहण व असत्य के त्याग की भावना December 28, 2015 | Leave a Comment सत्य के ग्रहण व असत्य के त्याग की भावना से सर्व मत-पन्थों का समन्वय ही मनुष्यों के सुखी जीवन एवं विश्व-शान्ति का आधार मनुष्य के व्यवहार पर ध्यान दिया जाये तो यह सत्य व असत्य का मिश्रण हुआ करता है। जो मनुष्य सत्य व असत्य को जानता भी नहीं, वह भी सत्य व असत्य […] Read more » सत्य के ग्रहण व असत्य के त्याग की भावना
शख्सियत शहीद ऊधम सिंह जी की जयंती पर उनकी देशभक्ति के जज्बे को प्रणाम December 26, 2015 | Leave a Comment आज देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले देशभक्त अमर शहीद श्री ऊधम सिंह जी की 116 वीं जयन्ती है। शहीद ऊधम सिंह जी ने मानवता के इतिहास की एक निकृष्टतम नरसंहार की घटना जलियावाला बाग नरसंहार काण्ड के मुख्य दोषी पजांब के तत्कालीन गर्वनर माइकेल ओडायर को लन्दन में जाकर 13 […] Read more » Featured देशभक्ति के जज्बे को प्रणाम शहीद ऊधम सिंह जी
चिंतन धर्म-अध्यात्म व्रत, तप, तीर्थ व दान का वैदिक सत्य स्वरूप December 25, 2015 | 1 Comment on व्रत, तप, तीर्थ व दान का वैदिक सत्य स्वरूप मनमोहन कुमार आर्य भारत में सबसे अधिक पुरानी, आज भी प्रासंगिक, सर्वाधिक लाभप्रद व सत्य मूल्यों पर आधारित धर्म व संस्कृति ‘‘वैदिक धर्म व संस्कृति” ही है। महाभारत काल के बाद अज्ञान व अंधविश्वास उत्पन्न हुए और इसका नाम वैदिक धर्म से बदल कर हिन्दू धर्म हो गया। हम सभी हिन्दू परिवारों में उत्पन्न हुए […] Read more » Featured तप तीर्थ व दान का वैदिक सत्य स्वरूप व्रत
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के कृतज्ञ सभी मनुष्यों को वैदिक विधि से ईश्वर-स्तुति करनी चाहिये December 22, 2015 | 4 Comments on ईश्वर के कृतज्ञ सभी मनुष्यों को वैदिक विधि से ईश्वर-स्तुति करनी चाहिये मनुष्य विज्ञान की नई-नई खोजों के वर्तमान युग में ईश्वर व अपनी जीवात्मा के मूल स्वरुप को भूल बैठा है। आज ईश्वर को मानना व नाना प्रकार के मत-मतान्तरों प्रचलित विधि से उसकी स्तुति व प्रार्थना करना एक प्रकार का फैशन सा लगता है। कोई भी काम करने से पहले उसका यथेष्ट ज्ञान व विधि […] Read more » ईश्वर के कृतज्ञ सभी मनुष्यों को वैदिक विधि से ईश्वर-स्तुति करनी चाहिये
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म व संस्कृति के सर्वाधिक प्रेमी December 22, 2015 | Leave a Comment स्वामी विरजानन्द और स्वामी दयानन्द वैदिक धर्म व संस्कृति के सर्वाधिक प्रेमी ऐतिहासिक देशवासी मनमोहन कुमार आर्य धर्म व संस्कृति के इतिहास पर दृष्टि डालने पर यह तथ्य प्रकट होता है कि महाभारत काल में ह्रासोन्मुख वैदिक धर्म व संस्कृति दिन प्रतिदिन पतनोन्मुख होती गई। महाभारत युद्ध का समय लगभग पांच हजार वर्ष एक सौ […] Read more »
धर्म-अध्यात्म ईश्वर सबको हर क्षण देखता है और सभी कर्मों का यथोचित फल देता है December 20, 2015 | 1 Comment on ईश्वर सबको हर क्षण देखता है और सभी कर्मों का यथोचित फल देता है मनमोहन कुमार आर्य बहुत से अज्ञानियों के लिए यह संसार एक पहेली है। संसार की जनसंख्या लगभग 7 अरब बताई जाती है परन्तु इनमें से अधिकांश लोगों को न तो अपने स्वरुप का और न हि अपने जीवन के उद्देश्य व लक्ष्य का ज्ञान है। उन्हें इस संसार को बनाने वाले व हमें व अन्य […] Read more » Featured ईश्वर सबको हर क्षण देखता है सभी कर्मों का यथोचित फल देता है
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द और आर्यसमाज के दलितोद्धार कार्य December 18, 2015 | 1 Comment on महर्षि दयानन्द और आर्यसमाज के दलितोद्धार कार्य महर्षि दयानन्द और आर्यसमाज के दलितोद्धार कार्यों पर स्वामी वेदानन्द तीर्थ जी का प्रेरणादायक उपदेश सृष्टि के आरम्भ से महाभारत काल तक सभी वैदिक सनातनधर्मी स्वयं आर्य कहलाने में गौरव का अनुभव करते थे। तब तक हिन्दुओं शब्द का अस्तित्व भी संसार में नहीं था। मुस्लिम आक्रमणकारियों के भारत आने पर यह शब्द […] Read more » आर्यसमाज दलितोद्धार कार्य महर्षि दयानन्
धर्म-अध्यात्म मर्यादा पुरुषोत्तम राम का विश्व के महापुरुषों में सर्वोत्तम स्मरणीय चरित्र December 18, 2015 / December 18, 2015 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य यदि किसी मनुष्य को धर्म का साक्षात् स्वरुप देखना हो तो उसे वाल्मीकि रामायण का अध्ययन करना चाहिये। श्री राम का चरित्र वस्तुतः आदर्श धर्मात्मा का जीवन चरित्र है। महर्षि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना करके वस्तुतः श्री रामचन्द्र जी के काल में प्रचलित धर्म व संस्कृति को ही प्रचारित व प्रसारित […] Read more » Featured मर्यादा पुरुषोत्तम राम मर्यादा पुरुषोत्तम राम का विश्व के महापुरुषों में सर्वोत्तम स्मरणीय चरित्र