राजनीति क्या अच्छे दिन आ गये हैं June 5, 2014 / October 8, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- आज देश में एक वाक्य गूंज रहा है। वह वाक्य है कि अच्छे दिन आ गये हैं। 16 मई, 2014 को लोकसभा के निर्वाचन के परिणाम सामने आये हैं और देश में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बनी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अथवा बीजेपी की ओर से चुनावों में यह […] Read more » क्या अच्छे दिन आ गये हैं नरेंद्र मोदी भाजपा सरकार मोदी सरकार
कला-संस्कृति ‘क्या हम मनुष्य हैं?’ June 4, 2014 / June 4, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- मनुष्य कौन है, कौन नहीं? मनुष्य किसे कहते हैं व मनुष्य की परिभाषा क्या हैं? हम समझते हैं कि यदि सभी मत-मतान्तरों के व्यक्तियों से इसकी परिभाषा बताने को कहा जाये तो सब अपनी-अपनी अलग परिभाषा करेंगे। वह सब ठीक भी हो सकती हैं परन्तु हम अनुभव करते हैं कि सर्वांगपूर्ण परिभाषा […] Read more » ‘क्या हम मनुष्य हैं?’ मनुष्य मनुष्य जीवन
विविधा ‘ईश्वर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’ May 22, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- 19 मई, 2014 को अपने संस्थान में प्रौद्यागिकी दिवस कार्यक्रम में बैठे हुए मन में उपर्युक्त लेख लिखने का विचार आया। विज्ञान व प्राद्योगिकी में परस्पर गहरा सम्बन्ध है अर्थात् यह अन्योन्याश्रित हैं। दोनों एक दूसरे के पूरक भी हैं। पहले विज्ञान को लेते हैं। विज्ञान इस सृष्टि के पदार्थों का सूक्ष्म […] Read more » ईश्वर प्रौद्योगिकी विज्ञान
कला-संस्कृति यदि आर्य समाज स्थापित न होता तो क्या होता? May 13, 2014 | 1 Comment on यदि आर्य समाज स्थापित न होता तो क्या होता? -मनमोहन कुमार आर्य- इस समय वेद व सृष्टि सम्वत् 1,96,08,53,115 आरम्भ हो रहा है। द्वापर युग की समाप्ति पर लगभग 5,000 वर्ष पूर्व महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध हुआ था। इस प्रकार लगभग 1,96,08,48,00 वर्ष पूर्व महाभारत युद्ध तक सारे भूमण्डल पर एक ही वैदिक धर्म व संस्कृति विद्यमान थी। महाभारत युद्ध से धर्म व संस्कृति […] Read more » आर्य आर्य समाज आर्य समाज का महत्व
विविधा हवन क्यों करें, करें या न करें May 7, 2014 / May 7, 2014 | 1 Comment on हवन क्यों करें, करें या न करें -मनमोहन कुमार आर्य- हवन क्या है? हवन एक कर्मकाण्ड है, जिसमें एक हवन कुण्ड, यज्ञ की समिधायें, एक पात्र में घृत, उसमें एक चम्मच या चमसा, आचमन के लिए जल व उनमें चम्मच, यजमानों व याज्ञिकों की संख्या के अनुसार प्लेटों में हवन सामग्री व याज्ञिकों के बैठने के लिए आसन आदि का प्रबन्ध किया […] Read more » sacrificial ladle हवन हवन के फायदे हवन कैसे करें
विविधा ‘हमारा पर्यावरण व प्राणी जगत’ April 22, 2014 / April 22, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- सारी दुनिया में पर्यावरण एक ऐसा ज्वलन्त विषय है जिसको लेकर बुद्धिजीवी वर्ग अत्यन्त चिन्तित व आन्दोलित है। ऐसा इस कारण से है कि पर्यावरण कोई साधारण समस्या नहीं है अपितु यह मनुष्य जाति व समस्त प्राणी जगत के जीवन मरण का प्रष्न है। यदि पर्यावरण को सुरक्षित व नियंत्रित न किया […] Read more » ‘हमारा पर्यावरण Environment Nature प्राणी जगत’
शख्सियत ‘एक अनोखा व्यक्तित्व: डॉ. भीमराव रामजी अम्बेदकर’ April 14, 2014 / April 14, 2014 | Leave a Comment अम्बेदकर जयंती पर श्रद्धांजलि -मनमोहन आर्य- 14 अप्रैल सन् 1891 को जन्मे डा. भीमराव रामजी अम्बेदकर जी की 124वीं जयन्ती है। वह भारत के पहले कानून मंत्री रहे। भारत के संविधान के निर्माण व उसका प्रारूप तैयार करने में उनकी प्रमुख भूमिका थी। भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में भी उनका मुख्य योगदान था। वह […] Read more » ‘एक अनोखा व्यक्तित्व: डॉ. भीमराव रामजी अम्बेदकर’ Dr. Bhimrao Ambedkar- A popular man
कला-संस्कृति ‘सृष्टि-वेदोत्पत्ति का इतिहास व वैदिक वर्ण-जन्म-जाति व्यवस्था’ April 11, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- हमारी सृष्टि 1,96,08,53,114 वर्ष पुरानी है। यह सत्य है कि यह सृष्टि इससे अधिक और न कम पुरानी है। इसका कारण है कि हमारे पूवर्जाें ने सृष्टि के आरम्भ से ही काल गणना करना आरम्भ कर दिया था। वह बीत रहे दिन को जोड़ते जाते थे। यह रहस्यपूर्ण व आष्चर्यजनक लगता है, […] Read more » ‘सृष्टि-वेदोत्पत्ति का इतिहास व वैदिक वर्ण-जन्म-जाति व्यवस्था’ Arya history of Ved
धर्म-अध्यात्म ईश्वर की स्तुति-प्रार्थना-उपासना का आधार April 1, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- ईश्वर व जीवात्मा दोनों चेतन तत्व है। ईश्वर के पास आनन्द है। वह सदैव आनन्द से परिपूर्ण रहता है। उसमें कभी आनन्द की कमी नहीं आती। दुःखी होने व दुःख आने की तो कोई बात ही नहीं है। जीवात्मा चेतन तत्व होकर भी आनन्द से रहित है। आनन्द व सुख यह षब्द […] Read more » base of devotion ईश्वर की स्तुति-प्रार्थना-उपासना का आधार
धर्म-अध्यात्म ‘आर्य समाज और वैदिक धर्म’ March 27, 2014 / March 27, 2014 | Leave a Comment वैदिक धर्म की प्रचारक संस्था आर्य समाज की स्थापना दिवस पर -मनमोहन कुमार आर्य- किसी के पूछने पर जब हम स्वयं को आर्य समाजी कहते हैं तो वह हमें प्रचलित अनेक मतों व धर्मोंं में से एक विषिष्ट मत या धर्म का व्यक्ति समझता है। पूछने वाला हमें कहता है कि अच्छा तो आप आर्य […] Read more » ‘आर्य समाज और वैदिक धर्म’ Arya samaj and Ved
धर्म-अध्यात्म शिवरात्रि को हुई दैवीय प्रेरणा से मूलशंकर महर्षि दयानन्द बने February 27, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द का जन्म-काल का नाम मूलशंकर था। उनके पिता श्री करषनजी तिवारी पौराणिक ईश्वर शिव के कट्टर भक्त थे। सन् १८३८ की शिवरात्रि के दिन उन्होंने गुजरात प्रान्त में राजकोट के निकट टंकारा स्थान के अपने पैतृक जन्म गृह में पिता की प्रेरणा व आदेशं पर शिवरात्रि का व्रतोपवास किया […] Read more » Lord Shiva maharshi dayanand saraswati शिवरात्रि को हुई दैवीय प्रेरणा से मूलशंकर महर्षि दयानन्द बने
धर्म-अध्यात्म ‘ईश्वरोपासना एवं अनिष्ट-चिन्तन-व्यभिचार’ February 23, 2014 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- ईश्वरोपासना या ईश्वर भक्ति अपने आप में लोकप्रिय शब्द हैं। संसार की जनसख्या का बड़ा भाग किसी न किसी प्रकार से ईश्वरोपासना करता है। ईश्वरोपासना का अर्थ ईश्वर को जानना व उसके समीपस्थ होकर उसके गुण, कर्म व स्वभाव से परिचित होकर अपने आचरणों को सुधारना होता है। आजकल जितने लोग […] Read more » ‘ईश्वरोपासना एवं अनिष्ट-चिन्तन-व्यभिचार’ Arya the way to spiritual