धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द, सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज हमें क्यों प्रिय हैं? April 7, 2021 / April 7, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि के आरम्भ से लेकर अद्यावधि संसार में अनेक महापुरूष हुए हैं। उनमें से अनेकों ने अनेक ग्रन्थ लिखे हैं या फिर उनके शिष्यों ने उनकी शिक्षाओं का संग्रह कर उसे ग्रन्थ के रूप में संकलित किया है। हम अपने जीवन में उत्तम महान पुरूष को प्राप्त करने के लिए निकले […] Read more » महर्षि दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म मैं और मेरा देश April 3, 2021 / April 3, 2021 | Leave a Comment मैं अपने शरीर में रहने वाला एक चेतन तत्व हूं। आध्यात्मिक जगत् में इसे जीवात्मा कह कर पुकारा जाता है। मैं अजन्मा, अविनाशी, नित्य, जन्म-मृत्यु के चक्र में फंसा हुआ तथा इससे मुक्ति हेतु प्रयत्नशील, चेतन, स्वल्प परिमाण वाला, अल्पज्ञानी एवं ससीम, आनन्दरहित, सुख-आनन्द का अभिलाषी तत्व हूं। मेरा जन्म माता-पिता से हुआ है। […] Read more » मैं और मेरा देश
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज का सार्वभौमिक कल्याणकारी लक्ष्य एवं उसकी पूर्ति में बाधायें April 1, 2021 / April 1, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज का उद्देश्य संसार में ईश्वर प्रदत्त वेदों के ज्ञान का प्रचार व प्रसार है। यह इस कारण है कि संसार में वेद ज्ञान की भांति ऐसा कोई ज्ञान व शिक्षा नहीं है जो वेदों के समान मनुष्यों के लिए उपयोगी व कल्याणप्रद हो। वेद ईश्वर के सत्य ज्ञान का भण्डार […] Read more »
धर्म-अध्यात्म जीव शुभाशुभ कर्म करने में स्वतन्त्र और उनका फल भोगने में ईश्वर के अधीन है। March 31, 2021 / March 31, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्ययदि वेद न होते तो संसार के मनुष्यों को यह कदापि ज्ञान न होता कि मनुष्य कौन है व क्या है? यह संसार क्यों, कब व किससे बना, मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या है और उस उद्देश्य की प्राप्ति के साधन क्या-क्या हैं? वेद एक प्रकार से कर्तव्य शास्त्र के ग्रन्थ हैं जो […] Read more » जीव शुभाशुभ कर्म
धर्म-अध्यात्म परमात्मा ने हमारे सुख के लिये इस विशाल ब्रह्माण्ड को बनाया हैः स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती March 31, 2021 / March 31, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून की पर्वतीय इकाई तपोभूमि में दिनांक 7 मार्च से 28 मार्च तक चतुर्वेद पारायण एवं गायत्री महायज्ञ सम्पन्न हुआ। इस अवधि में योग एवं ध्यान शिविर भी संचालित हुआ। यह आयोजन स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी की प्रेरणा, उनके संरक्षण एवं पोषण सहित उनके मार्गदर्शन में हुआ। […] Read more » God has created this huge universe for our happiness: Swami Chitteswaranand Saraswati परमात्मा ने हमारे सुख के लिये इस विशाल ब्रह्माण्ड को बनाया हैः
धर्म-अध्यात्म स्वामी श्रद्धानन्द के जन्मना जाति व्यवस्था पर उपयोगी विचार March 31, 2021 / March 31, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य स्वामी श्रद्धानन्द महर्षि दयानन्द के अनुयायी, आर्य समाज के नेता, प्राचीन वैदिक शिक्षा गुरूकुल प्रणाली के पुनरुद्धारक, स्वतन्त्रता संग्राम के अजेय सेनानी तथा अखिल भारतीय हिन्दू शुद्धि सभा के प्रधान थे। हिन्दू जाति को संगठित एवं शक्तिशाली बनाने के लिए आपने एक पुस्तक ‘हिन्दू संगठन – क्यों और कैसे?’ का प्रणयन […] Read more » Useful thoughts on the birth caste system of Swami Shraddhanand स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म महात्मा बुद्ध ईश्वर में विश्वास रखने वाले आस्तिक थे? March 30, 2021 / March 30, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महात्मा बुद्ध को उनके अनुयायी ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक मानते हैं। इस सम्बन्ध में आर्यजगत के एक महान विद्वान पं. धर्मदेव विद्यामार्तण्ड अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘‘बौद्धमत एवं वैदिक धर्म” में लिखते हैं कि आजकल जो लोग अपने को बौद्धमत का अनुयायी कहते हैं उनमें बहुसंख्या ऐसे लोगों की […] Read more » Was Mahatma Buddha a believer in God? महात्मा बुद्ध ईश्वर में विश्वास रखने वाले आस्तिक
धर्म-अध्यात्म मनुष्य की चहुंमुखी उन्नति का आधार अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि March 24, 2021 / March 24, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन के दो यथार्थ हैं पहला कि उसका जन्म हुआ है और दूसरा कि उसकी मृत्यु अवश्य होगी। मनुष्य को जन्म कौन देता है? इसका सरल उत्तर यह है कि माता-पिता मनुष्य को जन्म देते हैं। यह उत्तर सत्य है परन्तु अपूर्ण भी है। माता-पिता तभी जन्म देते हैं […] Read more » अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म के अनुसार आचरण बनाकर जीवन को सफल बनायें March 22, 2021 / March 22, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमहाभारत के बाद वैदिक धर्म का सत्यस्वरूप विलुप्त हो गया था और इसमें अनेक अन्धविश्वास, पाखण्ड एवं मिथ्या परम्परायें सम्मिलित हो गई थी जिससे आर्य जाति का नानाविध पतन व पराभव हुआ। ऋषि दयानन्द ने वेदों का पुनरुद्धार करने सहित वेद प्रचार करते हुए आर्यसमाज की स्थापना कर वैदिक धर्म को देश देशान्तर […] Read more » वैदिक धर्म
धर्म-अध्यात्म स्वामी शंकराचार्य के ईश्वर के अस्तित्व पर शास्त्रार्थ का खोजपूर्ण वर्णन March 21, 2021 / March 21, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य लगभग 23-24 सौ वर्ष पूर्व सनातन धर्म लुप्त प्रायः होकर देश में सर्वत्र नास्तिक मत छा गया था। इस अवधि में देश में स्वामी शंकराचार्य जी का प्रादुर्भाव होता है। वह वेद ज्ञान व विद्या से सम्पन्न थे। उन्होंने जैनमत के आचार्यों से उनकी अविद्यायुक्त मान्यताओं और वैदिक मत की सत्य […] Read more » स्वामी शंकराचार्य
धर्म-अध्यात्म अनादि, सर्वव्यापक व सर्वज्ञ ईश्वर हमारा सनातन मित्र व सखा है March 20, 2021 / March 20, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमें मनुष्य का जन्म मिला और हम जन्म से लेकर अब तक अपने पूर्वजन्मों सहित इस जन्म के क्रियमाण कर्मों के फल भोग रहे हैं। हम जीवात्मा हैं, शरीर नहीं है। जीवात्मा चेतन पदार्थ है। चेतन का अर्थ है कि यह जड़ न होकर संवेदनशील है और ज्ञान प्राप्ति एवं कर्म […] Read more » God eternal omnipotent and omniscient is our eternal friend and friendgod सर्वव्यापक व सर्वज्ञ ईश्वर
पर्व - त्यौहार लेख होली गेहूं की फसल के आगमन की खुशियां मनाने का पर्व है March 18, 2021 / March 18, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहोली का पर्व प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रथम तिथि को मनाया जाता है। एक दिन पूर्व फाल्गुल मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन की परम्परा भी लम्बे समय से समाज में चली आ रही है। होली प्राचीन काल में ऋषियों व विद्वानों द्वारा किये जाने वाले महायज्ञ का एक […] Read more » Holi is a festival to celebrate the arrival of wheat crop. होली होली गेहूं की फसल के आगमन की खुशियां मनाने का पर्व है