धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने हम जीवात्माओं को मनुष्य क्यों बनाया? March 16, 2021 / March 16, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।हम मनुष्य कहलाते हैं। वस्तुतः सदाचार को धारण कर ही हम मनुष्य बन सकते हैं परन्तु सदाचारी व धर्मात्मा मनुष्य बनने के लिये सद्ज्ञान प्राप्त करने सहित पुरुषार्थ वा आचरण भी करना होता है। क्या हम सब ज्ञानी वा विद्यावान हैं? इसका उत्तर ‘न’ अक्षर व शब्द में मिलता है। जब हम […] Read more » ईश्वर ने हम जीवात्माओं को मनुष्य क्यों बनाया?
धर्म-अध्यात्म वेद अपौरुषेय ज्ञान एवं भाषा के ग्रन्थ हैं March 14, 2021 / March 14, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की संहिताओं में निहित मंत्रों व इनके सभी मन्त्रों में निहित ज्ञान को कहते हंै। वेदों का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी की यह सृष्टि पुरानी है। हमारे प्राचीन काल के मनीषियों से लेकर ऋषि दयानन्द (1825-1883) तक ने वेदों की उत्पत्ति, इसके रचयिता व ज्ञान […] Read more » The Vedas are texts of inauspicious knowledge and language. वेद
धर्म-अध्यात्म हमें धर्म और उपासना के यथार्थस्वरूप व रहस्य को जानना चाहिये March 13, 2021 / March 13, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआजकल सामाजिक जगत तथा राजनीति जगत में धर्म के नाम की खूब चर्चा होती है परन्तु लगता है कि इसकी चर्चा करने वाले लोगों को धर्म का यथार्थस्वरूप व धर्म शब्द का अर्थ ज्ञात नहीं होता। धर्म संस्कृत का शब्द है जो यथावत् हिन्दी भाषा में भी प्रयोग किया जाता है। मनुष्य एक […] Read more » धर्म और उपासना
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने चार वेदों को ईश्वर प्रदत्त अनादि ज्ञान सिद्ध किया March 11, 2021 / March 11, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसूर्य, चन्द्र, पृथिवी तथा नक्षत्रों आदि से युक्त हमारी यह भौतिक सृष्टि मनुष्योत्पत्ति से बहुत पहले बन चुकी थी। अतः इसे मनुष्यों ने नहीं बनाया यह बात तो स्पष्ट है। मनुष्य एक, दो व करोड़ों मिलकर भी इस सृष्टि व इसके एक ग्रह को भी नहीं बना सकते। यदि ऐसा है तो फिर […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द न आये होते तो आर्य-हिन्दू अत्यन्त दुर्दशा को प्राप्त होते March 11, 2021 / March 11, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य की पहचान व उसका महत्व उसके ज्ञान, गुणों, आचरण एवं व्यवहार आदि से होता है। संसार में 7 अरब से अधिक लोग रहते हैं। सब एक समान नहीं है। सबकी आकृतियां व प्रकृतियां अलग हैं तथा सबके स्वभाव व ज्ञान का स्तर भी अलग है। बहुत से लोग अपने ज्ञान के अनुरूप […] Read more » If the sage Dayanand had not come the Arya-Hindus would have been in a very bad situation. ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म राम का वनगमन से पूर्व अपने पिता दशरथ व माता से प्रशंसनीय संवाद March 11, 2021 / March 11, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यराम को हमारे पौराणिक बन्धु ईश्वर मानकर उनकी मूर्तियों की पूजा करते वा उनको सिर नवाने के साथ यत्र तत्र समय-समय पर राम चरित मानस का पाठ भी आयोजित किया जाता है। वाल्मीकि रामायण ही राम के जीवन पर आद्य महाकाव्य एवं इतिहास होने के कारण प्रामाणिक ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में परवर्ती […] Read more » Ram's commendable dialogues with his father Dasharatha and mother before exile राम
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज वैदिक धर्म प्रचारक एवं समाज सुधारक संस्था है March 10, 2021 / March 10, 2021 | Leave a Comment आर्यसमाज स्थापना दिवस पर--मनमोहन कुमार आर्य Read more » Aryasamaj आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने अविद्या दूर करने सहित संसार का महान उपकार किया March 8, 2021 / March 8, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि के आरम्भ से संसार में मनुष्य आदि प्राणियों का जन्म होता आ रहा है। मनुष्य बुद्धि से युक्त प्राणी है जो सोच विचार कर सत्य और असत्य का निर्णय कर अपने सभी कार्य करता व कर सकता है। सामान्य मनुष्य दूसरे शिक्षित मनुष्यों को देखकर अपने जीवन को भी अच्छा […] Read more » Rishi Dayanand did great work of the world including removing ignorance ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म पं. लेखराम की ऋषि दयानन्द से भेंट का देश व समाज पर प्रभाव March 8, 2021 / March 8, 2021 | Leave a Comment पं. लेखराम जी के 124 वे बलिदान दिवस 6 मार्च पर--मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।पंडित लेखराम जी स्वामी दयानन्द जी के प्रारम्भ के प्रमुख शिष्यों में से एक रहे जो वैदिक धर्म की रक्षा और प्रचार के अपने कार्यों के कारण इतिहास में अमर हैं। उन्होंने 17 मई, सन् 1881 को अजमेर में ऋषि दयानन्द से […] Read more » Impact of Pt Lekharam's meeting with sage Dayanand on the country and society पं. लेखराम
धर्म-अध्यात्म ईश्वर हमारे कर्मानुसार ही हमें मनुष्यादि जन्म तथा सुख दुख देते हैं March 5, 2021 / March 5, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहम लोगों का जन्म मनुष्य के रूप में स्त्री या पुरुष किसी एक जाति में हुआ है। यह जन्म हमें किसने, क्यों तथा किस आधार पर दिया है, इसका ज्ञान हमें माता, पिता, देश व समाज द्वारा नहीं कराया जाता। हमारे ऋषियों ने ईश्वरीय ज्ञान वेद तथा वेदों के व्याख्या ग्रन्थों में उपलब्ध […] Read more » God gives us human birth and happiness as per our norms ईश्वर
प्रवक्ता न्यूज़ अपने देश व देशवासियों से प्रेम न करने वाला व्यक्ति सच्चा धार्मिक नहीं होता March 5, 2021 / March 5, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में जितने मनुष्य हैं व अतीत में हुए हैं वह सब किसी देश विशेष में जन्में थे। उनसे पूर्व उनके माता-पिता व पूर्वज वहां रहते थे। जन्म लेने वाली सन्तान का कर्तव्य होता है कि वह अपने जन्म देने वाले माता-पिता का आदर व सत्कार करे। मातृ देवो भव, पितृ देवो भव […] Read more » सच्चा धार्मिक नहीं होता
धर्म-अध्यात्म मनुष्य को सृष्टिकर्ता ईश्वर के उपकारों को जानकर कृतज्ञ होना चाहिये March 5, 2021 / March 5, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य मननशील प्राणी है। इसका शरीर उसने स्वयं उत्पन्न किया नहीं है। माता पिता से इसे जन्म मिलता है। माता पिता भी अल्पज्ञ एवं अल्प शक्ति वाले मनुष्य होते हैं। सभी मनुष्य व महापुरुष अल्पज्ञ ही होते हैं। कोई भी मनुष्य व इतर प्राणियों के शरीर को बनाना नहीं जानता। मनुष्य से भिन्न […] Read more » Man should be grateful to know the benevolence of the creator God. ईश्वर के उपकार