धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म दुःखों से रक्षार्थ सत्य को धारण करने की प्रेरणा करता है January 18, 2021 / January 18, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जो ज्ञान होता है वह सत्य व असत्य दो कोटि का होता है। मनुष्य के कर्म भी दो कोटि यथा सत्य व असत्य स्वरूप वाले हाते हैं। अनेक स्थितियों में मनुष्य को सत्य को अपनाने से क्षणिक व सामयिक हानि होती दीखती है और असत्य का आचरण करने से […] Read more » वैदिक धर्म
धर्म-अध्यात्म स्वाध्याय से ईश्वर तथा जीवात्मा सहित अनेक विषयों का ज्ञान होता है January 18, 2021 / January 18, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य जीवन को उत्तम व श्रेष्ठ बनाने के लिये आत्मा को ज्ञान से युक्त करने सहित श्रेष्ठ कर्मों व आचरणों का धारण व पालन करना होता है। मनुष्य जब संसार में आता है तो वह एक अबोध शिशु होता है। माता, पिता तथा परिवार के लोगों की बातें सुनकर वह बोलना सीखता है। […] Read more » Swadhyaya gives knowledge of many subjects including God and Jeevatma. ईश्वर तथा जीवात्मा स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म ईश्वर सृष्टि उत्पत्ति सहित सभी अपौरुषेय कार्य जीवों के कल्याणार्थ करता है January 16, 2021 / January 16, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में तीन मूल सत्तायें हैं जिन्हें हम ईश्वर, जीव तथा प्रकृति के नाम से जानते हैं। आकाश का भी अस्तित्व है परन्तु यह एक चेतन व जड़ सत्ता नहीं है। आकाश खाली स्थान को कहते हैं जिसमें अन्य सभी सत्तायें आश्रय पाये हुए हैं। इसी प्रकार से संसार में दस […] Read more » God does all the inauspicious works including the creation ईश्वर
धर्म-अध्यात्म ईश्वर की उपासना का उद्देश्य कृतज्ञता ज्ञापन एवं ईश्वर साक्षात्कार January 15, 2021 / January 15, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार की जनसंख्या का बड़ा भाग ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करता है और अपने ज्ञान व परम्पराओं के अनुरूप ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना करता है। ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना तथा उपासना करना क्यों आवश्यक है?, इसके लिये हमें ईश्वर के सत्यस्वरूप, उसके गुण, कर्म व स्वभाव तथा उस ईश्वर के […] Read more » Purpose of Worship of God Gratitude memorandum and God interview ईश्वर की उपासना
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा एक स्वतन्त्र एवं अन्य अनादि तत्वों से पृथक सत्ता व पदार्थ है January 13, 2021 / January 13, 2021 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार ईश्वर जीव तथा प्रकृति, इन तीन सत्ताओं व पदार्थों से युक्त है। अनन्त आकाश का भी अस्तित्व है परन्तु यह कभी किसी विकार को प्राप्त न होने वाला तथा किसी प्रकार की क्रिया न करने वाला व इसमें क्रिया होकर कोई नया पदार्थ बनने वाला पदार्थ है। ईश्वर, […] Read more » जीवात्मा
धर्म-अध्यात्म अविद्या से सर्वथा रहित तथा सत्य ज्ञान से पूर्ण ग्रन्थ है सत्यार्थप्रकाश January 12, 2021 / January 12, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य चेतन एवं अल्पज्ञ सत्ता है। इसका शरीर जड़ पंच–भौतिक पदार्थों से परमात्मा द्वारा बनाया व प्रदान किया हुआ है। परमात्मा को ही मनुष्य शरीर व उसके सभी अवयव बनाने का ज्ञान है। उसी के विधान व नियमों के अन्तर्गत मनुष्य का जन्म होता तथा मनुष्य के शरीर में वृद्धि व […] Read more » Satyartha Prakash सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म सृष्टि में नियम व व्यवस्था ईश्वर के होने का संकेत करते हैं January 12, 2021 / January 12, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में स्थूल व सूक्ष्म दो प्रकार के पदार्थ होते हैं। स्थूल पदार्थों को सरलता से देखा जा सकता है। इसी से उनका प्रत्यक्ष भी हो जाता है। किसी पदार्थ का ज्ञान उसके गुणों को समग्रता से जानने पर होता है। सूक्ष्म पदार्थों नेत्रों से तो दिखाई नहीं देते परन्तु वह […] Read more » ईश्वर के होने का संकेत
धर्म-अध्यात्म मनुष्य को सद्धर्म एवं देश हित का विचार कर सभी कार्य करने चाहियें January 12, 2021 / January 12, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य कहलाते हैं। हमारी पहचान दो पैर वाले पशु के रूप में होती है। परमात्मा ने पशुओं को चार पैर वाला बनाया है। उन पशुओं से हम भिन्न प्राणी हैं। हमारे पास दो पैरों पर आसानी से खड़ा होने की सामर्थ्य होती है। हम दो पैरों से चल सकते हैं। […] Read more » सद्धर्म एवं देश हित का विचार
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का जन्म-मरण वा आवागमन अनादि काल से चल रहा है January 12, 2021 / January 12, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य जन्म व मरण भोग एवं अपवर्ग की प्राप्ति के लिए प्राप्त एक सुअवसर होता है। यह अवसर सनातन, शाश्वत, अनादि व नित्य आत्मा को परमात्मा प्रदान करते हैं। मनुष्य योनि में जन्म लेकर चेतन व अल्पज्ञ जीवात्मा को अपने माता, पिता, आचार्यों सहित परमात्मा के अपौरुषेय ज्ञान चार वेदों की सहायता तथा […] Read more » जीवात्मा का जन्म-मरण
धर्म-अध्यात्म स्वाध्याय से जीवन की उन्नति सहित अनेक रहस्यों का ज्ञान होता है January 8, 2021 / January 8, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन में सबसे अधिक महत्व ज्ञान का बताया जाता है और यह बात है भी सत्य। हम चेतन आत्मा हैं। हमारा शरीर जड़ है। जड़ वस्तु में ज्ञान प्राप्ति व उसकी वृद्धि की सम्भावना नहीं होती। जड़ वा निर्जीव वस्तुयें सभी ज्ञानशून्य होती हैं। इनको किसी भी प्रकार की सुख […] Read more » Aryasamaj स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म वेद एवं वैदिक धर्म हमें क्यों प्रिय हैं? January 7, 2021 / January 7, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य को जिन मनुष्यों, पदार्थों व वस्तुओं से लाभ होता है वह उसको प्रिय होती हैं? मनुष्य भौतिक वस्तुओं में नाना प्रकार के भोजनों, अपने घर, सुविधा की वस्तुओं सहित अपने परिवार जनों को प्रेम किया करते हैं व वह उन्हें प्रिय होते हैं। ऐसा होना स्वाभाविक व उचित ही है। इनके अतिरिक्त […] Read more » वेद एवं वैदिक धर्म
धर्म-अध्यात्म वेदर्षि दयानन्द द्वारा स्थापित आर्यसमाज हमें प्रिय क्यों हैं? January 6, 2021 / January 6, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक संस्थायें एवं संगठन हैं। सब संस्थाओं एवं संगठनों के अपने अपने उद्देश्य एवं उसकी पूर्ति की कार्य-पद्धतियां है। सभी संगठन अपने अपने उद्देश्यों को पूरा करने के किये कार्य करते हैं। आर्यसमाज भी विश्व का अपनी ही तरह का एकमात्र अनूठा संगठन है। हमें लगता है कि आर्यसमाज […] Read more » love Arya Samaj established by Vedarshi Dayanand Why do we love Arya Samaj established by Vedarshi Dayanand आर्यसमाज वेदर्षि दयानन्द वेदर्षि दयानन्द द्वारा स्थापित आर्यसमाज