धर्म-अध्यात्म मनुष्य को अपने लाभ के लिए ईश्वर की उपासना करनी चाहिये January 5, 2021 / January 5, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य मननशील प्राणी है। वह अपनी रक्षा एवं हित के कार्यों में संलग्न रहता है। अपनी रक्षा के लिए वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देता है तथा सज्जन पुरुषों से मित्रता करता है जिससे असुरक्षा एवं विपरीत परिस्थितियों में वह उसके सहायक हो सकें। मनुष्य अपनी सुख सुविधाओं का भी ध्यान रखता है। […] Read more » Man should worship God for his benefit ईश्वर की उपासना लाभ के लिए ईश्वर की उपासना
धर्म-अध्यात्म देवयज्ञ अग्निहोत्र का करना मनुष्य का पुनीत सर्वहितकारी कर्तव्य January 4, 2021 / January 4, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मननशील होने से ही दो पाये प्राणी की मनुष्य संज्ञा है। मननशीलता का गुण जीवात्मा के चेतन होने से मनुष्य रूपी प्राणी को प्राप्त हुआ है। जड़ पदार्थों को सुख व दुख तथा शीत व ग्रीष्म का ज्ञान नहीं होता। मनुष्य का आत्मा ज्ञान प्राप्ति तथा कर्म […] Read more » Devi Yagna Agnihotra to do a pious and humane duty of man देवयज्ञ अग्निहोत्र
धर्म-अध्यात्म मानव जाति की सबसे उत्तम सम्पत्ति ईश्वर एवं वेद January 3, 2021 / January 3, 2021 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे सुख व सुविधाओं का भोग बन गया है। इसी कारण से संसार में सर्वत्र पाप, भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, अभाव, भूख, अकाल मृत्यु आदि देखने को मिलती हैं। इसके अतिरिक्त अविद्यायुक्त मत-मतान्तर अपने प्रसार की योजनायें बनाकर भारत जैसे देश […] Read more » God and Vedas ईश्वर एवं वेद
धर्म-अध्यात्म वेद वर्णित ईश्वर की न्याय-व्यवस्था आज भी सर्वत्र प्रभावी है January 2, 2021 / January 2, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहमारा यह संसार स्वयं नहीं बना अपितु एक सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, नित्य, न्यायकारी तथा दयालु सत्ता जिसे ईश्वर कहते हैं, के द्वारा बनाया गया है। इस संसार में एक त्रिगुणात्मक अर्थात् सत्व, रज तथा तम तीन गुणों वाली सूक्ष्म प्रकृति का अस्तित्व भी है जो प्रलयावस्था में सर्वत्र फैली व एक […] Read more » The judicial system of God mentioned in the Vedas is still effective today. वेद वर्णित ईश्वर की न्याय-व्यवस्था
धर्म-अध्यात्म धर्म सत्कर्तव्यों के ज्ञान व पालन और असत् कर्मों के त्याग को कहते हैं January 2, 2021 / January 2, 2021 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यधर्म के विषय में तरह तरह की बातें की जाती हैं परन्तु धर्म सत्याचरण वा सत्य कर्तव्यों के धारण व पालन का नाम है। यह विचार व सिद्धान्त हमें वेदाध्ययन करने पर प्राप्त होते हंै। महाराज मनु ने कहा है कि धर्म की जिज्ञासा होने पर उनका वेदों से जो उत्तर व समाधान […] Read more » Religion is called knowledge and observance of truth and renunciation of untoward deeds. धर्म
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन व उसके लक्ष्य पर विचार December 31, 2020 / December 31, 2020 | Leave a Comment हमारा यह जन्म मनुष्य योनि मे हुआ था और हम अपनी जीवन यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं। हमें पता है कि कालान्तर में हमारी मृत्यु होगी। ऐसा इसलिये कि सृष्टि के आरम्भ से आज तक सृष्टि में यह नियम चल रहा है कि जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु अवश्य ही होती है। गीता […] Read more » Thoughts on human life and its goals मनुष्य जीवन व उसके लक्ष्य
लेख नव वर्ष 2021 को भारतीय परम्पराओं के अनुरूप मनाना उचित December 30, 2020 / December 30, 2020 | 1 Comment on नव वर्ष 2021 को भारतीय परम्पराओं के अनुरूप मनाना उचित -मनमोहन कुमार आर्यआगामी 1 जनवरी, 2021 को हम नये आंग्ल वर्ष सन् 2021 में प्रवेश कर रहे हैं। इस अवसर पर लोग अपनी प्रसन्नता व्यक्त करने के लिये इसका उत्सव के रूप में स्वागत करते और एक दूसरे से मिलकर, फेसबुक, व्हटशप, इमेल आदि पर शुभकामनायें सन्देश अपने प्रिय जनों को प्रेषित करते हैं। कार्यालयों […] Read more » 2021 को भारतीय परम्पराओं के अनुरूप मनाना It is appropriate to celebrate New Year 2021 in line with Indian traditions
धर्म-अध्यात्म जिस प्रयोजन के लिये परमात्मा ने जीवन दिया है उसे करना ही धर्म एवं कर्तव्य है December 27, 2020 / December 27, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य जन्म लेता है परन्तु उसे यह पता नहीं होता कि उसके जन्म लेने व परमात्मा के जन्म देने का प्रयोजन किया है? जन्म के प्रयोजन का ज्ञान हमें वेदों सहित ऋषियों के दर्शन व उपनिषद आदि ग्रन्थों सहित ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका एवं आर्य विद्वानों के ग्रन्थों से होता है। निष्कर्ष […] Read more » Religion and duty are to do the purpose for which God has given life परमात्मा
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश ग्रंथ अविद्या दूर करने के लिये लिखा गया ग्रंथ है December 27, 2020 / December 27, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द सरस्वती जी का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ देश देशान्तर में प्रसिद्ध ग्रन्थ है। ऋषि दयानन्द ने इस ग्रन्थ को क्यों लिखा? इसका उत्तर उन्होंने स्वयं इस ग्रन्थ की भूमिका में दिया है। उन्होंने लिखा है कि ‘मेरा इस ग्रन्थ के बनाने का मुख्य प्रयोजन सत्य–सत्य अर्थ का प्रकाश करना है, अर्थात् […] Read more » satyarth prakash Satyarth Prakash Granth is a book written to remove ignorance सत्यार्थप्रकाश ग्रंथ
धर्म-अध्यात्म संसार को ईश्वर की सत्ता का परिचय सर्वप्रथम वेदों से मिला है December 26, 2020 / December 26, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार 1.96 अरब वर्षों से अधिक समय पूर्व बना था। तब से यह जीवों के आवागमन व ग्रहों व उपग्रहों के नियमपूर्वक गतिमान होने से चल रहा है। सृष्टि में प्रथम मनुष्य वा स्त्री पुरुष अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न हुए थे। सभी मनुष्यों सहित आंखों से दृश्य व अदृश्य […] Read more » The Vedas were first introduced to the world by the power of God. ईश्वर की सत्ता
धर्म-अध्यात्म स्वामी श्रद्धानन्द के साहित्य पर उनके बलिदान दिवस पर विशेष छूट एवं उपहार December 26, 2020 / December 26, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डोन सिटी-राजस्थान आर्यजगत की एक प्रमुख साहित्य-प्रकाशक संस्था है। इस संस्थान का संचालन प्रसिद्ध ऋषिभक्त श्री प्रभाकरदेव आर्य जी करते हैं। इस संस्था का इतिहास लगभग तीन दशकों का है। इस अवधि में संस्था ने लगभग 350 छोटे-बड़े ग्रन्थों का प्रकाशन किया है। वर्तमान में लगभग 200 से […] Read more » स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म यम नियमों का पालन किये बिना भक्ति व उससे लाभ होना असम्भव December 24, 2020 / December 24, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य ईश्वर का बनाया हुआ एक चेतन प्राणी है जिसके पास पांच ज्ञान एवं पांच कर्म इन्द्रियों से युक्त मानव शरीर है। शरीर में मन, बुद्धि, चित्त व अहंकार नाम वाला अन्तःकरण चतुष्टय भी होता है। बुद्धि का कार्य ज्ञान प्राप्ति व उस ज्ञान का उपयोग करने में सहायक होना होता है। बुद्धि […] Read more » It is impossible to gain devotion and benefit from following Yama rules ईश्वर