धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का सृष्टिकाल में जन्म-पुनर्जन्म होना सत्य सिद्धान्त है January 27, 2023 / January 27, 2023 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम प्रतिदिन मनुष्य व पशुओं आदि को जन्म लेते हुए देखते हैं। यदि हम इन प्राणियों के जन्मों पर विचार करें तो अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं जिनके उत्तर हमें साधारणतः नहीं मिलते। मनुष्य व उसके बच्चे का जो शरीर एवं उसमें चेतन जीवात्मा होता है, वह माता के शरीर में […] Read more » Birth-rebirth of the soul in the time of creation is the true principle
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने ईश्वरोपासना और अग्निहोत्र का सर्वाधिक प्रचार किया January 18, 2023 / January 18, 2023 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द के प्रादुर्भाव के समय देश विदेश के लोग ईश्वर की सच्ची उपासना के ज्ञान व विधि से अपरिचित थे। यदि कुछ परिचित थे तो वह योगी व कुछ विद्वान धार्मिकजन ही रहे हो सकते हैं। वह लोग उपासना व अग्निहोत्र यज्ञों का प्रचार न कर उसे अपने तक ही […] Read more » ईश्वरोपासना और अग्निहोत्र
लेख ऋषि दयानन्द रचित सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थ मनुष्यों को सद्ज्ञान देकर ईश्वर का सच्चा भक्त व मोक्षगामी बनाते हैं January 16, 2023 / January 16, 2023 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द (1825-1883) सच्चे ऋषि, योगी, वेदों के पारदर्शी विद्वान, ईश्वरभक्त, वेदभक्त, देशभक्त, सच्चे समाज सुधारक, वेदोद्धारक, वैदिकधर्म व संस्कृति के अपूर्व प्रचारक आदि अनेकानेक गुणों से सम्पन्न थे। 21 वर्ष की अवस्था होने पर वह सुख सुविधाओं से परिपूर्ण अपने माता-पिता का घर छोड़कर सच्चे शिव वा ईश्वर, आत्मज्ञान व […] Read more » Books like Satyarth Prakash composed by Rishi Dayanand give good knowledge to human beings and make them true devotees of God and salvation seekers.
धर्म-अध्यात्म लेख ऋषि दयानन्द क्या चाहते थे? January 3, 2023 / January 3, 2023 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द महाभारत के बाद विगत लगभग पांच हजार वर्षों में वेदों के मंत्रों के सत्य अर्थों को जानने वाले व उनके आर्ष व्याकरणानुसार सत्य, यथार्थ तथा व्यवहारिक अर्थ करने वाले ऋषि हुए हैं। महाभारत के बाद ऐसा कोई विद्वान नहीं हुआ है जिसने वेदों के सत्य, यथार्थ तथा महर्षि यास्क […] Read more » What did Rishi Dayanand want?
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख वेदों का स्वाध्याय सभी मनुष्यों का मुख्य कर्तव्य एवं परमधर्म January 2, 2023 / January 2, 2023 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्यों के अनेक कर्तव्यों में से एक कर्तव्य वेदों के सत्यस्वरूप को जानना व उनका नियमित स्वाध्याय करना है। वेदों का स्वाध्याय मनुष्य का कर्तव्य इसलिये है कि वेद संसार का सबसे पुराना व प्रथम ज्ञान है। यह वेदज्ञान मनुष्यों द्वारा अपने पुरुषार्थ से अर्जित ज्ञान नहीं है अपितु सृष्टि के […] Read more » Self-study of Vedas is the main duty and supreme religion of all human beings.
धर्म-अध्यात्म शख्सियत समाज साक्षात्कार महान दानी, सेवा भावी एवं संस्था शिल्पी बावा गुरमुख सिंह December 7, 2022 / December 7, 2022 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य देहरादून का प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम तपोवन, नालापानी रोड, देहरादून जब तक रहेगा, इसके संस्थापक बावा गुरमुख सिंह जी और उनके प्रेरक महात्मा आनन्द स्वामी जी के नाम को अमर रखेगा। बावा गुरमुख सिंह जी का जन्म अमृतसर में एक सिख परिवार में पिता प्रद्युम्न सिंह जी के यहां हुआ था। […] Read more » a great donor Bawa Gurmukh Singh service provider and organization architect शिल्पी बावा गुरमुख सिंह
धर्म-अध्यात्म क्या हम मनुष्य हैं? December 5, 2022 / December 5, 2022 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य कहलाते हैं परन्तु क्या हम वात्सव में मनुष्य हैं? हम मनुष्य क्यों कहलाते हैं? इस प्रश्न का उत्तर है कि हमारे पास मन व बुद्धि है जिससे हम विचार कर किसी वस्तु या पदार्थ आदि के सत्य व असत्य होने का निर्णय करते हैं। यदि मनुष्य किसी बात को […] Read more » क्या हम मनुष्य हैं?
धर्म-अध्यात्म “सनातन वैदिक धर्म व हिन्दू जाति के रक्षक एवं उद्धारक ऋषि दयानन्द” December 2, 2022 / December 2, 2022 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द एक पौराणिक पिता व परिवार में गुजरात प्रान्त के मौरवी जनपद के टंकारा नाम ग्राम में 12 फरवरी, सन् 1825 को जन्में थे। उनके पिता शिवभक्त थे। उनके परिवार के सभी सदस्य भी पौराणिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले जन्मना ब्राह्मण थे। स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम मूलजी […] Read more » “Sage Dayanand protector and savior of Sanatan Vedic religion and Hindu race
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म सभी दुःखों से मुक्ति व आनन्दमय मोक्ष की प्राप्ति के चार साधन November 18, 2022 / November 18, 2022 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को अपने पूर्वजन्म के शुभकर्मों के परिणामस्वरूप परमात्मा से यह श्रेष्ठ मानव शरीर मिला है। सब प्राणियों से मनुष्य का शरीर श्रेष्ठ होने पर भी यह प्रायः सारा जीवन दुःख व क्लेशों से घिरा रहता है। दूसरों लोगों को देख कर यह अपनी रुचि व सामथ्र्यानुसार विद्या प्राप्त कर धनोपार्जन […] Read more » Four ways to get rid of all sorrows and attain blissful salvation
धर्म-अध्यात्म शख्सियत भारत भाग्य विधाता ऋषि दयानन्द November 10, 2022 / November 10, 2022 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य दिनांक 30 अक्टूबर ऋषि दयानन्द (1825-1883) का आंग्ल तिथि के अनुसार बलिदान दिवस वा पुण्य तिथि है। हिन्दी तिथि के अनुसार यह 24 अक्टूबर को था। ऋषि दयानन्द जी का बलिदान हुए पूरे 139 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस अवधि में उनके अनुयायियों एवं आर्यसमाज ने जो कार्य किये हैं […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म आर्य कौन हैं और इनका मूलस्थान November 9, 2022 / November 9, 2022 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को ग्रहण करने से बनता है। विश्व में अनेक मत, सम्प्रदाय आदि हैं। इन मतों के अनुयायी ईसाई, मुसलमान, हिन्दू, आर्य, बौद्ध, जैन, सिख, यहूदी आदि अनेक नामों से जाने जाते हैं। मनुष्य जाति को अंग्रेजी में भ्नउंद कहा जाता है। यह जितने मत व […] Read more » आर्य कौन हैं
धर्म-अध्यात्म शख्सियत समाज स्वामी श्रद्धानन्द जी का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान November 7, 2022 / November 7, 2022 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य स्वामी श्रद्धानन्द जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह वैदिक धर्म व संस्कृति के अनुरागी महापुरुष थे। आदर्श ईश्वर भक्त, वेदभक्त, देशभक्त, मानवता के पुजारी, शिक्षा शास्त्री, समाज सुधारक और वेद धर्म प्रचार सहित स्वामी श्रद्धानन्द स्वतन्त्रता आन्दोलन के शीर्ष नेता और दलितों के मसीहा थे। विधर्मियों की शुद्धि का उन्होंने अपूर्व […] Read more » स्वामी श्रद्धानन्द जी