धर्म-अध्यात्म हमनें ऋषि दयानन्द के उपकारों को न तो जाना है और न उनसे उऋण होने का प्रयत्न किया है December 25, 2019 / December 25, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महाभारत युद्ध के बाद देश का सर्वविध पतन व पराभव हुआ। इसका मूल कारण अविद्या था। महाभारत के बाद हमारे देश के पण्डित, ज्ञानी वा ब्राह्मण वर्ग ने वेद और विद्या के ग्रन्थों का अध्ययन–अध्यापन प्रायः छोड़ दिया था जिस कारण से देश के सभी लोग अविद्यायुक्त होकर असंगठित हो […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म परमात्मा और हम चेतन होने के कारण सजातीय हैं: स्वामी चित्तेश्वरानन्द December 24, 2019 / December 24, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज प्रेमनगर, देहरादून का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव आज दिनांक 22-12-2019 को सोल्लास आरम्भ हुआ। प्रातः पं0 वेदवसु शास्त्री जी ने समाज की यज्ञशाला में यज्ञ सम्पन्न कराया जिसमें स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती, आचार्य वीरेन्द्र शास्त्री, सहारनपुर तथा आचार्य डा. धनंजय जी, श्री सुनील शास्त्री सहित देहरादून जनपद की आर्य उपप्रतिनिधि सभा के […] Read more » सजातीय स्वामी चित्तेश्वरानन्द
धर्म-अध्यात्म आत्मा को सुख प्रभु के चिन्तन से मिलता हैः आचार्य देवप्रकाश December 24, 2019 / December 24, 2019 | Leave a Comment आर्यसमाज प्रेमनगर, देहरादून का वार्षिकोत्सव- -मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज प्रेमनगर, देहरादून नगर देहरादून का एक महत्वपूर्ण आर्यसमाज है। देहरादून के केन्द्रीय स्थान घण्टाघर से इसकी दूरी 8 किमी. है। यह समाज देहरादून-शिमला-चकराता राजमार्ग पर स्थित है। यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस समाज के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का आज समापन हुआ। प्रातः […] Read more » प्रभु
धर्म-अध्यात्म सुप्रसिद्ध ऋषिभक्त भजनोपदेशक पं. बृजपाल शर्मा कर्मठ स्मृतिशेष हो गये” December 19, 2019 / December 19, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार का नियम है कि सृष्टि बनती है और उसके बाद उसकी प्रलय आती है। सूर्योदय होता है और कुछ समय बाद अस्त हो जाता है तथा रात्रि के बाद पुनः सूर्योदय होता है। इसी प्रकार से जीवात्माओं का मनुष्य आदि अनेक योनियों में जन्म होता है और बाल, किशोर, युवा, […] Read more » ऋषिभक्त भजनोपदेशक पं. बृजपाल शर्मा पं. बृजपाल शर्मा
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की संसार को देन वेदों में वर्णित ईश्वर का प्रामाणिक सत्य स्वरूप December 19, 2019 / December 19, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य यह निर्विवाद है कि मूल वेद संहितायें ही संसार में सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद शब्द का अर्थ ही ज्ञान होता है। अतः चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद ज्ञान की पुस्तकें हैं। इन चारों वेदों पर ऋषि दयानन्द का आंशिक और अनेक आर्य वैदिक विद्वानों का भाष्य वा टीकायें […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म वैदिक राजधर्म व्यवस्था एवं देश के अध्यक्ष राजा के उत्तम गुण व आचरण December 19, 2019 / December 19, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य वेद संसार के सबसे पुराने धर्म ग्रन्थ हैं। वेद के विषय में ऋषि दयानन्द के विचार हैं कि वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। सृष्टि के आरम्भ से ही महाभारत और उसके भी बाद आर्य राजा पृथिवीराज चौहान तक भारत में आर्य राजा हुए हैं। वेदों की उत्पत्ति 1.96 अरब […] Read more »
धर्म-अध्यात्म शख्सियत “कृष-काय पंडित आर्यमुनि जी का एक युवक से मल्लयुद्ध एवं उनका नाभा शास्त्रार्थ” December 17, 2019 / December 17, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य पण्डित आर्यमुनि जी वेदों के उच्च कोटि के विद्वान थे। आपने वेद, दर्शन, मनुस्मृति, रामायण तथा महाभारत आदि ग्रन्थों पर भाष्य व टीकायें लिखी हैं। वैदिक धर्म के विरोधियों से आपने शास्त्रार्थ किये और उन्हें पराजित किया। शरीर से पंडित जी दुबले-पतले दुर्बल से व्यक्ति थे। पडित जी मल्लयुद्ध के ज्ञाता […] Read more » पंडित आर्यमुनि जी
धर्म-अध्यात्म यज्ञ द्वारा जीवन की सफलता शुद्ध सामग्री एवं व्यवहार से ही सम्भव December 17, 2019 / December 17, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्म ही एक मात्र ऐसा धर्म है जिसके पास परमात्मा का सृष्टि के आरम्भ में दिया हुआ वेद ज्ञान उपलब्ध है। सृष्टि की उत्पत्ति 1.96 अरब वर्ष पूर्व तिब्बत में हुई थी। परमात्मा ने प्रथम बार अमैथुनी सृष्टि करके स्त्री व पुरुषों को युवावस्था में उत्पन्न किया था। यह मान्यता […] Read more » यज्ञ
समाज बलवान मनुष्य एवं संगठित समुदाय ही सुरक्षित रह सकते हैं December 16, 2019 / December 16, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने जीवात्माओं को स्त्री या पुरुष में से एक प्राणी बनाया है। हम सामाजिक प्राणी हैं। हम समाज में अकेले नहीं रह सकते। परिवार में माता-पिता, दादी-दादा, भाई-बहिन, बच्चे व अन्य कुटुम्बी-जन होते हैं। परिवार समाज की एक इकाई होता है। परिवार प्रायः संगठित ही होता है। जो परिवार विचारों […] Read more » बलवान मनुष्य संगठित समुदाय संगठित समुदाय ही सुरक्षित
धर्म-अध्यात्म वेद दो पाये पशु को मनुष्य बनाने के साथ उसे ईश्वर से मिलाते हैं December 14, 2019 / December 14, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में जीवात्माओं को परमात्मा की कृपा से अपने-अपने कर्मानुसार भिन्न-भिन्न योनियों में जन्म प्राप्त होता रहता है। सभी योनियों में मनुष्य योनि सबसे श्रेष्ठ एवं महत्वपूर्ण है। मनुष्येतर योनियों में आत्मा की ज्ञान आदि की उन्नति नहीं होती। मनुष्येतर योनियों में भोजन एवं जीवन व्यतीत करने के लिये स्वाभाविक ज्ञान […] Read more »
धर्म-अध्यात्म सभी विद्वानों का कर्तव्य लोगों को श्रेष्ठ गुण सम्पन्न मनुष्य बनाना है December 14, 2019 / December 14, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्यों की सन्तानें जन्म के समय व उसके बाद ज्ञान की दृष्टि से ज्ञानहीन होती हैं। उन बच्चों को उनके माता-पिता, कुटुम्बी जन तथा आचार्यगण ज्ञान देते हैं। यदि माता-पिता व आचार्य आदि बच्चों को ज्ञान न दें तो वह सद्ज्ञान व सद्गुणों का ग्रहण नहीं कर सकते। माता-पिता व आचार्यों […] Read more » श्रेष्ठ गुण सम्पन्न मनुष्य
जन-जागरण मनुष्य के भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन विषयक वैदिक नियम व व्यवहार December 12, 2019 / December 12, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य दूसरे मनुष्य के हाथ से बना व पका तथा छुआ हुआ भोजन करने के विषय में हमारे देश के सनातनी बन्धुओं में अनेक प्रकार के भ्रम व मान्यतायें प्रचलित रही हैं। एक प्रश्न यह भी है कि क्या द्विज (ब्राह्मण, क्षत्रिय व वैश्य) अपने हाथ से रसोई बना के खावें या […] Read more » food and food of humans भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन