धर्म-अध्यात्म अग्निहोत्र के लाभ February 21, 2018 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ के विषय में हमारे ऋषि कहते हैं कि यज्ञ श्रेष्ठतम कर्म है। यज्ञ को सर्वश्रेष्ठ व सबसे श्रेष्ठ कर्म बताया गया है। वेदों में यज्ञ को ब्रह्माण्ड वा भुवन की नाभि बताया गया है। इससे यज्ञ का महत्व निर्विवाद है। अग्निहोत्र भी एक यज्ञ है और यह श्रेष्ठतम कर्म भी है। […] Read more » agnihotra benefits of hawan benefits of yagna hawan अग्निहोत्र के लाभ
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के जीवनकाल में लिखित व प्रकाशित उनकी प्रथम जीवनी दयानन्द दिग्विजयार्क February 19, 2018 | Leave a Comment -दयानन्द दिग्विजयार्क ग्रन्थ का महत्व एवं उसके प्रकाशन की आवश्यकता- -मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द के अनेक जीवन चरित्र उपलब्ध हैं जो अनेक ऋषिभक्त उच्च कोटि के विद्वानों ने समय-समय पर लिखे हैं व प्रकाशित हुए हैं। इन जीवन चरितों में एक जीवन चरित ऐसा भी है कि जो उनके जीवन काल […] Read more » biography of maharshi Dayanand Digvijark written and published in the lifetime of Rishi Dayanand दयानन्द दिग्विजयार्क
समाज वैदिक धर्मी मनुष्यों के मुख्य कर्तव्य एवं उनकी दिनचर्या February 19, 2018 / February 19, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में सबसे पुराना, वैज्ञानिक, सबको मित्र व प्रेम की दृष्टि से देखने वाला व वैसा ही व्यवहार करने वाला धर्म वैदिक धर्म है। वैदिक धर्म पूर्ण व सर्वांगीण धर्म है। इसमें सभी विद्यायें एवं सभी विषयों का ज्ञान उपलब्ध है। अन्य सभी मत मनुष्यों व उन मतों के आचार्यों व गुरुओं […] Read more » Featured वैदिक वैदिक धर्मी मनुष्य
धर्म-अध्यात्म वेदों की रक्षा और स्वाध्याय क्यों करें? February 16, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य उसी वस्तु की रक्षा करता है जिसका उसके लिए कोई उपयोग हो व जिससे उसे लाभ होता है। वेद सृष्टि की प्राचीनतम ज्ञान की पुस्तकें हैं। इसमें मनुष्य जीवन के लिए उपयोगी, तृण से लेकर ईश्वर पर्यन्त, सभी पदार्थों का ज्ञान उपलब्ध है। वेदों की भाषा भी संसार की आदि भाषा […] Read more » Featured preserve our vedas study our vedas वेदों की रक्षा वेदों की स्वाध्याय स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म ईश्वर को कौन प्राप्त कर सकता है? February 15, 2018 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, आज का संसार प्रायः भोगवादी है। संसार के लोगों की इस संसार के रचयिता को जानने में कोई विशेष रूचि दिखाई नहीं देती। सब सुख चाहते हैं और सुख का पर्याय धन बन गया है। इस धन का प्रयोग मनुष्य भोजन, वस्त्र, आवास, वाहन, यात्रा व बैंक बैलेंस में वृद्धि आदि कार्यों […] Read more » ईश्वर ईश्वर को प्राप्त
धर्म-अध्यात्म वेदज्ञ महान ऋषि दयानन्द जन्म दिवस एक पावन पर्व February 13, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वेदों के पुनरुद्धारक महर्षि दयानन्द जी का जन्म गुजरात के टंकारा नामक स्थान पर फाल्गुन कृष्णा दशमी के दिन हुआ था। इस वर्ष यह दिवस 10 फरवरी, 2018 को है। महर्षि दयानन्द का जन्म उनसे पूर्व व पश्चात उत्पन्न व जन्में किसी महापुरुष से कम महत्व का नहीं है अपितु हमारी दृष्टि […] Read more » Dayanand's Birthday is a holy festival Vedanta great sage ऋषि दयानन्द ऋषि दयानन्द जन्म दिवस
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के मुख्य काम सहित मनुष्यों के कुछ प्रमुख कर्तव्य February 13, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य इस संसार को बनाने वाला व हमारी आत्मा को माता-पिता के माध्यम से शरीर से युक्त करने व जन्म देने वाली सत्ता का नाम ईश्वर है। समस्त जड़ चेतन जगत का रचयिता व पालक एक ईश्वर ही है। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक, सर्वातिसूक्ष्म, सर्वान्तर्यामी, कर्म-फल प्रदाता, मोक्षदाता, ज्ञान व सुख […] Read more » Some of the major duties of humans the main work of God ईश्वर के मुख्य काम मनुष्यों के कुछ प्रमुख कर्तव्य
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना क्यों की? February 12, 2018 / February 12, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज एक सामाजिक एवं धार्मिक आन्दोलन है। यह वैदिक सिद्धान्तों से देश की राजनीति को भी दिशा देने में समर्थ है। वेद, मनुस्मृति, रामायण एवं महाभारत आदि ग्रन्थों में राजा के कर्तव्यों सहित एवं समाज एवं देश की सुव्यवस्था संबंधी वैदिक विधानों की भी चर्चा है। आर्यसमाज की सभी गतिविधियों का मुख्य […] Read more » Arya Samaj Featured Rishi Dayanand Why did Rishi Dayanand establish Arya Samaj आर्यसमाज की स्थापना ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म सत्संग का उत्तम साधन वेद, सत्यार्थप्रकाश आदि का स्वाध्याय February 10, 2018 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्संग की आवश्यकता होती है। सत्संग का अभिप्राय है कि हम जीवन को सुख, समृद्धि व सफलता आदि प्राप्त करने के लिए सत्य को जानें। यदि हमें सत्य का ज्ञान नहीं होगा तो हम सही निर्णय नहीं ले सकेंगे। हो […] Read more » Featured knowledge of Vedas Satyartha Prakash The best means of satsang वेद सत्यार्थप्रकाश सत्संग का उत्तम साधन
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के बोध से विश्व के सभी मनुष्यों का भाग्योदय February 7, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज आन्दोलन के संस्थापक और महाभारतकाल के बाद वैदिक धर्म के प्रचारक शिखर पुरुष ऋषि दयानन्द के बोध की इस लेख में चर्चा करते हैं। ऋषि दयानन्द का बचपन का नाम मूलशंकर था। उनके पिता कर्षनजी तिवारी थे। आप गुजरात राज्य के मोरवी जनपद के टंकारा नामक स्थान पर 12 फरवरी, 1825 […] Read more » Featured ऋषि दयानन्द दयानन्द विश्व के सभी मनुष्यों का भाग्योदय
समाज स्वस्थ जीवन का आधार ईश्वरोपासना, अग्निहोत्र,योगासन-व्यायाम एवं शुद्ध शाकाहारी भोजन February 5, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आज के समय की सबसे बड़ी समस्या मनुष्य का स्वास्थ्य ठीक न रहना है। स्वास्थ्य का सम्बन्ध हमारे सुखों एवं दीर्घायु से है। यदि हम स्वस्थ हैं तो हम सुखी हैं और दीर्घायु हो सकते हैं और यदि स्वस्थ नहीं तो फिर रोग के अनुसार हम दुःखी रहते हुए अस्पतालों के भारी […] Read more » Featured अग्निहोत्र ईश्वरोपासना योगासन-व्यायाम शाकाहारी शुद्ध शाकाहारी भोजन स्वस्थ जीवन का आधार
धर्म-अध्यात्म जीवात्माओं के शरीरों की आकृति व सामर्थ्य में भेद का कारण? February 4, 2018 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य जीवात्मा जन्म व मरण धर्मा है। ईश्वर की व्यवस्था से इसे अपने पूर्व जन्मों के कर्मानुसार जाति, आयु व भोग प्राप्त होते हैं। इन तीनों कार्यों को प्राप्त करने में यह परतन्त्र है। जीव जन्म लेने के बाद कर्म करने में तो स्वतन्त्र है परन्तु उनके फल इसे ईश्वर की व्यवस्था से […] Read more » Featured