धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज एवं आर्य संस्थाओं के आवश्यक कर्तव्य एवं दायित्व August 21, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में आर्यसमाज की पहचान एक ऐसे भवन के रूप में होती हैं जहां आर्यसमाजी लोग रविवार को एकत्रित होकर यज्ञ, भजन एवं प्रवचन का कार्य करते हैं और फिर सप्ताह के शेष दिन अपने व्यवसाय आदि के कार्यों में लगे रहते हैं। हमारा अनुमान है कि यदि सर्वे किया जाये […] Read more » आर्यसमाज आर्यसमाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य
धर्म-अध्यात्म सत्याचार और ईश्वरोपासना ईश्वर के प्रति हमारे दो प्रमुख कर्तव्य August 19, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम मननशील होने से मनुष्य कहे जाते हैं। मननशील का मुख्य गुण सोच विचार वा चिन्तन-मनन करना होता है। हम सभी मनुष्य मनन व चिन्तन करते ही हैं। मनुष्य को दो प्रकार का ज्ञान होता है। एक स्वाभाविक ज्ञान और दूसरा नैमित्तिक ज्ञान। स्वाभाविक ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रयत्न नहीं करना […] Read more »
राजनीति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को ओजस्वी, तेजस्वी, सारगर्भित एवं प्रेरणादायक सम्बोधन के लिए अभिनन्दन August 17, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वतन्त्रता दिवस के पुण्य अवसर पर देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को सम्बोधित किया। उनका सम्बोधन ओजस्वी, तेजस्वी, प्रभावशाली, प्रेरणादायक एवं प्रशंसनीय था। एक अच्छे व आदर्श प्रधानमंत्री से देशवासी जो अपेक्षा करते हैं वह सब बातें सूत्र व सिद्धान्त रूप में उन्होंने […] Read more » Featured ओजस्वी सम्बोधन तेजस्वी सम्बोधन नरेन्द्र मोदी प्रेरणादायक सम्बोधन लालकिले की प्राचीर सारगर्भित सम्बोधन
समाज स्वराज्य प्राप्ति व देश की आजादी के प्रथम उद्घोषक एवं प्रेरक ऋषि दयानन्द August 15, 2017 | Leave a Comment देश की आजादी की 70वीं वर्षगाठ पर मनमोहन कुमार आर्य हमारे देश को आठवीं शताब्दी व उसके बाद मुसलमानों ने गुलाम बनाया था और उसके बाद अंग्रेजों की ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने इस पर राज्य किया। वास्तविकता यह है कि सृष्टि के आरम्भ में मनुष्य सृष्टि तिब्बत में हुई थी। सारे विश्व के पूर्वज […] Read more » Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द
समाज सुखी जीवन के उपाय स्वाध्याय, साधना और सदाचार August 14, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में जितने भी प्राणी है वह सब सुख की कामना करते हैं, दुःख की कामना कोई भी नहीं करता। ईश्वर भी किसी को अपनी ओर से दुःख देना नहीं चाहता। उसने यह सारी सृष्टि मनुष्य आदि सभी प्राणियों के सुख के लिए बनाई है। फिर भी सभी प्राणी सुख व दुःख […] Read more » सदाचार साधना सुखी जीवन के उपाय स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म ऋषिकृत ईश्वरोपासना ग्रन्थ आर्याभिविनय का डा. भवानीलाल भारतीय द्वारा दिया गया परिचय और इसके आधार पर ईश्वर से की जाने चार प्रमुख प्रार्थनायें? August 11, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द जी के समस्त साहित्य में आर्याभिविनय ग्रन्थ का महत्वपूर्ण स्थान है। ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना अथवा उससे अपने मन की बात किस प्रकार से करनी चाहिये, इसे उन्होंने वेदमन्त्रों के सरल, सुबोध व सरस स्तुति व प्रार्थना परक अर्थ करके हमें प्रदान किया है। डा. भवानीलाल भारतीय, श्रीगंगानगरसिटी […] Read more » डा. भवानीलाल भारतीय
धर्म-अध्यात्म मृत्यु और हम August 10, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य यह समस्त जड़ चेतन रूपी संसार सादि व सान्त अर्थात् उत्पत्ति धर्मा और प्रलय को प्राप्त होने वाला है। सभी जड़ पदार्थ सत, रज व तम गुणों वाली मूल प्रकृति के विकार हैं। मनुष्य व प्राणियों के शरीरों पर विचार करें, तो पाते हैं कि इसमें हमारे व अन्यों के शरीर तो […] Read more » Death मृत्यु मृत्यु और हम
धर्म-अध्यात्म ऋग्वेद के आठवें मण्डल का संस्कृत-हिन्दी भाष्य वा भाषानुवाद विषयक जानकारी August 10, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द ने अपने जीवन में वेद प्रचार को सबसे अधिक महत्व दिया। सभी मत व सम्प्रदायों के बीच यदि भविष्य में कभी एकता हो सकती है तो केवल वेद के आधार पर ही हो सकती है। वेद ज्ञान की उपस्थिति में किसी इतर मत की आवश्यकता ही नहीं रह जाती क्योंकि […] Read more » ऋग्वेद
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के ध्यान चिन्तन में मनुष्य का मन क्यों नहीं लगता? August 10, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वेद, ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज का अनुयायी सत्यार्थप्रकाश सहित ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों सहित वेद एवं वैदिक साहित्य का स्वाध्याय व अध्ययन करता है और ईश्वर के सच्चे स्वरूप से परिचित होता है। वह जानता है कि सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, पवित्र, न्यायकारी, पक्षपातरहित एकमात्र ईश्वर ही सबका माता, […] Read more »
धर्म-अध्यात्म सभी हिन्दुओं और अन्य मतावलम्बियों के पूर्वज वैदिक धर्मी आर्य थे August 8, 2017 | 1 Comment on सभी हिन्दुओं और अन्य मतावलम्बियों के पूर्वज वैदिक धर्मी आर्य थे मनमोहन कुमार आर्य संसार का सबसे पुराना धर्म व संस्कृति कौन सी है? संसार में हिन्दू, पारसी, बौद्ध, जैन, ईसाई व मुस्लिम आदि मत व संस्कृतियां विद्यमान हैं परन्तु इनकी उत्पत्ति आज से अधिकतम तीन या चार हजार वर्ष पूर्व ही हुई है। ब्रह्माण्ड के इस पृथिवी गृह पर मानव सृष्टि की समय अब से […] Read more » आर्य वैदिक धर्मी आर्य
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन सफल कैसे बने? August 8, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हमारे मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या है और उसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है? इसका सरल उपाय तो वैदिक ग्रन्थों का स्वाध्याय है जिसमें ऋषि दयानन्द के ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, संस्कारविधि, आर्याभिविनय आदि का महत्वपूर्ण स्थान है। दर्शनों व उपनिषदों सहित वेदादि भाष्यों का अध्ययन भी उपयोगी है। मनुष्य जीवन का […] Read more » मनुष्य
धर्म-अध्यात्म गुरु विरजानन्द और ऋषि दयानन्द में परस्पर विद्या के आदान-प्रदान से देश व विश्व को अपूर्व व आशातीत लाभ हुआ August 4, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वामी दयानन्द ने अपने गुरु को विद्या का सूर्य कहा है। यह बात वही कह सकता है जो स्वयं विद्या का सूर्य हो और विद्या की सभी बारीकियों व सूक्ष्मताओं को बखूबी समझता हो। स्वामी दयानन्द का जीवन इस बात का प्रमाण है कि वह महाभारत काल के बाद विश्व भर में […] Read more » ऋषि दयानन्द गुरु विरजानन्द गुरु विरजानन्द और ऋषि दयानन्द