आर्थिकी उत्सर्जन व्यापार October 17, 2010 / December 21, 2011 | Leave a Comment -कल्पना पालखीवाला उत्सर्जन व्यापार, यानी उत्सर्जन की अंतिम सीमा निर्धारित करना और व्यापार प्रदूषण को नियंत्रित करने का बाजार आधारित दृष्टिकोण है जिसके तहत उत्सर्जन में कटौती करने वालों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। कोई केंद्रीय प्राधिकरण या नियामक वह सीमा/हद तय करता है जितनी मात्रा तक कोई प्रदूषक उर्त्सजन कर सकता है, […] Read more » Profession उत्सर्जन व्यापार
विविधा सस्ती शिक्षा-सबको शिक्षा October 17, 2010 / December 21, 2011 | 2 Comments on सस्ती शिक्षा-सबको शिक्षा – सुनील आम्बेकर मै छतीसगढ़ के चाम्पा में 17 सितम्बर, 2010 को प्रवास पर था। स्वाभाविक है की कई छात्रों से मिला। बाद मे दोपहर बाद जांजगीर व बिलासपुर गया था। शिक्षा के व्यापारीकरण एव व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ अभाविप द्वारा देशव्यापी चक्का जाम (16 सितम्बर) के सन्दर्भ में चर्चा कर रहा था। 11 वी […] Read more » Education शिक्षा
विविधा भारतीय के पासपोर्ट खोने की सज़ा मौत? October 15, 2010 / December 21, 2011 | 4 Comments on भारतीय के पासपोर्ट खोने की सज़ा मौत? -अजय कुमार बीता सोमवार का दिन एक तरफ जहां भारत के लिए खुशियों से भरा दिन रहा,- राष्ट्रमंडल खेलों के सफ़ल आयोजनों का सातवाँ दिन। पदक तालिका में दूसरा स्थान, सुशील को 28वाँ स्वर्ण, हॉकी में पाक को पटखनी। वगैरह-वगैरह। मगर इस खुशी के माहौल में एक महत्वपूर्ण ख़बर खो गई। वह ख़बर थी एक […] Read more » Passport पासपोर्ट
राजनीति वोटरों को भी सुरक्षा और बीमा कवर दीजिए October 15, 2010 / December 21, 2011 | 2 Comments on वोटरों को भी सुरक्षा और बीमा कवर दीजिए -हरेराम मिश्र बिहार में इन दिनों चुनावी सरगर्मियां बड़ी तेज हो गयी हैं। इस राज्य में इन दिनों विधान सभा के आम चुनाव हो रहे हैं। और इस चुनाव को निष्पक्षतापूर्वक निपटाने के लिए निर्वाचन आयोग ने भले ही कमर कस ली हो, लेकिन बिहार में आज भी यह दावे से कोई नहीं कह सकता […] Read more » voters बीमा वोटर
धर्म-अध्यात्म वैदिक सिंधु – सरस्वती सभ्यता October 15, 2010 / December 21, 2011 | 1 Comment on वैदिक सिंधु – सरस्वती सभ्यता – कृष्णनारायण पांडेय सिंधु, सरस्वती, गंगा तथा नर्मदा नदियों के क्षेत्र में हड़प्पा, मोहेनजोदड़ो में प्राप्त पुरातात्विक सामग्री के विस्तार से इस क्षेत्र में वैदिक प्रकृति पूजा की संस्कृति दृश्यमान है। 84 लाख योनियों के जीवों से अलग मनुष्य की जाति एक ही होती है अतः विश्व की सभी सभ्यताएं आर्य-अनार्य न होकर ‘मानव संस्कृति’ […] Read more » Vaidic hindu वैदिक सिंधु सरस्वती सभ्यता
धर्म-अध्यात्म भारत का योग दर्शन October 15, 2010 / December 21, 2011 | Leave a Comment – बजरंगलाल अत्रि दर्शनशास्त्र में योगदर्शन का विशेष महत्व है। इसीलिए भारतीय या वैदेशिक अथवा आस्तिक या नास्तिक समस्त दार्शनिक संप्रदाय किसी न किसी रूप में योग साधना करते हैं। इसका कारण है कि योगसाधना समस्त दर्शनों और विशेषकर सांख्यदर्शन का व्यवहारिक पक्ष है। योग दर्शन और साधना उतनी ही पुरानी है जितनी पुरानी मानव […] Read more » Yog योग
विविधा विकास की विडम्बना झेलते लोग October 14, 2010 / December 21, 2011 | 1 Comment on विकास की विडम्बना झेलते लोग -राखी रघुवंशी यह जरूरी नहीं कि सरकारी विकास योजनाएं हमेशा लोगों के लिए फायदेमंद ही हो। बल्कि कई बार ये उन्हीं लोगों को संकट में डाल देती है, जिनके हित में बनाई गई है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में इस तरह की कुछ घटनाएं सामने आई है, जो सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के तरीकों और नीतियों […] Read more » Developement विकास
प्रवक्ता न्यूज़ पत्रकार सौरभ मालवीय बने माखनलाल विवि के प्रकाशन अधिकारी October 14, 2010 / December 21, 2011 | 26 Comments on पत्रकार सौरभ मालवीय बने माखनलाल विवि के प्रकाशन अधिकारी भोपाल। युवा पत्रकार-लेखक सौरभ मालवीय तथा वरिष्ठ पत्रकार राघवेन्द्र सिंह माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के क्रमश: प्रकाशन अधिकारी व प्रकाशन प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। विदित हो कि माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से प्रसारण पत्रकारिता में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल करने वाले व वर्तमान में ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ विषय पर शोध कर रहे श्री […] Read more » Makhanlal Chaturvedi Patrakarita Vishwavidyalay माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय
प्रवक्ता न्यूज़ कला आलोचना में व्यापक संभावनाएं : मनीष October 13, 2010 / December 21, 2011 | Leave a Comment पत्रकारिता विश्वविद्यालय में चित्रकार मनीष पुष्कले का व्याख्यान भोपाल 13 अक्टूबर। रजा फेलोशिप से सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त चित्रकार मनीष पुष्कले का कहना है कि भारत में कला एवं सांस्कृतिक समीक्षा का स्तर दुनिया के तमाम देशों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ है। भारत में आलोचना केवल रिपोर्ताज तक ही सीमित है, इस कारण भारत में […] Read more » Art Criticism कला आलोचना
विविधा बिहार हाशिए पर क्यों? October 12, 2010 / December 21, 2011 | 1 Comment on बिहार हाशिए पर क्यों? -अनिल दत्त मिश्र बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है। मौर्य साम्राज्य, कौटिल्य का ‘अर्थशास्त्र’, नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय, जैन-बौध्द धर्म का उदय, स्वतंत्रता संग्राम में राजेन्द्र प्रसाद, सच्चिदानंद सिन्हा, मौलाना मजरूल हक आदि अग्रणी नेता इसी प्रांत से आते हैं। महात्मा गांधी ने चंपारण आंदोलन बिहार से शुरू करके स्वतंत्रता का सुत्रपात किया। जयप्रकाश नारायण, […] Read more » bihar बिहार
विविधा दिल्ली के तिलस्म को ललकारता भयावह सच October 12, 2010 / December 21, 2011 | 3 Comments on दिल्ली के तिलस्म को ललकारता भयावह सच -बंशीधर मिश्र एक तरफ वैभव का विराट सम्मेलन हो, उसमें गोते लगाते तमाम देशी-विदेशी मेहमान हों और दूसरी तरफ, भूख से बिलबिलाते बच्चे हों, बाढ़ में सब कुछ गंवा चुके यतीम यायावर हों, तो आप किसके साथ खड़े होंगे? यदि एक तरफ अरबों के खर्च पर बने ‘खेलों के गांव’ हों और दूसरी तरफ उजड़ […] Read more » Delhi दिल्ली
विविधा प्रवक्ता डॉट कॉम के दो साल पूरे होने पर ऑनलाइन लेख प्रतियोगिता October 12, 2010 / April 13, 2012 | 23 Comments on प्रवक्ता डॉट कॉम के दो साल पूरे होने पर ऑनलाइन लेख प्रतियोगिता ‘प्रवक्ता डॉट कॉम’ वेब पत्रकारिता का चर्चित मंच व वैकल्पिक मीडिया का प्रखर प्रतिनिधि है। इसकी शुरूआत 16 अक्टूबर, 2008 को हुई थी। ‘प्रवक्ता’ का उद्देश्य है जनसरोकारों से जुड़ी खबरों को लोगों तक पहुंचाना एवं विचारशील बहस को आगे बढ़ाना। विचार पोर्टल प्रवक्ता डॉट कॉम के दो साल पूरे होने पर एक ऑनलॉइन लेख […] Read more » Pravakta.com प्रवक्ता डॉट कॉम