लेख जीवन-मृत्यु का प्रश्न बनती कोचिंग के बोझ तले पढाई January 23, 2025 / January 23, 2025 | Leave a Comment प्रतिस्पर्धा के बीच जीवित रहने का संघर्ष करते बच्चे। स्कूली पढाई के बजाय कोचिंग के भयावह दौर में, छात्रों में आत्महत्या की प्रकृति और प्रवृत्ति का नए सिरे से अध्ययन करने की भी बहुत सख्त ज़रूरत है, क्योंकि देश की पूरी युवा बौद्धिक संपदा दांव पर लगी हुई है, जिसके दूरगामी गंभीर नतीजे पूरे राष्ट्र […] Read more » Studying under the burden of coaching becomes a matter of life and death. कोचिंग के बोझ तले पढाई
राजनीति कैसे वाजिब है 70-90 घंटे काम करना? January 21, 2025 / January 21, 2025 | Leave a Comment लंबे कार्य घंटों का महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए; इसके बजाय, टिकाऊ और कुशल कार्य अनुसूचियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो उत्पादकता और कर्मचारी कल्याण दोनों को बढ़ावा दें। संतुलित और प्रेरित कार्यबल बनाने के लिए समान वेतन संरचना और वास्तविक समावेशिता आवश्यक है। प्रणालीगत असमानताओं को पहचानना और उनका समाधान करना एक […] Read more » How is it reasonable to work 70-90 hours? वाजिब है 70-90 घंटे काम
लेख समाज ज्वलंत प्रश्न: युवा जोड़ों की निजता की समस्या January 21, 2025 / January 21, 2025 | Leave a Comment डॉ. सत्यवान सौरभ हाल ही में ओयो रूम्स ने घोषणा की कि अविवाहित जोड़ों को उसके साझेदार होटलों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। पायल कपाड़िया की पुरस्कार विजेता फ़िल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट एक युवा जोड़े, अनु और शियाज की यात्रा को दर्शाती है, जो निजी स्थान पाने के लिए संघर्ष करते […] Read more » Young couples' privacy issues युवा जोड़ों की निजता की समस्या
लेख आखिर प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा का कारण क्या है? January 15, 2025 / January 15, 2025 | Leave a Comment आंकड़ों के अनुसार, जो लोग आजीविका की तलाश में स्थानीय और क्षेत्रीय सीमाओं के पार जाते हैं, उन्हें अपने मेजबान समाज में स्थायी रूप से बाहरी समझे जाने का अपमान सहना पड़ता है। श्रमिकों को अक्सर टेलीविजन स्क्रीन पर दुखद घटनाओं के पात्र के रूप में दिखाया जाता है, जिससे उनके योगदान और उन्हें प्राप्त […] Read more » plight of workers श्रमिकों की दुर्दशा
राजनीति रिटायर्ड अफ़सरों के बोझ तले दबा आरटीआई का ढाँचा January 13, 2025 / January 13, 2025 | Leave a Comment सेवानिवृत्त अधिकारी उन विभागों के खिलाफ निर्णय लेने में संकोच कर सकता है, जिनके लिए उन्होंने कभी काम किया था, जिससे समझौतापूर्ण फैसले होते हैं। पारदर्शिता में विशेषज्ञता की कमी एक बड़ा मुद्दा है। सेवानिवृत्त सिविल सेवकों में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक विशेष ज्ञान की कमी हो सकती है, जो आरटीआई अधिनियम […] Read more » RTI structure burdened by retired officers आरटीआई का ढाँचा
धर्म-अध्यात्म जीवंत रीति-रिवाजों और परंपराओं से सजा मकर संक्रांति का उत्सव January 13, 2025 / January 13, 2025 | Leave a Comment हिंदू महाकाव्य महाभारत में मकर संक्रांति से जुड़े माघ मेले का उल्लेख है। हर बारह वर्ष बाद मकर संक्रांति पर कुंभ मेला आयोजित होता है, जो विश्व के सबसे बड़े सामूहिक तीर्थस्थलों में से एक है, जिसमें लाखों लोग आते हैं। संक्रांति को एक ऐसे देवता के रूप में पूजा जाता है, जिन्होंने, किंवदंतियों के […] Read more » Makar Sankranti celebration decorated with vibrant customs and traditions मकर संक्रांति
लेख युवा शक्ति की प्रेरणा January 11, 2025 / January 15, 2025 | Leave a Comment विश्व पटल पर आपसे, बढ़ा देश का मान।युवा विवेकानंद है, भारत का अभिमान॥ युवा विवेकानन्द नें, दी अद्भुत पहचान।युवा शक्ति की प्रेरणा, करे विश्व गुणगान॥ जाकर देश विदेश में, दिया यही संदेश।धर्म, कर्म अध्यात्म का, मेरा भारत देश॥ अखिल विश्व में है किया, हिन्दी का उत्कर्ष।हिंदी भाषा श्रेष्ठ है, है गौरव, है हर्ष॥ श्रेष्ठ हमारी […] Read more » युवा शक्ति की प्रेरणा
महिला-जगत राजनीति गायब होती बेटियाँ: आख़िर किसकी बन रहीं शिकार January 10, 2025 / January 10, 2025 | Leave a Comment हरियाणा के हिसार में लापता बेटी की खोज में परेशान एक पिता ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने सीएम के पास जाने से रोका तो दंपती ने आत्मदाह करने का प्रयास किया। घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री का काफ़िला हिसार दौरे पर था। पिता ने ख़ुद पर […] Read more » Disappearing daughters गायब होती बेटियाँ
कविता जाए अब किस ओर॥ January 9, 2025 / January 9, 2025 | Leave a Comment दीये से बाती रुठी, बन बैठी है सौत।देख रहा मैं आजकल, आशाओं की मौत॥ अपनों से जिनकी नहीं, बनती ‘सौरभ’ बात।ढूँढ रहे वह आजकल, गैरों में औक़ात॥ चूल्हा ठंडा है पड़ा, लगी भूख की आग।कौन सुने है आजकल, मजलूमों के राग॥ देख रहें हम आजकल, ये कैसा जूनून।जात-धर्म के नाम पर, बहे खून ही खून॥ […] Read more » जाए अब किस ओर॥
लेख स्वास्थ्य-योग ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को मात दे पायेगा भारत ? January 8, 2025 / January 8, 2025 | Leave a Comment भारत को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पहलों के माध्यम से निगरानी, निदान और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करके मानव मेटान्यूमोवायरस जैसे उभरते वायरल खतरों से निपटने के लिए अपने नियामक ढांचे को बढ़ाना चाहिए। वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ-साथ वैक्सीन और एंटीवायरल अनुसंधान में निवेश से ऐसे प्रकोपों को कम करने में मदद मिलेगी। कमजोर […] Read more » ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस
आर्थिकी लेख आखिर क्यों नहीं थम रहा रुपये में गिरावट का सिलसिला January 3, 2025 / January 3, 2025 | Leave a Comment निर्यात की तुलना में आयात में वृद्धि के कारण व्यापार घाटा बढ़ने से विदेशी मुद्रा का बहिर्वाह बढ़ता है, जिससे रुपया कमजोर होता है। कच्चे तेल और सोने के बढ़ते आयात के कारण 2022 में भारत का रिकॉर्ड व्यापार घाटा रुपये के मूल्यह्रास को बढ़ाता है। भारतीय रुपये में गिरावट बाहरी क्षेत्र की कमज़ोरियों के […] Read more » रुपये में गिरावट रुपये में गिरावट का सिलसिला
कविता महकें हर नवभोर पर, सुंदर-सुरभित फूल॥ January 1, 2025 / December 31, 2024 | Leave a Comment बने विजेता वह सदा, ऐसा मुझे यक़ीन।आँखों में आकाश हो, पांवों तले ज़मीन॥●●●तू भी पायेगा कभी, फूलों की सौगात।धुन अपनी मत छोड़ना, सुधरेंगे हालात॥●●●बीते कल को भूलकर, चुग डालें सब शूल।महकें हर नवभोर पर, सुंदर-सुरभित फूल॥●●●तूफानों से मत डरो, कर लो पैनी धार।नाविक बैठे घाट पर, कब उतरें हैं पार॥●●छाले पांवों में पड़े, मान न […] Read more »