खेल जगत सचिन से महान हैं सहवाग December 13, 2011 / December 13, 2011 | 4 Comments on सचिन से महान हैं सहवाग शादाब जफर शादाब दुनिया की हर मां अपने बच्चे को और दुनिया का हर बच्चा सचिन बनना चाहता है। वही हमारे देश में जब भी क्रिकेट की बात होती है सचिन और सुनील गावस्कर में कौन महान है सदैव इस पर ही चर्च होती है। बात क्रिकेट के भगवान की होती है तो सब से […] Read more » Cricket sachin tendulkar सचिन सहवाग
महिला-जगत @अन्नपूर्णा मित्तल; नारी पूजनीय है, नारी को भी ये याद रखना होगा? December 11, 2011 / December 11, 2011 | 5 Comments on @अन्नपूर्णा मित्तल; नारी पूजनीय है, नारी को भी ये याद रखना होगा? शादाब जफर शादाब आखिर कब रूकेगी औरतों पर होती यातनाएं, लेख प्रवक्ता पर पढा। अन्नपूर्णा मित्तल जी, आप एक महिला है और महिला होने के नाते आप ने जो भी लिखा, जो भी सुना वो सच नहीं। मुझे ये तो ज्यादा पता नहीं कि दुनिया मैं महिलाओं को लोग किस नजरिये से देखते है पर […] Read more » Woman औरत नारी महिला
लेख सिब्ब्ल जी अपने गिरेबान में भी झांकिये December 9, 2011 / December 10, 2011 | 4 Comments on सिब्ब्ल जी अपने गिरेबान में भी झांकिये शादाब जफर‘शादाब’ श्री इकबाल हिंदुस्तानी जी का लेख ‘यदि अन्ना कुवांरे होते तो सरकार उन्हे झुका लेती’ पढा ।लेखक ने अपने विचारो को आम आदमी के मन की अभिव्यक्ति दी। पर कहना चॉहूगा कि यदि अन्ना शादी शुदा होते तो सरकार के झुकाने की नौबत ही नही आती बल्कि अन्ना खुद ही झुक जाते। क्या […] Read more » corruption.inflation Kapil Sibbal सिब्ब्ल जी सिब्ब्ल जी अपने गिरेबान मैं भी झांकिये
लेख युवाओ की आत्महत्याओ का कारण December 7, 2011 / December 7, 2011 | 1 Comment on युवाओ की आत्महत्याओ का कारण शादाब जफर शादाब आधुनिकीकरण, सामाजिक असंतुलन, इंटरनेट, मोबाइल है युवाओ की आत्महत्याओ का कारण आज हमारी युवा पीढी को न जाने क्या हो रहा है? मॉ बाप और टीचरो की जरा जरा सी बातो और डाट फटकार पर खुदकशी की घटनाए बहुत तेजी से बढ रही है। साथ ही साथ स्कूल कालेजो में अपने सहपाठियो […] Read more » reasons to suicide for youths युवाओ की आत्महत्याओ का कारण
लेख आज पैसे की चमक ने पत्रकारिता को व्यवसाय बना दिया December 7, 2011 / December 7, 2011 | 1 Comment on आज पैसे की चमक ने पत्रकारिता को व्यवसाय बना दिया शादाब जफर शादाब बदलते समय और बदलती सोच के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन गिरावट आ रही है इस मुद्दे पर आज देश में गर्मा गरम बहस भी छिड चुकी है। देश के लोकतंत्र का मजबूत चौथा स्तम्भ कहा जाने वाला पत्रकारिता का क्षेत्र भी अब इस भ्रष्टाचार से अछूता नही रहा। आज […] Read more » corruption in media पत्रकारिता का व्यवसाय
आलोचना निर्मल रानी,कांग्रेस प्रेम में कडवा कडवा थू(निर्मलरानी के लेख पर जवाब) December 6, 2011 / December 6, 2011 | 5 Comments on निर्मल रानी,कांग्रेस प्रेम में कडवा कडवा थू(निर्मलरानी के लेख पर जवाब) शादाब जफर “ष्शादाब” निर्मल रानी जी ने “ष्मीठा मीठा गप कडवा कडवा थू” लेख लिखकर वास्तव में अपने मन की भडास और कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी के अलावा और कुछ नही किया। मुझे तरस आता है ऐसे पत्रकारो और टिप्पणीकारो पर जो अपनी लेखनी के साथ न्याय भी नही करते। उत्तर प्रदेश दरअसल हिंदुस्तान […] Read more » कांग्रेस प्रेम में कडवा कडवा थू
राजनीति गिलानी शांति पुरूष नही कुत्ते की पूंछ है! November 15, 2011 / December 3, 2011 | 3 Comments on गिलानी शांति पुरूष नही कुत्ते की पूंछ है! शादाब जफर शादाब भारत को दो दिन पहले ‘‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’’ का दर्जा देने के मामले में पाकिस्तान पल्टी खा गया। अपनी बात पर पाक दो दिन भी नही टिक सका और उसने अपनी असली सूरत दिखा ही दी। भारत ने अपने जिस पडोसी पाकिस्तान को 1996 में ही ‘‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’’ देश का दर्जा […] Read more » Pakistan Prime Minister प्रधानमंत्री युसुफ रज़ा ग़िलानी मोस्ट फेवर्ड नेशन
लेख राष्ट्रीय सौहार्द का उदाहरण थे मौलाना आजाद November 10, 2011 / December 4, 2011 | 2 Comments on राष्ट्रीय सौहार्द का उदाहरण थे मौलाना आजाद शादाब जफर शादाब जन्मदिन :- 11 नवम्बर पर विशॆष हिन्दुस्तान के ज़र्र ज़र्र से मौहब्बत की इन्तेहा रखने वाले देश भक्त मौलाना अबुल कलाम आजाद की आज योम ऍ पॆदाईश है। मौलाना आजाद का जन्म 11 नवम्बर 1888 र्इ को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था। इन के पिता का नाम मौलाना खैरूद्दीन […] Read more » Maulana Abul Kalam Azad मौलाना अबुल कलाम आजाद राष्ट्रीय सौहार्द
आलोचना तथाकथित उर्दू वालो से उर्दू को खतरा November 2, 2011 / December 5, 2011 | 1 Comment on तथाकथित उर्दू वालो से उर्दू को खतरा शादाब जफर ‘‘शादाब’’ आज शायरो और मुशायरा कन्वीनरो ने मुशायरो का रूख जिस तरफ मोड़ दिया है उसे उर्दू अदब, अदीब और मुस्लिम मुशायरे के हक में नही कहा जा सकता। आज मुशायरो में जिस तरह की शायरी कुछ तथाकर्थित शायरो के जरिये सुनने और देखने को मिल रही है उसे कही से कही तक […] Read more » urdu
लेख वृद्धजनों की पेंशन से सरकारी बाबुओ की दीवाली October 31, 2011 / December 5, 2011 | Leave a Comment शादाब जफर ”शादाब सन जैसे सफेद बाल जर्जर हडिृडयो के सहारे आखिरी सफर की ओर लठिया के सहारे बढ रही जिन्दगी फटे हुए कपडे हाथ में कागजो का थैला। हिलता ढुलता हुआ शरीर और लडखडाती जुबान। सरकारी दफ्तरो में बाबुओ की डाट फटकार आज देश के वृद्धजनों की ये तकदीर बन गई है। सरकारी बाबू […] Read more » Diwali old persons दीवाली वृद्धजनों की पेंशन
विधि-कानून हम भ्रष्ट हैं ? लोकपाल बिल पास होना चाहिए! October 31, 2011 / December 5, 2011 | 3 Comments on हम भ्रष्ट हैं ? लोकपाल बिल पास होना चाहिए! शादाब जफर ‘शादाब बचपन में कक्षा तीन या चार के कोर्स में एक कहानी थी। एक बूढा व्यक्ति अपनी मृत्यु करीब होने पर अपने पांच बेटों को बुलाकर लकड़ी का एक गठ्ठर उनके हाथो में देकर कहता है इसे तोड़ो पाचो बेटे बारी बारी से जोर लगाते है पर लकड़ी का गठठर नही टूटता। फिर […] Read more » lokpal लोकपाल
आलोचना असुविधाओं के बावजूद रेल सफर महंगा होगा ? October 25, 2011 / December 5, 2011 | Leave a Comment शादाब जफर”शादाब लगता है देश में रोज रोज बढती हुर्इ महंगार्इ से जल्द ही गरीब आदमी का पीछा छूटने वाला नही। खाध पदार्थ, पेट्रोल, डीज़ल, एलपीजी, दूध, बस के बढे हुए किराये से आज जहा आम आदमी की कमर टूटी हुर्इ है वही एक बार फिर यूपीए सरकार आम आदमी पर महंगार्इ का एक और […] Read more » train expenses असुविधाओ के बावजूद रेल सफर महंगा