समाज रमजान और स्वास्थ्य August 25, 2010 / December 22, 2011 | 6 Comments on रमजान और स्वास्थ्य -विजय कुमार कुछ दिन पूर्व दूरदर्शन पर एक मौलाना रमजान का महत्व बता रहे थे। पहले तो उन्होंने इसे अध्यात्म से जोड़ा और फिर स्वास्थ्य रक्षा और शरीर शुद्धि से। उन्होंने बताया कि जैसे अन्य धर्मों में व्रत और उपवास होता है, वैसे ही हमारे यहां रोजे होते हैं। रोजे को स्वास्थ्य से जोड़ने वाली […] Read more » Ramjan रमजान
समाज इफ्तार की दावत August 25, 2010 / December 22, 2011 | 3 Comments on इफ्तार की दावत -विजय कुमार रमजान का महीना प्रारम्भ होते ही इफ्तार की दावतों का दौर चल पड़ता है। जहां तक मुझे पता है, सूर्योदय से सूर्यास्त तक भूखे रहने के बाद जब मुसलमान कुछ खाते-पीते हैं, तो उसे इफ्तार कहते हैं; पर जो रोजा नहीं रखते, वे इफ्तार कैसे कर सकते हैं, यह मेरी समझ में नहीं […] Read more » Iftar इफ्तार
व्यंग्य छोटे नोटों की व्यथा-कथा August 18, 2010 / December 22, 2011 | 2 Comments on छोटे नोटों की व्यथा-कथा -विजय कुमार परसों मैं किसी काम से बैंक गया था। वापसी पर कोषागार के पास से निकला, तो लगा मानो वहां कुछ लोग बैठे बात कर रहे हैं। वे बार-बार अर्थनीति, विकास, घाटा, घोटाला जैसे शब्द प्रयोग कर रहे थे। पहली नजर में ऐसा लगा मानो कई बड़े अर्थशास्त्री और राजनेता बजट भाषण पर चिन्तन […] Read more » Story
विविधा सदानंद काकड़े : कर्मठ कार्यकर्ता August 18, 2010 / December 22, 2011 | 5 Comments on सदानंद काकड़े : कर्मठ कार्यकर्ता – विजय कुमार संगठन द्वारा निर्धारित कार्य में पूरी शक्ति झोंक देने वाले श्री सदाशिव नीलकंठ (सदानंद) काकड़े का जन्म 14 जून, 1921 को बेलगांव (कर्नाटक) में हुआ था। उनके पिता वहीं साहूकारी करते थे। बलिष्ठ शरीर वाले पांच भाई और नौ बहनों के इस परिवार की नगर में धाक थी। बालपन में उन्होंने रंगोली, […] Read more » Workers कार्यकर्ता सदानंद काकड़े
समाज जनगणना और हम August 17, 2010 / December 22, 2011 | 5 Comments on जनगणना और हम -विजय कुमार हर दस साल बाद होने वाली जनगणना का कुछ अंश पूरा हो चुका है, जबकि मुख्य काम (संदर्भ बिन्दु) नौ से 28 फरवरी, 2011 तक होगा। इससे संबंधित दो विषय महत्वपूर्ण हैं। एक है धर्म और जाति का, जबकि दूसरा भाषा और बोली का है। इन दोनों पर विचार कर हमें अपनी भूमिका […] Read more » Census जातीय जनगणना
विविधा संघर्ष, मुठभेड़ और युद्ध August 11, 2010 / December 22, 2011 | 2 Comments on संघर्ष, मुठभेड़ और युद्ध -विजय कुमार सामान्य रूप से ये तीनों शब्द लगभग एक से लगते हैं; पर इनमें बड़ा अंतर है। ये अलग-अलग संदर्भ में प्रयोग होते हैं और इसीलिए इनके नियम भी अलग-अलग ही हैं। खेल के मैदान में दो खिलाड़ी या दल जीतने के लिए भिड़ते हैं। खेल में कई बार, और अंतिम समय में तो […] Read more » War मुठभेड़ युद्ध संघर्ष
विविधा कश्मीर: समस्या और समाधान August 9, 2010 / December 23, 2011 | 7 Comments on कश्मीर: समस्या और समाधान -विजय कुमार कश्मीर घाटी एक बार फिर सुलग रही है। उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती या अन्य सेकुलरों के अनुसार इसका कारण है सेना की ज्यादती। उनकी राय है कि सेना को यदि स्थायी रूप से हटा दें, तो घाटी में स्थायी शांति हो जाएगी। मुख्यमंत्री तो बहुत समय से यह मांग कर रहे हैं; पर […] Read more » kashmir कश्मीर
खेल जगत गुलाममंडल खेल और नेहरू स्टेडियम August 8, 2010 / December 22, 2011 | 9 Comments on गुलाममंडल खेल और नेहरू स्टेडियम -विजय कुमार दिल्ली में होने वाले गुलाममंडल खेलों के उद्धाटन, समापन आदि के लिए बना जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम भी अंतत: तैयार हो ही गया। इसका नाम नेहरू स्टेडियम बिल्कुल ठीक ही रखा गया है, क्योंकि अंग्रेजों के जाने के बाद भारत में गुलाम परम्पराओं को जीवित रखने के सबसे बड़े अपराधी नेहरू ही हैं। […] Read more » Commamwealth Games राष्ट्रमंडल खेल
विविधा रामफल सिंह : समरसता के नव संशोधक August 3, 2010 / December 22, 2011 | 10 Comments on रामफल सिंह : समरसता के नव संशोधक – विजय कुमार अस्पृश्यता, जातिभेद तथा ऊंचनीच हिंदू परंपरा का अंग नहीं हैं। उक्त बीमारियां मुसलमान आक्रांताओं की देन हैं जिन्हें अंग्रेजों ने अपने हित के लिए खूब हवा दी। इस विचार को समाज में स्थापित कर समरसता अभियान को नयी दिशा देने वाले श्री रामफल सिंह का जन्म ग्राम मऊ मयचक (अमरोहा, उ.प्र.) में […] Read more » Ramfal Singh रामफल सिंह
विविधा सत्याग्रह और गांधी जी July 30, 2010 / December 22, 2011 | 4 Comments on सत्याग्रह और गांधी जी – विजय कुमार कुछ बातें कुछ लोगों के साथ चिपक जाती हैं, या यों कहें कि जबरन चिपका दी जाती हैं। कुछ ऐसा ही सत्याग्रह और गांधी जी के साथ है। निःसंदेह गांधी जी ने सत्याग्रह रूपी शस्त्र का प्रयोग कर जन-जन में स्वाधीन होने की इच्छा जगाई। लाखों लोग सड़कों पर उतरे। यद्यपि ऐतिहासिक […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी सत्याग्रह
धर्म-अध्यात्म हिंदू नेताओं पर हमलों का सबक July 20, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on हिंदू नेताओं पर हमलों का सबक – विजय कुमार डॉ. प्रवीण तोगड़िया और श्री श्री रविशंकर की तुलना करें, तो कई समानताएं और कई असमानताएं मिलेंगी। दोनों हिंदू हित के लिए काम कर रहे हैं। सदा मुस्कुराते रहने वाले, श्वेत वस्त्रधारी रविशंकर जी संन्यासी हैं और बंगलौर के पास अपने आश्रम को केंद्र बनाकर काम करते हैं। पूरे विश्व में उनके […] Read more » hindu Politician हिंदू नेता
विविधा विचार स्वातन्त्र्य की मर्यादा July 1, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -विजय कुमार किसी भी लोकतान्त्रिक देश में विचार स्वातन्त्र्य होना ही चाहिए। फिर भी इस विषय पर बार-बार विवाद खड़े होते हैं। प्राय: लोग इसे राजनीति में घसीटकर इस या उस दल को कटघरे में खड़ा कर देते हैं। इस संदर्भ में कानून भी अस्पष्ट और ढीले हैं। कुछ समय पूर्व भाजपा नेता जसवंत सिंह […] Read more » independence विचार स्वातन्त्र्य