भजन : बंसी महिमा

तर्ज : ब्रज गीत

मु : बंसी बाजी है कदम की डार– २
नाचें (झूमें ) ब्रज की नारी

अ १: कन्हैया ने है मुरली बजाई
सारी सखिया दौड़ी आयी
मि: सब गावें -२ गीत मल्हार
बंसी बाजी है कदम की डार– २

अ २: अम्बर से सब देव निहारें (देवी देवता सभी निहारें )
लीला देख मन में हर्षावें
मि: सब करें फूलों की बौछार
बंसी बाजी है कदम की डार– २

अ ३: प्रभु ने ऐसो खेल रचायो,
कोई याको पार न पायो
मि: ये लीला -२ है अपरम्पार
बंसी बाजी है कदम की डार– २

अ ४: नन्दो राकेश ने भजन सुनायो
बांके बिहारी की महिमा गायो
हमे दर्शन -२ दो सरकार
बंसी बाजी है कदम की डार– २

नन्दो भैया हाथरसी

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