बॉस्टन, मॅसॅच्युसेट्स, अमरिका में “हिन्दू परम्परा दिवस” की घोषणा

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डॉ. मधुसूदन

american governor(एक) मॅसॅच्युसेट्स के महामहिम राज्यपाल  श्री. चार्ल्स डी. बेकर ने, १६ मई २०१५ का दिन, *हिन्दू परम्परा दिवस* घोषित कर, हमारी *॥कृण्वन्तो विश्वं आर्यं॥* की परम्परा को गौरवान्वित किया है। इस गौरव के प्रशस्ति पत्र का अनुवाद नीचे प्रस्तुत करने में लेखक गौरव अनुभव करता है।
(
दो) घोषणा पत्र का हिन्दी अनुवाद।
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बॉस्टन  मॅसॅच्युसेट्सअमरिका में  “हिन्दू परम्परा दिवस” की घोषणा

मॅसॅच्युसेट्स के कॉमन-वेल्थ (प्रजा का साझा राज्य) की अधिकृत-घोषणा:
मॅसॅच्युसेट्स के राज्यपाल (Governor) की ओर से राज-घोषणा द्वारा इस वर्ष, मई १६ -२०१५ का दिन हिन्दू परम्परा दिवस घोषित किया गया है; और —

क्यों कि, हिन्दू धर्म, विश्व का ३रा, सर्वाधिक जनसंख्या वाला धर्म है; २ मिलियन अमरिकावासियों सहित, जिसके, विश्व भर में ९०० मिलियन अनुयायी फैले हैं; और

कारण कि, हिन्दू परम्पराएँ, संस्कृतितथा रूढियाँ  जीवन की अनेक समस्याओं का अमूल्य समाधान उपलब्ध कराती हैं; और

कारण कि, करोडों लोगों के लिए, जिन्हों ने भी, हिन्दु धर्म से शिक्षा तथा मार्गदर्शन चाहा, उन्हें चिन्तन एवं मनन का प्रेरणा स्रोत बनकर सेवा देता है; और

कारण कि, अपनी यशस्वी तथा प्रभावी एवं संवेदनशील हिन्दू अमरिकन प्रजा ने राज्य की चेतना में, प्रचण्ड योगदान दे कर, राज्य के नागरिकों का जनजीवन समृद्ध किया है: और

कारण कि, आज राज्य का हिन्दू समाज एकत्रित होगा, और अपनी परम्पराओं एवं संस्कृति को लक्ष्य कर, आध्यात्मिक विविधता में एकता की परम्परा का दर्शन कराने वाली विविध परम्पराओं का, जिनकी  सांस्कृतिक जडे भारत में हैं, उनका उत्सव मनाएगा।

इस हेतु, मैं, चार्ल्स डी. बेकर -कॉमनवेल्थ ऑफ़ मॅसॅच्युसेट्स के राज्यपाल के पद से, मई १६ -२०१५ का दिवस

*हिन्दू परम्परा दिवस* घोषित करता हूँ।

तथा समस्त राज्य के सभी नागरिकों को इस उत्सव का संज्ञान लेने  तथा इस उत्सव में यथोचित तथा यथासंभव सम्मिलित होने का अनुरोध  करता हूँ।

यह घोषणा, एक्सिक्युटिव चेम्बर ऑफ कॉमर्स बॉस्टन में, १ ली मई २०१५ को, जो
अमरिका की स्वतंत्रता के २३८, का भी वर्ष होता है,की गई।

हस्ताक्षर– महामहिम, चार्ल्स डी. बेकर -कॉमनवेल्थ ऑफ़ मॅसॅच्युसेट्स के राज्यपाल
हस्ताक्षर– कॅरेन इ पॉलिटोकॉमनवेल्थ ऑफ़ मॅसॅच्युसेट्स की  उप-राज्यपालिनी
हस्ताक्षर–  विलियम फ्रॅन्सीस गॅल्विन -सचिवकॉमनवेल्थ ऑफ़ मॅसॅच्युसेट्स
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घोषणा पत्र का अंत———-

यह १९ वाँ, परम्परा दिवस है, जो, दुपहर ३ बजे से ८ बजे तक चलेगा। इसमें बाल-युवाओं का नृत्य, गीत, वाद्य-संगीत, नाटिकाएँ इत्यादि सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। मेले में अलग अलग दुकानें, अल्पाहर, प्रदर्शनी, मेहंदी, पतंग, और खेल आयोजित किए जाएंगे।

प्रायः हजार बारह सौ की संख्या में, प्रवासी भारतीय प्रजाजन इस का लाभ लेते है।राज्य के नगरों से, दूर दूर से इस मेले में सम्मिलित होने भारतीय परिवार आजे हैं।
बाल शिशु और युवाओं के आकर्षक कार्यक्रमों के कारण, गत १९ वर्षॊं से यह मेला-युक्त हिन्दू परम्परा दिवस बहुत लोकप्रिय हुआ है।  
एक शाला का क्रीडांगण, और उसका विशाल सभाकक्ष इत्यादि का उपयोग किया जाता है। इस परम्परा दिवस का आयोजन विश्व हिन्दू परिषद की मॅसॅच्युसेट्स शाखा द्वारा किया जाता है।परिषद के कर्मठ एवं समर्पित कार्यकर्ता महीनों तक, आयोजन के प्रबंधन की व्यवस्था में लगे हुए होते हैं।

(तीन)हमारी समन्वयी वृत्ति

हिन्दुओं ने यहाँ सार्वजनिक जनजीवन में अपनी सह-अस्तित्ववादी संस्कृति का परिचय देकर स्थानिक जीवन को अपने योगदान से समृद्ध किया है। इसी कारण, अनेक स्थानो पर हमारी सांस्कृतिक अवधारणाओं का और हिन्दू जनता का,उदार मनोवृत्ति रखने वालों द्वारा, स्वागत होता है।

(चार) घोषणा का श्री गणेश
मैं कहते हुए, गौरव का अनुभव करता हूँ, कि, हिन्दू परम्परा दिवस की राज्य द्वारा घोषणा का श्री गणेश, हमारी University Of Massachusetts at Dartmouth के विश्वविद्यालय से हुआ था। इसका श्रेय डॉ. बलराम सिंह, जो उस समय सेन्टर ऑफ इन्डिक स्टडिज़ के अध्यक्ष थे, और जो हिन्दू संस्कृति से गौरवान्वित अनुभव करते हैं, उनके दृढ प्रयासों  को जाता है।पहली बार के प्रयास के बाद,यह परम्परा ही बन गयी। अब इस दिवस की घोषणा स्वयं एक रूढी बन चुकी  है। 
॥ कृण्वन्तो विश्वं आर्यम्‌॥

 

3 COMMENTS

  1. विद्वान श्री. सुरेश करमरकर जी, और आ. ह्वाइस एयर मार्शल विश्व मोहन तिवारी जी।
    विलम्ब हुआ, पर आप दोनों विद्वानो के शब्द मैं ने कार्यकर्ताओं को सुनाएं। वे भी सराहना से प्रोत्साहित हुए हैं। आप दोनों विद्वानों का सभी की ओरसे धन्यवाद करता हूँ। कुछ सप्ताह से प्रवास पर और व्यस्त था, तो देर हुयी। पर आप के विषय में जब उन्हें बताया तो वे भी हर्षित हुए।
    कार्यकर्ताओं की ओरसे धन्यवाद।
    कृपांकित मधुसूदन

  2. “हिन्दू परम्पराएँ, संस्कृति, तथा रूढियाँ जीवन की अनेक समस्याओं का अमूल्य समाधान उपलब्ध कराती हैं; “- USA has realized this truth – better late than never.
    It is welcome omen and we should continue to follow our Hindu way of life’ with well deserved pride.
    vmt

  3. मधुसूदनजी,बहुत बहुत अभिनन्दन ,साधुवाद,आप लोगों ने अमेरिका में रहकर भारत और विशेषकर हिन्दू परम्परा के महत्व को एक शासकीय मान्यता के रूप में आकार दिया. हम आपके आभारी हैं.

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