बच्चों का पन्ना बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है करोड़ों बच्चे November 14, 2013 / November 14, 2013 by ब्रह्मदीप अलुने | 1 Comment on बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है करोड़ों बच्चे बाल दिवस पर विशेष – प्रो. ब्रह्मदीप अलुने भारत की कुल आबादी में 18 वर्ष से कम आयु की संख्या लगभग 42करोड़ है। यहां प्रतिवर्ष जन्म लेने वाले कुल 2.6करोड़ बच्चों में से लगभग 20लाख से अधिक बच्चों की मृत्यु हो जाती है, जिनमें से 40प्रतिशत बच्चो की मृत्यु कुपोषण के कारण होती है । […] Read more »
बच्चों का पन्ना हाथी बड़ा भुखेला November 13, 2013 / November 13, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 3 Comments on हाथी बड़ा भुखेला हाथी बड़ा भुखेला अम्मा, हाथी बड़ा भुखेला| खड़ा रहा मैं ठगा ठगा सा, खाये अस्सी केला अम्मा, खाये अस्सी केला| सूंड़ बढ़ाकर रोटी छीनी, दाल फुरककर खाई| चाची ने जब पुड़ी परोसी, लपकी और उठाई| कितना खाता पता नहीं है, पेट बड़ा सा थैला अम्मा, पेट बड़ा सा थैला| चाल निराली थल्लर थल्लर, चलता है […] Read more » हाथी बड़ा भुखेला
बच्चों का पन्ना खूबसूरत बच्चा October 15, 2013 / October 15, 2013 by शादाब जाफर 'शादाब' | Leave a Comment बाल कहानीः-शादाब जफर‘‘शादाब‘‘ एक बार अकबर बादशाह ने बीरबल से कहा की बीरबल आज हम दुनिया का सब से खूबसूरत बच्चा देखना चाहते है अतः दरबार में हमारे सामने शाम होने से पहले पहले तुम दुनिया का सब से खूबसूरत बच्चा पेश करो। अगर तुम ऐसा नही कर पाये तो तुम्हे जान से हाथ धोना […] Read more » खूबसूरत बच्चा
बच्चों का पन्ना चुना जायेगा नेता मच्छर October 4, 2013 / October 4, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment मच्छरजी ने जन्म दिवस पर,किया खूब हो हल्ला| बोला मित्रों के कानों में हँसकर चिल्ला चिल्ला| आज हमारा जन्म दिवस है,तोहफा लेकर आना| बदले में मैं खिलवाऊंगा,अच्छा मँहगा खाना| कई दिनों तक नेताओं का, खून पिया है मैंनें| जमा किया स्विस बैंकों में, जाकर पिछले महीने| अगर गिफ्ट अच्छा लाये, तो वही खून पिलवाऊँ| काले […] Read more » चुना जायेगा नेता मच्छर
बच्चों का पन्ना नाना आये October 3, 2013 / October 3, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment नाना आये, नाना आये, आज हमारे नाना आये| बोला तो था पिज्जा बर्गर, नाना चना चबेना लाये| ये मनमानी थी नानाकी, नाना की थी ये मनमानी| बात हमारी क्यों ना मानी, करना अपने मन की ठानी| हमने मांगे थे रसगुल्ले, नाना भुना चिखोना लाये| नाना को मैंनेँ बोला था, बोला था मैंनें नाना को आज […] Read more » नाना आये
बच्चों का पन्ना अनुशासन हीन को सजा September 30, 2013 / September 30, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment खड़ी परीक्षा सिर पर थी, दिन शेष बचे थे चार| भालू को पढ़ने न देता, रूम पार्टनर सियार| नोट्स किया करता था भालू, जैसे ही तैयार| फाड़ फूड़ कर सियार भाई, कर देते बेकार| कड़क जेब थी भालूभाई, लाये पेन उधार| जैसे मौका मिला सियार को, पेन कर दिया पार| कष्ट देखकर भालूजी का, सबने […] Read more » अनुशासन हीन को सजा
बच्चों का पन्ना हाथी भैया का ब्याह September 21, 2013 / September 21, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 1 Comment on हाथी भैया का ब्याह चूहे के छोटे से बिल में, चार चार हाथी घुस आये| डर के मारे बिल के सारे, चूहे बहुत बहुत घबराये| तब चूहों के ‘मुखिया दादा’, सभी हाथियों पर चिल्लाये| बहू बेटियों वाले घर में, बिना इजाजत क्यों घुस आये| हाथी बोले बहू बेटियों , को हम ढेरों तोहफे लाये | बचा एक […] Read more » हाथी भैया का ब्याह
बच्चों का पन्ना कौवा और कोयल September 21, 2013 / September 21, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment रखे टोकरी सिर पर कोयल, इठलाते इठलाते आई| कौवे के घर की चौखट पर, “सब्जी ले ले” टेर लगाई | कौवा बोला नहीं पता क्या? कितनी ज्यादा है मँहगाई| सब्जी लेने के लायक अब , नहीं रहा है तेरा भाई| ऐसा कहकर कौवेजी ने, आसमान में दौड़ लगाई| फिर नीचे आकर मुन्ना की, […] Read more » poem for kids कौवा और कोयल
बच्चों का पन्ना भूल गये मोबाईल| September 20, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment भूल गये मोबाईल| आफिस जाते जाते भालू , भूल गये मोबाईल| मार किसी ने टक्कर उनको, किया सड़क पर घायल| कैसे हाय हलो कर पाते, कैसे हाल बताते| किसी तरह वापिस घर आये, रोते और चिल्लाते| अब तो रस्सी डाल गले में , मोबाईल को […] Read more »
बच्चों का पन्ना बादलजी September 10, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment तितली उड़ती,चिड़िया उड़ती, कौये कोयल उड़ते| इनके उड़ने से ही रिश्ते, भू सॆ नभ के जुड़ते|| धरती से संदेशा लेकर , पंख पखेरु जाते| गंगा कावेरी की चिठ्ठी, अंबर को दे आते| पूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर दक्षिण जाते| भारत की क्या दशा हो रही , मेघों को बतलाते| संदेशा सुनकर बादलजी, हौले […] Read more »
बच्चों का पन्ना हमें उजाला करना है September 4, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment रुपये एकत्रित करना है| हमको गुल्लक भरना है| इन रुपयों से वृद्धों की, हमको सेवा करना है| गली सड़क में इधर उधर, बूढ़े ठेड़े दिख जाते| लाचारी में बेचारे, पीते न कुछ खा पाते| इनकी झोली भरना है| इन्हें मदद कुछ करना है| कपड़े इनके पास नहीं, सरदी गरमी सह जाते| सहन नहीं जो कर […] Read more » हमें उजाला करना है
बच्चों का पन्ना जन मन गण गाओ August 20, 2013 / August 20, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment झूठों, पर चाबुक बरसाओ, सच को ही बस गले लगाओ| परम्परायें जो भारत की, लोगों को जाकर समझाओ| हरिश्चन्द्र की कथा कहानी, एक बार फिर से बतलाओ| नवल धवल है कोरी चादर, इस पर काजल नहीं लगाओ| झाँसी की रानी के किस्से, भूलों भटकों को सुनवाओ| गौतम गाँधी महावीर पर, एक चित्त हो ध्यान लगाओ| […] Read more » जन मन गण गाओ