धर्म-अध्यात्म वेदों ने विद्या प्राप्त मनुष्यों के लिये द्विज शब्द का प्रयोग किया है July 23, 2021 / July 23, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में दो प्रकार के लोग हंै जिन्हें हम शिक्षित एवं अशिक्षित तथा चरित्रवान एवं चारीत्रिक दृष्टि से दुर्बल कह सकते हैं। सृष्टि के आरम्भ में वेदोत्पत्ति से पूर्व न तो भाषा थी, न ज्ञान और न ही किसी प्रकार का शब्द भण्डार। यह सब वेदों की देन है। वेदों की रचना वा […] Read more » द्विज शब्द
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख जय जगदीश हरे आरति के रचयिता पण्डित श्रद्धाराम फिल्लौरी July 16, 2021 / July 16, 2021 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव भारतवर्ष ही नहीं अपितु देश-दुनिया में कई देशों के सनातन धर्मावलम्बियों, वैष्णवों, साधु-संतों व ईश्वर के प्रति उत्कट प्रेम करने वाले भक्तों के हृदयों को पण्डित श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा सन 1870 में 32 वर्ष की आयु में रचित आरति ’’ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे, भक्तजनों के संकट क्षण में […] Read more » पण्डित श्रद्धाराम फिल्लौरी
धर्म-अध्यात्म सृष्टि की आदि-ज्ञान-पुस्तक वेद का महत्व और हमारा कर्तव्य July 16, 2021 / July 16, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने अपना जीवन ईश्वर के सत्यस्वरूप की खोज एवं मृत्यु पर विजय पाने के उपायों को जानने के लिये देश के अनेक स्थानों पर जाकर विद्वानों की संगति व दुर्लभ पुस्तकों के अध्ययन में बिताया था। इस प्रयोजन के लिये ही उन्होंने अपने माता–पिता सहित बन्धु–बान्धवों, कुटुम्बियों व जीवन […] Read more » वेद का महत्व और हमारा कर्तव्य
धर्म-अध्यात्म वैदिक मंत्रों में ही निहित होते हैं मंत्र देवता का नाम अर्थात विषय July 14, 2021 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”वैदिक मतानुसार जिसे शब्दों में वर्णन किया जा सके, उसे पदार्थ कहा जाता है, और दिव्य गुण युक्त पदार्थ को देवता कहते हैं। वर्णन करने योग्य दिव्य ज्ञान युक्त पदार्थ व्यक्त अथवा अव्यक्त दोनों हो सकते हैं, क्योंकि परमात्मा से लेकर पृथ्वी पर्यंत सभी पदार्थ वर्णनीय हो सकते हैं, और यदि उसमें कोई दिव्य […] Read more » वैदिक मंत्रों में ही निहित होते हैं मंत्र देवता का नाम
धर्म-अध्यात्म सत्याचरण से अमृतमय मोक्ष की प्राप्ति मनुष्य जीवन का लक्ष्य July 14, 2021 / July 14, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहमारी जीवात्माओं को मनुष्य जीवन ईश्वर की देन है। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान होने के साथ सर्वज्ञ भी है। उससे दान में मिली मानव जीवन रूपी सर्वोत्तम वस्तु का सदुपयोग कर हम उसकी कृपा व सहाय को प्राप्त कर सकते हैं और इसके विपरीत मानव शरीर का सदुपयोग न करने के कारण हमें […] Read more » The goal of human life is to attain nectar of salvation through truthfulness. सत्याचरण से अमृतमय मोक्ष की प्राप्ति
धर्म-अध्यात्म मनुष्य की ही तरह पशु-पक्षियों को भी जीनें का अधिकार है July 13, 2021 / July 13, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यपरमात्मा ने संसार में जीवात्माओं के कर्मों के अनुसार अनेक प्राणी-योनियों को बनाया है। हमने अपने पिछले जन्म में आधे से अधिक शुभ व पुण्य कर्म किये थे, इसलिये ईश्वर की व्यवस्था से इस जन्म में हमें मनुष्य जन्म मिला है। जिन जीवात्माओं के हमसे अधिक अच्छे कर्म थे, उन्हें अच्छे माता-पिता व […] Read more »
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज के गौरव, वैदिक धर्मानुरागी एवं ऋषिभक्त स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती July 7, 2021 / July 9, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment स्वामी प्रणवानन्द जी को 75वें जन्मदिवस पर बधाई-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी (जन्म दिवस 7-7-1947) आर्यजगत् के विख्यात संन्यासी है। आपने अपना पूरा जीवन वैदिक धर्म और आर्यसमाज की सेवा में लगाया है। आप ने आर्ष पाठविधि से गुरुकुल झज्जर तथा गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार में अध्ययन किया है। स्वामी ओमानन्द सरस्वती तथा डा. […] Read more » आर्यसमाज के गौरव वैदिक धर्मानुरागी एवं ऋषिभक्त स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म ऋषियों का सन्देश कि संसार के सभी प्राणियों में एक समान आत्मा है July 6, 2021 / July 6, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहम मनुष्य हैं। हम वेदों एवं अपने पूर्वज ऋषियों आदि की सहायता से जानते हैं कि संसार में जितनी मनुष्येतर योनियां पशु, पक्षी, कीट-पतंग व जीव-जन्तु आदि हैं, उन सबमें हमारी आत्मा के समान ही एक जैसी जीवात्मा विद्यमान है। यह जीवात्मा शरीर से पृथक एक सत्य, सनातन एवं चेतन सत्ता है। जीवात्मा […] Read more » संसार के सभी प्राणियों में एक समान आत्मा है
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द की प्रमुख देन चार वेद और उनके प्रचार का उपदेश July 1, 2021 / July 1, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार का मार्ग क्यों चुना? इसका उत्तर है कि उनके समय में देश व संसार के लोग असत्य व अज्ञान के मार्ग पर चल रहे थे। उन्हें यथार्थ सत्य का ज्ञान नहीं था जिससे वह जीवन के सुखों सहित मोक्ष के सुख से भी सर्वथा अपरिचित व वंचति थे। महर्षि दयानन्द […] Read more » महर्षि दयानन्द की प्रमुख देन चार वेद
धर्म-अध्यात्म गुरुकुल मंझावली की स्थापना की पृष्ठभूमि एवं संक्षिप्त इतिहास June 26, 2021 / June 26, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।आर्ष गुरुकुल गौतमनगर, दिल्ली के अन्तर्गत सम्प्रति आठ गुरुकुलों का संचालन हो रहा है। गुरुकुल गौतमनगर अन्य सभी गुरुकुलों की केन्द्रीय शाखा है। हरयाणा राज्य के फरीदाबाद जिले में यमुना तट पर स्थित गुरुकुल गौतमनगर की पहली शाखा गुरुकुल मंझावली की स्थापना स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने 5 जून, सन् 1994 को […] Read more » गुरुकुल मंझावली
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की एक प्रमुख देन सृष्टि का प्रवाह से अनादि होने का सिद्धान्त June 25, 2021 / June 25, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द ने देश और संसार को अनेक सत्य सिद्धान्त व मान्यतायें प्रदान की है। उन्होंने ही अज्ञान तथा अन्धविश्वासों से त्रस्त विश्व व सभी मतान्तरों को ईश्वर के सत्यस्वरूप से अवगत कराने के साथ ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना तथा उपासना एवं अग्निहोत्र यज्ञ का महत्व बताया तथा इनके क्रियात्मक स्वरूप को पूर्ण […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म सत्य सनातन वैदिक सिद्धान्तों के प्रभावशाली प्रचारक थे कीर्तिशेष प्रा. अनूप सिंह June 25, 2021 / June 25, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आज 20वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि –मनमोहन कुमार आर्य आज आर्य विद्वान कीर्तिशेष श्री अनूप सिंह जी की 20वीं पुण्य तिथि है। इस अवसर पर हम उनको सादर नमन करते हैं। हम उनके ऋणी हैं। उनके व्यक्तित्व से हम प्रभावित हुए थे। हमारा आर्यसमाज की सदस्यता ग्रहण करने का कारण जहां ऋषि दयानन्द जी का […] Read more » प्रा. अनूप सिंह