धर्म-अध्यात्म शिवरात्रि पर मूलशंकर को बोध ने वेदोद्धार कर अविद्या को दूर किया February 7, 2020 / February 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने देश-विदेश को एक नियम दिया है ‘अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करनी चाहिये’। इस नियम को संसार के सभी वैज्ञानिक एवं सभी विद्वान मानते हैं । आर्यसमाज में सभी विद्वान अनुभव करते हैं कि देश में प्रचलित सभी मत-मतान्तर इस नियम का पालन करते हुए दिखाई […] Read more » शिवरात्रि पर मूलशंकर को बोध
धर्म-अध्यात्म हमारे जीवन के कुछ प्रमुख दिवंगत एवं जीवित आर्य मित्र February 6, 2020 / February 6, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा जन्म एक अल्प शिक्षित पिता श्री भगवानदीन तथा अपढ़ माता श्रीमती रामकली जी से 26 जुलाई, सन् 1952 को हुआ था। हमारे पिता एक श्रम से जुडे स्किल्ड श्रमिक का कार्य करते थे और अपनी तकनीकी योग्यता के कारण जीवन के अन्तिम दिनों दिसम्बर, 1978 तक कार्य करते रहे। हमारी […] Read more » प्रमुख दिवंगत एवं जीवित आर्य मित्र
धर्म-अध्यात्म सनातन वैदिक धर्मियों के लिये राष्ट्र वन्दनीय है तथा सत्यार्थप्रकाश इसका पोषक है February 4, 2020 / February 4, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में मत–मतान्तर तो अनेक हैं परन्तु धर्म एक ही है। वेद ही एकमात्र सर्वाधिक व पूर्ण मानवतावादी धर्म है। वेद में निर्दोष प्राणियों, मनुष्य व पशु–पक्षी आदि किसी के प्रति भी, हिंसा करने का कहीं उल्लेख नहीं है। वेद की विचारधारा मांसाहार को सबसे बुरा मानती है। वेद मनुष्य को […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की? February 4, 2020 / February 4, 2020 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की? -मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में उत्पन्न हुए हैं व वर्षों से रह रहे हैं। जन्म से पूर्व हम कहां थे, क्या करते थे, हम कुछ नहीं जानते हैं? इस जन्म से पूर्व की सभी बातों को हम भूल चुके हैं। ऐसा होना स्वाभाविक ही है। हम बहुत सी बातों को जो कुछ […] Read more » ईश्वर ईश्वर ने संसार की रचना ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की
धर्म-अध्यात्म परमात्मा ने संसार सत्पुरुषों के सुख व आत्म कल्याण के लिये बनाया है February 4, 2020 / February 4, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना और न ही यह पौरुषेय रचना है। इस संसार को मनुष्य अकेले व अनेक मिलकर भी नहीं बना सकते। हमारा यह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, सौर मण्डल तथा ब्रह्माण्ड अपौरुषेय और ईश्वर से रचित हैं। प्रश्न किया जा सकता है कि परमात्मा ने यह संसार क्यों […] Read more » परमात्मा
धर्म-अध्यात्म ईश्वर न होता तो क्या यह संसार और प्राणी जगत होता? February 3, 2020 / February 4, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम अपनी आंखों से भौतिक जगत वा संसार का प्रत्यक्ष करते हैं। इस संसार में सूर्य, पृथिवी, चन्द्र व अनेक ग्रह-उपग्रह हैं। हमारे सौर मण्डल के अतिरिक्त भी सृष्टि में असंख्य व अनन्त लोक-लोकान्तर एवं सौर्य मण्डल हैं। यह सब आकाश में विद्यमान हैं और अपनी धुरी सहित अपने-अपने सूर्य-सम मुख्य […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म क्या सनातन वैदिक धर्म अमर है और इसके सभी अनुयायी सुरक्षित हैं? January 28, 2020 / January 28, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार का सबसे पुराना धर्म और संस्कृति वेद और वैदिक धर्म है। वैदिक मान्यताओं के अनुकूल व अनुरूप ही जीवन शैली से सम्बन्धित सभी विचार, मान्यतायें एवं परम्परायें वैदिक संस्कृति का निर्माण करती हैं व कहलाती हैं। जो मान्यता व कर्म वेदानुकूल हों, वही मनुष्यों के लिये करने योग्य होता है […] Read more » सनातन वैदिक धर्म सनातन वैदिक धर्म अमर है
धर्म-अध्यात्म जानिए कपूर के उपयोग एवम लाभ को January 27, 2020 / January 27, 2020 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment हिंदू धर्म में पूजा में यदि कपूर को शामिल न किया जाए, तो पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके प्रयोग से घर की नकारात्मक ऊर्जा तो दूर होती ही है, यह सेहत के लिए भी लाभकारी औषधि है। कपूर हमारे जीवन में कई तरह से लाभ पहुंचाता है। पूजन-पद्धतियों में कपूर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता […] Read more » benefits of camphor use of camphor कपूर के उपयोग कपूर के उपयोग एवम लाभ कपूर के लाभ
धर्म-अध्यात्म वेदों में सच्चा अध्यात्मवाद है जो देशवासियों को देशभक्त बनाता है January 27, 2020 / January 27, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वेद ही विश्व में अध्यात्म का आदि वा सर्वप्राचीन ग्रन्थ है। ईश्वर, जीव व प्रकृति विषयक त्रैतवाद का सिद्धान्त वेद की ही देन है। सभी विद्वानों की अपनी-अपनी योग्यता होती है। बहुत से विद्वान बहुत से विषयों को नहीं जान पाते। ऐसा ही वेदपाठी व वेदों के अध्ययनकर्ता विद्वानों के साथ […] Read more » ‘अध्यात्मवाद’
धर्म-अध्यात्म लेख नर्मदा का कंकड़ भी नर्मदेश्वर शिवलिंग बन जाता है। January 27, 2020 / January 27, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment विश्व की एकमात्र पाप-नाशिनी है नर्मदा– आत्माराम यादव समूचे विश्व में जो दिव्य व रहस्यमयी है तो वह नर्मदा। नर्मदा का वर्णन चारों वेदों की व्याख्या में विष्णु के अवतार वेदव्यास जी ने स्कन्द पुराण के रेवाखण्ड में किया है। रामायण और महाभारत में भी नर्मदा का उल्ल्ेख मिलता है। कालिदास ने नर्मदा […] Read more » The pebble of Narmada also becomes Narmadeswara Shivling. नर्मदेश्वर शिवलिंग
धर्म-अध्यात्म मनुष्य अपने अगले जन्मों को उन्नत व श्रेष्ठ बनाने के लिए क्या करे? January 24, 2020 / January 24, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य एक चेतन व अल्पज्ञ आत्मायुक्त शरीर को कहते हैं जिसके पास दो हाथ व दो पैरों सहित बोलने के लिये वाणी होती है तथा एक विवेकवान व मनन करने की क्षमता से युक्त बुद्धि व मस्तिष्क होता है। मनुष्य की मृत्यु होने पर उसका शरीर अन्त्येष्टि कर्म के द्वारा नष्ट […] Read more » मनुष्य
धर्म-अध्यात्म लेख सज्जनों से द्वेष और दुष्ट व असत्य आचरण वालों से प्रेम उचित नहीं January 23, 2020 / January 23, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य द्वेष किसी से नफरत करने को कहते हैं। इसके अनेक कारण होते व हो सकते हैं। कुछ लोग अच्छे होते हैं परन्तु अपने किन्हीं स्वार्थों के कारण कुछ लोग उनसे भी द्वेष करते हैं। ऐसा करना वस्तुतः बुरा है। परन्तु कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने स्वार्थ के लिये […] Read more » दुष्ट व असत्य आचरण वालों से प्रेम सज्जनों से द्वेष