धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म की महत्वपूर्ण देन सृष्टि प्रवाह से अनादि का सिद्धान्त January 7, 2020 / January 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हम इस पृथिवी पर रहते हैं। यह पृथिवी हमारे सौर मण्डल का एक ग्रह है। ऐसे अनन्त सौर्य मण्डल इस ब्रह्माण्ड में हैं। इस सृष्टि व ब्रह्माण्ड को किसने बनाया है? इसका समुचित उत्तर विश्व के वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। वेद और वैदिक धर्म के अनुयायी ऋषि-मुनि व वैदिक […] Read more » vaidik dharam वैदिक धर्म
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म में ही ऋषियों सहित राम एवं कृष्ण जैसे महापुरुषों को उत्पन्न करने की क्षमता है January 7, 2020 / January 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में सबसे महान धर्म एवं संस्कृति कौन सी है? इसका हमें एक ही उत्तर मिलता है कि 1.96 अरब वर्ष पूर्व लोक लोकान्तर की रचना होने के बाद सृष्टि का आरम्भ हुआ था। तभी परमात्मा ने चार वेदों का आविर्भाव किया था। सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर प्रदत्त ज्ञान वेद […] Read more » राम एवं कृष्ण जैसे महापुरुष वैदिक धर्म
धर्म-अध्यात्म ईश्वर की बनाई भौतिक जड़ सत्ता ब्रह्माण्ड में सर्वत्र व्यवस्था व शान्ति है January 3, 2020 / January 3, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में रहते हैं। हमारी पृथिवी सौर मण्डल के अन्य ग्रहों व उपग्रहों में से एक है। इसी प्रकार के असंख्य एवं अनन्त सौर मण्डल इस सृष्टि में परमात्मा ने बनाये और धारण किये हुए हैं। यह सारे ग्रह व उपग्रह आकाश में स्थित हैं। इनमें कुछ अपनी धुरी […] Read more » ब्रह्माण्ड
धर्म-अध्यात्म महान मन्त्रद्रष्टा ऋषि दयानन्द के प्रति विख्यात लोगों की सम्मतियां December 29, 2019 / December 29, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने वेदों का पुनरुद्धार किया और वेदों के प्रचार के लिये दिनांक 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई में आर्यसमाज नामक संगठन स्थापित किया। वह इतिहास में प्रमुख समाज सुधारक हुए हैं। उनके समाज सुधार का आधार वेद थे। कोई ऐसा अन्धविश्वास, पाखण्ड तथा सामाजिक कुरीति या परम्परा नहीं थी […] Read more » Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य मूर्तिपूजा का खंडन December 26, 2019 / December 26, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –लाला लाजपत राय स्वामी दयानन्द जी अभी बालक थे, जब उनको यह बोध हुआ कि मूर्तिपूजा ईश्वर उपासना का सच्चा मार्ग नहीं, वरन बहुत बुरा और भ्रष्टाचार है। यह विचार दृढ़ता से उनके हृदय में जम गया और सारी आयु उनके हृदय से यह विचार कम न हुआ। बालकपन में ही अपने माता-पिता के सामने […] Read more » idol worship Swami Dayanand denied idolatry मूर्तिपूजा का खंडन
धर्म-अध्यात्म हमनें ऋषि दयानन्द के उपकारों को न तो जाना है और न उनसे उऋण होने का प्रयत्न किया है December 25, 2019 / December 25, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महाभारत युद्ध के बाद देश का सर्वविध पतन व पराभव हुआ। इसका मूल कारण अविद्या था। महाभारत के बाद हमारे देश के पण्डित, ज्ञानी वा ब्राह्मण वर्ग ने वेद और विद्या के ग्रन्थों का अध्ययन–अध्यापन प्रायः छोड़ दिया था जिस कारण से देश के सभी लोग अविद्यायुक्त होकर असंगठित हो […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म परमात्मा और हम चेतन होने के कारण सजातीय हैं: स्वामी चित्तेश्वरानन्द December 24, 2019 / December 24, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज प्रेमनगर, देहरादून का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव आज दिनांक 22-12-2019 को सोल्लास आरम्भ हुआ। प्रातः पं0 वेदवसु शास्त्री जी ने समाज की यज्ञशाला में यज्ञ सम्पन्न कराया जिसमें स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती, आचार्य वीरेन्द्र शास्त्री, सहारनपुर तथा आचार्य डा. धनंजय जी, श्री सुनील शास्त्री सहित देहरादून जनपद की आर्य उपप्रतिनिधि सभा के […] Read more » सजातीय स्वामी चित्तेश्वरानन्द
धर्म-अध्यात्म आत्मा को सुख प्रभु के चिन्तन से मिलता हैः आचार्य देवप्रकाश December 24, 2019 / December 24, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आर्यसमाज प्रेमनगर, देहरादून का वार्षिकोत्सव- -मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज प्रेमनगर, देहरादून नगर देहरादून का एक महत्वपूर्ण आर्यसमाज है। देहरादून के केन्द्रीय स्थान घण्टाघर से इसकी दूरी 8 किमी. है। यह समाज देहरादून-शिमला-चकराता राजमार्ग पर स्थित है। यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस समाज के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का आज समापन हुआ। प्रातः […] Read more » प्रभु
धर्म-अध्यात्म सुप्रसिद्ध ऋषिभक्त भजनोपदेशक पं. बृजपाल शर्मा कर्मठ स्मृतिशेष हो गये” December 19, 2019 / December 19, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार का नियम है कि सृष्टि बनती है और उसके बाद उसकी प्रलय आती है। सूर्योदय होता है और कुछ समय बाद अस्त हो जाता है तथा रात्रि के बाद पुनः सूर्योदय होता है। इसी प्रकार से जीवात्माओं का मनुष्य आदि अनेक योनियों में जन्म होता है और बाल, किशोर, युवा, […] Read more » ऋषिभक्त भजनोपदेशक पं. बृजपाल शर्मा पं. बृजपाल शर्मा
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की संसार को देन वेदों में वर्णित ईश्वर का प्रामाणिक सत्य स्वरूप December 19, 2019 / December 19, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य यह निर्विवाद है कि मूल वेद संहितायें ही संसार में सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद शब्द का अर्थ ही ज्ञान होता है। अतः चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद ज्ञान की पुस्तकें हैं। इन चारों वेदों पर ऋषि दयानन्द का आंशिक और अनेक आर्य वैदिक विद्वानों का भाष्य वा टीकायें […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म वैदिक राजधर्म व्यवस्था एवं देश के अध्यक्ष राजा के उत्तम गुण व आचरण December 19, 2019 / December 19, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य वेद संसार के सबसे पुराने धर्म ग्रन्थ हैं। वेद के विषय में ऋषि दयानन्द के विचार हैं कि वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। सृष्टि के आरम्भ से ही महाभारत और उसके भी बाद आर्य राजा पृथिवीराज चौहान तक भारत में आर्य राजा हुए हैं। वेदों की उत्पत्ति 1.96 अरब […] Read more »
धर्म-अध्यात्म शख्सियत “कृष-काय पंडित आर्यमुनि जी का एक युवक से मल्लयुद्ध एवं उनका नाभा शास्त्रार्थ” December 17, 2019 / December 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य पण्डित आर्यमुनि जी वेदों के उच्च कोटि के विद्वान थे। आपने वेद, दर्शन, मनुस्मृति, रामायण तथा महाभारत आदि ग्रन्थों पर भाष्य व टीकायें लिखी हैं। वैदिक धर्म के विरोधियों से आपने शास्त्रार्थ किये और उन्हें पराजित किया। शरीर से पंडित जी दुबले-पतले दुर्बल से व्यक्ति थे। पडित जी मल्लयुद्ध के ज्ञाता […] Read more » पंडित आर्यमुनि जी