धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द सदैव अमर रहेंगे September 29, 2019 / September 29, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन की प्रमुख आवश्यकताओं में शरीर का पालन व पोषण हैं। शरीर का पालन तो माता-पिता आदि परिवारजनों द्वारा मिलकर किया जाता हैं और पोषण माता-पिता आदि करते हैं और युवा होने व किसी व्यवसाय को करने पर मनुष्य व्यं धन अर्जित कर अपना और अपने परिवार का पोषण करता […] Read more »
धर्म-अध्यात्म ईश्वर और आर्यसमाज September 27, 2019 / September 27, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर सारे संसार वा ब्रह्माण्ड का स्वामी वा ईश्वर है। वह समी जड़ पदार्थों सहित चेतन जीवों का भी परमेश्वर है। कोई उसको माने या न माने, कोई उसकों जानकर उचित रीति व विधि से उपासना करे न करे या कोई मत-मतानतरों के चक्र में फंस कर अविद्या की रीति से […] Read more »
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के मुख्य एवं निज नाम ओ३म् पर विचार एवं चर्चा September 26, 2019 / September 26, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य जिस सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान तथा सर्वज्ञ चेतन सत्ता ने इस संसार की रचना करने सहित हमारे शरीरों को बनाया है और जो इस सब जगत को चला रही है उस सत्ता को परमात्मा या ईश्वर नाम से पुकारते हैं। वह सूक्ष्मतम सर्वव्यापक चेतन सत्ता दिखाई नहीं देती और न ही अविद्या से […] Read more »
धर्म-अध्यात्म परमात्मा का बनाया यह संसार कभी पुराना नहीं होता September 26, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम इस पृथिवी पर रह रहे हैं। हमारी यह पृथिवी हमने या हमारे पूर्वजों ने नहीं बनाई और न यह अपने आप अथवा बिना किसी निमित्त कारण के बनी है। हमारे इस सौर मण्डल के सूर्य आदि ग्रहों व उपग्रहों को भी हमने या हमारे पूवजों ने नहीं बनाया। यह समस्त जगत […] Read more » परमात्मा
धर्म-अध्यात्म प्रवक्ता न्यूज़ क्या हम वैदिक ग्रन्थों का स्वाध्याय और ईश्वर का ध्यान करते हैं? September 25, 2019 / September 25, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य एक चेतन प्राणी है। चेतन प्राणी उसको कहते हैं कि जिसका अपना शरीर होता है और उसमें एक चेतन जीवात्मा होता है। चेतन जीवात्मा के गुण ज्ञान व कर्म करने की अल्प शक्ति वा सामथ्र्य का होना है। हम मनुष्य हैं और हम जानते व देखते हैं कि मनुष्य चाहे […] Read more » ईश्वर का ध्यान
धर्म-अध्यात्म समाज अलौकिक साधना वाले विलक्षण संत : आचार्य श्री विद्यानंदजी मुनिराज September 23, 2019 / September 23, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment आचार्य श्री विद्यानंदजी मुनिराज का देवलोकगमन– ललित गर्ग – दिगंबर जैन परंपरा के सबसे वयोवृद्ध तेजस्वी, योगी, महामनीषी आचार्य, परम पूज्य, सिद्धांत चक्रवर्ती, अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी, जैनधर्म को एक नयी पहचान देने वाले राष्ट्रसंत आचार्यश्री विद्यानंदजी महाराज का आज 22 सितम्बर 2019 की अमृतवेला में प्रातः 2 बजकर 40 मिनट में उत्तम अमृत बेला में सल्लेखनापूर्वक […] Read more »
धर्म-अध्यात्म जानिए कैसे करें तर्पण ओर क्या महत्व हैं तर्पण का?? September 20, 2019 / September 20, 2019 by पंडित दयानंद शास्त्री | 1 Comment on जानिए कैसे करें तर्पण ओर क्या महत्व हैं तर्पण का?? भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार जब सूर्य कन्या राशि में आते तब परलोक से पितृ अपने स्वजनों के पास आ जाते हैं। देवतुल्य स्थिति में तीन पीढ़ी के पूर्वज गिने जाते हैं। पिता को वसु के समान, रुद्र दादा के समान और परदादा आदित्य के समान माने गए हैं। इसके पीछे एक कारण यह भी है […] Read more » तर्पण
धर्म-अध्यात्म वेद वर्णित एक ईश्वर ही संसार के सभी मनुष्यादि प्राणियों का परमेश्वर है September 18, 2019 / September 18, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार के लोग सत्य व असत्य का विवेचन कर सत्य का ग्रहण नहीं करते और कुछ सौ या हजार वर्ष पुरानी परम्पराओं को ही आंखें बन्द करके प्राचीन व पुरातन स्वीकार कर लेते हैं। इसका अर्थ यह है कि वह अपनी बुद्धि का सदुपयोग नहीं करते या उनके अन्दर विवेचन करने […] Read more »
धर्म-अध्यात्म “स्वामी विरजानन्द ऋषि दयानन्द के वेदप्रचार कार्यों की प्रेरणा थे” September 17, 2019 / September 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी ऋषि दयानन्द के विद्यागुरु थे। उन्होंने ही स्वामी दयानन्द को अष्टाध्यायी-महाभाष्य पद्धति से व्याकरण पढ़ाया था और शेष समय में उनसे शास्त्रीय चर्चायें करते थे जिससे स्वामी दयानन्द जी ने अनेक बातें सीखी थी। स्वामी विरजानन्द की एक प्रमुख बात यह थी कि वह ऋषि मुनियों […] Read more »
धर्म-अध्यात्म “काशी शास्त्रार्थ सभी मतों की अविद्यायुक्त उपासना पद्धतियों एवं अन्धविश्वासों को दूर करने की शिक्षा देता है” September 17, 2019 / September 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment काशी शास्त्रार्थ की आगामी 151वीं वर्षगाठ पर- -मनमोहन कुमार आर्य, सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से वेदों का आविर्भाव हुआ था। वेदों के पूर्ण ज्ञानी, योगी एवं आप्त पुरुषों को ऋषि कहा जाता है। सृष्टि के आरम्भ से देश में ऋषि परम्परा आरम्भ हो गई थी। यह परम्परा महाभारत युद्ध पर आकर रुक गई […] Read more »
धर्म-अध्यात्म तुने हमें उत्पन्न किया पालन कर रहा है तू, तुझसे ही पाते प्राण हम दुखियों के कष्ट हर्ता तू September 17, 2019 / September 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर का सत्यस्वरूप जानना हो तो वह वेद, उपनिषद, सत्यार्थप्रकाश तथा ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों से ही प्राप्त हो सकता है। ईश्वर विषयक ज्ञान वेद के अधिकांश मन्त्रों में निहित है परन्तु गायत्री मन्त्र में बुद्धि की शुद्धता व पवित्रता तथा ईश्वर से इसे सन्मार्ग में प्रेरित करने की कामना होने से […] Read more » ishwar god
धर्म-अध्यात्म पितृपक्ष में होता हैं कौओं का विशेष महत्व — September 16, 2019 / September 16, 2019 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment कौओं को पितरों का रूप माना जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध ग्रहण करने के लिए हमारे पितृ कौए का रूप धारण करके आते हैं। गरुड़ पुराण में बताया है कि कौवे यमराज के संदेश वाहक होते हैं। श्राद्ध पक्ष में कौएं घर-घर जाकर खाना ग्रहण करते हैं, इससे यमलोक में स्थित पितर देवताओं को […] Read more »