धर्म-अध्यात्म मनुष्य और जीवात्मा February 11, 2019 / February 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य दो पैर वाले प्राणी के जीवित शरीर को कहते हैं जिसके पास बुद्धि है, दो हाथ हैं, जो सोच-विचार कर सत्य व असत्य का निर्णय कर सकता है और जो ज्ञान व विज्ञान की उन्नति कर अपने जीवन को दुःखों से निवृत्त कर सुखों से युक्त कर सकता है। इसी […] Read more » जीवात्मा मनुष्य मनुष्य और जीवात्मा
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द व उनके अनुयायी अनेक विद्वानों ने वेदभाष्य का अविस्मरणीय कार्य किया February 11, 2019 / February 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द गृह त्याग कर देश भर के हिन्दू तीर्थ स्थानों पर गये। वहां उन्होंने विद्वानों व साधुओं से सम्पर्क कर अपनी शंकाओं का समाधान करने का प्रयास किया और उनसे ज्ञान प्राप्त करने का प्रयत्न किया। वह अनेक योगियों के भी सम्पर्क में आये और योग में कृतकार्य हुए। गुरु […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म क्या आप ईश्वर को जानते हैं? February 11, 2019 / February 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, प्रत्येक मनुष्य को यह ज्ञात होना चाहिये कि जिस संसार में हम रहते हैं, यह जड़ जगत अस्तित्व में कैसे आया है? इसका उत्तर ढूंढते हैं तो ज्ञात होता है कि यह सृष्टि मनुष्यों के द्वारा निर्मित नहीं है। मनुष्य इसे बना नहीं सकते। यदि बना भी सकते होते तो यह सृष्टि […] Read more »
धर्म-अध्यात्म शिवरात्रि मूलशंकर के लिये मोक्षदायिनी बोधरात्रि बनी February 11, 2019 / February 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य सनातन धर्म सृष्टि के आरम्भ से प्रवृत्त धर्म है। इसका आधार वेद और वैदिक शिक्षायें हैं जो ईश्वर प्रदत्त होने से पूर्णतः सत्य पर आधारित हैं। वेद संसार में सबसे पुराने ग्रन्थ हैं इस कारण इन्हें पुराण भी कहा जाता है। वास्तविक पुराण वेद ही हैं। वेद में किंचित मानवीय इतिहास नहीं […] Read more »
धर्म-अध्यात्म होली एक धार्मिक अनुष्ठान एवं आमोद-प्रमोद का पर्व है February 8, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment नवसस्येष्टि आर्य पर्व होली पर– –मनमोहन कुमार आर्य आर्यावर्त उत्सवों व पर्वों का देश है। पर्व का अपना महत्व होता है। होली भी दीपावली, दशहरा, श्रावणी आदि की ही तरह एक सामाजिक एवं धार्मिक पर्व है। यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इसे मनाने की प्रासंगिकता व महत्व अन्य […] Read more »
धर्म-अध्यात्म “कोई सन्तान ईश्वर और अपनी माता-पिता के ऋण से उऋण नहीं हो सकतीं” February 5, 2019 / February 5, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारे जीवन पर हमारे अतिरिक्त किसी अन्य का कोई अधिकार है या नहीं? इस प्रश्न का उत्तर हमें यह लगता है कि ईश्वर और हमारे माता-पिता का हमारे जीवन पर अनेक प्रकार से अधिकार है। इन्हीं के द्वारा हमें यह बहुमूल्य मनुष्य जीवन मिला है। हमें जीवन देने व […] Read more »
धर्म-अध्यात्म वेद तथा वेदानुकूल ग्रन्थों पर आधारित धर्म ही सनातन धर्म है February 2, 2019 / February 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य धर्म मनुष्यों वा स्त्री-पुरुषों द्वारा उन सद्गुणों के धारण व आचरण करने को कहते हैं जो सत्य पर आधारित हों, अज्ञान व अन्धविश्वास से सर्वथा रहित हो तथा जिनके आचरण से मनुष्य का इहलोक व परलोक दोनों सुधरता हो। ऐसा ही धर्म सृष्टि के आरम्भ काल से आर्यावर्त में प्रचलित रहा है […] Read more »
धर्म-अध्यात्म पिछले पांच हजार वर्षों में दयानन्द के समान ऋषि नहीं हुआ” January 31, 2019 / January 31, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य महाभारत का युद्ध पांच हजार वर्ष से कुछ वर्ष पहले हुआ था। महाभारत युद्ध के बाद भारत ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र सहित देश की अखण्डता व स्थिरताकी दृष्टि से पतन को प्राप्त होता रहा। महाभारत काल के कुछ ही समय बाद देश से ऋषि परम्परा समाप्त हो गई। ऋषि परम्परा का […] Read more » Maharshi Dayanand swami dayanand दयानन्द
धर्म-अध्यात्म देश की एकता व अखण्डता के लिए अविरुद्ध व समान धार्मिक एवं राजनैतिक विचारधारा का होना आवश्यक January 27, 2019 / January 27, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋग्वेद 10/191 में संगठन सूक्त के चार मंत्रों में कहा गया है कि हमारे मन, हृदय, दिल, विचार, भावनायें, सोच, चिन्तन, संकल्प आदि सब एक समान हों। ऐसा होने पर ही हम एकता व अखण्डता के सूत्र में बन्ध सकते हैं। यह एक सामान्य बात है कि यदि मनुष्यों की भिन्न-भिन्न […] Read more »
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की देन ज्ञान-विज्ञान का एक प्रमुख सिद्धान्त January 24, 2019 / January 24, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वर्तमान युग आधुनिक युग है जिसमें ज्ञान व विज्ञान ने प्रशंसनीय उन्नति की है। इस उन्नति में मनुष्य के जीवन को सुखी, सुविधापूर्ण व सम्पन्न बनाया है। मनुष्य जीवन का उद्देश्य भी दुःखों की निवृत्ति करना ही है। मनुष्य की आत्मा अनादि, अविनाशी, नित्य व अमर है। इसकी न कभी उन्नति […] Read more »
धर्म-अध्यात्म हमें पता नहीं इस जन्म में हम कहां से आये और इसके बाद कहां जाना है ? January 21, 2019 / January 22, 2019 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on हमें पता नहीं इस जन्म में हम कहां से आये और इसके बाद कहां जाना है ? –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम मनुष्यों ने वर्तमान आधुनिक ज्ञान विज्ञान के युग में जो जानना चाहा वह जान लिया और विज्ञान विषयक जिस खोज को आरम्भ किया उसमें से अधिकांश व प्रायः सभी ल क्ष्यों को प्राप्त भी कर लिया है। अनेक प्रश्न आज भी ऐसे हैं जिसका उत्तर हमें ज्ञान विज्ञान के […] Read more »
धर्म-अध्यात्म यह बृहद् ब्रह्माण्ड किसने बनाया है?” January 21, 2019 / January 21, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम अर्थात् हमारी आत्मा हमारे शरीर में रहती है और हम व हमारा शरीर दोनों इस संसार में रहते हैं। हम इस संसार के बड़े पदार्थों को तोड़ते हैं तो वह छोटे छोटे टुकड़ों व कणों में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे यह ज्ञात होता है कि यह संसार छोटे-छोटे […] Read more »