आर्थिकी भारत के जन विरोधी बजट व आर्थिक नीतियाँ February 25, 2013 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 1 Comment on भारत के जन विरोधी बजट व आर्थिक नीतियाँ देश की आजादी के समय हमारे पूर्वजों के मन में बड़ी उमंगें थी और उन्होंने अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुन्दर सपने संजोये थे| आज़ादी से लोगों को आशाएं बंधी थी कि वे अपनी चुनी गयी सरकारों के माध्यम से खुशहाली और विकास का उपभोग करेंगे | देश में कुछ विकास तो अवश्य […] Read more » भारत के जन विरोधी बजट व आर्थिक नीतियाँ
आर्थिकी बाधाओं के बीच बजट-सत्र February 22, 2013 / February 22, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव भ्रष्टाचारों के स्थायी मुददों के चलते इस बार आम बजट को कर्इ बाधाएं पार करनी होंगी। इसी क्रम में सरकार का नरम रुख सामने आने लगा है। आम बजट पेश करते वक्त असहमतियां अतिवाद की हद तक न उभरें, इस नजरिये से लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सहमति पर जोर […] Read more » बाधाओं के बीच बजट-सत्र
आर्थिकी लोकलुभावन बजट से लोकसभा की तैयारी: सिद्धार्थ मिश्र‘स्वतंत्र’ February 20, 2013 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बीते दिन अपने कार्यकाल का दूसरा बजट किया । उनके इस बजट से जैसी की सभी को आशा थी कोई भी सकारात्मक परिवर्तन होने की आशा नहीं दिखती । माननीय मुख्यमंत्री जो खुद को युवाओं का नेता होने का दावा करते हैं ने इस बजट से सभी को निराश किया […] Read more » लोकलुभावन बजट से लोकसभा की तैयारी
आर्थिकी भ्रष्टाचार के निराकरण से चमकेगा मनरेगा का सितारा February 7, 2013 / February 7, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment पहली बार महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की वर्षगांठ पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) सरकार ने इसके गुण-दोष की विवेचना की है। यह भी पहली बार हुआ है जब कांगेस पार्टी की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी ने सार्वजनिक रुप से स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार के कारण मनरेगा की छवि धूमिल पड़ रही हैै। […] Read more » भ्रष्टाचार के निराकरण से चमकेगा मनरेगा का सितारा
आर्थिकी बैंकिंग व्यवस्था और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना February 6, 2013 / February 6, 2013 by सचिन कुमार जैन | Leave a Comment सचिन कुमार जैन 2 फरवरी 2013 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी क़ानून को भारत में लागू हुए आठ साल हो जा रहे हैं. अनुभव यह बताते हैं कि जब हम अपनी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये नियम और प्रक्रियाएं बना रहे होते हैं तब समुदाय के सामने खडे होने वाले संकटों को पूरी तरह […] Read more »
आर्थिकी अराजकता बढ़ाएगी पेटोलियम कंपनियों को दाम बढ़ाने की छूट February 1, 2013 / February 1, 2013 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on अराजकता बढ़ाएगी पेटोलियम कंपनियों को दाम बढ़ाने की छूट प्रमोद भार्गव केंद्र सरकार मंहगार्इ बढ़ाकर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। पहले रेल में किराया वृद्धि और अब ज्वलनशील व खाध तेलों को मंहगा करने के उपायों को अंजाम देकर सरकार ने आम आदमी को जबरदस्त आर्थिक संकट में डाल दिया है। पेटोलियम पदार्थों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करके कंपनियों […] Read more »
आर्थिकी मंहगा हुआ रेल सफर का विरोध क्यों ? January 13, 2013 / January 16, 2013 by रवि शंकर (CEFS) | Leave a Comment रवि शंकर नए वित्तीय साल से पहले केंद्र सरकार ने आम आदमी को मंहगाई का एक और झटका दिया है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दामों में वृद्धि के बाद सरकार ने अब रेल सफर को महंगा करके आम जनता पर महंगाई का एक नया बोझ डाल दिया है। रेल मंत्री पवन बंसल ने रेलवे […] Read more » hike in railway fares
आर्थिकी पोस्ट बैंक आफ इंडिया और वितीय समावेषन की चुनौतियाँ January 11, 2013 / January 11, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment नकदी हस्तांतरण योजना को पूरे देश में वर्ष 2013 में लागू करवाना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। पूर्व में यह योजना 1 जनवरी, 2013 से देश के 51 जिलों में शुरु की जाने वाली थी, जो चिनिहत जिलों में वितीय समावेषन के अभाव में शुरु नहीं की […] Read more »
आर्थिकी मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार से लड़ता लोकायुक्त January 10, 2013 / January 10, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव भ्रष्टाचार से कारगर ढंग से निपटने के लिए यह जरुरी है कि निगरानी और जांच का तंत्र मजबूत हो, जिससे राज्यों में लोकायुक्तों की भूमिका जमीनी धरातल पर और मजबूती से पेश आ सके। हालांकि वर्तमान में जिन राज्यों में, जितने भी कानूनी अधिकारों के साथ लोकायुक्त काम कर रहे हैं, उनके नतीजे […] Read more » ombudsmen
आर्थिकी 2013 की चिंता और चुनौतियां January 2, 2013 / January 2, 2013 by डॉ0 आशीष वशिष्ठ | Leave a Comment डॉ. आशीष वशिष्ठ बनने-बिगडऩे के ढेरों कारनामें अपने दामन में समेटकर 2012 भारी जनाक्रोश, आंदोलन और लोकतंत्र के चारों खंभों को हिलाकर विदा हो गया। बीता हुआ वर्ष कई कारणों से आने वाले कई वर्षों तक याद रखा जाएगा। विदा होते-होते देश के दामन पर दामिनी बलात्कार कांड का गहरा दाग लगा जिसने विश्व […] Read more » problems in 2013
आर्थिकी मजबूत बैंकिंग व्यवस्था के बिना नकद सब्सिडी योजना संभव नहीं December 18, 2012 by सतीश सिंह | Leave a Comment सतीश सिंह सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को खत्म करके नकद सब्सिडी योजना को लागू करना चाहती है। इस योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले परिवारों के सदस्य के खातों में सीधे पैसा जमा करवाने की व्यवस्था करेगी। फिलहाल इस योजना को देश के 18 राज्यों के 51 जिलों में […] Read more » नकद सब्सिडी योजना
आर्थिकी एफ डी आई बनाम सीबीआई यानी जननीति पर राजनीति भारी? December 14, 2012 / December 14, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 5 Comments on एफ डी आई बनाम सीबीआई यानी जननीति पर राजनीति भारी? इक़बाल हिंदुस्तानी आखि़र सपा बसपा के सपोर्ट की बिल्ली थैले से बाहर आ ही गयी! राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था कि ‘‘समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध’’। लोकसभा में मल्टीब्रांड एफडीआई पर विपक्ष का प्रस्ताव 218 के मुकाबले 253 मतों से […] Read more » FDI