शख्सियत सिनेमा “राजकपूर” भारतीय सिनेमा को एक महान देन December 14, 2011 / December 14, 2011 by अन्नपूर्णा मित्तल | 1 Comment on “राजकपूर” भारतीय सिनेमा को एक महान देन सिनेमा की एक अनमोल देन है राजकपूर. राजकपूर निर्माता, निर्देशक और अभिनेता के रूप में भारतीय सिनेमा जगत में पहचाने जाते रहेंगे. आज़ादी के बाद के हिंदी सिनेमा में राजकपूर ही सबसे अधिक ताकत से कहते हैं की “कलाकार किसी की तरह नहीं बन सकता. वह कलाकार होता ही नहीं जो किसी की तरह बनना […] Read more » “राजकपूर” Film Actor Indian Cinema Raj kapoor भारतीय सिनेमा महान
सिनेमा ‘मैं जिन्दगी का साथ निभाता चला गया’ – देवानन्द December 4, 2011 / December 4, 2011 by अन्नपूर्णा मित्तल | 3 Comments on ‘मैं जिन्दगी का साथ निभाता चला गया’ – देवानन्द आज यानि 4 दिसंबर 2011 को, बालीवुड के सदाबहार सदाबहार अभिनेता देवानन्द (88 वर्ष) ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मृत्यु लंदन में हृद्याघात से हुई। देवानन्द भारतीय सिनेमा के बहुत ही सफल कलाकार, निर्देशक और फिल्म निर्माता हैं। देवानन्द के बचपन का धर्मदेव आनंद था, फिल्म जगत मे उन्हें देव आनंद के नाम […] Read more » devanand filmy actor devanand एक सदाबहार अभिनेता देवानन्द
सिनेमा ‘बोल’ में क्या बोल? September 11, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त फिल्मकार शोएब मंसूर ने ‘खुदा के लिए’ के बाद ‘बोल’ में एक ऐसी औरत की जिंदगी के पक्ष को उभारने का प्रयास किया है जो पुरूषवादी मानसिकता का शिकार हो जाती है। नारी मात्र देह नहीं है वह भोग्या नहीं है पर ऐसा देखने को मिलता है कि पुरूषवादी सामंती […] Read more » Bol बोल
सिनेमा फिल्म ‘बॉडीगार्ड’ में सलमानी जलवा September 11, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी बॉलीवुड में खान बंधुओं का जलवा भारत में ही नहीं, विश्व प्रसिध्द है। शाहरूख खान, सलमान खान, आमिर खान, सैफ अली खान तथा जायद खान से भी भारतीय फिल्म उद्योग की कहानी में परिवर्तन आता है। ‘वांटेड’, ‘दबंग’ और ‘रेड्डी’ के बाद सलमान खान ने बॉडीगार्ड में गजब का अभिनय किया है। […] Read more » Film Bodyguard बॉडीगार्ड
सिनेमा याहू और जंगली शमशेर यानी शम्मी August 14, 2011 / December 7, 2011 by राम कृष्ण | Leave a Comment रामकृष्ण कहते हैं, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् अमरनाथ झा ने एक शिक्षक के रूप में जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश किया तब उनकी अवस्था मात्र इक्कीस वर्ष की थी – जब कि उनके अधिकांश छात्र उस उम्र को काफ़ी पहले पार कर चुके थे. कुछ कुछ ऐसा ही हाल शमशेरराज यानी शम्मीकपूर का भी रहा. अपनी बीसवीं […] Read more » Shammi Kapoor शम्मी कपूर
सिनेमा फिल्म ”गांधी टू हिटलर मेरे नाटक की नकल है – फ्रैंक हुजूर August 14, 2011 / December 7, 2011 by सुनील अमर | Leave a Comment सुनील अमर गत दिनों देश के कुछ सिनेमाघरों में प्रदर्शित द्विभाषी फिल्म ‘गॉंधी टू हिटलर’ की पटकथा विवाद में आ गई है। देश के युवा अंग्रेजी लेखक मनोज खान उर्फ फ्रैंक हुजूर ने आरोप लगाया है कि यह फिल्म उनके 1998 में लिखे नाटक ‘हिटलर इन लव बिद मैडोना’ की भावाभिव्यक्ति है। फ्रैंक कहते हैं […] Read more » Gandhi to hitler गांधी टू हिटलर
सिनेमा ‘आरक्षण’ फिल्म और खोखली दलित चिन्ताएं August 14, 2011 / December 7, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी आरक्षण फिल्म रिलीज हो गयी। तीन राज्यों उत्तरप्रदेश,पंजाब और आंध्र ने इसके प्रदर्शन पर रोक लगायी हुई है। आंध्र में कांग्रेस ,यू.पी. में बहुजन समाज पार्टी और पंजाब में अकाली-भाजपा की राज्य सरकार है। यह संकेत है कला और राजनीति के अन्तर्विरोध का। सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है। इस […] Read more » Reservation आरक्षण
सिनेमा सामाजिक समानता के लिए ‘आरक्षण’ अनिवार्य ! August 12, 2011 / December 7, 2011 by राजेश कश्यप | Leave a Comment राजेश कश्यप जाने माने फिल्मकार प्रकाश झा की बहुविवादित फिल्म ‘आरक्षण’ अंतत: अपनी निर्धारित तिथि 12 अगस्त को प्रदर्शित हो ही गई। पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं आन्ध्र प्रदेश की राज्य सरकारों द्वारा पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के बाद तो मामला एकदम अति संवेदनशील हो गया था। पाठकों की बेसब्री को देखते हुए बता दें कि फिल्म […] Read more » Reservation आरक्षण प्रकाश झा
सिनेमा हिन्दुस्तान में हिन्दी के प्रचार प्रसार का प्रभावी एवं सशक्त माध्यम – बॉलीवुड एवं दूरदर्शन August 10, 2011 / December 7, 2011 by उमेश कुमार यादव | 4 Comments on हिन्दुस्तान में हिन्दी के प्रचार प्रसार का प्रभावी एवं सशक्त माध्यम – बॉलीवुड एवं दूरदर्शन उमेश कुमार यादव आज के तारीख में हिन्दी फिल्म इतनी लोकप्रिय हो चुकी है कि चाहे जो भी भाषा-भाषी हो, हिन्दी फिल्म अवश्य देखते हैं । उनके हिट गानें अवश्य गुनगुनाते हैं, भले ही उसका अर्थ नहीं पता हो । क्योंकि आज लोगों को लगने लगा है कि यदि नाम कमाना है या फिर लोकप्रिय […] Read more » hindi हिन्दी
सिनेमा 1 अगस्त जन्मदिन पर विशेष: मीना कुमारी August 1, 2011 / December 7, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 1 Comment on 1 अगस्त जन्मदिन पर विशेष: मीना कुमारी शादाब जफर “शादाब’’ मीना कुमारी हम तुम्हे कभी नही भूला सकते शायद ही कोई हिन्दी फिल्म प्रेमी ऐसा हो जिस ने अपने जीवन काल में फिल्म पाकीज़ा एक बार न देखी हो। आज फिल्मे किस स्तर पर पहुच गई है कुछ कहने की जरूरत नही। आज की फिल्मे और फिल्म हीरोईनो की ऐसी कहानी हो […] Read more » Meena Kumari मीना कुमारी
सिनेमा ‘खाप’ बनाम ‘खाप’ के निहितार्थ चन्द यक्ष प्रश्न July 29, 2011 / December 8, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on ‘खाप’ बनाम ‘खाप’ के निहितार्थ चन्द यक्ष प्रश्न राजेश कश्यप उत्तरी भारत की खाप-प्रथा के खिलाफ ओमपुरी द्वारा अभिनीत फिल्म ‘खाप’ आगामी २९ जुलाई को रीलिज होने जा रही है। क्योंकि फिल्म अत्यन्त संवेदनशील मुद्दे पर बनी है, तो फिल्म के निहितार्थ कुछ तथ्यों पर गहन मन्थन करना अत्यन्त अनिवार्य हो जाता है। चूंकि सिनेमा, समाज का दर्पण होता है और उसने खाप […] Read more » Khap खाप’
सिनेमा सोप-ओपेरा July 19, 2011 / December 8, 2011 by क्षेत्रपाल शर्मा | Leave a Comment क्षेत्रपाल शर्मा पश्चिमी जगत में साहित्य की एक समृद्ध, नाट्य विधा में जो उत्थान आया उसकी जड़ में यह ध्येय नजर आता है कि ‘जो कहते हो वो करो, और जो करते हो वही कहो ।’ यही सत्यं, शिवं और सुन्दरम भी है । मैं लिख तो रहा था ‘कविताओं के नए तेवर’ पर कुछ […] Read more » सोप-ओपेरा