कविता सावन आया,उमंग लाया June 29, 2018 / June 29, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment सावन आया,उमंग लाया उमड़ घुमड़ कर बदरा आये जिससे मेरा जिया घबराये काले बदलो ने आसमान घेरा जिससे छाया पृथ्वी पर अँधेरा अँधेरे में अब बिजली चमकी जिससे मेरी बिंदिया दमकी गरज गरज कर बदरा आये पिया का कुछ संदेशा लाये मैं बोली पिया का सन्देशा सुनाओ बदरा बोले हमारे करीब तो आओ अपने पिया […] Read more » उमंग लाया पृथ्वी पर अँधेरा बिजली चमकी वर्षा रानी सावन आया
कविता प्यार करते रहेगे हम जनम जनम June 26, 2018 / June 26, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कसम खाते है आज दोनों सनम प्यार करते रहेगे हम जनम जनम प्यार की डगर है कितनी कठिन इस पर चलना और भी कठिन इस पर चलते रहेगे सदा हम किसी का साथ छोड़ेगे ना हम कसम खाते है आज दोनों सनम प्यार करते हम जनम जनम ये गमो की दुनिया है बिकते है जख्म […] Read more » कसम खाते प्यार करते रहेगे प्यार की खरीद हम जनम जनम
कविता नेताओ के बारे में कुछ दोहे June 25, 2018 / June 25, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment योगी ने योग किया,मोदी ने मन की बात राबड़ी ने रबड़ी खाई,लालू ने खाये भात देश में बेरोजगारी बढ़ रही,मिल रही न जॉब तेजस्वी नवी फ़ैल है उनको कब मिलेगी जॉब राहुल भी बेरोजगार है,कब मिलेगा पी एम जॉब चिंता मर करो पप्पू भैया,जल्द मिलेगा ये जॉब माया को माया न मिली,मिले न उसे श्रीराम […] Read more » तेजस्वी नवी दिग्विजय नेताओ के बारे में कुछ दोहे मनमोहन जी मोदी ने मन योगी सोनिया जी
कविता आज की जनता June 25, 2018 / June 25, 2018 by विनीत कुमार शर्मा | Leave a Comment विनीत कुमार शर्मा मुश्किल थी तब बढ़ती जाती चिंता चारो ओर, गली गली में बैठे थे कुछ ऐसे समाज के चोर कुछ ऐसे चोर जो खाते जनता का पैसा, करते थे अय्यासी पता नहीं कैसा कैसा II बहकाते बरगलाते रोज जनता को ऐसे, देश की दौलत हो जैसे उनके बाप के पैसे, जनता का विस्वास […] Read more » आज की जनता नदी विकास रहनुमा समाज सहानुभूति
कविता अभी ना छोड़ कर जाओ सनम June 23, 2018 / June 23, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अभी ना छोड़ कर जाओ सनम कि दिल अभी भरा नहीं जुल्फे अभी संभाल तो लू गजरा उसमे सजा तो लू मांग में तुमने सिन्दूर भरा नहीं तुमसे गले अभी मिली भी नहीं अभी ना छोड़ कर जाओ सनम कि दिल अभी भरा नहीं मैंने अभी तक कुछ कहा नहीं तुमने अभी तक कुछ सुना […] Read more » अभी ना छोड़ कर जाओ सनम काजल चादर बिछा सिन्दूर
कविता प्रतीक्षा कर रही हूँ तुम्हारी सनम June 22, 2018 / June 22, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी प्रतीक्षा कर रही हूँ तुम्हारी सनम अभी तक क्यों नहीं आये सनम ? सूर्य भी अब अस्त हो चूका घर भी अपने वह जा चूका पक्षी भी घोंसले में आ चुके श्रमिक भी थक कर आ चुके मै किसको बताऊ ये अपना गम प्रतीक्षा कर रही हूँ तुम्हारी सनम अभी तक क्यों […] Read more » गगन चाँद तुम्हारी सनम प्रतीक्षा कर रही हूँ बिजली
कविता अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस June 21, 2018 / June 21, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आर के रस्तोगी प्यारे भाइयो,तुम अपनी दिनचर्या में यदि करते हो रोजना तुम योग मिल जायेगे सारे सुख सम्पत्ति उसका कर सकते हो तुम भोग तरह तरह के आसन है इसमें और तरह तरह के इसके नाम शरीर के सब अंग प्रय्तंगो को मिलता रहेगा तुमको आराम हर कोई इसको कर सकता है छोटा बड़ा […] Read more » 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ औषधि शरीर स्वस्थ
कविता एक विरहणी के अंगो का हाल June 20, 2018 / June 20, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी मस्तिष्क अब घूम रहा है, हर तरफ तुझ को ढूंढ रहा है क्यों ये चक्कर काट रहा है ,तेरे से क्या ये मांग रहा है आँखे भी अब बरस रही है,तेरे दर्शन को तरस रही है पलके भी अब भीग रही है,तेरे रूमाल को तरस रही है गेसू भी ये बिखरे […] Read more » “आँखे एक विरहणी के अंगो का हाल गोरे गाल लाल दांत भी सर्दी माथे की बिंदिया
कविता कितना प्यार करती हूँ तुमको June 19, 2018 / June 19, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कितना प्यार करती हूँ तुमको शायद तुम ये जानते नहीं दूर रहकर भी कितने पास हूँ क्यों तुम ये मानते नहीं ? तुम मेरे सूर्य देव हो,मै किरण हूँ तुम्हारी दिन निकलते ही साथ चलती हूँ तुम्हारे सुबह जो सुनते हो पक्षियों की चहचहाट मै ही तो गुनगुनाती हूँ कान में तुम्हारे उपवन में जो […] Read more » आगमन कितना प्यार करती हूँ तुमको पश्चिम मंद समीर
कविता समाज अस्तित्व June 19, 2018 / June 25, 2018 by डॉ छन्दा बैनर्जी | Leave a Comment डॉ. छन्दा बैनर्जी मैं एक फोटो फीचर जर्नलिस्ट हूँ । शहर के सांस्कृतिक गतिविधियों से सम्बन्धित फीचर तैयार करता हूँ । साधारणतया ऐसे कार्यक्रम जहाँ किसी महापुरुष की जन्म शताब्दी समारोह हो या कोई दिवस विशेष पर मनाया जाने वाला वार्षिकी समारोह, सहसा मुझे आकर्षित नहीं कर पाते । चूँकि मीडिया के प्रोफेशन में हूँ […] Read more » अस्तित्व आकाशवाणी उपन्यास फीचर जर्नलिस्ट
कविता कब तक शहादत देते रहेगे हम,अपने वीर जवानो की June 17, 2018 / June 17, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कब तक शहादत देते रहेंगे हम अपने वीर जवानो की उठो जवानो अब देर करो मत,कसम तुम्हे अपनी जवानी की काट लाओ धड सहित सर अब उन आंतकवादियों शैतानो की सबक सिखा तो अब उनको तुम,उनके किये हुये कारनामो की कब तक भारत माँ अपने सपूतो का शीश चढाती जायेगी कब तक दुल्हने अपनी मांग […] Read more » अपने वीर जवानो की आंतकवादियों कब तक शहादत देते रहेगे हम पाकिस्तान लाहौर
कविता सोशल मीडिया का असर June 15, 2018 / June 15, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment शेयर कर लेते है,सारी दुनिया को सोशल मीडिया के द्वारा शेयर नहीं कर पाते माँ-बाप से जिन्होंने दुनिया में उतारा माफ़ कर देते है माँ-बाप,अपने बच्चों को,जो गलती करते बार बार पर बच्चे माफ़ नहीं करते,माँ-बाप को जो गलती करते है एक बार ये कैसे सोशल मीडिया है,जो अपनों से रहते है हम दूर अपने […] Read more » कुल्हाड़ी मार नमक छिडक माँ-बाप सोशल मीडिया का असर