ओ अनजाने सहयात्री
—विनय कुमार विनायकओ अनजाने सहयात्री!तू बैठ जा मेरी आधी सीट परमेरी पीठ से लगकर कि…
—विनय कुमार विनायकओ अनजाने सहयात्री!तू बैठ जा मेरी आधी सीट परमेरी पीठ से लगकर कि…
—विनय कुमार विनायकआर्य-द्रविड़ को अलग-अलग जातिबताके भ्रम को फैलाना ठीक नहीं! ‘आर्य’ भारत में नहीं…
—विनय कुमार विनायककोरोना काल में गंगा जल से बेहतर ये हाला,बिना हाला से हाथ धोए,…
नमन करते है उन शहीदों को,जिन्होंने अपनी जान थी गवाई |ब्रिटिश हकूमत में जिन्होंने,फांसी की…
—विनय कुमार विनायकजो भाषा आसेतु हिमालय के बीच सेतु,काम आती परिचित-अपरिचित,आम-खास, लोग-बाग के बोलचाल हेतु!…
आओ बसंत पंचमी मनाए,नील गगन में पतंग उड़ाए,मां सरस्वती करे हम पूजा,उसको अपना शीश झुकाये…
—विनय कुमार विनायकहर कोई रिश्तेदार यहां पिछले जन्म का,हर कोई किराएदार यहां पिछले जन्म का!हर…
—विनय कुमार विनायकहे वेद व्यासदेव कृष्णद्वैपायन!आप वेदवेत्ता!अठारह पुराणों के ज्ञाता,महाभारत महाकाव्य के रचयिता! आपके परपितामह…
पाती जब आती है सुखद संदेशा लाती है !सांसो की बंद पड़ी धड़कन खिल जाती…
—विनय कुमार विनायकहम हिन्दी हैं,देश हमारा है हिन्दुस्तान! हम हिन्दी हैं,मिटी नहीं अपनी पहचान! देख…
—विनय कुमार विनायकआज देखा ठूंठ पर बैठावृद्ध कोयल को बेतहाशा रोतेअपने बच्चों की नादानी परबच्चे…
—विनय कुमार विनायकचाहे जितना जलाओ विचार जलता नहीं,विचार मरता नहीं एकबार उग आने पर!युगों-युगों तक…