व्यंग्य जरा हटके ,जरा बचके September 2, 2025 / September 2, 2025 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment कई दशकों पूर्व एक गाना बड़ा मशहूर हुआ था “ए दिल है मुश्किल है जीना यहाँ, जरा हटके जरा बचके ये है बॉम्बे मेरी जां ”। तब भारत की आर्थिक राजधानी के दो नाम हुआ करते थे । बंबई और बॉम्बे। बम्बई आम जन की जुबान में शहर को बोला जाता जबकि इलीट क्लास के […] Read more » जरा बचके जरा हटके
व्यंग्य कुत्ता प्रसंग और युधिष्ठिर August 25, 2025 / August 25, 2025 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गवआजकल न्यायालय से सड़क तक कुत्ता प्रसंग चल रहा है। यह गोवंश को बचाने से कहीं ज्यादा अहम् हो गया है। अब अह्म तो दोनों ही हैं, गाय दूध के लिए माता कही जाती है और कुत्ता आदमी का वफादार मित्र है। उसकी यही कृतज्ञता के फलतः महाभारत युग में धर्मराज युधिष्ठिर अपने अनुजों […] Read more » कुत्ता प्रसंग और युधिष्ठिर
व्यंग्य जाने से पहले July 14, 2025 / July 14, 2025 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment पत्नीजी गर्मी की छुट्टियों में मायके जाने लगीं ।साले साहब लेने आये थे और उस पर तुर्रा यह था कि चारपहिया से लेने आये थे। बरसों पहले एम्बेसडर से ब्याह कर मेरे घर आई पत्नी अब स्कार्पियो से मायके जारही थी ये और बात है कि मेरी मोटरसाइकिल भी ईयमआई पर चल रही थी।बाहर गाड़ी […] Read more » मेरे जाने से पहले।।
राजनीति व्यंग्य झूठ तुम्हारे हो गये – कितने लम्बे पैर June 3, 2025 / June 3, 2025 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment वीरेन्द्र सिंह परिहार 2014 में केन्द्र की सत्ता में आने पर मोदी सरकार द्वारा क्रमशः 2016, 2019 और 2025 में सर्जिकल स्ट्राइक की गई जिसमें कई आतंकवादी मारे गये। मोदी सरकार का यह कदम अभूतपूर्व साहस से भरा था और इस बात का प्रमाण था कि देश अब सीमा-पार से आतंकवाद सहन करने वाला […] Read more » These lies have become yours - how long are your legs निराधार हिन्दू आतंकवाद राहुल गाँधी की दृष्टि में लश्करे तोयबा से ज्यादा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खतरनाक
व्यंग्य नेताओं की मोहब्बत और जनता की नादानी April 25, 2025 / April 25, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment राजनीति की रंगमंचीय दुश्मनी और जनता की असली बेवकूफी कभी किरण चौधरी और शशि थरूर मंचों पर एक-दूसरे के खिलाफ़ खड़े होते हैं, कभी हिंदू-मुस्लिम के नाम पर पार्टियों की नीतियाँ बँटती हैं, और इसी बीच पिसती है आम जनता। क्या हमने कभी सोचा कि ये नेता तो एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं, कार्यक्रमों में […] Read more » The love of leaders and the ignorance of the public
व्यंग्य लोकतंत्र की जान है थू-थू ! April 21, 2025 / April 21, 2025 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव नर्मदापुरम दुनिया का सबसे विचित्र शहर है, इसकी विचित्रता के चर्चे होते है पर क्या विचित्र है उसके चित्र किसी के पास नहीं है, यानी दस्तावेजों में यहाँ के सारे विचित्र कार्य और योजनायों के स्वरूप बनते- बिगड़ते है जिसके लिए प्रदेश सरकार करोड़ों रूपये भेजती है। मसलन वर्ष-2012 में किसी ने सेठानी […] Read more » Spit-shit is the lifeblood of democracy!
व्यंग्य पुरुषों सत्ता पर नारी का एकछत्र साम्राज्य April 12, 2025 / April 16, 2025 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव वरिष्ठ पत्रकार दुनिया भर के धुरन्धर ज्ञानियों-ध्यानियों, धर्मज्ञ, तत्ववेत्ताओं के होते हुये इस समाज में मुझ जैसा महामूर्ख भी है जो नर और नारी के बीच उनकी छुपी हुई प्रतिभाओं-कलाओं से हटकर नर में छिपी नारी को देखता है। पुरुषों में नारी पुरुषोत्तमा है जो अणिमा,लघिमा सिद्धिया है, प्रकृति में संध्या, ऊषा, रजनी, पृथ्वी है, नदिया में गंगा,यमुना, सरस्वती, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी है, भाषाओं […] Read more »
व्यंग्य गूगल गुरु के कचरा ज्ञान से पैदा होते सम्पूर्णानन्द पत्रकार? April 7, 2025 / April 7, 2025 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव जहां सबेरा है, वही बसेरा है ओर बसनेवाले कई किस्म के है। आजकल यू-ट्यूबर- व्हाट्सअप, इस्ट्राग्राम कुटुंबएप, फ़ेसबूक आदि पर विशेष प्रकार की वाहियात अक़्लमंद ज्ञानी बेशर्मियों की कब्जेवाली मीडिया खरपतवार गाजरघाँस की तरह फ़ेल चुकी है, इससे बचने के सारे उपाय असफल है। जिसने कभी कागज कलम छुआ नहीं वही गूगल गुरु की प्रेरणा से […] Read more » गूगल गुरु के कचरा ज्ञान
व्यंग्य फ्री फण्ड जनसेवा पार्टी January 30, 2025 / January 30, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कस्तूरी दिनेश जैसे ही मुझे पता चला कि सुप्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और समाजसेवी दामोदर भाई ने ठीक चुनाव के समय अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर एक नई ‘फ्री फण्ड जनसेवा पार्टी’ का गठन किया है,वैसे ही पत्रकार होने के नाते मैं सबसे पहले उनका इंटरव्यू लेने उनके पार्टी ऑफिस पहुँच गया | अभी नई पार्टी […] Read more » फ्री फण्ड जनसेवा पार्टी
व्यंग्य दिल्ली-देवी से मुलाक़ात January 29, 2025 / January 29, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कस्तूरी दिनेश कल शाम दिल्ली-देवी से मुलाक़ात हो गई |तुम हंस रहे हो …? अरे मजाक नहीं कर रहा हूँ भाई…!हमारे यहाँ वन-देवी,ग्राम देवी,कुल-देवी होती हैं कि नहीं…?गावों में चले जाओ,अक्सर वे घोड़े पर चढ़कर,बैल या शेर पर सवारी करके रात-बेरात लोगों को दिखाई पड़ती हैं कि नहीं ? तो दिल्ली-देवी से मुलाक़ात […] Read more » दिल्ली-देवी से मुलाक़ात
व्यंग्य आलू प्याज January 14, 2025 / January 14, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment गौरीशंकर दुबे आलू-प्याज शाश्वत है, जैसे सूर्य-चन्द्र । कालजयी सब्जी हैं । समय-समय पर दोनों अपना रंग दिखाते रहते हैं। कभी आलू बेकाबू हो जाता है तो कभी प्याज बरसाती नदी की तरह विकराल रूप धारण कर लीलने को तैयार रहता है। आलू-प्याज का यह खेल अक्सर चुनावी समय में दिखाई देता है। प्याज तो इस खेल में बढ़ – चढ़कर हिस्सा लेता है। प्याज एक ऐसी सब्जी है […] Read more » आलू प्याज
राजनीति व्यंग्य कोसने में पारंगत बने January 7, 2025 / January 7, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विवेक रंजन श्रीवास्तव लोकतंत्र है तो अब राजा जी को चुना जाता है शासन करने के लिए। लिहाजा जनता के हर भले का काम करना राजा जी का नैतिक कर्तव्य है। लोकतंत्र ने सारे जरा भी सक्रिय नागरिकों को और विपक्ष को पूरा अधिकार दिया है कि वह राजा जी से उनके हर फैसले पर […] Read more »