राजनीति वंदे मातरम्: राष्ट्रवाद की आध्यात्मिक प्रेरणा November 10, 2025 / November 10, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment “वंदे मातरम्” भारत के स्वतंत्रता संग्राम का आध्यात्मिक आधार था। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत मातृभूमि को देवी के रूप में पूजने की भावना से ओतप्रोत था। Read more » वंदे मातरम्
महत्वपूर्ण लेख राजनीति विधि-कानून पीएम मोदी ने न्यायिक व्यवस्था को आईना दिखाया November 10, 2025 / November 13, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment न्यायिक व्यवस्था साल में पांच महीने छुट्टी पर होती है, फिर पांच करोड़ मुकदमों के लंबित होने की बात करती है। सवाल यह है कि किसकी वजह से अदालतों में पांच करोड़ मुकदमे फैसले का इंतजार कर रहे हैं। Read more » न्यायिक व्यवस्था
राजनीति एग्रो इकॉनमी बना सकती है यूपी को विकसित उत्तर प्रदेश November 10, 2025 / November 10, 2025 by पंकज जायसवाल | Leave a Comment यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आने वाले कुछ सालों में यूपी की 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था को लक्षित कर रहे हैं तथा साल 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य लेकर चल रहें हैं। Read more »
राजनीति बिना पानी के मिला उत्तराखण्ड वासियों का नया राज्य November 10, 2025 / November 10, 2025 by जयसिंह रावत | Leave a Comment दशकों के लंबे संघर्ष, तीन दर्जन से अधिक शहादतों और व्यापक जनदबाव के बाद उत्तराखण्डवासियों को 9 नवम्बर 2000 को अपना अलग राज्य तो मिला मगर इस राज्य को इसके सबसे महत्वपूर्ण जल संसाधन से वंचित कर दिया गया। Read more » उत्तराखण्ड
राजनीति भागवत की नई दृष्टि और समरस भारत की परिकल्पना November 10, 2025 / November 10, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को प्रायः हिंदूवादी संगठन के रूप में देखा जाता रहा है, परंतु वस्तुतः वह केवल एक धार्मिक या सांप्रदायिक संगठन नहीं, बल्कि भारतीयता और राष्ट्रीयता की जीवंत चेतना का प्रतीक है। Read more » भागवत की नई दृष्टि
राजनीति संविधान निर्माता पर बेतुका विवाद क्यों November 7, 2025 / November 11, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment बाबा साहब अम्बेडकर को संविधान निर्माता कहा जाता है, ये बात कुछ लोग हजम नहीं कर पाते, इसलिए उनके संविधान निर्माता होने पर सवाल खड़े करते हैं। अब इस मुद्दे पर जो विवाद चल रहा है, Read more » संविधान निर्माता पर बेतुका विवाद
राजनीति क्या नक्सलवाद का अंत हो जाएगा November 7, 2025 / November 7, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी, तब आतंकवाद और नक्सलवाद के रूप में देश की सुरक्षा के लिए दो बड़े खतरे थे लेकिन 11 साल बाद इन दोनों खतरों से यह सरकार सफलतापूर्वक निपट रही है। दो साल पहले गृहमंत्री अमित शाह ने देश को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए […] Read more » Will Naxalism end? नक्सलवाद का अंत
राजनीति भारतीय राजनीति विचारणीय, चिंतनीय November 7, 2025 / November 7, 2025 by शिवानंद मिश्रा | Leave a Comment शिवानन्द मिश्रा यह धारणा कि राजनीतिक वंशों के सदस्य नेतृत्व के लिए अद्वितीय रूप से उपयुक्त होते हैं, भारतीय शासन व्यवस्था में गहराई से समाई हुई है, ग्राम सभाओं से लेकर संसद के सर्वोच्च पदों तक, लेकिन जब निर्वाचित पद को पारिवारिक विरासत की तरह माना जाता है तो शासन की गुणवत्ता अनिवार्य रूप […] Read more » Indian politics is a matter of concern भारतीय राजनीति
राजनीति मिथिलांचल में कांग्रेस की वापसी की कोशिश: राहुल-तेजस्वी की जोड़ी से नई उम्मीद November 7, 2025 / November 7, 2025 by डॉ. संतोष झा | Leave a Comment डॉ. संतोष झा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को समाप्त हो गया जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को निर्धारित है। मिथिला क्षेत्र में लगभग 60 विधानसभा सीटें हैं जो राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी पहली […] Read more » मिथिलांचल में कांग्रेस
राजनीति सच की आड़ में झूठ परोस रहे राहुल गांधी November 7, 2025 / November 11, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment भारत में 90 करोड़ मतदाता हैं, इसलिए मतदाता सूची में गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता। सवाल सिर्फ इतना है कि ये गड़बड़ियां कैसे हुई हैं, Read more » झूठ परोस रहे राहुल गांधी
राजनीति अब्बा डब्बा जब्बा नहीं,अब अप्पू टप्पू पप्पू… November 6, 2025 / November 6, 2025 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment सुशील कुमार ‘नवीन ‘ वर्ष 1997 में एक फिल्म रिलीज हुई थी। फिल्म का नाम था ‘जुदाई’। मुख्य रोल में थे सुपरस्टार अनिल कपूर और लेडी सुपर स्टार श्रीदेवी। दोनों सुपरस्टारों के साथ जबरदस्त भूमिका में थी रंगीला गर्ल उर्मिला मातोंडकर। जो लोग 40 से बड़ी उम्र के है, अधिकांश फिल्मप्रेमियों ने ये फिल्म टीवी या सिनेमा में अवश्य देखी होगी। फिल्म की कहानी तो उस समय की सुपरहिट थी ही, सो उसकी चर्चा करने की जरूरत ही नहीं है। जरूरत है फिल्म के एक सुपरहिट डायलॉग ‘अब्बा डब्बा जब्बा’ पर चर्चा करने की। मूक बधिर महिला के निभाए गए आइकॉनिक रोल में इस डायलॉग ने उपासना सिंह को रातों रात सुर्खियों में ला दिया था। वैसे आज के समय में उपासना सिंह किसी परिचय की मोहताज नहीं है। आप भी सोच रहे होंगे कि इस डायलॉग की आज 28 वर्ष बाद अचानक कैसे याद हो आई। तो सुनिए बिहार में गुरुवार 6 नवंबर और 11 नवंबर को चुनाव होना है। बिहार की कुल 243 सीट पर दो चरण में चुनाव हो रहे हैं। लगभग 7.43 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। देश की राजनीति में बिहार की बड़ी भूमिका रहती है। इसलिए भाजपा गठबंधन और कांग्रेस गठबंधन जीत के लिए अपना पूरा जोर लगाए हुए है। 121 सीटों के लिए प्रचार थम चुका है। शेष 122 सीटों के लिए 9 नवंबर तक आरोप प्रत्यारोपों का दौर जारी रहेगा। 11 नवंबर को द्वितीय चरण के मतदान के बाद परिणाम 14 नवंबर को आयेगा। अब सीधे मुद्दे पर आते हैं। चुनाव कोई भी हो चटखारे लेने में कोई कर कसर नहीं छोड़ता। मोदी विरोधी हर मंच से जुमलेबाज, वोट चोर तो कहते ही है। साथ में दो चार तंज और भी छोड़ देते हैं। इसी क्रम में कसर मोदी भी नहीं छोड़ते। जहां मौका लगता है, वहीं तरकश से तीर छोड़ देते है। इस बार मोदी से ज्यादा तो यूपी वाले बाबा जी(योगी आदित्यनाथ) चुनावी मैदान में छक्के पे छक्का मारे जा रहे हैं। नया डायलॉग है पप्पू, अप्पू और टप्पू। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार की धरती से न केवल पटना की राजनीति को नहीं साध रहे, बल्कि दिल्ली तक की विपक्ष की राजनीति को निशाने पर ले रहे हैं।। हाल ही में उन्होंने बातों-बातों में विपक्ष के तीन बड़े चेहरों पर पप्पू, अप्पू और टप्पू का ऐसा डायलॉग मारा है जो लगातार चर्चा में है। उन्होंने बिना नाम लिए इन तीन चेहरों में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और बिहार में विपक्ष के सीएम फेस राजद नेता तेजस्वी यादव को गांधी जी के तीन बंदरों से इनका उदाहरण दिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज गांधी जी के तीन बंदरों की तरह बिहार के महागठबंधन में भी तीन बंदर हैं। पप्पू, अप्पू और टप्पू। पप्पू सच बोल नहीं सकता, अप्पू सच सुन नहीं सकता और टप्पू सच देख नहीं सकता। उन्होंने बिना नाम लिए राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह तीनों (पप्पू, टप्पू और अप्पू) बंदर न सच देखते हैं, न सुनते हैं, न बोलते हैं। कुछ भी हो डायलॉग जबरदस्त ट्रेंड में है। खैर जो कहा सो कह दिया। लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी है। इन्होंने छक्का मारा है तो मौका लगेगा तो वो भी पीछे नहीं रहेंगे। अथर्ववेद में लिखा गया यह सूक्त आज के समय प्रासंगिक जान पड़ता है। मा भ्राता भ्रातरं द्विक्षन्, मा स्वसारमुत स्वसा। सम्यञ्च: सव्रता भूत्वा वाचं वदत भद्रया।। इसका अर्थ है कि भाई, भाई से द्वेष न करें, बहन, बहन से द्वेष न करें, समान गति से एक-दूसरे का आदर- सम्मान करते हुए परस्पर मिल-जुलकर कर्मों को करने वाले होकर अथवा एकमत से प्रत्येक कार्य करने वाले होकर भद्रभाव से परिपूर्ण होकर संभाषण करें। पुराने समय की बात करें तो राजनीति में भाषा कभी जन-जागरण का माध्यम होती थी। नेता जो बोलते थे वो मर्यादित बोलते थे। आज ट्रेंडिंग का जमाना है। ऐसा बोलो कि समाचार पत्रों और टीवी चैनलों की सुर्खियां तो बने ही साथ में पब्लिक भी इसे खूब सर्कुलेट करे। यदि ये कहे कि राजनेता आज विचार सर्कुलेट नहीं करते अपितु चुनावी रंगमंच में डायलॉग डिलिवरी करते हैं। किसी नेता के संबोधन की जान ‘पप्पू’ है, किसी के लिए ‘चोर’। थोड़ा आगे बढ़े तो कोई फ्री की रेवड़ी बोल अपना वक्तव्य पूरा कर लेता है तो कोई ठगबंधन। फ्लैश बैक में जाएं तो किसी समय अटल बिहारी वाजपेयी का ‘हार नहीं मानूंगा’ समर्थकों में जोश से भर देता था। अब जोश भाषण से वही कटाक्षों से भरे जाने लगे हैं। ये बात सही है कि सुर्खियों के लिए डायलॉग जरूरी हैं, लेकिन जब मुद्दे छोड़ डायलॉग ही एजेंडे बन जाएं तो जनता वही महसूस करेगी जो उपासना सिंह ने ‘जुदाई’ में कहा था- ‘अब्बा डब्बा जब्बा’ अर्थात् बहुत कुछ कहोगे पर कुछ समझ में नहीं आएगा। भगवतगीता का प्रसिद्ध श्लोक इसे और सारगर्भित कर देगा। गीता में कहा गया है – यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः। स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते। भाव है को श्रेष्ठ पुरुष जो आचरण करते हैं, दूसरे मनुष्य (आम इंसान) भी वैसा ही आचरण, वैसा ही काम करते हैं। वह (श्रेष्ठ पुरुष) जो प्रमाण या उदाहरण प्रस्तुत करता है, समस्त मानव-समुदाय उसी का अनुसरण करने लग जाते हैं। लेखक: सुशील कुमार ‘नवीन’ , Read more » अप्पू टप्पू पप्पू
राजनीति गुप्त परमाणु हथियार परीक्षण की आशंकाएं November 6, 2025 / November 6, 2025 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा चीन और पाकिस्तान समेत कई देश कर रहे हैं गुप्त परमाणु परीक्षण-प्रमोद भार्गवअमेरिकी राश्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ‘बयान-बम‘ फोड़ा है। विवादित बयानों को लेकर चर्चित ट्रंप ने दावा किया है कि चीन और पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण में लगे हैं। रूस और उत्तर कोरिया […] Read more » Fears of covert nuclear weapons testing secret nuclear weapons test गुप्त परमाणु हथियार परीक्षण