राजनीति विधि-कानून वक्फ के सुप्रीम फैसले पर पक्ष-विपक्ष दोनों खुश September 17, 2025 / September 17, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करने वाले वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन कानून केन्द्र सरकार ने बनाया था । लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के पश्चात 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षरों के बाद यह कानून देश में लागू हो गया था । 5 अप्रैल को ही आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान व अन्य ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी । असदुद्दीन ओवैसी,मोहम्मद जावेद, एआईएमपीएलबी और अन्य भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए । 17 अप्रैल को केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि मामले की सुनवाई तक ‘वक्फ वाई यूजर’ या ‘वक्फ वाई डीड’ सम्पत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा । 22 मई को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई पूरी कर ली और फैसला सुरक्षित कर लिया था । 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना अंतरिम फैसला दे दिया है । वक्फ कानून के खिलाफ अदालत गए याचिकाकर्ताओं की मुख्य मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है । याचिकाकर्ता चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट पूरे कानून पर रोक लगा दे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी कानून पर अंतरिम रोक लगाने को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए और दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में ही पूरे कानून पर रोक लगानी चाहिए । इस फैसले से सरकार और कानून के पक्षधर बहुत खुश हैं लेकिन कानून के खिलाफ गए याचिकाकर्ता भी खुश हैं क्योंकि अदालत ने इस कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है । देखा जाए तो सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से दोनों पक्षों को कुछ खुशी दी है और कुछ गम भी दिए हैं । याचिकार्ताओं का कहना था कि वक्फ संपत्ति देने के लिए 5 साल इस्लाम पालन की शर्त लगाई गई है जो कि भेदभावपूर्ण प्रावधान है । सरकार का कहना था कि जमीनों का अतिक्रमण किया जा रहा है, इसलिए यह प्रावधान किया गया है । अदालत ने फैसला सुनाया है कि जब तक राज्य सरकारें यह तय करने के लिए नियम नहीं बनाती कि कोई व्यक्ति मुस्लिम है या नहीं, तब तक तत्काल प्रभाव से इस प्रावधान पर रोक रहेगी । इससे याचिकाकर्ता खुश हैं लेकिन सरकार को भी परेशानी नहीं है क्योंकि यह अस्थायी रोक है । राज्य सरकारें कानून बनाकर इसे लागू कर सकती हैं । कानून में प्रावधान था कि कलेक्टर वक्फ संपत्ति का फैसला कर सकता है लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इससे वक्फ संपत्ति की जमीन सरकारी दर्ज हो जाएगी । सरकार का कहना था कि कलेक्टर केवल प्रारंभिक जांच करता है, अंतिम फैसला ट्रिब्यूनल या कोर्ट का होगा । अदालत ने इस प्रावधान पर रोक लगा दी है और कहा है कि कलेक्टर को नागरिकों के संपत्ति अधिकारों पर फैसला लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती । जब तक ट्रिब्यूनल या अदालत फैसला नहीं दे देते, तब तक वक्फ की संपत्ति का स्वरूप नहीं बदलेगा । याचिकाकर्ताओं की मुख्य मांग यह थी कि जिन वक्फ संपत्तियों का लंबे समय से धार्मिक कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, उन्हें वक्फ संपत्ति घोषित करने का प्रावधान बना रहे बेशक उस संपत्ति के दस्तावेज न हों । इस कानून को ‘वक्फ वाई यूजर’ कहा जाता है । सरकार ने संशोधित कानून में यह प्रावधान खत्म कर दिया है । अदालत ने भी सरकार की बात मान ली है और ‘वक्फ वाई यूजर’ लागू करने से मना कर दिया है । इस मामले में अदालत ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए आदेश दिया है कि बिना दस्तावेज वाली ऐसी संपत्तियों को, जहां लंबे समय से धार्मिक कार्य चल रहे हैं और उन्हें वक्फों द्वारा काबिज कर लिया गया है, उन संपत्तियों को ट्रिब्यूनल या अदालत द्वारा अंतिम फैसला आने तक न तो वक्फों को संपत्ति से बेदखल किया जाएगा और न ही राजस्व रिकॉर्ड में एंट्री प्रभावित होगी । सरकार के लिए परेशानी यह है कि बिना दस्तावेज वाली जिन संपत्तियों को पहले ही ‘वक्फ वाई यूजर’ घोषित करके वक्फों द्वारा कब्जा कर लिया गया है, उन्हें कैसे वापिस लिया जाएगा । सरकार को इस मामले में अदालत से दोबारा विचार करने के लिए कहना होगा । यह ठीक है कि ‘वक्फ वाई यूजर’ बोलकर अब किसी की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड नाजायज कब्जा नहीं कर सकता लेकिन जिन संपत्तियों पर कब्जा कर लिया गया है, उनके बारे में भी विचार करने की जरूरत है । हमें याद रखना होगा कि वक्फों द्वारा लाखों एकड़ सरकारी और गैर-सरकारी भूमि इस तरीके से कब्जा कर ली गई हैं । नए कानून में प्रावधान किया गया था कि केन्द्रीय वक्फ बोर्ड परिषद और राज्य वक्फ बोर्डो में गैर-मुस्लिम भी सदस्य बन सकते हैं । याचिकाकर्ताओं का कहना था कि गैर-मुस्लिम बहुमत बनाकर हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकते हैं । केन्द्र सरकार का कहना था कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या 2-4 तक ही होगी । अदालत ने भी यह बात मान ली है और कहा है कि केन्द्रीय वक्फ परिषद में 22 में से अधिकतम 4 और राज्य वक्फ बोर्डो में 11 में से अधिकतम 3 सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं । नए कानून में वक्फ बोर्ड के सीईओ का मुस्लिम होना अनिवार्य नहीं है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सीईओ का मुस्लिम होना अनिवार्य होना चाहिए । अदालत ने याचिकाकर्ताओं की मांग को ठुकरा दिया है लेकिन कहा है कि जहां तक संभव हो सीईओ मुस्लिम ही होना चाहिए। नए कानून में प्रावधान किया गया है कि वक्फ संपत्ति की लिखित रजिस्ट्री व पंजीकरण होना चाहिए जबकि पहले मौखिक रूप से भी किसी संपत्ति को वक्फ घोषित किया जा सकता था । याचिकाकर्ता चाहते थे कि पुराना प्रावधान लागू होना चाहिए और मौखिक वक्फ भी मान्य होना चाहिए । केन्द्र सरकार का कहना था कि इस प्रावधान से वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही बनेगी और फर्जी वक्फ के मामले रुक जाएंगे । अदालत ने इस मामले में सरकार की बात मान ली है और इस प्रावधान पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है । अदालत का कहना है कि यह प्रावधान 1995 और 2013 के कानून में था और सरकार ने इसे दोबारा लागू किया है । विपक्षी दलों के कुछ नेता अदालत के फैसले से खुश हैं । कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का कहना है कि सरकार ने यह कानून जल्दबाजी में बनाया था, इस पर बहस होती तो यह कानून नहीं बनता । अजीब बात यह है कि इस कानून को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था, जिसके सामने सबको अपनी बात रखने का मौका दिया गया था। देखा जाए तो इस कानून पर लंबी बहस हुई थी। पवन खेड़ा और कितनी बहस चाहते हैं। वक्फ बोर्ड बहुत से मुस्लिम देशों में हैं लेकिन ऐसा कानून किसी भी देश में नहीं है । वास्तव में वक्फ बोर्ड सिर्फ वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन का काम करता है, उसका यह काम नहीं है कि वो लोगों की जमीनों पर कब्जा करे । मुस्लिम देशों में वक्फ के पास जमीन दान देने से आती है जबकि भारत में वक्फ बोर्ड के पास जमीन कब्जे से आ रही है । 1995 में कांग्रेस सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन करके वक्फ बोर्डों को लैंड माफिया में बदल दिया था । वक्फ बोर्ड सरकारी और गैर-सरकारी जमीनों पर कब्जा करने लगे थे क्योंकि उन्हें वक्फ वाई यूजर का हथियार मिल गया था । उन्हें किसी की जमीन पर कब्जा करने के लिए किसी कागज की जरूरत नहीं थी । उनका यह मानना ही काफी था कि वो जमीन वक्फ की है । अदालत में भी इस कब्जे को चुनौती नहीं दी जा सकती थी । बेशक नए कानून से ये नाजायज कब्जे बंद हो जाएंगे लेकिन सवाल यह है कि लाखों एकड़ जमीनों पर किए गए कब्जों का क्या होगा । ऐसा लग रहा है कि यह कानून अभी भी अधूरा है क्योंकि वक्फ बोर्ड का काम केवल प्रबंधन का है, जो कि मुस्लिम देशों में भी होता है लेकिन हमारे देश के वक्फ बोर्डों के पास कब्जा की गई जमीनें हैं । यह कानून तभी पूरा माना जाएगा, जब कब्जा की गई जमीनें वापिस मिल जाएँगी । कितनी अजीब बात है कि एक आदमी पूरे जीवन मेहनत करके कमाई गई पूंजी से जमीन खरीदे और अचानक वक्फ बोर्ड आए और उसकी जमीन वक्फ बताकर छीन ले । वो बेचारा रोता रहे और उसकी सुनवाई कहीं न हो । कमाल की बात है कि संविधान होते हुए भी ऐसे पीड़ितों के लिए अदालत का दरवाजा भी बंद कर दिया गया था । मोदी सरकार ने कानून बनाकर यह अन्याय बंद कर दिया है लेकिन जो अन्याय हो चुका है, उसका भी हिसाब होना चाहिए । दूसरी बात यह है कि वक्फ की जमीन का इस्तेमाल कब्रिस्तान, मस्जिद, शैक्षणिक संस्थान और गरीबों के फायदे के लिए किया जा सकता है लेकिन वक्फ बोर्ड के पास लाखों एकड़ भूमि होने के बावजूद गरीब मुस्लिम जमीन के लिए सरकार के सामने खड़े रहते हैं । इसका कारण यह है कि वक्फ की संपत्तियों का गलत इस्तेमाल हो रहा है । अदालत को इस कानून पर फिर विचार करने की जरूरत है । यह देखना जरूरी है कि भविष्य में इस कानून का गलत इस्तेमाल न हो लेकिन यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि जो गलत इस्तेमाल हो चुका है, उसे भी ठीक किया जाए । राजेश कुमार पासी Read more » वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन
राजनीति लेख शख्सियत राष्ट्र नायक नरेंद्र मोदी September 16, 2025 / September 16, 2025 by डॉ.वेदप्रकाश | Leave a Comment डॉ.वेदप्रकाश राष्ट्र का कोई पिता नहीं होता। राष्ट्र के पुत्र व राष्ट्र के नायक होते हैं क्योंकि वैदिक चिंतन कहता है- माता भूमि: पुत्रोअहं पृथ्विव्या: अर्थात् यह भूमि मेरी माता है और मैं इसका पुत्र हूं। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व-कृतित्व ने युवा भारत के मन मस्तिष्क से राष्ट्रपिता के प्रायोजित नॉरेटिव को भी समझने हेतु नई दिशा प्रदान की है। वे जिस रूप में मां भारती के सच्चे सिपाही अथवा पुत्र और सेवक बनकर जन-जन की सेवा में लगे हुए हैं, उससे उनका व्यक्तित्व राष्ट्र नायक के रूप में उभरा है। विभिन्न योजनाओं और कार्य प्रणाली में जब वे पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति की आशाओं-आकांक्षाओं की चिंता करते हैं तो उनकी अनुभूति की व्यापकता स्पष्ट देखी जा सकती है। साक्षी भाव नामक रचना में वे लिखते हैं-मुझे तो जगत को भावनाओं से जोड़ना है।मुझे तो सबकी वेदना की अनुभूति करनी है…। प्रस्तुत पंक्तियों से यह भी स्पष्ट है कि उनका विचार और संस्कार भारतीय ज्ञान परंपरा के आलोक में पोषित हुआ है। भारतवर्ष की संत परंपरा, महापुरुषों एवं स्वर्गीय अटल जी जैसे विभिन्न व्यक्तित्वों के चिंतन का उन पर गहरा प्रभाव है। भारतीय ज्ञान परंपरा में सर्वे भवंतु सुखिनः का मंत्र और दृष्टि प्रधान है इसलिए वे सभी के सुख के लिए स्वयं को खपा रहे हैं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार वर्ष 2014 में लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम अपने पहले ही संबोधन में संकल्प का भाव प्रस्तुत करते हैं। वे जन-जन को झकझोरते हैं और आवाह्न करते हैं। वे प्रधानमंत्री नहीं, प्रधानसेवक के रूप में प्रस्तुत होते हैं। उनके मन मस्तिष्क में नया भारत बनाने की भावना है। गरीब, मजदूर ,किसान, युवा शक्ति एवं नारी शक्ति सबको साथ लेकर वे सबके कल्याण और राष्ट्र निर्माण का संकल्प प्रस्तुत करते हैं। वर्ष 2025 में लालकिले की प्राचीर से उनके बारह संबोधन पूर्ण हो चुके हैं। वे अपने प्रत्येक संबोधन में सबके साथ और सबके विकास का मंत्र लेकर प्रत्येक बार नई एवं जन कल्याणकारी योजनाएं लेकर आते हैं। अब भारत बदल रहा है। आज जन-जन नए भारत,आत्मनिर्भर भारत व समृद्ध भारत का भाव लेकर अपनी भागीदारी करते हुए विकसित भारत का संकल्प लेकर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राष्ट्र नायक वही है जो राष्ट्र के जन-जन के साथ जुड़कर और उन्हें अपने साथ जोड़कर शिखर की ओर बढ़ चले। विगत कुछ वर्षों में आर्थिक उन्नति के शिखर की ओर बढ़ते हुए भारत आज विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया का विचार अब व्यापक हो चुका है। खेती, किसानी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि के माध्यम से आत्मनिर्भरता जन-जन का संकल्प बनता जा रहा है। संतुलित विकास और नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है। वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए नरेंद्र मोदी विभिन्न मुद्दों पर विश्व समुदाय का मार्गदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्र की सीमाओं और स्वाभिमान की रक्षा के लिए वे दृढ़ संकल्पित हैं। आज विश्व भारतीय सेना के शौर्य और मोदी नेतृत्व की निर्णय क्षमता की सराहना कर रहा है। आज देश किसी की थौंपी हुई नीतियां मानने को मजबूर नहीं है अपितु स्वयं को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाते हुए दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहा है। विश्व के अनेक देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया जा चुका है। वे राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर जहां भी जाते हैं वहीं वसुधैव कुटुंबकम का उद्घोष करते हैं। वे सबको साथ लेकर मानवता के कल्याण के सूत्र देकर उन पर अमल का मार्ग बताते हैं। राष्ट्र नायक वही है जो विपरीत परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास का भाव जगा दे। वैश्विक महामारी कोरोना में अनेक देशों की व्यवस्थाएं भिन्न-भिन्न रूपों में चरमरा गई लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने सूझबूझ से न केवल अपने देश को इस संकट से निकला अपितु अनेक देशों की सहायता और सेवा के लिए काम किया। 25 मार्च 2018 के मन की बात में उन्होंने जन-जन में आत्मविश्वास भरते हुए कहा- आज पूरे विश्व में भारत की ओर देखने का नजरिया बदला है। आज जब भारत का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है तो इसके पीछे मां भारती के बेटे- बेटियों का पुरुषार्थ है। वे छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी उपलब्धि का श्रेय स्वयं नहीं लेते अपितु देश की जनता के संकल्प और पुरुषार्थ को समर्पित करते हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य प्रणाली को बदला है। उनका दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है-रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म। स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, शौचालय युक्त भारत, गरीबी मुक्त भारत, गंदगी मुक्त भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, मिशन अंत्योदय, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, मुद्रा योजना, फिट इंडिया, खेलता भारत-खिलता भारत, वोकल फाॅर लोकल, लखपति दीदी आदि अनेक ऐसी योजनाएं एवं अभियान हैं जिनके आवाह्न के बाद समूचा देश नरेंद्र मोदी के साथ चलता दिखाई दे रहा है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी अपने उद्बोधनों में बार-बार कहते हैं- यह देश का सौभाग्य है कि देश को नरेंद्र मोदी जैसा योगी और तपस्वी प्रधानमंत्री मिला है जिनका जीवन मां भारती की सेवा में समर्पित है। राष्ट्र नायक वही है जो विकृति को संस्कृति में बदल दे। असंभव को संभव कर दिखाएं। नकारात्मकता को सकारात्मक बना दे। निराशा को आशा में बदल दे। सेवा की भावना और समर्पण का विचार ही जिसके जीवन का ध्येय है, राष्ट्र नायक वही तो है। 17 सितंबर 2025 को राष्ट्र नायक नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष में देशभर में जन कल्याण के कार्य हों। जन-जन उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेकर नए विचार और नए संकल्पों के साथ आगे बढ़े। यही राष्ट्र नायक के जन्मोत्सव पर उन्हें महत्वपूर्ण उपहार होगा। मां भारती की सेवा में समर्पित राष्ट्र नायक नरेंद्र मोदी का जीवन दर्शन बिल्कुल स्पष्ट है-मां… मुझे कुछ सिद्ध नहीं करना है।मुझे तो स्वयं की आहुति देनी है। आइए हम भी जाति, संप्रदाय एवं क्षेत्रीयता के भेदभाव को भूलकर स्वयं को सिद्ध करने के स्थान पर मां भारती के कल्याण हेतु एक छोटी सी आहुति अवश्य दें। राष्ट्र नायक के जन्मोत्सव पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। डॉ.वेदप्रकाश Read more » 75th birthday of narendra modi National leader Narendra Modi r Narendra Modi नरेंद्र मोदी
राजनीति शख्सियत नरेंद्र मोदी मतलब नैति नैति September 16, 2025 / September 16, 2025 by डॉ घनश्याम बादल | Leave a Comment डॉ घनश्याम बादल नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी के कार्यकाल को पीछे छोड़कर नेहरू के बाद सबसे ज्यादा समय तक लगातार प्रधानमंत्री पद रहने वाली उसे शख्सियत का नाम है जिसे उनके समर्थक भारत को विश्वगुरु बनाने एक विकसित देश बनाने और बनाना स्टेट से सॉलिड स्टेट तक ले जाने का श्रेय देते हैं. […] Read more » 75th birthday of narendra modi Narendra Modi means morality
राजनीति शख्सियत नरेंद्र मोदी : विकास के “भगीरथ”, आधुनिक भारत के “शिल्पकार” September 16, 2025 / September 16, 2025 by प्रदीप कुमार वर्मा | Leave a Comment प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर प्रदीप कुमार वर्मा एक लोकप्रिय राजनेता। एक कुशल रणनीतिकार। जनता का प्रधान सेवक। सादगी और सेवा की प्रतिमूर्ति। और विकसित भारत का आधुनिक शिल्पकार। जी हां हम बात कर रहे हैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में करीब पच्चीस साल […] Read more » 75th birthday of narendra modi आधुनिक भारत के "शिल्पकार विकास के "भगीरथ"
राजनीति लेख बोडोलैंड की स्थायी शांति के लिए मिलना चाहिए नोबेल प्राइज September 16, 2025 / September 16, 2025 by पंकज जायसवाल | Leave a Comment पंकज जायसवाल अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के दौरे के बाद असम में अपने सम्बोधन के दौरान भावुक हो गये थे. प्रधानमंत्री इकलौते प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पूर्वोत्तर के विकास के लिए काफी मेहनत की है. उस मेहनत का एक परिणाम है पूर्वोत्तर के अशांत क्षेत्र बोडोलैंड में आई स्थायी शांति। आज अशांत […] Read more » बोडोलैंड की स्थायी शांति
राजनीति शख्सियत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर September 16, 2025 / September 16, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राजनीति के अंधियारे में सूर्य निकल आया जैसेएक अपाहिज देश आज फिर पैदल चल आया जैसेकिसी चक्रवर्ती राजा ने मोदी बनकर जन्म लियास्वयं इन्द्र प्यासी धरती पर लेकर जल आया जैसे सेनाओं में प्राण आ गए, देश शक्ति बनकर उभरासोया पडा समर्पण जागा, देश भक्ति बनकर उभरानतमस्तक है विश्व सामने, एक सन्त की माया हैयह […] Read more » 75th birthday of narendra modi
राजनीति देश के नए उपराष्ट्रपति सी0 पी0 राधाकृष्णन की चुनौतियां September 16, 2025 / September 16, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment चंद्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन देश के 15 वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर चुके हैं। श्री राधाकृष्णन की जीत ने भाजपा को नई ऊर्जा प्रदान की है। वास्तव में जिन परिस्थितियों में नए उपराष्ट्रपति का चुनाव हुआ है , उनमें सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के पास लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही अपना स्पष्ट बहुमत […] Read more » Challenges of the country's new Vice President C.P. Radhakrishnan देश के नए उपराष्ट्रपति सी0 पी0 राधाकृष्णन की चुनौतियां
राजनीति विश्ववार्ता नेपाल का घटनाक्रम और भारत September 16, 2025 / September 16, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के सरकारी निर्णय के विरोध में जिस प्रकार वहां हिंसक घटनाएं हुई हैं और देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा है, वह सब चिन्ता का विषय है। Gen – G का जिस प्रकार एक विमर्श तैयार किया जा रहा है, उसके पीछे […] Read more » नेपाल का घटनाक्रम और भारत
राजनीति शख्सियत मोदी का चमत्कारिक व्यक्तित्व और जनापेक्षाएं September 16, 2025 / September 16, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment यह सत्य है कि इस समय सारे विश्व के राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों में मोदी का आभामंडल सबसे अधिक प्रभावी है। अपने इसी आभामंडल के चलते प्रधानमंत्री मोदी देश में अल्पमत की सरकार उतने ही आत्मविश्वास के साथ चला रहे हैं, जितने आत्मविश्वास के साथ उन्होंने अपनी पार्टी की बहुमत की सरकारों को चलाया है। इस […] Read more » मोदी का चमत्कारिक व्यक्तित्व
राजनीति मणिपुर में विकास और शांति की एक नई भोर September 16, 2025 / September 16, 2025 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षितमई 2023 में मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद मैतेयी और कुकी समुदायों के मध्य भड़की हिंसा से अब तक 260 लोग मारे जा चुके हैं तथा 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। इस संघर्ष के आरम्भ से ही भारत के सभी विपक्षी दल निरंतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सरकार […] Read more » A new dawn of development and peace in Manipur मणिपुर में विकास और शांति की एक नई भोर
राजनीति गाँधी मार्ग पर चलते नरेन्द्र मोदी September 16, 2025 / September 16, 2025 by मनोज कुमार | Leave a Comment प्रो. मनोज कुमार गाँधी के भारत को देखना हो या आज के मोदी के भारत को तो एक साम्य दोनों में मिलेगा वह है आत्मनिर्भरता. गाँधीजी ने हमेशा आत्मनिर्भर समाज और देश की कल्पना की है. गाँधीजी की आत्मनिर्भरता का अर्थ स्वदेशी हो जाना है. भारत की बुनियाद में स्वदेशी के रास्ते आत्मनिर्भरता परिभाषित है. […] Read more » गाँधी मार्ग पर चलते नरेन्द्र मोदी
राजनीति आधुनिक तकनीक एवं मानवीय करुणा है लोकतंत्र की बुनियाद September 15, 2025 / September 17, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस – 15 सितम्बर, 2025– ललित गर्ग –संयुक्त राष्ट्र ने 15 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के रूप में नामित किया है ताकि दुनिया भर में लोकतंत्र और उसके मूल सिद्धांतों का जश्न मनाया जा सके। विश्व समुदाय ने पहली बार 2008 में अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाना नए या पुनर्स्थापित लोकतंत्रों के पहले […] Read more » Modern technology and human compassion are the foundation of democracy. अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस