राजनीति ये कैसी देशभक्ति है ? May 13, 2025 / May 13, 2025 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment ~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल ये धूर्तता है या कुंठा है। जो लोग ये कहते हुए नहीं अघा रहे हैं कि अजी! हम तो सेना के साथ हर वक्त खड़े हैं। लेकिन वो मोदी विरोध की आड़ में सेनाओं के शौर्य और पराक्रम पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जबकि मंदबुद्धि से लेकर पागल व्यक्ति को […] Read more » What kind of patriotism is this?
राजनीति साइबर हमलों से सावधान रहने की जरूरत ! May 13, 2025 / May 13, 2025 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment पाकिस्तान के आतंकियों द्वारा 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत द्वारा पाकिस्तान के 9 एवं 12 अन्य, कुल 21 आतंकी ठिकानों पर आपरेशन ‘सिंदूर’ द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई करने एवं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) के बीच सीजफायर रोकने हेतु मध्यस्थता की बातचीत के बाद […] Read more » Be cautious about cyber attacks! साइबर हमलों से सावधान
राजनीति मोदी-उद्बोधन जागृत राष्ट्र के हौसलों की उड़ान May 13, 2025 / May 13, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान के जवाबी हमले तथा युद्ध विराम के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़े एवं स्पष्ट शब्दों में न केवल पाकिस्तान को चेताया बल्कि उसको उसकी जमीन भी दिखायी। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ़ भारत की प्रखर एवं प्रभावी नीति को पूरी दुनिया के सामने […] Read more » Modi-the speech awakens the spirits of the nation मोदी-उद्बोधन जागृत राष्ट्र के हौसलों की उड़ान
राजनीति ‘गोपनीय जानकारी’ बनी सीजफायर का आधार May 13, 2025 / May 19, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कई लोग थे जो प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ राजनीतिक तौर पर इस युद्ध से पहले साथ नहीं थे। उन्होंने देश की राजनीतिक परिस्थितियों के दृष्टिगत ‘मजबूरी’ में यह निर्णय लिया कि वह देश की केंद्र सरकार के साथ खड़े होकर इस बात का समर्थन करते हैं कि सरकार और सेना पाकिस्तान के विरुद्ध जो […] Read more » सीजफायर सीजफायर का आधार
राजनीति आत्मविश्वास से भरा मोदी का भारत May 12, 2025 / May 19, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment जो लोग इस प्रकार के प्रश्न उठा रहे हैं, उनके लिए उचित रूप से यह कहा जा सकता है कि भारत और पाकिस्तान में इस समय कोई घोषित युद्ध नहीं हो रहा था। भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को लक्ष्य बनाकर अपनी सेना से ‘ ऑपरेशन सिंदूर’ कराया। जिसमें हमारे देश की सेना पूर्ण […] Read more » Modi's India is full of confidence आत्मविश्वास से भरा मोदी का भारत
राजनीति युद्ध से युद्धविराम तक: भारत-पाक रिश्तों की बदलती तस्वीर May 11, 2025 / May 11, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment 10 मई 2025 को, भारत और पाकिस्तान ने एक पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की, जो हाल के वर्षों में सबसे गंभीर संघर्ष के बाद हुआ। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सैन्य तनाव बढ़ा था। अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता में हुई वार्ता के बाद, दोनों देशों […] Read more » युद्ध से युद्धविराम तक
राजनीति पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को क्यों कहा ‘गीदड़’ ? May 11, 2025 / May 11, 2025 by संदीप सृजन | Leave a Comment संदीप सृजन पहलगाम हमले के बाद शुरु हुए भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बोखलाये हुए पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर से उथल-पुथल मची हुई है। हाल ही में पाकिस्तानी संसद में एक सांसद ने अपने ही देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ‘गीदड़’ कहकर तीखा हमला बोला। यह बयान न केवल पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में अस्थिरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रदर्शित करता है कि देश के शीर्ष नेतृत्व पर उनके अपने लोगों का भरोसा डगमगा रहा है। इस घटना ने न केवल पाकिस्तान में, बल्कि भारत और वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। शुक्रवार को पाकिस्तानी संसद में एक सांसद, शाहिद अहमद खट्टक, ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘गीदड़’ कहा। सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि शहबाज शरीफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेने से डरते हैं। यह बयान उस समय आया जब पाकिस्तान और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘इंडिया-पाकिस्तान वॉर’ जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे है। सांसद ने अपने भाषण में कहा, “अगर सरदार गीदड़ हो तो जंग हारते हैं। बुजदिल सरदार सेना को क्या संदेश देगा?” इस बयान ने न केवल संसद में हंगामा मचाया, बल्कि पाकिस्तान की जनता और मीडिया में भी तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी संसद में इस तरह का विवाद हुआ हो। इससे पहले भी, 2019 में बालाकोट हमले के बाद, एक सांसद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की कथित कमजोरी पर टिप्पणी की थी। उस समय भी सांसद ने दावा किया था कि पाकिस्तानी नेतृत्व भारत के सामने घुटने टेक रहा था। इस बार का विवाद इसलिए और महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शहबाज शरीफ के नेतृत्व और उनकी सरकार की विश्वसनीयता पर सीधा सवाल उठाता है।पाकिस्तान की राजनीति हमेशा से अस्थिरता और आंतरिक कलह का शिकार रही है। पाकिस्तान के सांसद का अपनी ही सरकार के प्रति असंतोष है। जो कि पाकिस्तानी सेना और नागरिक सरकार के बीच बढ़ते तनाव का परिणाम है, क्योंकि सेना लंबे समय से देश की विदेश नीति और रक्षा नीति पर नियंत्रण रखती है।शहबाज शरीफ को पहले से ही एक कमजोर और समझौतावादी नेता के रूप में देखा जाता रहा है। इस बयान ने उनकी छवि को और नुकसान पहुंचाया है। पाकिस्तान जैसे देश में, जहां राष्ट्रवाद और भारत विरोधी भावनाएं राजनीति का एक बड़ा हिस्सा हैं, ‘गीदड़’ जैसे शब्द का इस्तेमाल शहबाज की विश्वसनीयता पर गहरा आघात करता है। यह बयान न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को प्रभावित करता है, बल्कि उनकी पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), की स्थिति को भी कमजोर करता है। सोशल मीडिया पर इस बयान ने आग में घी का काम किया। कई यूजर्स ने शहबाज शरीफ का मजाक उड़ाया और उनकी सरकार को ‘बुजदिल’ करार दिया। यह घटना पाकिस्तान की पहले से ही अस्थिर राजनीति को और जटिल बना सकती है। शहबाज शरीफ की सरकार पहले ही विपक्ष के लगातार हमलों का सामना कर रही है। इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई लगातार सरकार पर भ्रष्टाचार, अक्षमता और सेना के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाती रही है। इस बयान ने विपक्ष को एक नया हथियार दे दिया है, जिसका इस्तेमाल वे शहबाज सरकार को और कमजोर करने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा, यह बयान सेना और नागरिक सरकार के बीच संबंधों पर भी सवाल उठाता है। पाकिस्तान में सेना का राजनीति पर गहरा प्रभाव रहा है। सेना लंबे समय से भारत के प्रति कड़ा रुख अपनाने की पक्षधर रही है, और अगर शहबाज सरकार इस दिशा में थोड़ी नर्म पड़ती है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे चल रहा है, दोनों देशों के बीच सैन्य या कूटनीतिक तनाव की स्थिति है। ऐसे में पाक सांसद के बयान ने इस धारणा को और मजबूत किया है कि पाकिस्तान का नेतृत्व भारत के सामने कमजोर पड़ रहा है। भारत में इस बयान को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ भारतीय नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे भारत की कूटनीतिक और सैन्य ताकत का सबूत बताया, जबकि कुछ ने इसे पाकिस्तान की आंतरिक कमजोरी का प्रतीक माना है। वैश्विक स्तर पर, यह घटना पाकिस्तान की छवि को और कमजोर करती है। पहले से ही आर्थिक संकट और आतंकवाद जैसे मुद्दों से जूझ रहा पाकिस्तान अब आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता के कारण और चर्चा में है।पाकिस्तानी संसद में शहबाज शरीफ को ‘गीदड़’ कहे जाने की घटना केवल एक बयान नहीं, बल्कि पाकिस्तान की गहरी राजनीतिक और सामाजिक समस्याओं का प्रतीक है। यह बयान शहबाज शरीफ की सरकार की कमजोरी, विपक्ष के आक्रामक रवैये, और सेना-नागरिक सरकार के बीच तनाव को उजागर करता है। संदीप सृजन Read more »
राजनीति भारत के हाथों “हार” का रहा है पाक का इतिहास May 11, 2025 / May 11, 2025 by प्रदीप कुमार वर्मा | Leave a Comment -प्रदीप कुमार वर्मा कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने ले लिया है। भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर अभियान के जरिए पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया गया है। उधर, पाकिस्तान ने भी अपनी परंपरागत आदत के मुताबिक भारत के रिहायशी तथा सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। भारत की सेना ने पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का मुंह तोड़ जवाब दिया है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब भारत के हाथों पाक को मुंह की खानी पड़ी है। इससे पहले भी हुए युद्ध में भारत ने जंग के मैदा न में पाकिस्तान को कई बार धूल चटाई है।फिलहाल, हालात ऐसे हैं कि भारत में ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के घमंड को चूर-चूर कर दिया है। यही नहीं भारत और पाकिस्तान के बीच इस नए मोर्चे के बाद जहां भारत को कई देशों का समर्थन मिल रहा है। वहीं, पाकिस्तान विश्व बिरादरी में अलग-थलग पड़ गया है। पहलगाम के आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत में शुरुआत सिंधु जल समझौते के निरस्त करने से की। इसके बाद भारत ने चिनाब का पानी भी रोक दिया। यही नहीं भारत ने अटारी बॉर्डर को बंद करके पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के आयात और निर्यात पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी है। भारत ने एक कूटनीतिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान के दूतावास में अधिकारियों की संख्या में कटौती कर दी। इसके साथ ही भारत में पाकिस्तान के जहाजों की आवाजाही पर पूर्ण पाबंदी के साथ-साथ पाकिस्तान के पोतों के लिए भारत के बंदरगाहों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इस आर्थिक मोर्चाबंदी के बाद पहले से ही गरीबों की मार झेल रहे पाकिस्तान में अब कंगाली के हालात है। यही नहीं भारत ने विश्व पटेल के अन्य देशों के साथ अपनी कार्रवाई को साझा करते हुए उनका विश्वास जीता है। यही वजह है कि अब विश्व का अनेक देश पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की इस कार्रवाई में उसके साथ हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है जब आतंकवाद का पालन-पोषण वाले पाकिस्तान को भारत के साथ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष युद्ध में मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन पाकिस्तान है कि तमाम नुकसान के बाद ना तो उसने आतंकवादियों को आश्रय देना बंद किया है और ना ही अपनी पुरानी हार से कोई सबक सीखा है। भारत और पाकिस्तान के बीच अगर युद्ध की बात करें तो वर्ष 1947 से 1948 के बीच में कश्मीर में 22 अक्टूबर 1947 से 1 जनवरी 1949 तक भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध हुआ। इस युद्ध में पाकिस्तान ने कबालियों के साथ कश्मीर पर आक्रमण किया। लेकिन उसे भारतीय सेना के हाथों मुंह की खानी पड़ी और 1 जनवरी 1949 को युद्ध विराम की घोषणा हुई। इसके बाद उसने कश्मीर के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया। जिसे आज भी पीओके नाम से जाना जाता है। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1965 में युद्ध हुआ। तब 5 अगस्त 1965 को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर की नियंत्रण रेखा के पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने कई स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर लाहौर पर हमला कर दिया तथा भारतीय सैनिकों ने 8 अगस्त 1965 को हाजी पीर दर्रे पर भारतीय तिरंगा फहरा दिया। इसके बाद तत्कालीन सोवियत संघ और अमेरिका की मध्यस्थता से युद्ध विराम पर सहमत हुए दोनों देशों के बीच ताशकंद समझौता हुआ और भारत की सेना एक बार फिर नियंत्रण रेखा पर से वापस लौट आई। इसके करीब 6 साल बाद वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से युद्ध हुआ। इस युद्ध को “बांग्लादेश मुक्ति संग्राम” के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध 3 दिसंबर 1971 से लेकर 16 दिसंबर 1971 तक चला तथा इसके बाद पाकिस्तान दो भागों में पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्व पाकिस्तान बन के रूप में बंट गया। इस युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने 16 दिसंबर 1970 को ढाका में भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा की उपस्थिति में करीब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों के साथ सरेंडर कर दिया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ और बांग्लादेश का जन्म हुआ। वर्ष 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ। इस साल पाकिस्तान ने आतंकवादी घुसपैठियों के साथ कश्मीर की पहाड़ियों पर आक्रमण कर दिया तथा टाइगर हिल सहित सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कई अन्य चोटियों पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद 10 में 1999 को भारत ने “ऑपरेशन विजय” की शुरुआत की और भारतीय सेवा के वीर सपूतों ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए 26 जुलाई को भारतीय सेना ने पूरे क्षेत्र को पाकिस्तानी आतंकवादियों के कब्जे से मुक्त करा लिया। इस दिन को “कारगिल विजय दिवस” के रूप में मनाया जाता है। बताते चलें कि पहलगाम में आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने सधी हुई रणनीति अपनाते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया। इस विशेष ऑपरेशन में भारत की सेना ने पीओके तथा पाकिस्तान के अन्य इलाकों में आतंकवादियों के नों ठिकानों को मिसाइल और ड्रोन हमले में तबाह कर दिया। यही नहीं भारत में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी अपने मित्र देशों के साथ-साथ अन्य देशों तथा यूएन को दी और बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए केवल आतंकियों को निशाना बनाया है। भारत की सेना ने इस अभियान में पाकिस्तानी सैनिक ठिकानों और नागरिकों को निशाना नहीं बनाया है। अमेरिका तथा रूस समेत अन्य देशों ने भारत की इस कार्रवाई को उचित बताते हुए आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई में भारत का साथ देने का ऐलान किया है। यही नहीं रूस ने अपने जंगी बेड़े को भारत भेजा है। वहीं, इजराइल ने भी भारत को विशेष ड्रोन उपलब्ध कराए हैं जिसकी वजह से आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत मजबूती से पाकिस्तान को सबक सिखा रहा है। प्रदीप कुमार वर्मा Read more » Pakistan's history is of "defeat" at the hands of India पाक का इतिहास
राजनीति पाकिस्तान न्यौत रहा अपनी तबाही May 11, 2025 / May 11, 2025 by डॉ घनश्याम बादल | Leave a Comment युद्ध विराम समझौता तोड़ा डॉ घनश्याम बादल अभी युद्ध विराम की घोषणा की स्याही सूखी भी नहीं थी की बेगैरत पाकिस्तान ने अपने वचन से मुकरते हुए भारत पर एक बार फिर ड्रोन हमला किया और एलओसी पर भी भारी गोलीबारी की । हालांकि मुस्तैद भारतीय सेना ने न केवल मुंह तोड़ जवाब दिया है अपितु पाकिस्तान को भारी नुकसान भी झेलना पड़ा है । अब दुनिया को सोचना पड़ेगा कि ऐसे देश का क्या किया जाए जिसके वचन और ज़बान का कोई भरोसा ही न हो । अभी कल रात तक देशभर में जोश, गुस्सा, चिंता और दुश्मन को सबक सिखाने का जज्बा पूरी तरह हावी था । देश के सारे मीडिया चैनल और अखबार अपने-अपने तरीके से युद्ध की खबरों को टीआरपी के मसाले में लपेटकर पेश कर रहे थे । एंकर चीख – चीख कर पाकिस्तान के नेस्तनाबूद होने, वहां के एयर डिफेंस सिस्टम के तबाह होने और कितने ही आतंकवादियों के मरने, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा सेना के खिलाफ शस्त्र उठाने के साथ-साथ युद्ध का जोश परोस रहे थे । 6 एवं 7 मई की रात को जब भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करके उन्हें भारी क्षति पहुंचाई तब देश की सेना एवं राजनीतिक नेतृत्व की प्रशंसा के कसीदे सारे देश में काढ़े गए । वास्तव में यह एक बड़ा निर्णय भी था और साहसिक कदम भी। साथ ही साथ कहा जाए तो 26 पर्यटकों की मौत के बदले कए लिए ऐसा होना जरूरी भी था । जिस तरह पहले दिन की रिपोर्ट आई और मीडिया के अनुसार कहा गया कि पाक बदहवास है, वहां घबराहट और भय का माहौल है तो पाकिस्तान की हिम्मत नहीं होनी चाहिए थी भारत पर प्रतिघात करने की । लेकिन गीदड़ भभकियों के साथ-साथ पाकिस्तान 8 मई की रात को अपने एयर स्ट्राइक और जम्मू कश्मीर सीमा पर भारी गोलाबारी के साथ अकड़ भरी बेहूदगी दिखाने पर उतर आया। जिस तरह उसने करीब एक घंटा लगातार हमले किए वह चिंता का सबब था लेकिन हमारे एस 400 के के सुरक्षा चक्र ने उनकी मिसाइलों एवं ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया तो एक बार फिर से भारतीयों का सीना गर्व से फूल उठा । उधर पुंछ जम्मू, राजौरी, श्रीनगर, अवंतीपोर जैसे इलाकों में भारी गोलाबारी करके उसने आम नागरिकों के जीवन एवं घरों तथा खेतों को क्षति पहुंचाई और तब तक उसे चैन नहीं पड़ा जब तक भारतीय सेवा ने एक बार फिर से अपने अचूक निशाने के साथ उसके सैन्य ठिकानों पर हमला नहीं बोला। यदि सूत्रों की मानें तो उसी दिन उसका कराची पोर्ट लगभग तबाह हो गया, लाहौर तक में हमारी मिसाइल गिरी और हमले की फ़िराक में आए उसके दो एफ 16 एवं दो जेट फाइटर 17 नष्ट किए गए, 8 मिसाइल और बड़ी संख्या में उसके ड्रोन भी नष्ट हुए जो उसने आतंक का समर्थन कर रहे तुर्कीए से ले रखे थे । खैर न उसके काम अमेरिकी एफ 16 आए, न चीन के जेट फाइटर 17 उसे सफलता दिला सके साफ़ सी बात है कि सफलताएं साधनों से नहीं साधना एवं प्रशिक्षण से मिलती है और उस देश में प्रशिक्षण केवल आतंकवादियों को दिया जाता है जो कायरों की तरह छुपकर हमला करते हैं और निर्दोषों की जान ले लेते हैं । नुकसान आतंकवादियों का भी कम नहीं हुआ उनके नौ ठिकाने पहले ही दिन नष्ट हुए और अगले दिन भी 12 ठिकानों को भारी नुकसान हुआ। 5 बड़े आतंकवादी मारे गए,मारे तो बहुत गए होंगे मगर पांच तो बड़े कुख्यात रहे। इस बीच पाकिस्तान ने भारत के एयर बेस ठिकानों को भी निशाना बनाने की कोशिश की। पठानकोट, जालंधर व जैसलमेर जैसे सैन्य ठिकानों पर उसने हमले करने की कोशिश की पर मुंह की खाई । कुल मिलाकर कह सकते हैं कि इस संघर्ष में पाकिस्तान के हाथ कुछ नहीं आया । सारी हेकड़ी भी निकल गई बदनामी तो ख़ैर उसकी पहले से ही दुनिया भर में है । बहुत सारे संसाधनों का नष्ट होना इस देश के लिए ऐसा ही है जैसे कंगाली में आटा गीला होना जिस अनाड़ीपन से पाकिस्तान ने हमले किए वह भी वहां की सेना के तकनीकी प्रशिक्षण एवं क्षमता पर बड़े सवाल खड़े कर गया। ख़ैर युद्ध विराम की घोषणा हो गई है और इस सारे प्रकरण में सबसे ज्यादा भद्द पिटी है शहबाज शरीफ सरकार की, जो इस स्थिति में भी वहां नहीं रही कि वह अपनी सेना को युद्ध विराम के लिए भी मना सके आशंकाएं तो यह भी है कि 1999 की तरह ही इस बार भी वहां के जनरल ने अपनी मनमर्जी चलाते हुए यह संघर्ष शुरू किया । ख़ैर यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है वहां लोकतंत्र और सेना के बीच हमेशा से कुश्ती होती रही है जो आगे भी चलेगी और यदि वहां की सरकार ने सेवा की लगाम नहीं कसी तो हो सकता है आने वाले कुछ महीनो में ही शाहबाज शरीफ भी इमरान खान की तरह ही या तो किसी जेल में दिन काट रहे हों या अपने बड़े भाई नवाज शरीफ की तरह विदेश जाने को मजबूर हो जाएं। भले ही बयान वीर लोग इस युद्ध विराम की आलोचना करें लेकिन सच यही है कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं होता बल्कि समस्याओं की वजह से युद्ध होते हैं और युद्ध के बाद समस्याएं मुंह बाए लड़ने वालों के सामने खड़ी होती हैं। अभी इस युद्ध विराम पर बहुत अधिक कुछ कहना ठीक नहीं होगा । अब भारत अपनी कितनी शर्तें मनवा पाया और पाकिस्तान अपनी नाक कितनी बचा पाया इसका पता तो 12 मई को दोनों देशों के बीच होने वाले वाली बैठकों के बाद ही पता चल पाएगा। इस सीज फायर के पीछे जिस तरह अमेरिका एवं ईरान तथा सऊदी अरब सक्रिय होकर लगे इसके लिए इन देशों की भी प्रशंसा करनी होगी अन्यथा यह भी बहुत संभव था कि दक्षिण एशिया भी रूस एवं यूक्रेन की तरह युद्ध की लपटों से लंबे समय तक झुलस सकता था। हां, एक बात बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत इस युद्ध विराम से पैदा हुई शांति से भ्रांति या गफलत में न रहे। हमारे पड़ोसी का इतिहास हम जानते हैं इसलिए 24 घंटे हमें उसकी सेना, आई एस आई, वहां के दहशतगर्द और देशभर में फैली उनकी स्लीपिंग सेल्स पर न केवल निगाह रखनी होगी बल्कि उनका एक परमानेंट इलाज भी ढूंढना होगा अन्यथा स्थिति में तो संघर्ष होते रहेंगे सीज फायर भी होते रहेंगे और समस्या ज्यों कि त्यों बनी रहेगी । उम्मीद है हमारा वर्तमान मजबूत संकल्प वाला नेतृत्व और क्षमतावान सेना देश की उम्मीद पर खरा उतरते रहेंगे। Read more » Pakistan is inviting its own destruction युद्ध विराम समझौता
राजनीति सीजफायर : भारत की कूटनीतिक और राजनयिक जीत May 11, 2025 / May 11, 2025 by संदीप सृजन | Leave a Comment संदीप सृजन पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया, इसके बाद भारत की कूटनीतिक और राजनयिक पहल ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया । इसी कारण सीजफायर स्थिति बन गई और ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित करने का निर्णय भी लिया गया। जिसे पूरा विश्व भारत की बड़ी राजनयिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों और स्थानीय नागरिकों को निशाना बनाया, जिसमें 26 लोग मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मदऔर लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर डाली गई, जिन्हें पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा था। इस घटना ने पूरे भारत में आक्रोश की लहर पैदा कर दी। विशेष रूप से, हमले में कई नवविवाहित जोड़ों के पतियों की हत्या ने भावनात्मक रूप से देश को झकझोर दिया। एक ऐसी तस्वीर, जिसमें एक नवविवाहिता अपने पति की लाश के पास बैठी थी, उसके माथे का सिंदूर मिट चुका था और हाथों में मेहंदी के साथ खून के छींटे थे, ने पूरे देश को भावुक कर दिया। इस हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि इस हमले के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने तत्काल कार्रवाई की योजना बनानी शुरू की। भारत ने इस हमले को न केवल अपनी संप्रभुता पर हमला माना, बल्कि इसे मानवीय मूल्यों के खिलाफ एक कायराना कृत्य के रूप में देखा। 7 मई 2025 की मध्यरात्रि को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसका नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाया था। इस ऑपरेशन का नाम इसलिए चुना गया क्योंकि पहलगाम हमले में आतंकियों ने कई महिलाओं को विधवा किया था, और सिंदूर भारतीय संस्कृति में सुहाग का प्रतीक है। यह ऑपरेशन भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के संयुक्त प्रयासों का परिणाम था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने सटीक और नियंत्रित हमले किये। भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30, राफेल फाइटर जेट्स और ब्रह्मोस तथा स्कैल्प मिसाइलों का उपयोग कर बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद, मुरीदके और अन्य स्थानों पर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने शामिल थे। भारत ने अपनी कार्रवाई को गैर-उत्तेजक रखा और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया। यह सुनिश्चित किया गया कि हमले केवल आतंकी ढांचों तक सीमित रहें। ऑपरेशन केवल 23 मिनट में पूरा हुआ, जो भारतीय सेना की तकनीकी क्षमता और रणनीतिक योजना को दर्शाता है। रक्षा मंत्रालय ने इसे “केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ावा देने वाली” कार्रवाई बताया। हमले में जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित मरकज सुभान अल्लाह, लश्कर-ए-तैयबा का मुरीद के स्थित मरकज तैयबा और अन्य ठिकाने नष्ट किए गए। ये ठिकाने 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे आतंकी कृत्यों से जुड़े थे। अनुमानित 80-100 आतंकी इसमें मारे गए, जिसमें जैश और लश्कर के कई वरिष्ठ कमांडर शामिल थे।जिससे पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया और पूरे देश में हाई-अलर्ट जारी किया गया। पाकिस्तानी सेना और सरकार में बौखलाहट देखी गई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 10 नागरिकों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हुए। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों, जैसे श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, और चंडीगढ़ में ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान ने प्रचार युद्ध भी शुरू किया, जिसमें झूठे दावे किए गए, जैसे श्रीनगर एयरबेस पर हमला और भारतीय सैनिकों को बंदी बनाना। हालांकि, ये दावे बाद में झूठे साबित हुए। पाकिस्तानी सेना और ISI ने सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक वीडियो और तस्वीरें फैलाईं, लेकिन भारत ने इनका तथ्य-जांच के साथ खंडन किया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने तुरंत कूटनीतिक मोर्चे पर काम शुरू किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 13 देशों के राजदूतों को ब्रीफिंग दी, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन की आवश्यकता और सटीकता को स्पष्ट किया। भारत ने यह सुनिश्चित किया कि वैश्विक समुदाय को यह संदेश जाए कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की शुरुआत। NSA अजीत डोभाल ने अमेरिका, रूस और अन्य प्रमुख देशों को स्पष्ट किया कि हमले केवल आतंकी ठिकानों पर किए गए। भारत ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में संयमित और तथ्य-आधारित भाषा का उपयोग किया। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी महिला अधिकारियों द्वारा ब्रीफिंग देना भारत की संवेदनशीलता और समावेशिता का प्रतीक था। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया, जिसने पाकिस्तान पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बढ़ाया। भारत ने देशभर में 244 शहरों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की, जिसने उसकी रक्षा तैयारियों को प्रदर्शित किया। कई देशों, विशेष रूप से अमेरिका और ब्रिटेन, ने भारत की कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ उचित कदम माना। चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया, लेकिन भारत की कूटनीतिक सक्रियता ने चीन को खुलकर सामने आने से रोका। तुर्की ने पाकिस्तान को नौसैनिक समर्थन देने की कोशिश की, लेकिन भारत की शक्तिशाली नौसेना के सामने यह प्रभावहीन रहा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच, सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से की गई। 10 मई 2025 को, दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी रोकने के लिए एक समझौता हुआ। जिसे भारत ने इसे अपनी शर्तों पर स्वीकार किया। अमेरिका ने इस प्रक्रिया में मध्यस्थ की भूमिका निभाई। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सीजफायर के लिए कोई पूर्व या पश्चात शर्त नहीं रखी गई थी। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में होने वाला कोई भी आतंकी हमला युद्ध का कृत्य माना जाएगा। इसके साथ ही, भारत ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित रखा है। भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित करने का निर्णय लिया गया, जिसे कई विशेषज्ञों ने भारत की राजनयिक परिपक्वता और रणनीतिक संयम का उदाहरण माना। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ न्यायोचित ठहराया, जिससे पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया।भारत ने यह स्पष्ट किया कि ऑपरेशन का स्थगन स्थायी नहीं है और यदि आतंकी गतिविधियां दोबारा शुरू हुईं, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस निर्णय ने भारत की छवि को एक जिम्मेदार और शांति-प्रिय राष्ट्र के रूप में मजबूत किया। ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के घटनाक्रम ने भारत की कूटनीतिक और राजनयिक क्षमता को विश्व मंच पर प्रदर्शित किया। आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश देते हुए भारत ने स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगा। भारत की इस सक्रिय कूटनीति ने उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन दिलाया, जबकि पाकिस्तान को झूठे प्रचार के लिए आलोचना झेलनी पड़ी। भारत ने सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया, लेकिन साथ ही कूटनीतिक संयम दिखाकर युद्ध की संभावना को टाला। ऑपरेशन सिंदूर और सिंधु जल संधि के रद्द होने से पाकिस्तान आर्थिक और कूटनीतिक रूप से कमजोर हुआ। ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान सीजफायर भारत की रणनीतिक, सैन्य और कूटनीतिक शक्ति का प्रतीक है। पहलगाम हमले का जवाब देने के लिए शुरू किया गया यह ऑपरेशन न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी राजनयिक परिपक्वता को भी उजागर करता है। सीजफायर और ऑपरेशन के स्थगन ने भारत को एक जिम्मेदार और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित किया, जो न केवल अपनी सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठा सकता है, बल्कि शांति और स्थिरता के लिए संयम भी बरत सकता है। यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, बशर्ते पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे और क्षेत्रीय शांति के लिए सकारात्मक कदम उठाए। संदीप सृजन Read more » Ceasefire: India's diplomatic and diplomatic victory diplomatic and diplomatic victory ऑपरेशन सिंदूर
राजनीति क्या पाकिस्तानी हुकमरानों को भारत की ताकत पर अब भी कोई संशय रह गया है? May 10, 2025 / May 11, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे रावलपिंडी सैन्य मुख्यालय के जनरल पाकिस्तान को एक खतरनाक रास्ते पर ले जा रहे हैं। जनरल असीम मुनीर की अगुवाई में पाकिस्तान ने जो रास्ता पकड़ा है, उसकी मंजिल सिर्फ तबाही है। भारत ने पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इसके बाद लगा कि पाकिस्तान की सरकार भी […] Read more » पाकिस्तानी हुकमरानों को भारत की ताकत पर कोई संशय
राजनीति साइबर अटैक भारत के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है May 10, 2025 / May 11, 2025 by संदीप सृजन | Leave a Comment संदीप सृजन भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच, हाल के समाचारों और सोशल मीडिया पर प्रसारित चेतावनियों ने एक नए खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पाकिस्तान द्वारा संभावित साइबर अटैक। यह खतरा न केवल भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती है बल्कि आम नागरिकों, सरकारी संस्थानों और निजी […] Read more » Cyber attack