राजनीति विश्ववार्ता पाकिस्तान को पाकिस्तानी ही अब बचा सकते हैं May 10, 2025 / May 11, 2025 by पंकज जायसवाल | Leave a Comment पंकज गांधी जायसवाल “बकौल जिन्ना, स्टेनोग्राफर के टाइपराइटर से बना पाकिस्तान अकेले जिन्ना ने गढ़ा था।” यह कथन इस बात का प्रतीक है कि जिस राष्ट्र का जन्म एक अधकचरे, आत्म-केंद्रित और अहंकारपूर्ण दृष्टिकोण से हुआ हो, उसकी नियति लंबे समय तक स्थिर और समृद्ध नहीं रह सकती। द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव में जिन्ना का […] Read more » पाकिस्तान
राजनीति अपने कर्मों का फल चखता पाकिस्तान May 10, 2025 / May 19, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment आतंकवाद नाम के जिस जिन्न को अमेरिका सहित विश्व की कई शक्तियां अपने लिए एक रक्षाकवच मानकर या अपने शत्रुओं को आतंकवाद के माध्यम से नष्ट करने की कुत्सित भावना के वशीभूत होकर पाल रही थीं , अब उनके लिए ही आतंकवाद स्वयं एक समस्या बन गया है। प्रकृति का यह एक स्वाभाविक नियम भी […] Read more » अपने कर्मों का फल चखता पाकिस्तान
राजनीति विश्ववार्ता पाकिस्तान को अपने नागरिकों के हित में अपनी भारत विरोधी नीति को छोड़ना ही होगा May 9, 2025 / May 11, 2025 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment पाकिस्तान के जन्म के साथ ही वहां के राष्ट्रीय दलों एवं नेताओं ने भारत विरोध को अपनी अधिकारिक नीति बना लिया था। पाकिस्तान के आर्थिक विकास पर ध्यान नहीं देते हुए, किसी भी प्रकार भारत के हितों को क्षति पहुंचाई जाए, इस बात पर अधिक ध्यान दिया गया। भारत को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से पाकिस्तान द्वारा कई आतंकवादी संगठन खड़े किए जाते रहे एवं इन संगठनों के आतंकवादी सदस्यों को भारत भेजा जाता रहा। भारत, हालांकि पाकिस्तान द्वारा भारत में भेजे गए इन आतंकवादीयों को मौत के घाट उतारने में लगातार सफल होता रहा, परंतु, कुछ अवसरों पर इन आतंकवादीयों को भी भारत में अप्रिय घटनाओं को अंजाम देने में सफलता हासिल होती रही। वैश्विक मंचों पर भी पाकिस्तान भारत पर निराधार आरोप लगाकर भारत को बदनाम करने के लगातार प्रयास करता रहा है। भारत के इस अंधे विरोध के चलते पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति पूर्णत: बाधित हुई है। भारत और पाकिस्तान वर्ष 1947 में एक साथ राजनैतिक स्वतंत्रता प्राप्त करते हुए आगे बढ़े थे। परंतु, आज पूरे विश्व में भारत एक महाशक्ति बन गया है जबकि पाकिस्तान लगातार केवल आतंकवादी संगठनों की स्थापना करते हुए आज विश्व में आतंकवादी पैदा करने की सबसे बड़ी फैक्टरी बन गया है तथा आर्थिक प्रगति के मामले में तो एकदम पिछड़ गया है। आज भारत का सकल घरेलू उत्पाद 4.19 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है और भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है जबकि पाकिस्तान का सकल घरेलू उत्पाद केवल 37,900 करोड़ रुपए का ही है। भारत में प्रति व्यक्ति आय 11,110 अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष है जबकि पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति आय 6,720 अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष है, अर्थात भारत की तुलना में लगभग आधी, जबकि भारत की जनसंख्या 140 करोड़ से अधिक है तो वहीं पाकिस्तान की जनसंख्या केवल लगभग 25 करोड़ ही है। इसी प्रकार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 68,800 करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार कर गया है, जो कि संभवत: इस वर्ष एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर को भी पार कर सकता है। वहीं, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार केवल 1,500 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ही है। पाकिस्तान पूरे विश्व में विभिन्न वित्तीय संस्थानों एवं देशों से सबसे अधिक बार ऋण लाने वाले एवं आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले देशों की सूची में प्रथम स्थान पर काबिज है। अभी भी, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मोनेटरी फंड से 700 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण लेने का प्रयास कर रहा है। जबकि भारत अन्य देशों को ऋण प्रदान करने की स्थिति में पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2022 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2023 में 7.6 प्रतिशत, वित्तीय वर्ष 2024 में 9.2 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2025 में 6.5 प्रतिशत की रही है। इसके विपरीत पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2022 में 6.2 प्रतिशत, वित्तीय वर्ष 2023 में ऋणात्मक 0.2 प्रतिशत, वित्तीय वर्ष 2024 में 2.5 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2025 में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर रही है। जबकि, भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद के आकार का 11 गुणा से भी अधिक है। भारत के बड़े आकार के सकल घरेलू उत्पाद पर वृद्धि दर भी अधिक है और पाकिस्तान के छोटे आकार के सकल घरेलू उत्पाद पर वृद्धि दर भी कम है। इससे तो भविष्य में पाकिस्तान, भारत की तुलना में और अधिक पिछड़ता जाएगा। भारत में केंद्र सरकार का वित्तीय बजट प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रहता है जबकि पाकिस्तान का वित्तीय बजट केवल 5.65 लाख करोड़ भारतीय रुपए (पाकिस्तानी रुपए में 18.9 लाख करोड़ रुपए) का ही रहता है। भारत का वार्षिक वित्तीय बजट पाकिस्तान के वार्षिक वित्तीय बजट से लगभग 10 गुणा है। पाकिस्तान के वार्षिक बजट के आकार से अधिक आकार का बजट तो भारत में अकेले उत्तर प्रदेश राज्य का ही है। भारत में केंद्र सरकार के उपक्रम एवं अन्य उपक्रम केंद्र सरकार को लाखों करोड़ रुपए की राशि डिवीडेंड के रूप में उपलब्ध करा रहे हैं। इस वर्ष, अकेले भारतीय रिजर्व बैंक ही 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपए की राशि का लाभांश केंद्र सरकार को उपलब्ध कराने जा रहा है। अकेले वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण ही लगभग 2.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक प्रति माह के स्तर पर पहुंच गया है। भारत में अप्रेल 2025 माह में 2.37 लाख करोड़ रुपए का वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण हुआ है। रक्षा के क्षेत्र में भी भारत आज पूरे विश्व में एक सक्षम एवं अनुशासित महाशक्ति बन चुका है। अतः पाकिस्तान को भारत से लड़ाई करने का विचार ही अपने मन से निकाल देना चाहिए, इसी में पाकिस्तान के आम नागरिकों की भी भलाई है। कुछ समाचारों के अनुसार, दिनांक 8 मई 2025 की रात्रि में पाकिस्तान ने लगभग 200 मिसाईल एवं ड्रोन भारत के विभिन्न शहरों पर दागे थे, परंतु इनमें से शायद एक भी ड्रोन पाकिस्तान द्वारा तय किए गए अपने ठिकाने पर नहीं पहुंच सका और भारतीय सेना ने इन मिसाईल एवं ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। जबकि, भारत ने जितने भी मिसाईल एवं ड्रोन पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के अड्डों पर दागे, इन लगभग सभी ने ही अपने निशाने पर सटीक रूप से पहुंच कर उन ठिकानों को तबाह किया है। अतः पाकिस्तान के नागरिकों को भी अब इस बात पर विचार करना चाहिए कि पड़ौसियों के साथ मित्रवत होकर रहने में ही दोनों देशों की भलाई है। पाकिस्तान यदि भारत से युद्ध करेगा तो उसे निश्चित ही मुंह की खानी पड़ेगी, जैसा कि अभी की परिस्थितियों की बीच होता हुआ दिखाई भी दे रहा है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने पाकिस्तान को भारत के साथ युद्ध से बचने की सलाह दी है क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहिले से ही जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है एवं पाकिस्तान पर आज कर्ज का भारी भरकम बोझ इतना अधिक है कि भारत के साथ युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान एक हफ्ता भर भी भारत के सामने युद्ध में नहीं टिक पाएगा। वैश्विक आर्थिक आंकड़ों के अनुसार, दिसम्बर 2024 माह तक पाकिस्तान पर 13,100 करोड़ अमेरिकी डॉलर का बाहरी संस्थानों एवं अन्य देशों का ऋण है। इन विपरीत परिस्थितियों के बीच पाकिस्तान सरकार को अपने बजट में रक्षा खर्च को 18 प्रतिशत बढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए के स्तर पर लाना पड़ा है। यह निश्चित ही पाकिस्तानी नागरिकों के साथ अन्याय है क्योंकि अन्यथा यह भारी भरकम राशि उनके जीवन स्तर को सुधारने पर खर्च की जा सकती थी। हाल ही में पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध छेड़े गए युद्ध के बाद भारत ने 23 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान के खिलाफ कई निर्णय लिए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलम्बित करना, अटारी बॉर्डर को बंद करना, राजनयिक संबंधों को कम करना, पाकिस्तानी विमानों को भारतीय सीमा के ऊपर उड़ने की अनुमति रद्द करना एवं तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार समेत पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार का व्यापार निलंबित करना आदि कदम शामिल है। इन सभी निर्णयों का प्रभाव निश्चित ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को और अधिक विपरीत रूप से प्रभावित करेगा एवं पाकिस्तान के नागरिकों के लिए और अधिक समस्याएं खड़ी करेगा। भारत में उत्पन्न विभिन्न धर्मों के अनुयाई नागरिक सामान्यतः अत्यधिक शांतिपूर्ण तरीके से रहते आए हैं। भारत के अति प्राचीन काल के इतिहास से लेकर आज तक इस तरह की घटनाओं का वर्णन बिलकुल नहीं मिलता है कि भारत ने कभी भी विस्तरवादी नीति के तहत किसी अन्य राष्ट्र पर आक्रमण किया हो। इसके ठीक विपरीत पाकिस्तान ने अपने जन्म से ही आक्रामक नीति अपनाते हुए भारत विरोध को अपनी राष्ट्रीय नीति के रूप में चुना इससे पाकिस्तान के राजनैतिक दलों एवं नेताओं ने पाकिस्तान के आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करने के बजाय भारत को परेशान करने के उद्देश्य से अधिक से अधिक आतंकवादी पैदा करने की नीति का अनुसरण किया। परंतु, आज समय आ गया है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जागरूक होकर वहां के राजनैतिक दलों एवं नेताओं पर दबाव बनाना चाहिए ताकि वे उनके हितों को ध्यान में रखते हुए देश की आर्थिक प्रगति की ओर विशेष ध्यान दें। जिससे, पाकिस्तान के आम नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार कर उसे ऊपर लाया जा सके। प्रहलाद सबनानी Read more » Pakistan will have to abandon its anti-India policy in the interest of its citizens पाकिस्तान को भारत विरोधी नीति को छोड़ना ही होगा
राजनीति ‘आपरेशन सिंदूर’ एक सार्थक पहल और सख्त सन्देश May 8, 2025 / May 8, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- पहलगाम आतंकी हमले में सुहागनों के सिन्दूर को उजाड़ने वालों पर कड़ा प्रहार करते हुए ‘आपरेशन सिंदूर’ की सफलतम कार्रवाई हर भारतीय के सीने को गर्व से भरने वाली है। बुधवार की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की कई सटीक, संयमित एवं […] Read more » ‘Operation Sindoor ‘Operation Sindoor’ is a meaningful initiative and a strong message आपरेशन सिंदूर
राजनीति भारतीय रणबांकुरों की वीरता से पाक पस्त। May 8, 2025 / May 8, 2025 by डॉ घनश्याम बादल | Leave a Comment ‘सिंदूर’ की जय! डॉ घनश्याम बादल 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा बहाए गए खून और मारे गए पर्यटकों के सगे संबंधियों के आंसुओं का जवाब सात मई प्रातः 1:05 से 1:30 के बीच पाकिस्तान स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को जिस तरह भारतीय सेनाओं ने ध्वस्त करके दिया वह भारतीय सेवा के पराक्रम का एक अद्भुत उदाहरण बनकर सामने आया है। इससे पहले भी भारतीय सेना ने उड़ी में हुए हमले का जवाब बालाकोट पर सर्जिकल स्ट्राइक करके दिया था तब ऐसा लगा था कि वहां आतंकवाद की कमर टूट चुकी है लेकिन जब उसे वहां से ऑक्सीजन, संरक्षण एवं संसाधन मिलते गए तो वह किसी दैत्य की तरह एक बार फिर से खड़ा हो गया मैं केवल खड़ा हो गया अपितु भेड़िए की तरह गुर्राने लगा, उसे अपनी ताकत का कुछ ज्यादा ही घमंड हो गया, और भारत की संपन्नता, ताकत, समृद्धि और विश्व भर में उसके रसूख और लगातार प्रगति के रास्ते पर बढ़ने से डाह का मारा आतंकवाद पहलगाम में एक बार फिर 26 लोगों की जान लेकर गया । जब ये निर्दोष लोग मारे गए सभी तय हो गया था कि आतंकवाद को मिट्टी में मिलाने वाला ऑपरेशन जरूरी है । उसी दिन प्रधानमंत्री मोदी ने दो लाइन के वक्तव्य में साफ कर दिया था कि धरती के आखिरी छोर तक भी उसे नहीं छोड़ेंगे और यह घृणित कृत्य करने वाले तथा उनके आकाओं को मिट्टी में मिलाकर दम लेंगे। उन्हें ऐसी सजा मिलेगी जिसकी भी कल्पना भी नहीं कर पाएंगे। तब इस वक्तव्य को एक बार बोला पान समझ गया था खासतौर पर मोदी एवं उनकी सरकार के आलोचकों का मानना था कि यह एक प्रकार का इज्जत फेस सेविंग स्टेटमेंट है और जल्दी ही लोग इसको भूल जाएंगे इस पर भी जब भी बजाएं सर्व दलीय बैठक में शामिल होने के बिहार गए और वहां से उन्होंने तब कड़ी आलोचना की गई और कहा गया कि यह केवल चुनाव के मद्दे नज़र किया गया ड्रामा है। लेकिन मोदी को जानने एवं समझने वाले लोग जानते हैं कि वह भले ही राजनीति करते हुए अतिशयोक्ति भरे भाषण देते हों मंचों पर दहाड़ते हों और विपक्षियों पर तीखे प्रहार करते हों यानी प्रधानमंत्री रहते हुए भी खुलकर खुलकर राजनीति करते हैं लेकिन जब बात देश की आती है तब वह ना चूकते हैं और न टूटते हैं इसका प्रमाण पिछले दो सर्जिकल स्ट्राइक एवं एयर स्ट्राइक से मिल भी चुका था मगर उनके इस वक्तव्य को पाकिस्तान ने हल्के से लिया । जब उन्होंने पाकिस्तान पर सिंधु नदी संधि स्थगित की , व्यापार के सारे रास्ते बंद कर दिए, हवाई रास्ते बंद करके एवं वहां के दूतावास में रक्षा विशेषज्ञ सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भारत से विदा किए और बाघा बॉर्डर एवं दूसरी सीमाओं को सील करने के कदम उठाए तब उसकी बौखलाहट बढ़ गई और वहां के आतंकी सरगने तथा सेना के जनरल और शाहबाज शरीफ के प्यादे मंत्री परमाणु बम की धमकियां देने लगे बिना यह सोचे हुए कि यदि उन्होंने भूले से भी परमाणु बम का उपयोग कर लिया तो फिर दुनिया से उसका अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। मोदी सरकार यहीं पर नहीं रुकी और उसने ताबड़तोड़ एक के बाद एक उच्च स्तरीय बैठकें की और 7 मई को युद्ध की तैयारी के लिए देशभर के 300 जिलों में युद्ध की मॉक ड्रिल एवं ब्लैक आउट के अभ्यास के भी आदेश दे दिए तब शायद पाकिस्तान के फौजी और सरकार यह सोच रहे होंगे कि अभी तो हमले की कोई संभावना ही नहीं बनती । लेकिन ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे को सिद्ध करते हुए 6 मई की रात और 7 मई की प्रातः पूर्व की बेला में 1:05 से 1:30 के बीच केवल 25 मिनट की स्ट्राइक में भारतीय जांबाजों ने वहां के आतंकी ठिकानों पर जो तांडव मचाया वह उसे वर्षों तक याद रहेगा। इस हमले की सबसे खास बात यह रही कि इसमें किसी भी नागरिक ठिकाने को कोई क्षति नहीं पहुंचाई गई और जिस तरह कूटनीतिक व रणनीतिक तरीके से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया वह उसकी काट पाकिस्तान के पास नहीं है । वह इसे न तो युद्ध घोषित कर सकता है और न ही कह सकता है कि बिना उकसावे व अवसर दिए भारत ने यह कार्यवाही की। दुनिया भर के देशों का समर्थन भारत को ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी मिला है तो इसके निहितार्थ स्पष्ट हैं कि तुर्किया चीन और मलेशिया तथा एक अज़रबेजान जैसे गिने-चुने देशों को छोड़कर सारी दुनिया यह जानती और मानती है कि पाकिस्तान दहशतगर्दी का केवल अड्डा ही नहीं बल्कि उसकी प्राणवायु का स्रोत भी है। पहले ही इस बात की संभावना थी कि भारत सीधे युद्ध में जाने की बजाय पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाएगा और उसने ऐसा किया भी । न केवल हाफिज सईद और मसूद अजहर के ठिकाने ध्वस्त किए गए बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर से कहीं आगे जाकर पंजाब के सियालकोट एवं बहावलपुर तक तक बिना सीमा पार किए अपनी अचूक मिसाइलों से दुनिया को यह बताया कि यदि भारत को निरर्थक कोई चढ़ेगा तो फिर भारत भी उसे नहीं छोड़ेगा। होना तो यह चाहिए था कि पाकिस्तान को इस प्रहार से सीख लेनी चाहिए थी और उसे खुद आगे बढ़कर आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, आतंकवादियों को दंड देना था ताकि उसकी अपनी प्रतिष्ठा बच सके लेकिन बजाय इसके उसने कश्मीर और आसपास के इलाकों पर जिस तरीके से गोलीबारी एवं गोलाबारी की उससे लगता नहीं कि एक ऑपरेशन सिंदूर से यह देश मानने वाला है। हालांकि भारत एक शांति प्रिय देश है और परमाणु ताकत होने के बावजूद उसने कभी किसी देश पर न आक्रमण किया है और न ही कभी आतंकवाद को प्रश्रय दिया है लेकिन जब बात राष्ट्रीय संप्रभुता एवं आत्मसम्मान की आए तब आगे बढ़कर कदम उठाने से वह कभी पीछे हटा भी नहीं है और ऑपरेशन सिंदूर इसका ताज़ा नमूना है। अस्तु, ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा । ऑपरेशन सिंदूर की जय । लेकिन अभी लापरवाह होने यह यह यह मानकर बैठने का वक्त नहीं है कि पाकिस्तान अपना चेहरा बचाने के लिए कुछ नहीं करेगा । यदि सामने से नहीं तो वह पीछे से वार ज़रूर करेगा । इसलिए पूरे देश को जागरुक एवं दृढ़ रहने की जरूरत है और इससे भी बढ़कर हमारे देश में जो सांप्रदायिक सौहार्द्र एवंं संकट के समय कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की परंपरा रही है उसको बनाए रखने एवं आगे बढ़ाए जाने की ज़रूरत है। डॉ घनश्याम बादल Read more » Pakistan defeated by the bravery of Indian warriors. भारतीय रणबांकुरों की वीरता
राजनीति भारत ने आर्थिक प्रगति के बल पर आतंकवादी ठिकानों को किया नेस्तनाबूद May 8, 2025 / May 8, 2025 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारत ने अंततः पाकिस्तान के कई आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर ही दिया। भारत के इस कठोर कदम से भारतीय नागरिकों को संतुष्टि मिली है, विशेष रूप से उन परिवारों को जिन्होंने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में अपने सगे सम्बन्धियों को खोया है। विश्व के लगभग समस्त देशों ने भारत के इस कदम का समर्थन ही किया है क्योंकि आतंकवादियों से अपने देश के नागरिकों की रक्षा करना किसी भी देश की सरकार का प्रथम कर्तव्य है। भारत को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमले करने का साहस कहां से मिलता है। यह मिलता है भारतीय नागरिकों की एकजुटता से, वर्तमान केंद्र सरकार पर देश के नागरिकों का भरपूर विश्वास है एवं वह यह सोचती है सही समय पर एवं सही स्थान पर भारतीय सेना आतंकवादियों पर हमला करके अपने नागरिकों के मारे जाने का बदला जरूर लेगी। दूसरे, संभवत: भारत की लगातार मजबूत हो रही आर्थिक स्थिति से भी केंद्र सरकार को कठोर निर्णय लेने का बल मिलता है। इस संदर्भ में, हाल ही में अच्छी खबर यह आई है कि भारत जापान की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ते हुए विश्व की चोथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है एवं संभवत: वर्ष 2026 के अंत तक जर्मनी की अर्थव्यवस्था को भी पीछे छोड़ते हुए भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारतीय अर्थव्यवस्था आज भी विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है। विश्व के लगभग समस्त वित्तीय संस्थान भारत के संदर्भ में यह भविष्यवाणी करते हुए दिखाई दे रहे है कि आगे आने वाले कई दशकों तक भारत इसी प्रकार विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। भारत ने पिछले 10/11 वर्षों के दौरान वित्तीय क्षेत्र में कई सुधार कार्यक्रमों को लागू किया है। जिसका परिणाम स्पष्ट रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगा है। माह अप्रेल 2025 में वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण नित नई ऊंचाईयां छूते हुए 2.37 लाख करोड़ रुपए के उच्चत्तम स्तर पर पहुंच गया है। यह सब देश के नागरिकों द्वारा अप्रत्यक्ष करों के नियमों का अनुपालन करने के चलते सम्भव हो पा रहा है। अप्रेल 2025 माह में ही फैक्ट्री उत्पादन के मामले में पिछले 10 माह के उच्चत्तम स्तर को पार किया गया है। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय रुपए की कीमत अमेरिकी डॉलर की तुलना में तेजी से बढ़ती जा रही है और यह अपने पिहले 7 माह के उच्चत्तम स्तर पर पहुंच गई है। और तो और, सरकारी उपक्रमों एवं निजी कम्पनियों की लाभप्रदता में भी भारी सुधार देखने में आ रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान भारतीय स्टेट बैंक ने 70,901 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया है। इसी प्रकार, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 69,621 करोड़ रुपए, एचडीएफसी बैंक ने 64,062 करोड़ रुपए, ओएनजीसी ने 49,221 करोड़ रुपए, टाटा कंसल्टैसी सर्विसेज लिमिटेड ने 45,908 करोड़ रुपए, आईसीआईसीआई बैंक ने 44,256 करोड़ रुपए, इंडियन आइल कॉर्पोरेशन ने 41,729 करोड़ रुपए, लाइफ इन्शुरन्स कॉर्पोरेशन ने 40,915 करोड़ रुपए, कोल इंडिया लिमिटेड ने 37,402 करोड़ रुपए एवं टाटा मोटर्स लिमिटेड ने 31,399 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया है। आपको ध्यान में होगा कि आज से कुछ वर्ष पर तक केंद्र सरकार को कई सरकारी उपक्रमों को चलायमान बनाए रखने के लिए लाखों करोड़ रुपए की सहायता केंद्रीय बजट के माध्यम से इन सरकारी उपक्रमों की करनी होती थी। आज स्थित एकदम बदल गई है एवं आज ये लगभग समस्त उपक्रम केंद्र सरकार के लिए कमाऊ पूत की भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं एवं करोड़ों रुपए का लाभांश केंद्र सरकार को उपलब्ध करा रहे हैं। यह सब केंद्र सरकार द्वारा इन उपक्रमों में सुधार कार्यक्रमों को लागू करने के चलते ही सम्भव हो सका है। वर्ष 1991 में विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत भयावह स्थिति में पहुंच गया था तथा उस समय भारत के पास केवल 15 दिवस के आयात के बराबर ही विदेशी मुद्रा भंडार बच गया था और भारत को अपने स्वर्ण भंडार को ब्रिटेन के बैंकों में गिरवी रखकर विदेशी मुद्रा भंडार की व्यवस्था करनी पड़ी थी। आज स्थिति इस ठीक विपरीत है आज भारत के पास लगभग एक वर्ष के आयात के बराबर की राशि का विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है और यह 68,813 करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर के ऊपर निकल गया है जो भारत के इतिहास में आज तक के उच्च्त्तम स्तर के बहुत करीब है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत से विभिन्न उत्पादों एवं सेवा क्षेत्र के निर्यात अपने उच्चत्तम स्तर 82,490 करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गए हैं। जिसके चलते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में अतुलनीय सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है। भारत से विभिन्न देशों को निर्यात में अभी और सुधार होता हुआ दिखाई देगा क्योंकि भारत ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया है इससे भारत के सेवा क्षेत्र को अत्यधिक प्रोत्साहन मिलने जा रहा है और ब्रिटेन में भारतीय इंजिनीयर एवं डाक्टर के साथ ही अन्य क्षेत्रों में कार्य करने के लिए भारतीयों की मांग में वृद्धि दृष्टिगोचर होगी। अमेरिका के साथ भी भारत का द्विपक्षीय व्यापार समझौता अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है और यूरोपीयन यूनियन देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता दिसम्बर 2025 तक सम्पन्न होने की प्रबल सम्भावना है। इसके बाद भारत से विकसित देशों को निर्यात निश्चित रूप से बढ़ेंगे और इसके चलते बहुत सम्भव है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत के निर्यात अपने उच्चत्तम स्तर अर्थात एक लाख करोड़ अमेरिको डॉलर के स्तर को भी पार कर जाएं। यदि ऐसा होता है तो भारत में विदेशी मुद्रा भंडार भी एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार कर सकते हैं क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें भी कम होती हुई अर्थात लगभग 60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर होती हुई दिखाई दे रही हैं जबकि भारत अपने उपयोग का 80 प्रतिशत से अधिक कच्चे तेल का आयात विभिन्न देशों से करता है। साथ ही, भारत को स्वर्ण के आयात को भी नियंत्रण में रखना होगा। इससे, भारतीय रुपए की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर की तुलना में और अधिक मजबूत होगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई कमी और वर्ष 2025 के खरीफ मौसम के दौरान मौसम विभाग द्वारा की गई सामान्य से अधिक मानसून की भविष्यवाणी के कारण खुदरा कृषि क्षेत्र में मुद्रा स्फीति (महंगाई) की दर मार्च 2025 माह में कम होकर 3.73 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंच गई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दुगना होकर 4 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से भी आगे निकल गया है। इससे भारतीय नागरिकों की आय भी लगभग दुगनी हो गई है एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे नागरिकों की संख्या में भी भारी कमी दर्ज हुई है। इससे देश के नागरिकों में उत्साह का माहौल जागा है तथा वे एकजुट होकर केंद्र सरकार के आतंकवाद के विरुद्ध लिए जा रहे निर्णयों का भारी समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे है। इससे यह सिद्ध हो रहा है कि भारत की आर्थिक क्षेत्र में मजबूती के चलते केंद्र सरकार को भी आतंकवाद के विरुद्द कड़े निर्णय लेने में कोई हिचक नहीं हो रही है। साथ ही, भारत की लगातार मजबूत हो रही आर्थिक स्थिति के चलते विश्व के अन्य कई देश भी आतंकवाद की लड़ाई में भारत के साथ खड़े नजर आ रहे है। आगे आने वाले समय में भारत की आर्थिक स्थित जितनी अधिक सुदृद्ध होती जाएगी, वैश्विक पटल पर भारत के लिए अन्य देशों का समर्थन और अधिक मजबूत होता जाएगा। और फिर, उक्त वर्णित परिस्थितियों के बीच भारत को अपनी एवं भारतीय नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने का अधिकार भी तो है। भारत की आर्थिक स्थिति जितनी अधिक मजबूत होगी, केंद्र सरकार के सुरक्षा सम्बंधी निर्णय भी उतने ही मजबूत रहेंगे। प्रहलाद सबनानी Read more » India destroyed terrorist hideouts on the strength of economic progress आतंकवादी ठिकानों को किया नेस्तनाबूद
राजनीति एक था पाकिस्तान: इतिहास के पन्नों में सिमटता सच May 8, 2025 / May 8, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment सिंदूर की सौगंध: ‘एक था पाकिस्तान’ की गूंज “एक था पाकिस्तान” – ये केवल तीन शब्द नहीं, बल्कि इतिहास की एक गहरी दास्तां है। यह उस विभाजन का प्रतीक है, जिसने दिलों को तोड़ा और घरों को उजाड़ा। लेकिन क्या हमें हमेशा इस नफरत के जाल में फंसे रहना चाहिए? हमें न केवल बाहरी दुश्मनों […] Read more » The truth confined to the pages of history There was once Pakistan: एक था पाकिस्तान:
राजनीति आतंकवाद के विरुद्ध प्रतिशोध और शौर्य का प्रतीक बना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ May 8, 2025 / May 8, 2025 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment आतंक के गढ़ में भारत का निर्णायक प्रहार योगेश कुमार गोयलभारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब 15 दिन बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से देकर एक बार फिर यह जता दिया है कि अब वह न तो चुप रहेगा और न ही आतंकी हमलों को बर्दाश्त करेगा। इस हमले […] Read more » operation sindoor ऑपरेशन सिंदूर
राजनीति ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई May 8, 2025 / May 11, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादियों के 9 ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रमुख आतंकवादी संगठनों के हेडक्वार्टर भी शामिल थे। भारतीय सेना ने 100 किलोमीटर तक पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकवादी अड्डों पर सटीक एयरस्ट्राइक की। साथ ही, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान […] Read more » Operation Sindoor: India's decisive action against terrorism ऑपरेशन सिंदूर
राजनीति पाकिस्तान को हराना भी है और मिटाना भी है May 8, 2025 / May 19, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment वर्तमान में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर जिस प्रकार के हालात बने हुए हैं ,उनके दृष्टिगत सारे देश की मांग यही है कि पाकिस्तान को इस बार पाठ पढ़ा ही देना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत की सेना ही यह तय करेगी कि उसे पाकिस्तान को किस प्रकार, कब […] Read more » Pakistan has to be defeated and destroyed पाकिस्तान
राजनीति भारत ने मिसाइल नहीं ‘मिसाल’ दागी है May 7, 2025 / May 19, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का प्रतिशोध लेकर न केवल पाकिस्तान को बल्कि सारे संसार को यह दिखा दिया है कि वह विकल्पविहीन संकल्प का धनी राष्ट्र है। उसका एक ही संकल्प है – पौरुष। उसका एक ही विकल्प है – पराक्रम। उसके लिए एक ही लक्ष्य है – राष्ट्रीय एकता। भारत के राजनीतिक दलों […] Read more » India has fired a 'misal' not a missile पहलगाम आतंकी हमले का प्रतिशोध भारत ने मिसाइल नहीं 'मिसाल' दागी है
राजनीति सड़कों पर नमाज पढ़ना सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक May 6, 2025 / May 6, 2025 by गौतम चौधरी | Leave a Comment गौतम चौधरी अभी हाल ही में सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर प्रशासन ने दिशा निर्देश जारी किया है। दरअसल, मेरठ पुलिस ने चेतावनी दी है कि सड़क पर नमाज पढ़ने वालों का पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल किया जा सकता है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि लोग मस्जिद या फिर ईदगाह में नमाज पढ़ें। […] Read more » Offering namaz on the streets is dangerous for social harmony