राजनीति दिल्ली चुनाव में महिला वोटरों की उदासीनता January 29, 2025 / January 29, 2025 by रमेश ठाकुर | Leave a Comment डॉ. रमेश ठाकुर अरविंद केजरीवाल ने अपने चुनावी घोषणापत्र में एक बार फिर फ्रीबीज की झड़ी लगाई है। कितने सफल होंगे, ये तो आने वाला समय ही तय करेगा पर अब इतना जरूर है, लोग फ्री की सौगातों से ऊबने लगे है। श्रमबल को तरजीह देने वाली आधी आबादी, भी अब मुफ्त की चुनावी रेबड़ियों […] Read more » Indifference of women voters in Delhi elections दिल्ली चुनाव में महिला वोटरों की उदासीनता
राजनीति भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर पार्टी से लेकर संघ तक चल रही है माथापच्ची ! January 29, 2025 / January 29, 2025 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय भारतीय जनता पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर अब सियासी हल्के में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं क्योंकि जो भी अध्यक्ष बनेगा, वह कई मायने में महत्वपूर्ण होगा। भाजपा के मिशन 2029 की सफलता का सारा दारोमदार उसी के ऊपर होगा। इससे पहले मिशन यूपी 2027 को सफल बनाने […] Read more » next national president of BJP! There is a tussle going on from the party to the Sangh regarding the next national president of BJP! भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष
बच्चों का पन्ना राजनीति जलवायु परिवर्तन से बच्चों का जीवन संकट में January 29, 2025 / January 29, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग –संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यानी यूनिसेफ की रिपोर्ट ‘लर्निंग इंटरप्टेड रू ग्लोबल स्नैपशॉट ऑफ क्लाइमेट-रिलेटेड स्कूल डिसरप्शंस इन 2024’ में चौंकाने वाले तथ्यों एवं खुलासे ने बच्चों को लेकर चिन्ता को बढ़ा दिया है। अब तक कृषि व मौसम के चक्र पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों के अध्ययन निष्कर्ष तो सामने आते रहे […] Read more » जलवायु परिवर्तन
राजनीति ग्रामीण भारत की कहानी बदल रही है स्वामित्व योजना January 29, 2025 / January 29, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment -डॉ सत्यवान सौरभ स्वामित्व की आवश्यकता भारत में ग्रामीण भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त का दशकों से अभाव रहा है। कई राज्यों में गांवों के आबादी क्षेत्रों के नक़्शे और दस्तावेज़ीकरण का अभाव रहा है। आधिकारिक रिकॉर्ड की अनुपस्थिति के कारण, इन क्षेत्रों में संपत्ति के मालिक अपने घरों को अपग्रेड करने या अपनी संपत्ति को […] Read more » Ownership scheme is changing the story of rural India.
राजनीति अब बनने लगा है गांधी के सपनों का भारत January 28, 2025 / January 28, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment गांधी निर्वाण दिवस -30 जनवरी 2025 पर विशेष-ललित गर्ग – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के निर्वाण दिवस जब हम नये भारत-सशक्त भारत को विकसित होते हुए देखते है तो प्रतीत होता है कि यह गांधी के ही सपनों का भारत बन रहा है। कांग्रेस की पूर्व सरकारों ने गांधी की केवल मूर्तियां स्थापित की, लेकिन भाजपा […] Read more » गांधी निर्वाण दिवस -30 जनवरी
राजनीति आखिर कौन लागू करवाएगा दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में आचार संहिता? January 28, 2025 / January 28, 2025 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीनी दबदबे को नियंत्रित करने के लिए एक आदर्श आचार संहिता लागू करने की मांग सही है लेकिन वहां पर इसे लागू कौन करवाएगा, इस बात का उत्तर भारत समेत विभिन्न आसियान देशों के पास नहीं है। ये तो सिर्फ वकालत कर रहे हैं कि दक्षिण चीन सागर […] Read more » who will enforce the code of conduct in the South China Sea area? आखिर कौन लागू करवाएगा दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में आचार संहिता? दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में आचार संहिता
राजनीति दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की दुविधा क्या है January 28, 2025 / January 28, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव कुछ अलग दिखाई दे रहे हैं क्योंकि केजरीवाल कुछ घबराये हुए लग रहे हैं । उनका एक बयान उनकी घबराहट दिखा रहा है कि उन्हें हार का डर सता रहा है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना के पानी में जहर मिला दिया है जिससे दिल्लीवासियों की मौत हो सकती है। देखा जाए तो ये देश की एक राज्य सरकार पर दूसरे प्रदेश की जनता का सामूहिक नरसंहार करने की साजिश का आरोप है। अगर इसमें थोड़ा सा भी सच होता तो केजरीवाल सरकार सबूत के साथ सुप्रीम कोर्ट में खड़ी दिखाई देती । ये घिनौना और बेतुका आरोप केजरीवाल की घबराहट दिखा रहा है। लोकतंत्र में जनता के मन में क्या है, यह पूरी तरह से किसी को पता नहीं होता है । चुनाव परिणाम आने पर ही पता चलता है कि जनता के मन में क्या है । 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ने जबरदस्त जीत हासिल करके सरकार बनाई थी लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव फंसे हुए दिखाई दे रहे हैं । यह सच है कि इस चुनाव में केजरीवाल मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं लेकिन ज्यादा संभावना यही है कि एक बार फिर आम आदमी पार्टी सत्ता में वापिसी कर सकती है। दूसरी बात यह है कि चुनाव जिस तरफ जा रहे हैं इससे लगता है कि जनता भाजपा को भी दिल्ली की सत्ता सौंप सकती है। वैसे तो भाजपा हर चुनाव गंभीरता से लड़ती है, फिर चाहे उसके जीतने की संभावना कितनी भी कम क्यों न हो लेकिन इस बार भाजपा पूरी रणनीति बनाकर केजरीवाल को पटकनी देने की तैयारी कर रही है। 2015 और 2020 के चुनाव परिणामों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि उन चुनावों में भी भाजपा अपना वोट बैंक बचाने में कामयाब रही थी लेकिन कांग्रेस के बड़े वोट बैंक का केजरीवाल के खेमे में चले जाना उसकी बड़ी हार की वजह बना था । दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के वोट छीनकर अपनी जगह बनाई है । कांग्रेस ने जिस तरह से चुनाव में उतरने की तैयारी की थी उससे भाजपा में उत्साह पैदा हो गया था । भाजपा को लगता है कि अगर कांग्रेस अपने वोट बैंक का कुछ हिस्सा आम आदमी पार्टी से वापिस ले लेती है तो दिल्ली में भाजपा की सरकार बन सकती है। भाजपा की समस्या यह है कि कांग्रेस दो कदम आगे बढ़ाती है और फिर तीन कदम पीछे हट जाती है। वास्तव में कांग्रेस की यह समस्या सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है बल्कि कांग्रेस का यह हाल पूरे देश में है। अजीब बात यह है कि कांग्रेस की यह समस्या दिल्ली में भाजपा की समस्या बन गई है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भाजपा के विरोध में इतना आगे चले गए हैं कि उन्हें कांग्रेस की बर्बादी दिखाई नहीं दे रही है। राहुल गांधी यह समझने को तैयार नहीं हैं कि उनकी लड़ाई सिर्फ भाजपा से नहीं है बल्कि दूसरे विपक्षी दलों से भी है। जहां भाजपा से लड़ने के लिए विपक्षी दलों को साथ लाने की जरूरत है, वहां तो ठीक है लेकिन जहां विपक्षी दल कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं वहां तो कांग्रेस को सोच समझ कर आगे बढ़ने की जरूरत है। कांग्रेस ने नारा दिया है, ‘हाथ बदलेगा हालात’ लेकिन सवाल यह है कि जिसके अपने हालात खराब हैं, वो क्या हालात बदलेगा । जिस आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर कांग्रेस ने अभी सात महीने पहले लोकसभा चुनाव लड़ा था, उसी पार्टी के सर्वोच्च नेता को कांग्रेस नेता अजय माकन ने एन्टी नेशनल, भ्र्ष्ट और धोखेबाज कहा है। अजय माकन ने केजरीवाल को एन्टी नेशनल बोलते समय आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस की दोस्ती को बड़ी गलती माना है। इसके बाद आप और कांग्रेस के बीच तकरार बहुत बढ़ गई है। राहुल गांधी ने केजरीवाल को मोदी की तरह झूठे वादे करने वाला बता दिया है तो केजरीवाल ने राहुल गांधी को कोसना शुरू कर दिया है। केजरीवाल कह रहे हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन वो देश बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हैरानी की बात है कि अचानक राहुल गांधी दिल्ली चुनाव में प्रचार छोड़कर गायब हो गए हैं। इसके अलावा प्रियंका गांधी भी दिल्ली में प्रचार करती दिखाई नहीं दे रही हैं। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली चुनाव को अपनी दिल्ली शाखा के ऊपर छोड़ दिया है। आप और कांग्रेस का आपस में कोई मेल नहीं है लेकिन कांग्रेस ने आप के साथ मिलकर दिल्ली का लोकसभा चुनाव लड़ा था। वास्तव में आप और कांग्रेस के मिलकर चुनाव लड़ने का एकमात्र आधार मोदी विरोध था । जब कांग्रेस मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से रोक नहीं पाई है तो उसे दिल्ली में अपनी बदहाली की चिंता सताने लगी है। लगातार पंद्रह वर्ष तक दिल्ली में शासन करने वाली कांग्रेस अब विपक्ष से भी गायब हो चुकी है। आज दिल्ली में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। दिल्ली के कांग्रेस नेताओं को लगता है कि अब वो केजरीवाल के खिलाफ लड़ते दिखाई नहीं दिये तो दिल्ली से कांग्रेस बिल्कुल साफ हो जाएगी । दूसरी तरफ राहुल गांधी अभी भी दुविधा में दिखाई दे रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि अगर कांग्रेस केजरीवाल के खिलाफ गंभीरता से लड़ती है तो इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। राहुल गांधी को कांग्रेस का आगे बढ़ना तो अच्छा लगता है लेकिन इससे भाजपा को थोड़ा सा भी फायदा नहीं होना चाहिए। राहुल गांधी की यह समस्या दिल्ली तक सीमित नहीं है बल्कि कई प्रदेशों में यही हालात हैं। बंगाल में ममता बनर्जी ने कांग्रेस का सफाया कर दिया है और गठबंधन में होने के बावजूद बंगाल में कांग्रेस को कोई जगह देने को तैयार नहीं हैं। कहने को तो बंगाल में कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन ममता बनर्जी के खिलाफ राहुल गांधी ने बोलते दिखाई नहीं दिये। राहुल गांधी यह समझने को तैयार नहीं हैं कि विपक्षी दलों ने राज्यों की राजनीति से कांग्रेस को बाहर किया है । जहां भाजपा से कांग्रेस से सत्ता छीनी है, वहां कांग्रेस विपक्ष में बनी हुई है लेकिन जहां विपक्षी दलों ने कांग्रेस से सत्ता छीनी है, वहां तो कांग्रेस विपक्ष से भी बाहर हो गई है। विपक्षी दलों के पास जो जनाधार है, वो उन्होंने कांग्रेस से ही छीना है । कांग्रेस को अपना जनाधार वापिस लेने के लिए भाजपा के साथ-साथ विपक्षी दलों से भी लड़ना है। अब कांग्रेस के लिए जरूरी हो गया है कि अगर उसे अपनी राजनीति बचानी है तो विपक्षी दलों के खिलाफ भी उसी गंभीरता से लड़ना होगा जितनी गंभीरता से भाजपा से लड़ रही है। दिल्ली में अगर आम आदमी पार्टी चुनाव हार जाती है तो उसके लिए पंजाब और दूसरे प्रदेशों में मुश्किल खड़ी हो जाएगी । पंजाब में भाजपा ने नहीं बल्कि आप ने कांग्रेस से सत्ता छीनी है। अगर आप दिल्ली में हारती है तो इसका फायदा पंजाब में कांग्रेस को मिलेगा। राहुल गांधी को समझना होगा कि केजरीवाल ने कांग्रेस को सिर्फ दिल्ली और पंजाब में ही नहीं बल्कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, गोआ और हरियाणा में भी नुकसान पहुंचाया है । कांग्रेस को अपनी इस दुविधा से बाहर निकलने की जरूरत है कि उसे सिर्फ भाजपा से लड़ना है। उसकी लड़ायी सिर्फ भाजपा से नहीं बल्कि दूसरे विपक्षी दलों से भी है । उसे क्षेत्रीय दलों का पिछलग्गू बनना छोड़ना होगा और अपनी वास्तविक ताकत को समझना होगा। उसे अपना मुस्लिम और दलित वोटबैंक वापिस पाना है तो उसे सिर्फ भाजपा से नहीं बल्कि उन क्षेत्रीय दलों के खिलाफ भी लड़ना होगा जिन्होंने उसके जनाधार पर कब्जा किया हुआ है। अगर कांग्रेस अपनी दुविधा से बाहर निकल आती है तो उसके पुनरुत्थान का रास्ता साफ हो जाएगा। राजेश कुमार पासी Read more » दिल्ली चुनाव
राजनीति विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की केन्द्रीकृत नियुक्ति पर विवाद January 27, 2025 / January 27, 2025 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों (वीसी) की नियुक्ति के लिए नए नियम प्रस्तावित किए हैं जिससे राज्यों और केंद्र के बीच विवाद छिड़ गया है। इसे लेकर एनडीए के प्रमुख सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नए मसौदे का विनियमों पर आपत्ति जताई है। राज्य विश्वविद्यालयों […] Read more » Controversy over centralized appointment of vice-chancellors in universities कुलपतियों की केन्द्रीकृत नियुक्ति पर विवाद
राजनीति विधि-कानून संविधान सभा की बहस से संबंधित तथ्य January 27, 2025 / January 27, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment आज देश अपना ७६ वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। २६ जनवरी १९५० भारतीय संविधान के लागू होने की तिथि है। उस दिन हमारे सनातन राष्ट्र भारतवर्ष ने अपने गणतंत्र का दिशा पथ निर्धारित किया था। सदियों तक लाखों करोड़ों बलिदान देने के पश्चात जिस गणतंत्र के राष्ट्रपथ पर देश ने चलने का निर्णय लिया […] Read more » संविधान सभा की बहस
राजनीति ट्रंप की वापसी, भारत और विश्व शांति January 27, 2025 / January 27, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment जब कई भविष्यवक्ता 2025 को लेकर यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि इस वर्ष में तीसरा विश्व युद्ध आरंभ हो सकता है, तब अमेरिका में ट्रंप एक बार पुनः अपने देश के राष्ट्रपति बनने में सफल हुए हैं। हम सभी जानते हैं कि ट्रंप भारत के प्रति जो बाईडेन की अपेक्षा कहीं अधिक मित्रतापूर्ण दृष्टिकोण […] Read more » India and world peace Trump's return ट्रंप की वापसी भारत और विश्व शांति
राजनीति दुलहन की आड़ में रोहिंग्याओं का मकड़जाल कितना खतरनाक? January 27, 2025 / January 27, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे जम्मू कश्मीर में जिस योजनाबद्ध तरीके से रोहिंग्याओं को बसाया जा रहा है, जल्दी से कोई एतराज भी नहीं कर सकता। जानकारी के अनुसार जम्मू में 52 साल के अफजल की शादी के लिए उसका परिवार लंबे समय से लड़की ढूंढने में लगा था लेकिन दुल्हन नहीं मिल रही थी। कारण अफजल का मानसिक तौर […] Read more » How dangerous is the web of Rohingyas in the guise of brides? दुलहन की आड़ में रोहिंग्याओं का मकड़जाल कितना खतरनाक
राजनीति आपदा की चपेट में राजधानी January 27, 2025 / January 27, 2025 by डॉ.वेदप्रकाश | Leave a Comment डॉ.वेदप्रकाश बाढ़,भूकंप,आंधी,तूफान आदि के रूप में प्रकृति द्वारा अथवा किसी बिमारी- महामारी की स्थिति में किसी आपदा को झेलना तो मजबूरी होती है लेकिन जब राजनीतिक नेतृत्व ही पूरे वातावरण को आपदा जैसा बना दे तो वहां के लोगों का जीवन बदहाली का शिकार हो जाता है। राजनीतिक नेतृत्व होता ही इसलिए है कि […] Read more » आपदा की चपेट में राजधानी