राजनीति अल्पसंख्यक के नाम पर राजनीति ज्यादा खतरनाक December 17, 2024 / December 17, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस -18 दिसंबर 2024– ललित गर्ग – अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पहली बार 18 दिसंबर 1992 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा, राष्ट्र निर्माण में योगदान के रूप में चिन्हित कर अल्पसंख्यकों के क्षेत्र विशेष में ही उनकी भाषा, जाति, धर्म, संस्कृति, परंपरा आदि की सुरक्षा को सुनिश्चित करने […] Read more » International Minority Rights Day Politics in the name of minority is more dangerous अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस अल्पसंख्यक के नाम पर राजनीति
राजनीति घरेलू विवाद से दहेज़ के झूठे मामलों में उलझते पुरुष December 16, 2024 / December 16, 2024 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment जब वैवाहिक कलह के कारण घरेलू विवाद उत्पन्न होते हैं, तो अक्सर पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की कोशिश की जाती है। ऐसे में अदालतों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि किसी कानून का दुरुपयोग कर किसी निर्दोष को न फंसाया जा सके। अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के […] Read more » दहेज़ के झूठे मामलों में उलझते पुरुष
राजनीति हताश-निराश विपक्ष को ममता से आस क्यों December 16, 2024 / December 16, 2024 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी कभी-कभी हम ऐसी समस्या से घिर जाते हैं जिससे निकलने का कोई अच्छा रास्ता नहीं सूझता तो हम हताश होकर एक नए रास्ते पर चलने लगते हैं। हालात कैसे भी हों लेकिन बिना सोचे समझे उठाया हुआ कदम नुकसान पहुंचाता है । आज हमारे देश का विपक्ष बहुत हताश और निराश हो चुका है। […] Read more » Why should the dejected opposition be given hope by affection? विपक्ष को ममता से आस क्यों
आर्थिकी राजनीति सांस्कृतिक संगठनों के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान को दी जा सकती है गति December 16, 2024 / December 16, 2024 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment आज पूरे देश के विभिन्न नगरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति बहुत चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। इन नगरों में प्रतिदिन सैकड़ों/हजारों टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसे इन नगरों की नगर पालिकाओं/नगर निगमों द्वारा एकत्र किया जाता है। कचरे की मुख्य श्रेणियों में जैविक अपशिष्ट, प्लास्टिक, कागज, धातु और कांच शामिल रहते हैं। कुछ नगरों में संग्रहण के पश्चात, कचरे को प्रसंस्करण संयंत्रों में भेजा जाता है, परंतु कुछ नगरों में नागरिकों की भागीदारी और कचरे के उचित निपटान की कमी एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है। इस प्रकार देश के विभिन्न नगरों में कचरा प्रबंधन एक बड़ी समस्या के रूप में विद्यमान है। भारत में कचरे का मुख्य निपटान लैंडफिल साइटों पर किया जाता है, लेकिन यहां कचरे की सॉर्टिंग का अभाव है। अधिकांश कचरे को बिना छांटे सीधे लैंडफिल में डाला जाता है, जिससे पुनर्चक्रण की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसके अलावा, लैंडफिल साइट्स पर कचरे का उचित प्रबंधन नहीं किया जाता और इसका प्रदूषण मिट्टी और जल स्रोतों तक फैलता है। कुछ नगरों में कई कॉलोनियों में सीवेज का पानी खुले में बहाया जाता है। इससे जल स्रोतों का प्रदूषण होता है और जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ता है। खुले में सीवेज के निस्तारण से दुर्गंध और अस्वच्छ वातावरण भी उत्पन्न होता है, जिससे नागरिकों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई नगरों में नागरिक अक्सर सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, पार्कों और धार्मिक स्थलों पर कचरा फेंक देते हैं। यह शहर की स्वच्छता को प्रभावित करता है और प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाता है। खासकर धार्मिक आयोजनों और प्रसाद वितरण के बाद खुले में कचरा फैलाने की आदत अधिक देखी जाती है। इससे न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि यह धार्मिक स्थलों की पवित्रता और स्थानीय पारिस्थितिकी को भी प्रभावित करता है। इसी प्रकार, कई नगरों में वायु प्रदूषण की समस्या तेजी से बढ़ रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई बार 200 से 300 के बीच रहता है, जो “अस्वस्थ” श्रेणी में आता है। इसके कारणों में प्रमुख हैं: (1) औद्योगिक प्रदूषण – विभिन्न उद्योगों से निकलने वाले वेस्ट पदार्थों का उचित निपटान नहीं होने के चलते विभिन्न उद्योग नगरों में प्रदूषण फैलाते हैं। (2) वाहनों से प्रदूषण – बढ़ते वाहनों की संख्या और पुराने वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। (3) धूल – सड़क निर्माण और निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल भी वायु प्रदूषण को बढ़ाती है, जो सांस के रोगों को जन्म देती है। आज भारत में विभिन्न नगरों में स्वच्छता की समस्याओं के हल में नागरिकों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण बन गई है। नागरिकों द्वारा खुले में कचरा फेंकने, जानवरों को खुले में खाना देने और धार्मिक आयोजनों में प्रदूषण फैलाने जैसी आदतें स्वच्छता की स्थिति को और अधिक खराब करती हैं। (1) सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकना – लोग अक्सर सड़कों, पार्कों और धार्मिक स्थलों पर कचरा छोड़ देते हैं। (2) जानवरों को खाना देना – नागरिकों द्वारा सड़क पर गायों और कुत्तों को खाना देना एक सामान्य प्रथा है, लेकिन इसके बाद कचरे का सही निपटान नहीं किया जाता। पन्नियां भी यदा-कदा फेंक दी जाती हैं। (3) धार्मिक आयोजनों में प्रदूषण – धार्मिक स्थानों पर पूजा सामग्री और प्रसाद के पैकेट खुले में फेंके जाते हैं, जिससे स्वच्छता की स्थिति बिगड़ती है।इसमें भंडारे वाले स्थान प्रमुखता से हैं। हालांकि भारत सरकार द्वारा स्वच्छता के लिए पूरे देश में ही अभियान चलाया जा रहा है, परंतु इस कार्य में विभिन्न सरकारी विभागों के अतिरिक्त समाज को भी अपनी भूमिका का निर्वहन गम्भीरता से करना होगा। यदि समाज और सरकार इस क्षेत्र में मिलकर कार्य करते हैं तो सफलता निश्चित ही मिलने जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत विभिन्न नगरों में कई प्रयास किए गए हैं। घर-घर शौचालय का निर्माण कराया गया है एवं कचरा संग्रहण की व्यवस्था की गई है इससे कुछ हद्द तक स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम सफल रहे हैं, लेकिन कचरे का निपटान और सार्वजनिक स्थलों की सफाई में अभी भी सुधार की बहुत अधिक गुंजाइश है। कुछ नगरों को तो स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत भी कई अतिरिक्त योजनाएं मिली हैं। इन योजनाओं में स्मार्ट कचरा प्रबंधन, स्मार्ट पार्किंग, और डिजिटल स्वच्छता निगरानी जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इन कदमों से कचरे के प्रबंधन में सुधार और स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिली है। कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में विभिन्न नगरों के सामने आ रही विभिन्न समस्याओं के हल हेतु समाज द्वारा दिए गए कई सुझावों पर अमल किया जाकर भी अपने अपने नगर में स्वच्छता के अभियान को सफल बनाया जा सकता है। विभिन्न नगरों को आज स्वच्छता के लिए 3R (Reduce, Reuse, Recycle) के सिद्धांत को अपनाने की महती आवश्यकता है। प्लास्टिक कचरे से सड़कें बनाना (Plastic Waste Roads) का कार्य बड़े स्तर पर हाथ में लिया जा सकता है। कचरे से ऊर्जा उत्पन्न करने (Waste-to-Energy Projects) के सम्बंध में विभिन्न प्राजेक्ट्स हाथ में लिए जा सकते हैं। इको-फ्रेंडली शौचालयों (Eco-Friendly Toilets) का निर्माण भारी मात्रा में होना चाहिए। कचरे से धन उत्पन्न करने (Waste-to-Wealth) सम्बंधी योजनाओं को गति दी जा सकती है, इससे न केवल कचरा प्रबंधन में मदद मिलेगी बल्कि इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। त्यौहारों के समय भारी मात्रा में बनाई जा रही भगवान की मूर्तियों का विसर्जन करते समय नगर स्तर पर स्वयसेवकों की टोलीयां बनाई जानी चाहिए जो विसर्जन सम्बंधित गतिविधियों पर अपनी पारखी नजर बनाए रखें ताकि भगवान की मूर्तियों का विसर्जन न केवल पूरे विधि विधान से सम्पन्न हो बल्कि इन मूर्तियों के अवशेष किसी भी प्रकार से कचरे का रूप न ले पायें, इसका ध्यान भी रखा जाना चाहिए। अफ्रीकी देश रवांडा में, प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को एक घंटे के लिए पूरा देश अपने सभी कार्य रोककर सामूहिक सफाई में हिस्सा लेता है। इसे उमुगांडा कहा जाता है, और यह एक सामाजिक पहल है जिसका उद्देश्य न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देना है, बल्कि समुदाय में एकजुटता और जिम्मेदारी की भावना को भी प्रोत्साहित करना है। इस एक घंटे के दौरान, नागरिक सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और अन्य सामुदायिक क्षेत्रों को साफ करते हैं। यह पहल सरकार से लेकर स्कूलों के बच्चों तक सभी को शामिल करती है, और यह सामूहिक सफाई का एक बड़ा अभियान बन जाता है। उमुगांडा केवल स्वच्छता तक सीमित नहीं है; यह सामाजिक एकता और सामूहिक प्रयास को बढ़ावा देने का एक तरीका है। भारत के विभिन्न नगरों में भी इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के 100वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है एवं विजयादशमी 2025 को 100 वर्ष का महान पर्व सम्पन्न होगा। संघ के स्वयंसेवक समाज में अपने विभिन्न सेवा कार्यों को समाज को साथ लेकर ही सम्पन्न करते रहे हैं। अतः इस शुभ अवसर पर, भारत के प्रत्येक जिले को, अपने स्थानीय स्तर पर समाज को विपरीत रूप से प्रभावित करती, समस्या को चिन्हित कर उसका निदान विजयादशमी 2025 तक करने का संकल्प लेकर उस समस्या को अभी से हल करने के प्रयास प्रारम्भ किए जा सकते हैं। किसी भी बड़ी समस्या को हल करने में यदि पूरा समाज ही जुड़ जाता है तो समस्या कितनी भी बड़ी एवं गम्भीर क्यों न हो, उसका समय पर निदान सम्भव हो सकता है। अतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, एक सांस्कृतिक संगठन होने के नाते, समाज को साथ लेकर पर्यावरण में सुधार हेतु विभिन्न नगरों में स्वच्च्ता अभियान को चलाने का लगातार प्रयास कर रहा है। इसी प्रकार, अन्य धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों को भी आगे आकर विभिन्न नगरों में इस प्रकार के अभियान चलाना चाहिए। प्रहलाद सबनानी Read more » Cleanliness campaign can be given momentum under the leadership of cultural organizations स्वच्छता अभियान
राजनीति शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करती मोहन सरकार December 16, 2024 / December 16, 2024 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment ~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल मध्यप्रदेश की उर्वरा भूमि अपनी अनेकानेक विशिष्टताओं के साथ भारतीय ज्ञान परम्परा और ‘सा विद्या या विमुक्तये’ के बोध को प्रकट करने वाली भूमि है। त्रेता में भगवान श्रीरामचन्द्र की तपोभूमि चित्रकूट हो याकि द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली- पावन उज्जयिनी हो। याकि ओंकारेश्वर के नर्मदा तट में जगद्गुरु आदिशंकराचार्य […] Read more » डॉ. मोहन यादव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
राजनीति विधि-कानून क्या जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ विपक्ष का महाभियोग प्रस्ताव सफल होगा ? December 16, 2024 / December 16, 2024 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे समान नागरिक संहिता को लेकर बयान देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव के खिलाफ इंण्डिया गठबंधन महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है । महाभियोग के लिए राज्य सभा में नोटिस दिया गया है । श्रीनगर से नेशनल कॉन्फ़्रेंस के सांसद आगा सईद रुहुल्लाह मेहदी ने कहा है कि कॉन्ग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके और […] Read more » जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ विपक्ष का महाभियोग प्रस्ताव
राजनीति कांग्रेस को अडानी और ईवीएम का मुद्दा छोड़ना होगा December 16, 2024 / December 16, 2024 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी अगर हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं तो देर सवेर मंजिल तक पहुँच जाएंगे, अगर हम विपरीत दिशा में जा रहे हैं तो कभी भी मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे। इसका मतलब है कि अगर हम चलते जा रहे हैं और मंजिल दूर होती जा रही है तो हमें अपनी […] Read more » अडानी और ईवीएम का मुद्दा
राजनीति संभल विवाद की वास्तविकता December 13, 2024 / December 13, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment 1947 में जब देश आजाद हुआ तो एक मिथक कांग्रेस की ओर से गढ़ा गया कि देश को आजाद कराने में हिंदू – मुस्लिम दोनों समुदायों का बराबर का योगदान है । यद्यपि मुस्लिम अपने लिए अलग देश लेने में सफल हो गए थे, परन्तु जो मुसलमान उस समय देश में रह गए थे, उनका […] Read more » संभल विवाद की वास्तविकता
राजनीति क्रांतिकारी संन्यासी और भारत की राजनीति December 13, 2024 / December 13, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर कई बार चर्चाओं आ चुके हैं। उनकी मानें तो योगी आदित्यनाथ जैसे भगवाधारी साधु संतों को राजनीति में नहीं रहना चाहिए। अब इस बात को कहकर खड़गे अपनी राजनीतिक हताशा का प्रदर्शन कर रहे हैं या वह वास्तव में इस बात के प्रति […] Read more » Revolutionary Saints and Indian Politics संन्यासी और भारत की राजनीति
राजनीति विश्ववार्ता ऑस्ट्रेलिया में ‘पंजाबी भाषा’ को सरकारी मान्यता December 13, 2024 / December 13, 2024 by रमेश ठाकुर | Leave a Comment डॉ. रमेश ठाकुर पंजाबी भाषा को ऑस्ट्रेलियाई हुकूमत ने सरकारी मान्यता प्रदान कर दी है। अपने स्कूली पाठ्यक्रमों में भी जोड़ लिया है। जोड़ना इसलिए पड़ा क्योंकि पंजाबी भाषा वहां तेज़ी से बढ़ रही है। ऑस्ट्रेलिया की 13वीं आम भाषा पंजाबी जुबान बन गई है। पंजाबी बोलने-लिखने वालों की तादाद वहां दिनों-दिन बढ़ रही है। […] Read more » Government recognition of 'Punjabi language' in Australia ऑस्ट्रेलिया में 'पंजाबी भाषा'
राजनीति विश्ववार्ता जानिए, ग्रेटर इजरायल प्लान क्या है? इसको अमेरिकी समर्थन क्यों हासिल है? ग्रेटर इंडिया प्लान से इसका क्या रिश्ता है? December 13, 2024 / December 13, 2024 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय क्या आपको पता है कि19वीं सदी में यहूदीवाद (जायोनिज्म) आंदोलन की आधारशिला रखने वाले थियोडोर हर्जेल ने एक ऐसे यहूदी देश की अवधारणा रखी थी जो अरब के एक बड़े इलाके में फैला हुआ होगा। यदि नहीं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि यहूदीवाद, यहूदियों का तथा यहूदी संस्कृति का राष्ट्रवादी […] Read more » Know what is Greater Israel Plan? what is Greater Israel Plan? Why does it have American support? What is its relation with Greater India Plan ग्रेटर इजरायल ग्रेटर इजरायल प्लान क्या है? इसको अमेरिकी समर्थन क्यों हासिल है? ग्रेटर इंडिया प्लान से इसका क्या रिश्ता है?
राजनीति बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके मंदिरों से आखिर किस बात का बदला? December 13, 2024 / December 13, 2024 by अमरपाल सिंह वर्मा | Leave a Comment अमरपाल सिंह वर्मा चार महीने पहले बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ जो गुस्सा था, वह हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद से हिंदुओं और हिंदू मंदिरों पर उतर रहा है। बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ आक्रोश के कारण कई कारण हो सकते हैं, बांग्लादेशी अवाम की हसीना सरकार की नीतियों […] Read more » What is the revenge against Hindus and their temples in Bangladesh? बांग्लादेश में हिंदु