राजनीति विश्ववार्ता बातचीत और आपसी संवाद ही एकमात्र विकल्प: भारत-बांग्लादेश वर्तमान संबंध December 5, 2024 / December 5, 2024 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment सुनील कुमार महला पिछले कुछ दिनों से भारत और बांग्लादेश में एक-दूसरे के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किए जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में विवाद देखा जा रहा है और इस आशय की खबरें लगातार मीडिया की सुर्खियों में आ रहीं हैं। पाठक जानते होंगे कि बांग्लादेश में शेख़ हसीना सरकार के […] Read more » India-Bangladesh current relations भारत-बांग्लादेश वर्तमान संबंध
राजनीति पंजाब में रेडिकलाइजेशन का परिणाम है सुखबीर पर हुआ हमला December 5, 2024 / December 5, 2024 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राकेश सैन अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर 4 दिसम्बर बुधवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे एक कट्टरपंथी मानसिकता से पीडि़त व्यक्ति ने हमला कर दिया। दुनिया के शीर्षथ धर्मस्थलों में शामिल स्वर्ण मन्दिर में सुखबीर पर गोली चलाई गई और सौभाग्य से सादे कपड़ों में तैनात पुलिस के […] Read more » Attack on Sukhbir is the result of radicalization in Punjab पंजाब में रेडिकलाइजेशन सुखबीर बादल पर हमला सुखबीर सिंह बादल
राजनीति एक योग्य संगठनकर्ता और कुशल प्रशासक समझे जाते हैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस December 5, 2024 / December 5, 2024 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को केंद्र और प्रदेश भाजपा में एक योग्य संगठनकर्ता और कुशल प्रशासक के रूप में जाना जाता है। ऐसा इसलिए कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान कई बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिए और विकास परियोजनाओं को गति प्रदान करते हुए […] Read more » देवेंद्र फडणवीस
राजनीति अमेरिका में होने वाले सत्ता परिवर्तन का भारत पर सम्भावित असर December 5, 2024 / December 5, 2024 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment दिनांक 20 जनवरी 2025 को अमेरिका में श्री डॉनल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार कार्यभार सम्हालने जा रहे हैं। ट्रम्प प्रशासन ने अपने पहिले कार्यकाल में अमेरिका के रिश्तों को भारत के साथ मजबूत करने का प्रयास किया था। परंतु, नवम्बर 2024 में सम्पन्न हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान श्री ट्रम्प लगातार यह आभास देते रहे हैं कि वे अमेरिका को एक बार पुनः विनिर्माण इकाईयों का हब बनाने का प्रयास करेंगे और इसके लिए अन्य देशों विशेष रूप से चीन से आने वाले सस्ते उत्पादों पर 60 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगा सकते हैं, जिससे चीन से आयातित उत्पाद अमेरिका में महंगे हों जाएंगे एवं विनिर्माण इकाईयां अमेरिका में ही इन वस्तुओं का उत्पादन प्रारम्भ करेंगी। दूसरे, अमेरिका में आज भारी मात्रा में अन्य देशों से अप्रवासी नागरिक गैर कानूनी रूप से रह रहे हैं, विशेष रूप से अमेरिका के पड़ौसी देश मैक्सिको के नागरिक आसानी से सीमा पार कर अमेरिका में पहुंच जाते हैं, अतः गैर कानूनी रूप से अमेरिका में रह रहे नागरिकों को अमेरिका से बाहर भेजेंगे। उक्त दो विषयों को श्री ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जोर शोर से उठाया था। अमेरिका को एक बार पुनः महान बनाने की बात भी जोर शोर से कही गई थी। यदि ट्रम्प प्रशासन अमेरिका में आयात कर को बढ़ा देता हैं तो इसका प्रभाव भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पादों पर भी पड़े बिना नहीं रह सकेगा। हालांकि अमेरिका में विनिर्माण इकाईयों की स्थापना करना इतना आसान भी नहीं है क्योंकि अमेरिका में श्रम की लागत बहुत अधिक है। अमेरिका में निर्मित उत्पादों की लागत तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक रहने वाली है, इसके कारण एवं अमेरिका में आयातित उत्पादों पर आयात शुल्क के बढ़ाने से अमेरिका में मुद्रा स्फीति की समस्या भी पुनः खड़ी हो सकती है। दूसरे, अमेरिका यदि आयात को प्रतिबंधित करता है तो अमेरिकी डॉलर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में और अधिक मजबूत होगी एवं अन्य देशों की मुद्राओं की बाजार कीमत गिरेगी जिससे इन देशों में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात और अधिक आकर्षक होने लगेंगे। बल्कि इससे तो भारत से टेक्स्टायल, लेदर, विनिर्माण एवं कृषि क्षेत्र से उत्पादों के निर्यात अमेरिका को बढ़ेंगे। अमेरिका से निर्यात कम होने लगेंगे क्योंकि अन्य देशों को अमेरिका से आयातित वस्तुओं के एवज में महंगे डॉलर का भुगतान करना होगा। परंतु, ट्रम्प प्रशासन ने तो आगे आने वाले समय का आभास अभी से देना शुरू पर दिया है और मेक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत का आयात शुल्क एवं चीन से आयातित वस्तुओं पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है। हालांकि अभी भारत से आयातित वस्तुओं पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने की घोषणा अभी नहीं की गई है। यदि ट्रम्प प्रशासन आगे आने वाले समय में चीन से आयातित उत्पादों पर इतना भारी भरकम आयात शुल्क लागू करता है तो इससे भारतीय उत्पादों के लिए अमेरिका में जगह बन सकती है और विशेष रूप से ऑटो पार्ट्स, सौर ऊर्जा उपकरण एवं रासायनिक उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भारतीय विनिर्माण इकाईयां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकती हैं। इसी प्रकार, यदि अमेरिकी प्रशासन द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर भारी मात्रा में आयात शुल्क लगाया जाता है तो चीन के निर्यात कम होंगे और इससे चीन में आर्थिक वृद्धि दर कम होगी और ऊर्जा उत्पादों (कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल, गैस, आदि) की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम होगी, जिससे कच्चे तेल की कीमतें भी कम होंगी, इसका सीधा सीधा लाभ भारत को हो सकता है, क्योंकि भारत विश्व में कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। साथ ही, श्री ट्रम्प ने अमेरिका में भी कच्चे तेल के उत्पादन को आगे आने वाले समय में बढ़ाने की घोषणा की है और तुलनात्मक रूप से कुछ सस्ते दामों पर कच्चे तेल का निर्यात भारत को किया जा सकता है। विनिर्माण एवं सुरक्षा (डिफेन्स) के क्षेत्र में भी भारतीय कम्पनियों को लाभ हो सकता है। ट्रम्प प्रशासन ने ट्रम्प के प्रथम कार्यकाल में भारत के साथ कई बड़े रक्षा सौदे सम्पन्न किए थे। अमेरिकी सैन्य क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने के लिए, अमेरिका भारत से सुरक्षा क्षेत्र के उत्पादों का आयात आगे आने वाले समय में बढ़ा सकता है। यदि ट्रम्प प्रसाशन आयात करों में अतुलनीय वृद्धि करता है तो इससे अमेरिका में मुद्रा स्फीति की समस्या एक बार पुनः खड़ी हो सकती है जिससे सम्भव है कि बढ़ी हुई मंहगाई को नियंत्रित करने के लिए फेडरल रिजर्व एक बार पुनः फेड रेट (ब्याज दरों) में वृद्धि करे। जिसका असर विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ेगा। अमेरिका का वित्तीय बजट घाटा भारी मात्रा में ऋणात्मक है एवं अमेरिका के ऊपर 36 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की ऋण देयताएं हैं। अतः अमेरिकी प्रशासन का सोचना है कि प्रतिवर्ष 2 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के खर्च को कम करने हेतु प्रयास करने होंगे। यदि यह वास्तव में होता है तो अमेरिका में सरकारी कर्मचारियों की बड़ी संख्या में कमी की जा सकती है। अमेरिकी सरकार के खर्चे यदि कम होते हैं तो इससे देश के आर्थिक विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। टैक्स कटौती एवं राजकोषीय उपायों के चलते अमेरिकी डॉलर मजबूत हो सकता है एवं इससे अमेरिकी बांड यील्ड बढ़ सकती हैं। भारत पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में कमजोर होगा और भारत में आयात किए जाने वाले उत्पादों विशेष रूप से कच्चे तेल की लागत बढ़ जाएगी और इससे अंततः भारत में भी महंगाई बढ़ सकती है। ट्रम्प प्रशासन ने अपने पहिले कार्यकाल में भी भारत के खिलाफ कुछ आर्थिक कदम उठाए थे जैसे भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम आफ प्रेफ्रेन्सेज (जीएसपी) से हटा दिया था। लेकिन अंततोगत्वा भारत पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं हुआ था। वर्ष 2018 में अमेरिका ने स्टील पर 25 प्रतिशत, अल्यूमिनियम पर 10 प्रतिशत, वशिंग मशीन पर 35 प्रतिशत का उत्पाद शुल्क लगाया था परंतु वर्ष 2019 से वर्ष 2021 के बीच अमेरिका को भारत का स्टील निर्यात 44 प्रतिशत बढ़ गया था। इसी प्रकार, फूटवीयर, मिनरल्स, रसायन, इलेक्ट्रिकल व मशीनरी जैसे उत्पादों का निर्यात भी भारत से अमेरिका को बढ़ा है, इससे सिद्ध होता है कि भारत कई उत्पादों के मामले में चीन के मुकाबले वैश्विक सप्लाई चैन में होने वाले बदलाव का अधिक लाभ उठाने की स्थिति में हैं। फिर भी, भारत को अपने विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार करना होगा। भारत को नए निर्यात बाजार को तलाशना होगा एवं आयात कम करने के लिया आत्म निर्भरता प्राप्त करने की ओर और अधिक मजबूती से आगे बढ़ना होगा। ट्रम्प प्रशासन यदि चीन के विरुद्ध कारोबारी युद्ध को प्रारम्भ करते है, जिसकी कि प्रबल सम्भावना दिखाई देती है, तो इसका लाभ भारत को मिल सकता है। फार्मा, टेक्स्टाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में सप्लाई चैन में होने बदलावों के देखते हुए, भारत लाभ की स्थिति में रह सकता है। श्री ट्रम्प, अमेरिका में आय कर एवं कारपोरेट कर में कमी की घोषणा भी कर सकते हैं। इससे अमेरिका के नागरिकों के हाथों में अधिक पैसा आएगा एवं कारपोरेट जगत के लाभ में वृद्धि होगी जिससे अंततः उत्पादों की मांग में वृद्धि होगी। ट्रम्प प्रशासन की व्यापार अनुकूल नीतियों के चलते अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी आ सकती है। श्री ट्रम्प ने रूस – यूक्रेन युद्ध एवं हम्मास, लेबनान – इजराईल के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए भी प्रयास किए जाने के बारे में कहा है। यदि ऐसा होता है तो वैश्विक स्तर पर सप्लाई चैन में सुधार हो सकता है एवं भारत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मदद मिल सकती है। लेबनान – इजराईल के बीच तो युद्ध विराम की घोषणा हो भी चुकी है। ट्रम्प प्रशासन के प्रथम कार्यकाल में अमेरिका में वीजा के नियमों को कठिन बना दिया गया था। यदि अपने दूसरे कार्यकाल में भी एच-1बी वीजा के नियमों को कड़ा किया जाता है तो इसका सबसे अधिक प्रभाव भारतीय मूल के नागरिकों पर पड़ेगा। क्योंकि, अमेरिका में प्रतिवर्ष लगभग 85,000 एच-1बी वीजा जारी किए जाते हैं एवं इसमें से लगभग 60,000 वीजा भारतीय मूल के नागरिकों को जारी होते हैं। भारतीय मूल के नागरिकों पर वीजा सम्बंधी नियमों के कड़े किए जाने का प्रभाव सबसे अधिक हो सकता है। इससे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कम्पनियों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। भारत की तुलना में अमेरिका के पास 3.5 गुणा अधिक जमीन है, जबकि जनसंख्या, भारत की तुलना में एक चौथाई ही है। अमेरिका के पास 95,000 किलोमीटर लम्बी समुद्री तट रेखा उपलब्ध है, अमेरिका के पास पूरे विश्व का 45 प्रतिशत पानी उपलब्ध है, पूरे विश्व के कोयला भंडारण का 22 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका के पास है, पूरे विश्व की जमीन का 6 प्रतिशत भाग अमेरिका में है, पूरे विश्व की कृषि योग्य भूमि का 10 प्रतिशत भाग अमेरिका के पास है जबकि विश्व की केवल 4 प्रतिशत जनसंख्या ही अमेरिका में निवास करती है। अमेरिका के पास 25,600 करोड़ बैरल कच्चे तेल के भंडार हैं जो सऊदी अरब में कच्चे तेल के कुल भंडारण से भी 20 प्रतिशत अधिक है। अब ट्रम्प प्रशासन कच्चे तेल के इस भंडार में से अधिक मात्रा में कच्चा तेल निकालकर उपयोग करना शुरू करेगा। वर्ष 2018 तक अमेरिका कच्चे तेल का आयात ही करता रहा है जबकि इसके बाद से अमेरिका कच्चे तेल का निर्यात भी करने लगा है। इसके चलते ही अमेरिका को पूरे विश्व में विशेष राष्ट्र का दर्जा प्राप्त है। ट्रम्प प्रशासन भारत को अपना स्ट्रेटेजिक भागीदार मानता रहा है। अमेरिका से विशेष दोस्ती होने के चलते आगे आने वाले समय में भारत को विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में विशेष लाभ होने की सम्भावना दिखाई देती है। Read more » Possible impact of change of power in America on India अमेरिका में सत्ता परिवर्तन का भारत पर असर
राजनीति अडानी बनाम ओसीसीआरपी – अमेरिका का भारत विरोधी गुप्त एजेंडा December 4, 2024 / December 4, 2024 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे हाल ही में भारत के बड़े कारोबारी समूह अडानी ग्रुप को ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट ( ओसीसीआरपी) ने निशाना बनाया। इसके निशाने पर अडानी ही नहीं, भारत की अर्थव्यवस्था है। ओसीसीआरपी अमेरिका से भारी फंडिंग लेता है। वही अमेरिकी एजेंसियाँ उसे पैसा देती हैं जो भारत विरोधी कामों में लिप्त […] Read more » अडानी बनाम ओसीसीआरपी
राजनीति गंगा के सवाल पर राष्ट्रव्यापी अभियान का संकल्प December 4, 2024 / December 4, 2024 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कुमार कृष्णन भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी गंगा जो भारत और बांग्लादेश में मिलाकर 2510 किमी की दूरी तय करती हुई उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू भाग को सींचती है, देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, जन जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। 2071 कि.मी […] Read more » Resolution of nationwide campaign on the question of Ganga गंगा पर राष्ट्रव्यापी अभियान
राजनीति हाइब्रिड पॉलिटिकल पार्टी ‘आप” यदि कांग्रेस से गठबंधन करेगी तो सियासी तौर पर समाप्त हो जाएगी? December 4, 2024 / December 4, 2024 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय देश की राजधानी दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव होंगे और यहां पर सत्तारूढ़ ‘आम आदमी पार्टी’ एक बार फिर पूरे दम-खम से अकेले यह चुनाव लड़ेगी जबकि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन की भागीदार पार्टी रही है। बताया जाता है कि हाइब्रिड पॉलिटिकल पार्टी ‘आप’ को डर है कि […] Read more » 'AAP' forms an alliance with Congress Will the hybrid political party 'AAP' be politically wiped out if it forms an alliance with Congress?
राजनीति सांस्कृतिक पहचान को कुचलने की कुचेष्टाएं कब तक? December 4, 2024 / December 4, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आर्थिक विरासत को कुचलने की चेष्टाएं अतीत से लेकर वर्तमान तक होती रही है। बहुत बड़ा सच है कि अगर किसी देश को नष्ट करना है तो उसकी सांस्कृतिक पहचान को खत्म कर दो। देश अपने आप नष्ट हो जाएगा। भारत पर हमला करने वाले विदेशी आक्रांताओं […] Read more » How long will these attempts to suppress cultural identity last? सांस्कृतिक पहचान को कुचलने की कुचेष्टाएं
राजनीति स्वयंसेवक रचते हैं सेवा एवं संस्कृति के नये स्वस्तिक December 4, 2024 / December 4, 2024 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर, 2024 पर विशेष-ः ललित गर्ग:-सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर को प्रतिवर्ष दुनिया भर में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर, 1985 को स्वयंसेवक दिवस मनाने की घोषणा की। तब से, अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, सरकारों, नागरिक समाज संगठनों आदि […] Read more » अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर स्वयंसेवक
राजनीति विधि-कानून पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के कट ऑफ डेट पर उठते हुए सवालों का जवाब आखिर कौन देगा? December 3, 2024 / December 3, 2024 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय क्या आपको पता है कि प्रथम मुस्लिम आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम ने 712 ई में भारत के सिंध प्रांत पर आक्रमण किया और काफी उत्पात मचाया। उसके बाद उसके अनुयायी यानी मुस्लिम आक्रमणकारी अपनी सुविधा के अनुसार भारत पर आक्रमण करते हुए आए, यहां के समृद्ध मंदिरों व बाजारों सहित प्रमुख जगहों पर […] Read more » Places of Worship (Special Provisions) Act पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम
राजनीति डॉ.भीमराव अम्बेडकर की नजर में भारत का आर्थिक दृष्टिकोण December 3, 2024 / December 3, 2024 by डॉ.नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी | Leave a Comment डॉ.नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी आज हमारा देश भारत पूरे विश्व में आर्थिक दृष्टि से एक सशक्त राष्ट्र बनकर उभर रहा है। वैश्विक स्तर पर कार्य कर रहे वित्तीय एवं निवेश संस्थान भारत की आर्थिक प्रगति की मुक्त कंठ से सराहना कर रहे हैं। भारत आज विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेज गति से आगे […] Read more » India's economic outlook in the eyes of Dr. Bhimrao Ambedkar
राजनीति दिल्ली सल्तनत पर किसानों का मार्च एक बार फिर December 3, 2024 / December 3, 2024 by रमेश ठाकुर | Leave a Comment डॉ0 रमेश ठाकुर अन्नदाताओं की समस्याओं का समाधान आखिर कब होगा? क्या उनकी मांगे भविष्य में कभी पूरी हो भी पाएंगी या नहीं? केंद्र में सरकार चाहे कांग्रेस की हो या भाजपा की, हर दौर में यही सब कुछ देखने को मिलता है। कमोबेश सरकारों का रवैया सदैव एक जैसा ही रहता है। इसलिए एकाएक […] Read more » Farmers march on Delhi Sultanate दिल्ली सल्तनत पर किसानों का मार्च