सतत विकास की सार्थकता है स्वच्छ जल

डॉ. शंकर सुवन सिंह

जल, प्रकृति द्वारा मानवता के लिए एक अनमोल उपहार है। तभी तो कहा गया है प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ी मानवता है। ऋग्वेद (18:82:6) में वर्णित है कि जल में सभी तत्वों का समावेश है। जल में सभी देवताओं का वास है। जल से पूरी सृष्टि, सभी चर और अचर जगत पैदा हुआ है। मानव शरीर में लगभग 65-80 प्रतिशत पानी होता है। इससे साबित होता है कि मानव जीवन बिना शुद्ध जल के संभव नहीं है। पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है। 1.6 प्रतिशत पानी जमीन के नीचे पाया जाता है। पृथ्वी की सतह पर पाए जाने वाले पानी का 97 प्रतिशत सागरों और महासागरों में है, जो कि पीने के काम में नहीं आता है केवल 3 प्रतिशत पानी पीने लायक है। इसके बावजूद विश्व के विभिन्न भागों से जल की कमी और दूषित जल की खबरें मिलना सामान्य बात है। पानी का रासायनिक संदूषण मुख्य रूप से फ्लोराइड और आर्सेनिक के माध्यम से 1.16 मिलियन आवासों में मौजूद है। इसके अलावा, भारत के 797 जिलों में से दो-तिहाई पानी की कमी से प्रभावित हैं, और पानी की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए योजना की मौजूदा कमी एक बड़ी चिंता है। जल संरक्षण, संवर्धन और उसके उचित प्रबंधन में सतत विकास लक्ष्य 6 अहम् भूमिका अदा करेगा। सतत विकास लक्ष्य में कुल 17 लक्ष्य हैं जिसमे की छठवें लक्ष्य का उद्देश्य साफ़ पानी और स्वच्छता है अर्थात सभी के लिए स्वच्छ पानी और स्वच्छता की उपलब्धता व उसका टिकाऊ प्रबंधन सुनिश्चित करना है। स्वच्छ पानी, स्वच्छता और उसका प्रबंधन ही जल संरक्षण को गति प्रदान करेगा। विश्व में अनुमानित 77.1 करोड़ लोगों के पास अभी भी एक बुनियादी स्तर की जल की उपलब्धता का अभाव है। सतत विकास लक्ष्य 6 का सकारात्मक प्रभाव, सतत विकास लक्ष्य 3 पर पड़ेगा। सतत विकास लक्ष्य 3 का उद्देश्य अच्छा स्वास्थ्य और जीवन स्तर है। कहने का तात्पर्य स्वच्छ जल और स्वच्छता के द्वारा लोगो के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा और जीवन स्तर में सुधार होगा। स्वच्छ जल स्वस्थ्य शरीर का द्योतक है। हम कह सकते हैं कि एस डी जी 6 पर कई लक्ष्य निर्भर है। स्वच्छता प्रकृति को दूषित नहीं करती है। स्वच्छता प्रकृति को पोषित करती है। प्रकृति के पोषण में जीवन है। प्रकृति का दूषित होना प्राकृतिक आपदाओं का कारण है। प्रकृति पृथ्वी को जीवंत बनाती है। जल प्रदूषण सृष्टि के सभी जीवों के लिए अभिशाप है। जल से जीवन है। जल ही एकमात्र ऐसा अवयव है जो जीवन को संचालित करता है। अतएव हम कह सकते हैं कि स्वच्छता और स्वच्छ जल, सतत विकास की सार्थकता है। सतत विकास लक्ष्य विश्व जल दिवस 2023 को मजबूती प्रदान करेगा।

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