संघ पर प्रहार के पीछे की गहरी साजिश

डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री

पिछले कुछ अर्से से कांग्रेस जांच एजेसियों की सहायता से भारत की राष्ट्रवादी शक्तियों को बदनाम करने के अभियान में जुटी हुई हैं। कांग्रेस का एक उद्देश्य अपने राजनैतिक हितों की पूर्ति के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण हो सकता है। इस कार्य में लगता है कुछ विदेशी शक्तियां या तो कांग्रेस की सहायता कर रही हैं या फिर उसका इस्तेमाल कर रही हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी और दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत के बीच एक गुफ्तगू का खुलासा हुआ था। राहुल गांधी का कहना था कि भारत को लश्कर-ए-तोयबा से इतना खतरा नहीं है जितना खतरा रेडिकल हिन्दुत्ववादी शक्तियों से है। कांग्रेस की दृष्टि में वे सभी राष्ट्र्वादी शक्तियां जो कांग्रेस की गैर भारतीय सांस्कृतिक नीतियों का विरोध करती हैं, रेडिकल हिन्दुत्ववादी शक्तियां हैं। उनसे लड़ना और फिर उनको समाप्त करना ही सोनिया कांग्रेस का तात्कालिक एजेंडा है। दरअसल, पिछले दो-तीन दशकों से भारत की राष्ट्रवादी शक्तियां राजनीति के केन्द्र स्थल तक पहुँच गई हैं। जाहिर है कि भारतीय सत्ता के केन्द्र स्थल तक पहुंचने के कारण भारतीय अस्मिता और भारतीय पहचान के प्रश्न फिर मुखर होने लगे हैं। भारत की इसी पहचान पर पिछले एक हजार वर्षों से विदेशी आक्रमण होते रहे हैं। कांग्रेस ने अपनी राजनैतिक सुविधा के लिए इन प्रश्नों को अपने एजेंडा से दूर ही रखा है। जब से कांग्रेस पर सोनिया गांधी का कब्जा हुआ है तब से वह इन प्रश्नों पर तटस्थ रहने की बजाये इन पर भारत की राष्ट्रवादी शक्तियों से लड़ने के लिए कटिबद्व हो गई है। वर्तमान संघ परिवार भारत की राष्ट्रीय चेतना और अस्मिता का प्रतीक बन कर उभरा है। इसलिए कांग्रेस ने लड़ाई के लिए संघ को ही निशाने पर रखा है।

आंतकवाद के नाम पर संघ को बदनाम करने की साजिश इसी का एक हिस्सा है। सोनिया गांधी ने कैलिफोर्नियां के राज्यपाल की पत्नी से एक अंतरंग बातचीत में यह कनफैशन किया था कि वे भारत की राजनीति में इसलिए सक्रिय हुई क्योंकि उसके केन्द्र बिन्दु में हिन्दुत्ववादी शक्तियां प्रभावी भूमिका में आ गयीं थी। वैसे भी अमेरिका की सबसे बड़ी चिन्ता भी भारत की राजनीति से राष्ट्र्वादी हिन्दु शक्तियों को बेदखल करने की ही रही है। अमेरिका के मजहबी स्वतंत्रता अधिनियम के तहत पिछले कुछ सालों से तैयार की गई रपटों से खुलासा होता है कि अमेरिका इस देश में राष्ट्र्ीय शक्तियों के उदय का अमंगलकारी मानता है। भारत में कांग्रेस द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ छेड़े गये अभियान की यह दुःखद पृष्ठभूमि है। इसका सबसे दुःखद पहलु यह है कि कांग्रेस विभिन्न जांच एजेंसियों मसलन सी0बी0आई0, एन0आई0ए0 और ए0टी0एस0 इत्यादि को अपने राजनैतिक स्वार्थों के लिए संघ को बदनाम करने के लिए प्रयोग कर रही है। इससे इन एजेंसियों की दक्षता पर तो प्रश्नचिन्ह लगता ही है, जांच का पूरा सिस्टम ही धीरे-धीरे खोखला होने लगता है और उसमें राजनैतिक स्वार्थो की दुर्गन्ध भर जाती है। इससे लोगों का सिस्टम पर से विश्वास डगमगाने लगता है।

इधर पिछले कुद अर्से से बम विस्फोटों की जांच के नाम पर किसी न किसी रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लपेटने का अति महत्वपूर्ण कार्य सरकार ने दिया हुआ है। यह एजेंसियां इस काम में कितना सफल हो पाती हैं इसका निर्णय तो न्यायालय ही करेंगे। लेकिन कांग्रेस को न तो न्यायालयों के निर्णय की दरकार है और न ही सत्य जानने की। उसका मकसद तो जनता को धोखा देकर संघ को लांछित करना है। इसीलिए जांच एजेसियां अपनी आधी-अधूरी जांच की रपटें नियमित रूप से कांग्रेस को मुहैया करवा रही है और साथ ही मीडिया के एक खास वर्ग को पहुंॅचाई जा रही हैं। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह, राजस्थान के गृह मंत्री शांति धालीवाल इन जांच रपटों को लेकर संघ पर कीचड़ उछालते हैं यही काम मीडिया का एक खास वर्ग करता है। कांग्रेस और मीडिया का यह वर्ग अच्छी तरह जानता है कि इन जांच रपटों का तब तक कोई महत्व नहीं है जबतक न्यायालय में इन्हें प्रमाण सहित सिध्द नहीं कर दिया जाता। जांच एजेसियां भी यह अच्छी तरह जानती है। इसलिए वे इन जांच रपटों को न्यायलयों में उपस्थित करने से पहले ही कांग्रेस को दे रही हैं ताकि वे इनके झुठ सिद्व होने से पहले पहले इनका राजनैतिक लाभ उठा सकें। स्वामी असीमानंद के तथाकथित बयान को लेकर कांग्रेस इतना हो हल्ला मचा रही है जिससे यह भी शक पैदा होता है कि कहीं इस बयान को कांग्रेस के राजनैतिक हितों की पूर्ति के लिए ही तो नहीं तैयार करवाया गया। पुलिस और सी0बी0आई0 किस प्रकार जांच करते हैं इसका नमूना पहले ही कई बार पेश हो चुका है। वही सी0बी0आई0 सोनिया गांधी के नजदीकी इटली के ओतावियो क्वात्रोची को बचाने में लगी हुई है और वही सी0बी0आई0 आर0एस0एस0 को आतंकवाद में फसाने में लगी हुई है। जबकि दुनियां जानती है कि सी0बी0आई0 ओतावियो क्वात्रोची का बचाव करके पहला गलत काम कर रही है और आर0एस0एस0 को लांछित करने का प्रयास करके दूसरा गलत काम कर रही है। सी0बी0आई0 के निदेशक रह चुके जोगेन्द्र सिंह ने ठीक ही कहा है कि इसकी जांच रपटे राजनैतिक ज्यादा होती है प्रोफेशनल कम। लेकिन इससे एक और महत्वपूर्ण प्रश्न पैदा होता है। कांग्रेस ने अपने जिन कार्यकर्ताओं मसलन महासचिव दिग्विजय सिंह इत्यादि को जांच एजेंसियों से तालमेल का काम दिया हुआ है, उनकी गतिविधियों की भी जांच करवाना लाजमी हो गया है। दिग्विजय सिंह ने हेमंत करकरे से फोन पर बात करने का स्वयं ही खुलासा किया है। इसका अर्थ हुआ ये आधिकारिक रूप से जांच एजेंसियों के काम को मॉनीटर करते थे ओर जांच एजेसियां भी समय-समय पर इनको अपनी रपट देती थीं। इनके और इनसे जुड़े हुए दूसरे लोगों के फोन कॉल की भी गहरी और विस्तृत जांच की जानी चाहिए ताकि पता चल सके कि कहीं ये लोग जांच एजेसियों के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों को भी अपने राजनैतिक स्वार्थो के लिए प्रभावित तो नहीं करते थे।

* लेखक नवोत्थान लेख सेवा, हिन्दुस्थान समाचार के संपादक हैं।

9 COMMENTS

  1. भाई पुरोहित जी,
    आपकी बाते तर्कपुर्ण है. मै विश्वस्त हुं कि साध्वी प्रज्ञा एवम अन्य हिन्दु कार्यकर्ताओ को देश की सत्ता पर बैठे देश के दुश्मनो द्वारा फंसाया गया है. मै चिंतीत भी हुं कि उन लोगो को प्रयाप्त कानुनी सहायता मिल रही है या नही ? उनके परिवार के भरण पोषण के लिए आर्थिक संशाधनो की कमी तो नही हो रही है ? क्या कोई संस्था इन बिंदुओ पर ध्यान दे रही है. हम अपनी सहायता कहा भेजे सकते है. कृपया जानकारी उपल्ब्ध कराना संभव हो तो बताएंगें.

  2. अभिषेकजी ==> नवभारत टाईम्स उद्धृत:
    https://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7295887.cms
    क्या अंधेर नगरी है?
    ===”अगर भगवा आतंकवाद या हिंदू आतंकवाद जैसा कुछ है, तो उसे अभी बहुत कुछ सीखना पडे़गा। तथाकथित सरगना ने तथाकथित गिरफ्तारी के बाद तथाकथित अधिकारियों की पूछताछ में और फिर एक तथाकथित मैजिस्ट्रेट के सामने एक तथाकथित बयान अपने तथाकथित प्रायश्चित के तौर पर दिया और भारत में तथाकथित हिंदू आतंकवाद के सारे पात्रों और योजनाओं की पोल खोल दी। इसके बावजूद ये पात्र इंदौर में ही बने रहे और वे ही मोबाइल नंबर इस्तेमाल करते रहे। इस दंत कथा पर किसे भरोसा होगा? क्या इस देश की पुलिस का कोई भी पात्र स्वीकार करेगा कि एक अभियुक्त अपने दर्जनों साथियों के नाम, पते और ठिकाने बता देता है और जांच एजेंसी उन लोगों को पकड़े बगैर उसके बयान करवाकर सार्वजनिक कर देती है।========

  3. वैसे तो कोयि ज्यादा टिप्पण्णी कर नहि सकता क्योकि मै कोयि वकिल हुँ नहि कि कानुनी पहलु बताउ पर जो चिज मेरे समझ मे आई है उसे बता सकता हुँ
    १.जहा तक मुझे अखबारो की खबर से ग्यात है कि साध्वी प्रग्या को पकडा गया था एक चेजिस नम्बर के आधार पर जिसे पुलिस कहति है कि मालेगाँव विस्फ़ोट मे काम मे ली गयी थी,मेरा बहुत ही बेसिक प्रश्न है,पुरी योजना बना कर बम फ़ोडने वाला खुद के नाम की मोटर साईकिल ले जायेगा???चलो ले भी गया तो उसे ही खुद फ़ोडने मे काम मे ले गा??चलो ले भी ली फ़िर उसके पश्चात बैथा बैथा सुरक्षा एजेन्सियो का इन्तजार करेगा कि आओ सा “मोने पकड लो”?????
    २.मेरा से ज्यादा तो दिल्ली मे रहने वाले पाठक जानते होंगे कि वहा के चोर बाजार मे क्या नही मिल सकता है???ना कितनो की ही फ़र्जी नम्बर वगेरह मिल जाते है,क्या मै गलत तो नही कह रहा हुँ???
    ३.अब सहाब प्रग्या जी हाथ मे आ गयी अब उससे जुडे होने के कारण पुरोहित,अमॄतानन्द जी आदी पकड लिये गये क्योकी वो उससे फोन पर बात करते थे,अखबार के माध्यम से पता चला कि पुरोहित पर केस जो बनाये गये थे वो किसी आतंग वाद के नही बल्कि अवैध लाईसेन्स लेने व दिलवाने के थे{हो सकता है मै गलत हौ क्योकि ये सब मै अपनि यादश्त के बल पर ही लिख रहा हुँ,विध्वान पाठक चाहे तो खुद शोध कर सकते है}।
    ४.सबसे बडा पेच तो मुझे श्री देवेन्द्र गुप्ता का लगा,जिसे अजमेर आने पर गिरफ़्तार किया गया था प्र अखबार मे छपी खबरो के अनुसार राज्स्थान एटिस{ जो इअतनी ज्यादा नकारा है कि अभि तक जयपुर हमलो के एक भी आरोपी नही ढुढ सकि है शायद,शायद इस किये कि मेने अखबार मे नही पढा है} देवेन्द्र जी को १ डेड साल से ढुंढ रही थी जिससे बचने के लिये ही वो इधर-उधर भाग रहे थे पर अब खुद चल कर अपराध की जगह पर अपने को पकडाने आते है,वाह क्या मजाक है???
    ५.फ़िर सहाब उस समय की तथाकथित फोन सिमो के आधार पर ्मप से कुछ लोग पकडे गये,गोया बम फ़ोडने से पहले अपने ही परिवार से उस सिमो पर बात कर रहे थे क्या वो इतने ज्यादा मुर्ख है??और सिम खरिअदना कितमा आसन है कि चाहे तो मोस्ट वीआईपी लोगो के नाम से सिम खरिद सकते हो बस टिर्क चाहिये वैसे भी पहले कौन चेक करता था???जब प्रभाकरन अपना लाइअसेन्स बिहार से बना सकता है तो फ़िर क्या नही हो सकता है??

  4. हिमवंत जी कुछ लोग गाँधी जी के भी विरोधी थे और कुछ सुभाष चन्द्र बोस के भी, संघ सबको साथ लेकर चलना चाहता है लेकिन इसके लिए उसे किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं यही पुरोहित जी कहना चाहते है

  5. अरे भाई पुरोहित. लेना पडेगा सर्टिफिकेट. संघ को प्रत्येक हिन्दु के प्रति जवाबदेह बनने का प्रयास करना होगा. अन्यथा लक्ष्य हासिल न हो सकेगा.

  6. संघ हिन्दु हितो से ज्यादा अमेरिकी साम्राज्यवादी हितो का पोषण करता है….. जो है नाम वाला वही तो बदनाम है….. कांग्रेस की इन हरकतो के कारण ही संघ भारत मे हिन्दु शक्ति के रुप मे स्थापित है. वरना संघ खुद मुझ जैसे एक हिन्दुवादी के शक के घेरे मे है.

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