क्रिकेटर्स – जिनकी शादियां विवादास्पद रही

 शादियां निश्चित रूप से स्वर्ग में तय और पृथ्वी पर संपन्न होती है, यह सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा होता है। फिर भी कई बार यह टूट जाती है। बहुत प्रयास करने पर भी जब रिश्ता निभाना संभव ना हो तो पति पत्नी दोनों अलग होने का निर्णय लेते है, जिसे तलाक के नाम से जाना जाता है।  हालांकि दोनों के अलग  होना सहज नहीं है। ऐसी में दोनों का जीवन बिखर जाता है। हर जोड़ें  के लिए यह सबसे मुश्किल समय होता है। हर जोड़ा अद्वितीय बने रहना चाहता है। यह सत्य है की कोई नहीं चाहता की ऐसा हो, परन्तु परिस्थितियों पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है। टूटते रिश्तों की तकलीफ और भी बढ़ जाती है, जब पति-पत्नी दोनों में से एक या दोनों किसी वर्ग, समाज विशेष में प्रसिद्धि रखते हों, सम्मानित व्यक्ति हो या किसी क्षेत्र विशेष का प्रतिनिधित्व करते है। क्योंकि ऐसे में एक ओर तो व्यक्तिगत जीवन कष्टमय होता है साथ ही इसकी चर्चा सार्वजिनक ख़बरों की सुर्खियां बनती है। ऐसा ही कुछ जब हमारे पसंदीदा क्रिकेटरों के साथ होता है तो उसका दर्द कुछ हद तक क्रिकेटरों के फैनस को भी महसूस होता है। आज हम ऐसे ही कुछ क्रिकेटरों की कुंडलियों का अध्ययन करने जा रहे हैं जिनका प्रथम विवाह सफल नहीं रहा और उन्हें दूसरा विवाह करना पड़ा।

इस आलेख में हम किसी व्यक्तिगत जीवन की चर्चा नहीं करना चाहते है, हमारा उद्देश्य मात्र इतना है की सुख और दुःख सभी को एक समान प्रभावित करते है। धन और मान आने पर यह आवश्यक नहीं की दुःख या तलाक की स्थिति नहीं आएगी। ये क्रिकेट सितारे सभी के लिए गौरव का विषय रहे है, अपने खेल से हम सभी का मनोरंजन करते रहे है। इनकी कुंडलियों में स्थित शुभ योगों ने इन्हें देश का गौरव बनाया तो कुछ अशुभ योगों ने इन्हें कष्ट भी दिया। ऐसा क्यों हुआ- आइये इनकी कुंडलियों से समझने का प्रयास करते है- 

 वसीम अकरम

पाकिस्तानी क्रिकेटर, क्रिकेट कमेंटेटर और टेलीविज़न पर्सनालिटी वसीम अकरम का नाम महानतम गेंदबाजों में गिना जाता है। अकरम को खेल के इतिहास में सबसे महान तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लैजेंड माने जाने वाले वसीम अकरम ने 1995 में  हुमा जी से विवाह किया परन्तु  स्वास्थ्य कारणों से हुमा जी की 25 अक्टूबर 2009 को मृत्यु  हो गयी।  यह समय निश्चित रूप से इनके लिए कष्टमय रहा होगा।  इसके बाद  इन्होने  दूसरा विवाह 12 अगस्त 2013 में किया। 

वसीम अकरम की कुंडली सिंह लग्न और वृश्चिक राशि के है। वैवाहिक जीवन  का ज्योतिषीय विश्लेषण करने के लिए कुंडली का दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव का विचार किया जाता है। इनकी कुंडली के परिवार भाव पर शनि और राहु की दृष्टि, चतुर्थ पर मंगल, राहु/केतु प्रभाव और सूर्य की सप्तम दृष्टि है। विवाह भाव को सिर्फ गुरु ग्रह देख रहे है। सप्तमेश शनि अष्टम भाव में हैं, और सप्तमेश शनि पर केतु की पंचम दृष्टि है। जीवन साथी के आयु भाव पर  राहु एवं शनि का प्रभाव इनके जीवन साथी की आयु में कमी कर रहा है। 

इनकी कुंडली में शुक्र मंगल का राशि परिवर्तन हो रहा है। शुक्र विवाह के कारक ग्रह है और यहाँ पीड़ित नहीं है। दूसरे विवाह के लिए नवम भाव का विचार किया जाता है। नवम भाव में शुक्र सुस्थित है। परन्तु नवमेश मंगल का अस्त और पीड़ित होना आगे जाकर वैवाहिक जीवन में तनाव देगा। 

शोएब मलिक

शोएब मलिक पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मेंबर रहे है। सानिया मिर्जा से विवाह को लेकर सबसे पहले शोएब मालिक चर्चाओं में आए थे। यह भारत और पाकिस्तान में लगभग हर समाचार चैनल की हेड लाइन बना था की भारतीय टेनिस खिलाडी सानिया मिर्जा और शोएब मलिक शादी कर रहे है। अधिकतर लोगों ने इसका विरोध किया था, बहुत लोग इसके खिलाफ थे। लेकिन दोनों के प्यार ने सबकी आलोचनाओं को शांत कर दिया। परन्तु यह आधा विवाद था, बाकी का विवाद विवाह के बाद सामने आया।  एक आयशा सिद्दीकी नाम की महिला ने शिकायत की कि 2002 में शोएब ने उससे विवाह कर ली थी। बाद में शोयब मलिक ने इस बात को स्वीकार करते हुए, उसे तलाक देना पड़ा। 

शोएब मलिक की कुंडली सिंह लग्न और मेष राशि की है। कुंडली में विवाह भाव पर चंद्र स्थित है, विवाह भाव के स्वामी ग्रह मंगल शयन भाव में चतुर्थेश और पंचमेश शनि के साथ है। पंचमेश और सप्तमेश की द्वादश भाव में युति विवाह में ब्रेक देती है। परिवार, सुख और विवाह भाव सभी अत्यधिक पीड़ित है।  यही वजह है की इनका प्रथम विवाह असफल और विवादित भी रहा। इनके नवम भाव में राहु स्थिति है, यह दूसरे विवाह का अंतर्जातीय और अन्य धर्म में होने का सूचक है। इस विवाह की स्थिति भी आने वाले समय के लिए बहुत सुखद नहीं दिख रही है। 

इमरान खान 

इमरान खान ने जेमिमा गोल्डस्मिथ से 9 साल पहले शादी की थी, उसके बाद शादी असफल होने की वजह यह बताई गयी की जेमिमा को पाकिस्तान में एडजस्ट जाने में कुछ दिक्कतें थी, जिसके कारण उनकी शादी नहीं चल सकी। 2015 में एक बार फिर से इमरान खान ने शादी की यह शादी मात्र 9 माह ही चली। दूसरा विवाह इन्होने लीबिया में जमी पत्रिकार रेहम खान से की थी। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है की उनकी दोनों पत्नियां उनसे लगभग 21 वर्ष छोटी थी। 

इमरान खान का जन्म वृश्चिक लग्न और कुम्भ राशि में हुआ। कुंडली में सप्तम भाव विवाह भाव पर सूर्य, बुध और राहु की दृष्टि है, जिसके फलस्वरूप विवाह सुख बिल्कुल नहीं है। सप्तमेश और विवाह कारक दोनों शुक्र ही है। जिनपर वक्री गुरु की नवम दृष्टि है। दूसरे विवाह का भाव नवम भाव भी राहु केतु अक्ष में है। उच्चस्थ मंगल की सप्तम दृष्टि से प्रभावित है। इस प्रकार इनका दूसरा विवाह भी सफल नहीं हुआ। दोनों ही विवाओं पर राहु का प्रभाव होने के कारण इनकी पत्नियां आयु में अत्यंत छोटी और अन्य देश, संस्कृतियों से थी। 2018 में इन्होने एक बार फिर से विवाह किया है। और इस बार भी इनकी जीवन संगनी इनसे २६ साल छोटी है। तथा एकादश भाव पर भी राहु का प्रभाव है। अत: इस विवाह की आयु भी अधिक ना रहने के संकेत मिल रहे है। 

मोहम्मद अजहरुद्दीन 

क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक माने जाते हैं। अजहर की जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आए, उनका करियर जितना विवादों भरा रहा, उतनी ही विवादों भरी रहीं उनकी शादीशुदा जिंदगी रही। नौरीन के साथ अरेंज मैरिज हुई, उनको दो बच्चे भी हुए। नौरीन हैदराबाद की रहने वाली थी और अजहर के घरवालों को काफी पसंद आई थी, उसके बाद ही दोनों का निकाह हो गया था। बाद में, उनके निजी जीवन में एक बड़ा विवाद पैदा हो गया जब उन्होंने 1996 में अभिनेत्री संगीता बिजलानी से शादी करने के लिए नौरीन को तलाक दे दिया। हालांकि, खूबसूरत और ग्लैमरस जोड़ी को 2010 में फिर से विवादों का सामना करना पड़ा, जब इनका नाम शटलर गुट्टा ज्वाला के साथ जुड़ा ।

मोहम्मद अज़हरुद्दीन की कुंडली कन्या लग्न और कर्क राशि की है। सप्तम भाव अर्थात विवाह भाव पर राहु की नवम दृष्टि, शनि की दृष्टि जिसके कारण इनके पहले विवाह में परेशानियों के चलते विवाह सफल नहीं रहा। दूसरे विवाह का भाव नवम भाव पर  केतु की पंचम दृष्टि है, यह विवाह भी इस वजह से टूटते टूटते बचा। राहु-मंगल-चंद्र की युति एकादश भाव में होने के कारण इनका वैवाहिक जीवन बार बार प्रभावित होता रहा। 

दिनेश कार्तिक

दिनेश कार्तिक का जन्म 1 जून 1985 में मद्रास में हुआ। जन्म के समय ग्रहों की स्थिती के कारण इनकी कुंड़ली में चंद्रमा तुला राशि में है, सूर्य वृषभ और मंगल मिथुन राशि में है। जन्म के समय ग्रहों के कारण इनको जीवन में कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा जिस कारण से इनकी शादीशुदा जीवन में भी प्रभाव पड़ा। दिनेश कार्तिक अपनी पहली पत्नी निकिता से अलग हो गए। 18 अगस्त 2015 को, दिनेश ने चेन्नई में भारतीय स्क्वाश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल कार्तिक से शादी कर ली। ग्रहों के अनुसार पिछला कुछ समय इनके लिये अच्छा नहीं था। इस समय में दिनेश कार्तिक की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इसके साथ ही इनको कुछ वित्तीय नुकसान का भी सामना करना पड़ा होगा। लेकिन इनका आने वाला समय अच्छा हैं, इनको करियर में सफलता मिलेगी।

दिनेश कार्तिक का जन्म सिंह लग्न और तुला राशि में हुआ। दिनेश कार्तिक अपनी पहली पत्नी से अलग हो गए थे, इसके बाद इन्होंने 2015 में दीपिका पल्लीकल से शादी कर ली। प्रथम विवाह ने इनकी व्यक्तिगत छवि और वित्तीय छवि को बहुत नुकसान पहुंचा।   विवाह भाव पर केतु की दृष्टि, सप्तमेश शनि का राहु केतु प्रभाव में होना, नवम भाव में राहु-शुक्र की युति इनके दूसरे विवाह में भी सुख के कमी के योग  बना रही है।

जवागल श्रीनाथ

सौरव गांगुली की कप्तानी में, जवागल श्रीनाथ की गेंदबाजी ने अपनी गेंदबाजी से भारत को विश्व कप 2003 के अंतिम मैच में प्रवेश दिलाया। पहली शादी 1999 में ज्योत्सना से जबकि दूसरी शादी पत्रकार माधवी पत्रावली से की। कर्क लग्न और वृश्चिक राशि की कुंडली में, केतु की पंचम दृष्टि और मंगल की सप्तम दृष्टि विवाह भाव पर आ रही है। विवाह कारक शुक्र भी राहु केतु अक्ष पर है। नवम भाव पर राहु की स्थिति दूसरे विवाह में भी विरोधाभास की स्थिति बना रही है।

विनोद कांबली  एक समय था जब विनोद काम्बली भारतीय क्रिकेट टीम का अहम् हिस्सा रहे थे, विनोद कांबली को प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में जाना था था। लेकिन समय के साथ कांबली अपनी सफलता को कायम नहीं रख सके। कांबली ने भी दो विवाह किए है। पहले विवाह के अधिक ना चलने के कारण, कांबली ने एंड्रिया नाम की लड़की से दूसरा विवाह किया। एंड्रिया उनकी दूसरी पत्नी हैं। वह एक समय मॉडलिंग किया करती थी। विनोद कांबली के दो बच्चे हैं- जीसस क्रिस्टानो और जोना क्रिस्टानो।

विनोद कांबली की कुंडली मेष लग्न और तुला राशि की है। विवाह भाव पर राहु की नवम दृष्टि, सूर्य,बुध और गुरु की सप्तम दृष्टि है। सूर्य, बुध और राहु का प्रभाव वैवाहिक जीवन के सुखों में कमी कर रहा है।  नवम भाव पर शनि विराजित है, यह भी वैवाहिक सुख को प्रभावित कर रहे है, यहाँ केतु की भी दृष्टि है, परन्तु यहाँ भी गुरु का प्रभाव होने के फलस्वरूप दूसरा विवाह सफल होने की संभावनाएं बन रही है। 

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