सरल शब्द रचना के उदाहरण।​​

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डॉ. मधुसूदन ​​

(एक) प्रवेश:​​कभी आपने पाठक, चालक, धावक, गायक, ….इत्यादि क्रिया के अंत में अक लगनेवाले शब्दों पर ध्यान दिया है?​आप देखेंगे कि ऐसी क्रियाओं के अंत में  अक लगाने पर आप एक विशेष अर्थ से जुडा शब्द रचते हैं।​और, ऐसे शब्द उपकरणों वा साधनों के लिए, एवं विशेष  सेवा (व्यवसाय)करनेवालों के लिए भी, उनके व्यवसाय से जोडकर दर्शाए जा सकते हैं। कुछ ऐसे शब्द आप पहले से जानते होंगे ही। इसी प्रक्रिया का विस्तार  कर कुछ शब्द रचे जा सकते हैं।​पहले, कुछ उपकरणों के शब्द देखते हैं। ​​

(दो) मापने वाले (Meter) उपकरणों के शब्द:  ​​Meter मापने ( या नापने) का काम करता है। और  माप के अंत पर अक या क लगाने पर उसे मापक कहा जा सकता है। अर्थ होगा, मापने या नापने का उपकरण या साधन। और ऐसे मापक के प्रयोग से, अनेक शब्द रचे जा सकते हैं। मापक के आगे जो अंश जोडा जाएगा, उस वस्तु  वा गुण-विशेष को नापने का अर्थ व्यक्त होता है। कुछ सरल उदाहरण प्रस्तुत हैं। और ऐसे हमारे बहुतेरे शब्द प्रायः अपना अर्थ भी व्यक्त कर ही देते हैं। जिसके कारण शब्द कोश की आवश्यकता भी कम ही होगी। लम्बे लम्बे स्पेलिंग से भी बचा जा सकता है।​​उदाहरणार्थ:​(१) Blood Pressure Meter के लिए,==> रक्त चाप मापक।​उसे ==>रक्त दाब मापक, भी कहा जा सकता है।​(२)  Thermo Meter के लिए==>ज्वर वा ताप मापक।​और ज्वर मापक रोगीके ज्वर की  मात्रा को अंकों में  दर्शाएगा। ​(३) Diabetes Sugar Meter के लिए==>मधुमेह शर्करा मापक।​संदर्भ स्पष्ट हो तो शर्करा मापक भी चल जाएगा।​(४) Warmth Meter के लिए==>उष्मा मापक।​(५) Vapor meter के लिए==>बाष्प माप।​(६) बाढ में, Water level Meter के लिए ==> जलस्तर मापक। वा (जलस्तर दर्शक)​(७) Rain Gauge बरसात की मात्रा के लिए ==>वर्षा जल मापक।​(८) Speedo-Meter के लिए==>गति माप।​(९) Velocity  meter के लिए==>वेग माप।​(१०) Acceleration Meter के लिए==>प्रवेग माप।​(११) Frequency Meter के लिए==>कंपन मापक।​​

(तीन) कुछ विविध  प्रकार के उदाहरण।​(१२) चलन से चालन और चलानेवाला इस अर्थ में चालक बनता है।​तो,Vehicle Driver को वाहन चालक कहा जाएगा।​(१३) या याति इस धातु से *यान* शब्दांश निकलता है। यह भी vehicle का ही अर्थ रखता है।​(१४)फिर विशेष शब्द, जैसे कि, *मंगलयान*,(मंगल ग्रह पर जानेवाला यान) ​(१५) उसी प्रकार चंद्र पर जानेवाला  *चंद्रयान*, शब्द बन सकता है।​(१६) Bus के लिए *संस्कृत भारती * संस्था  ’लोक यान’ शब्द प्रयोग करती है।​ (१७) और फिर Bus Driver =लोकयान चालक होगा।​​(१८) Train Driver =रेलयान चालक या रेल चालक।​(१९) Aeroplane =विमान, या वायुयान, या आकाशयान। तीन तीन शब्द सरलता से बन गए।​(२०) और पायलट के लिए, वायुयान-चालक, विमान-चालक, या आकाशयान-चालक।  

  ​एक प्रश्न आया था।​ (२१) ऑटोमोबाइल का अर्थ देनेवाला शब्द कैसे बनाओगे?​उत्तर: ऑटो का अर्थ होता है स्वयं या स्व । मोबाईल का अर्थ होगा चलनेवाला यान वा वाहन।​तो, Automobile= Auto + Mobile= स्व+ चल + यान।​(२२) तो, स्वचलवाहन या स्वचलयान ऐसे शब्द उसी अर्थ को व्यक्त करते हैं।​​​(चार) रसोई में काम आनेवाले  आधुनिक और घरेलु उपकरणॊं के शब्द:​(२३) Blender मिश्रण करता है। इसलिए उसे मिश्रक या संमिश्रक कहा जा सकता है।​(२४) Grinder Grindअर्थात चूर्ण करता है, इस अर्थ से===> चूर्णक।​(२५) वा पिष्ट  (आटा ) पेषण करता है, या  पीसता है।दाने को आटे में परिवर्तित करता है। उसे पिष्टक भी कहा जा सकता है।​इसी पिष्ट से निकला अंग्रेज़ी Pestle और Paste भी प्रतीत होता है।​​विशेष: व्युत्पत्तियाँ मुख्यतः ऐसे अर्थ से ही जोडी जाती है। उच्चारण भाषा भाषा में  उन भाषाओं की अधूरी लिपि के कारण बदल जाता है।​विश्वकी त्रुटिपूर्ण भाषाएँ अपनी लिपि की त्रुटियों के कारण उच्चारण स्थायी नहीं रख पाई हैं। अधूरी लिपि, और ऊपर से दोषपूर्ण उच्चारण व्यवस्था, और प्रतिबद्ध समर्पित गुरुकुल जैसी परम्परा का अभाव। ​​(पाँच)शब्दांश के अंत में त्र लगाकर ​​शब्दांश के अंत में त्र लगाने से भी एक विशेष वर्ग के शब्द रचे जाते हैं।​(२६) जनन से जुडा जनित्र (Generator) ​फिर  Electric Generator =विद्युत जनित्र।​(२७) गिनती करनेवाले उपकरण Counter के लिए गणित्र।​(२८) खनन (खोदनेवाला औजार के लिए) खनित्र। ​(२९) और दलने (आटा पीसने) का काम करनेवाला उपकरण दलित्र होगा।​अस्तु।​​

सूचना: ऐसे अंत में त्र जोडकर काफी शब्द रचना के उदाहरण डॉ, रघुवीर जी ने आपके अतिविशाल शब्दकोश में दिए हैं।​अनुरोध: आलेख यदि समझने में कठिन लगा हो, तो अवश्य टिप्पणी दीजिए।​

10 COMMENTS

  1. मैने यह कमेंट लिख कर वहाँ पोस्ट करना चाहा लेकिन सब भरने के बाद भी वह नहीं जा रहा है .प्रतिभा.

    ‘डा. मधुसूदन जी ने हिन्दी भाषा के उत्थान के लिये अथक प्रयास किये हैं .भाषा को समृद्ध एवं व्यावहारोपयोगी बनाने के लिए शब्द-रचना प्रक्रिया पर भी शोधपूर्पूण आलेख प्रस्तुत किये .उपसर्गऔर प्रत्ययों के योग से एक शब्द को अनेक रूप दे कर विभिन्न अर्थों में प्रयुक्त किया जा सकता है ,अनेक उदाहरण देकर उन्होने इस बात की पुष्टि की है .हिन्दी भाषा में नये शब्दों की रचना कर उसकी क्षमता में वृद्धि से उसका भंडार भरेगा और हमें अन्य भाषाओं से शब्द माँगने की आवश्यकता नहीं होगी .भाषा की सामर्थ्य बढ़ाने के लिये यह बहुत उपयोगी कदम होगा .’
    – प्रतिभा सक्सेना.

  2. अधेड़ आयु में शिथिल शरीर, लोप हो रही एकाग्रता व स्मरण शक्ति और उस पर आधुनिकता की चकाचौंध मुझे व्याकुल किये हुए है| श्रवण शक्ति के क्षीण होने पर शब्द का महत्त्व भी कम होता जा रहा है| समाचार पढ़ने की जगह व्यंग-चित्र देख ज्ञान और मनोरंजन दोनों का लाभ प्राप्त करता हूँ| स्वयं मेरे लिए उपलब्ध साधन अब तक मेरी आवश्यकता को पूर्ण करते आए हैं| सोचता हूँ कि लगभग १९५० से अंग्रेजी प्रचलन का सुनियोजित षड्यंत्र ऐसी स्थिति में हिंदी-भाषा सम्बंधित डॉ. मधुसूदन जी द्वारा प्रस्तुत उनके प्रशंसनीय व्यक्तिगत प्रयास “सरल शब्द रचना के उदाहरण” को कितनी दूर बढ़ने देगा!

    महेंद्र गुप्ता जी अपनी टिप्पणी में ऑक्सफ़ोर्ड शब्दकोश का उल्लेख करते हैं जो चिरकाल (१८५७-) से अंग्रेजी भाषा में नए शब्दों की रचना करता संगठित व अविरल प्रयास रहा है| ऑक्सफ़ोर्ड अंग्रेजी शब्दकोश के वर्तमान ऑनलाइन संस्करण की उपयोगिता उस पर २०,००,००० मासिक दर से खोजे जाने से है| कहा गया है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है| केंद्र में राष्ट्रीय शासन के चलते हमें पहले पहल हिंदी-भाषा की आवश्यकता को पहचानना होगा ताकि उसका “फिर से आविष्कार” किया जा सके!

    • Dhanyavaad Respected Insan ji.
      Will discuss the points raised by you, in couple of days (or perhaps) in the next article.
      I have no Hindi fonts to day.
      Have seen your comment after a long time.
      Regards, and THANKS.
      Keep commenting on.
      Madhusudan

  3. मधुसूदन जी ने हिंदी के समर्थन में कई लेख लिखे हैं। लेखो की संख्या इतनी अधिक हैं के उन लेखो में से ६७ लेखो पर आधरित एक पुस्तक – शब्द भारती – पृष्ठ संख्या ३३७ प्राकशित हुई हैं। हिंदी के पक्ष में लेख लिखने द्वारा हिंदी को प्रोत्साहन देने के क्रम को अभी विराम नहीं दिया हैं। वर्तमान लेख सरल शब्द रचना के उदाहरन यह दर्शाते हैं के हिंदी में एक से कई अन्य शब्द रचे जा सकते हैं। कुछ अंग्रेज भक्त कभ कभी पूछते हैं के ऑक्सफ़ोर्ड शब्दकोष ने इस वर्ष इतने नए शब्द अपनाए हैं , हिंदी भाषा ने कितने नए शब्द अपनाए हैं। मधुसूदन जी ने अपने इस लेख में उदाहरण देकर बताया हैं एक हिंदी के शब्द से कितने नए शब्द रचे जा सकते हैं। यही कारण हैं के हिंदी में अतीविशाल शब्द रचे जा सकते हैं। डॉ. रघुबीर जी भी हिंदी के बहुत अधिक शब्दों की रचना कर चुके हैं। बहुत से लोग भारत में अंग्रेजी भाषा को पसंद नहीं करते। एक फिल्म में एक अभिनेता कुछ अंग्रेजी के शब्द बोलता हैं तो बाद में कहता हैं के अंग्रेजी बोलने के कारण मेरी जिवाह जल गयी हैं।

    • Mohan ji Dhanyavad and regards. The book is doing well. We kept a very reasonable price $10.00 (in USA) and only Rs 350 in Bharat, for a hard cover 337 Page collectors edition, book. Many scholars are praising the book. It received praising comments from general readers as well.
      These include JNU head of Sanskrit,
      Lucknow University Sanskrit Department head,
      U Mass D professor, and many many buyers of the book.
      Bear with my roman fonts.
      Thanks and Regards
      Madhusudan

  4. निम्न शब्द रचनाएँ भूल सुधारी हुई हैं। कुछ शब्दो में क रह गया था।
    (७), (८), (९), (१०), (११) सुधार कर पढें।

    (८) Speedo-Meter के लिए==>गति मापक।
    (९) Velocity meter के लिए==>वेग मापक।
    (१०) Acceleration Meter के लिए==>प्रवेग मापक।

    Madhusudan

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