ताजगी

2
337

freshnessसुबह की ठंडी हवा

दूर नदी में

निरंतर बहती जलधारा

आकाश में तैरते

छोटे सफ़ेद -काले बादल

उड़ते छोटे- बड़े पक्षी

दूर तक फैली हरियाली

झोला उठाए,

कलरव करते

बच्चों का पाठशाला जाना

गाय- बकरियों का

उनके साथ-साथ

आसपास चलना

युवा किसान का

अपने चौड़े कंधे पर

हल रखकर

बैलों के पीछे-पीछे

खेत की ओर बढ़ना

पीछे से,

घूँघट काढ़े

नई नवेली दुल्हन का

झटकते हुए आना

पास आकर

ठिठकना, फिर शरमाना

भोजन की पोटली थमाना

और

लौटते हुए

मुड़ – मुड़ कर अपने

‘ए जी’ को देखना

शाम को चौपाल में

सबका आपस में

खुल कर बतियाना …

यहाँ का यह सब कुछ

मुझमें ताजगी भरते हैं

शहर से इस और

खीचते हैं हमेशा !

 

2 COMMENTS

  1. ग्रामीण वातावरण का सुन्दर शब्द चित्र

  2. यह किस काल और देश का खाका खींचा है ,कवि भाई आपने? कम से कम आज तो इस देश यानि इंडिया यानि भारत में ऐसा कुछ देखना तो बिरले नसीब हो.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

13,024 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress