गलवान घाटी

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चीन अनेकों चाल चल रहा है,
गलवान घाटी को कब्जाने को।
कोई बात न करो उससे अब
छोड़ो उसे अब समझाने को।।

दो कदम पीछे हटता है वह
चार कदम आगे बढ़ जाता है
उसकी नीयत में खोट भरा है
जो चाहता है वह करता है।।

बचाव नीति अब छोड़ो तुम,
आक्रमक नीति अपनाओ तुम।
अगर चार कदम बढ़ता है वो
आठ कदम बढ़ जाओ तुम।।

शत्रु का शत्रु होता है मित्र
यह बात जानते हो तुम।
पाक उसके इशारे पर नाच रहा है
कैसे समझाओगे उसको तुम।

दे दिए पाक ने अपने एयरपोर्ट,
उसके जहज उतार जाने को।
करेगा इस्तेमाल उनका वह अब,
तुमको घाटी मेंअब धमकाने को।
चीन अनेकों चाल चल रहा है,
गलवान घाटी को कब्जाने को ll

आमने सामने फौजें खड़ी है,
कोई भी न कम कर रहा।
अब तो निश्चित युद्ध होगा,
चीन युद्ध से क्यो डर रहा।।

कई युद्ध लडे हल्दी घाटी के,
गलवान घाटी के लिए लड़ेगे हम
सारा लद्दाख व कश्मीर हैं हमारा
क्यो गलवान घाटी को छोड़े हम।

आंखे दिखानी बन्द कर तू चीन,
तेरी चुंदी आंखे निकालेगे हम।
56 इंची चौड़ी छाती से अब हम,
तेरे बौने कायरो को दबा देंगे हम।

लातो के भूत बातो से न मानते
बातचीत करना तुम करो बन्द ।
करो फौज से आक्रमण उसपर,
कट जाएगा ये कलेश व दवनद।।

केवल कुछ ऐप बन्द करने से,
इससे काम अब न चल पाएगा।
ईट का जवाब पत्थर से देना है,
तभी शहीदों को चैन मिल पाएगा।

शहीदों ने खून की होली खेली थी,
दुश्मन को मार कर दफनाया था।
इन छोटी छोटी बातों से अब
काम देश का ना चल पाएगा।
बचा नहीं कुछ अब समझाने को।
चीन अनेकों चाल चल रहा है,
गलवान घाटी को कब्जाने को।।
कोई बात न करो अब उससे,
छोड़ो उसे अब समझाने को।।

जय हिन्द वन्दे मातरम

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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