हर अदा में कमाल था कोई
आप अपनी मिसाल था कोई।
उसके आशिक थे मिस्ले-परवाना
हुस्न से मालामाल था कोई।
उससे छुटकारा मिल गया हमको
एक जाने बवाल था कोई।
वो मिला है न मिल सकेगा कभी
एक दिल में ख्याल था कोई।
बेचकर खून रोटियाँ लाया
भूख से यूँ निढाल था कोई।
भीगी आँखों से देखना उसका
आंसुओं में सवाल था कोई।