गोवा और मणिपुर में भाजपा की सरकार से सबक ले विपक्ष

याद कीजिए, अटल जी सरकार को। एक समय में उनकी सरकार सिर्फ 1 वोट से गिर गई थी। तब उन्होंने संसद में कहा था, मेरे कांग्रेसी मित्र, शायद आज मुझ पर हंसेंगे, लेकिन कोई न कोई वक़्त जरुर आएगा जब देश में बीजेपी की पताका लहराएगी और उत्तर से दक्षिण तक पूर्व से पश्चिम तक बीजेपी की सरकार बनेगी और इसी संसद में एक दिन बीजेपी प्रचंड बहुमत से सत्ता में आएगी। अटल जी के इस कथन पर कांग्रेसी सदस्यों ने खूब हंसी उड़ाई।

सीताराम येचुरी ने कहा अटल जी अगर यह बात कोई और कहता तो मैं यह कह सकता था कि आज आप संसद में शराब पीकर आए हैं। अटल जी ने कहा था आज आप मुझ पर चाहे जितना हंस लीजिए लेकिन आने वाला वक्त यह जरूर बताएगा कि मैं सच बोल रहा हूँ और आज अटल जी का कथन सच साबित हुआ। यह एक व्यथित अपमानित कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति के ह्रृदय से निकला श्राप था, जो सच साबित हुआ।

जाहिर है, गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। 40 सदस्यों की विधानसभा में पर्रिकर के पक्ष में 22 मत पड़े जबकि विपक्ष में 16 लोगों ने मतदान किया. कांग्रेस नेता विश्वजीत राणे ने वोटिंग का बहिष्कार किया और वॉक आउट कर लिया। शक्तिपरीक्षण के बाद पर्रिकर ने कहा कि उनके साथ 23 विधायक हैं और 22 ने मतदान उनके पक्ष में किया. उन्होंने कहा कि एक स्पीकर भी हमारी ओर से था जिन्होंने वोट नहीं किया. मनोहर पर्रिकर ने कहा कि हमने किसी विधायक को किसी होटल में नहीं रखा किसी रिजॉर्ट में नहीं रखा। सभी ने अपनी मर्जी से मत दिया है। मनोहर पर्रिकर ने कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अगर गोवा सिर्फ छुट्टियां मनाने के लिए ही आएंगे तो ऐसा ही होगा। मालूम हो कि 40 सदस्यीय सदन में बीजेपी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की है। महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (एमजीपी), गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन-तीन सीटें जीतीं और राकांपा के खाते में एक सीट है. वहीं कांग्रेस पार्टी 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है।

वहीं मणिपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं के इसी परिश्रम का नतीजा था कि वर्ष 2001 में जिस भाजपा के केवल छह विधायक जीतकर आए, साझे की सरकार में भी शामिल हुए। लेकिन करीब सवा साल चलने के बाद सरकार गिर गई। उसके बाद से राज्य में लगातार तीन बार कांग्रेस ही सत्ता में आती रही है। मधुमंगल शर्मा से पहले मणिपुर भाजपा की कमान रघुमणि शर्मा के हाथों में रही थी। यह संयोग ही है कि इतने प्रखर नेताओं द्वारा तैयार की गई जमीन पर भाजपा की पहली सरकार का नेतृत्व कांग्रेस से आए एन. बीरेन सिंह करेंगे।

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