गोलमाल अगेन

फिल्म ‘गोलमाल अगेन” की समीक्षा —

 

मेरी रेटिंग–3/5
डायरेकटर : रोहित शेट्टी
संगीत : अमाल मलिक, डीजे चेतस, एस. थमान
अवधि       :       2 घंटा  31 मिनट
कलाकार : अजय देवगन, अरशद वारसी, तुषार कपूर, श्रेयस तलपड़े, कुणाल खेमू, परिणीति चोपड़ा, तब्बू, संजय मिश्रा, जॉनी लीवर,
प्रकाश राज, अश्वनी कालसेकर, मुरली शर्मा, मुकेश तिवारी और वृजेश हिरजी
शैली : कॉमेडी, हॉरर
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फिल्म की कहानी—

 

फ़िल्म की शुरुआत चिर परिचित कार स्टंट और गोलमाल टाइटल ट्रैक से शुरु होती है और फिर बिना देर किए और बिना किसी लॉजिक के फ़िल्म में तब्बू एक नैरेटर के तौर पर आपको भूत प्रेतों की दुनिया में ले जाती हैं | फ़िल्म एक ऐसे भूतिया घर के बारे में है जहां एक प्रेतात्मा का साया है. इस घर को कब्ज़े में लेने के लिए पहले उस प्रेतात्मा को भगाना होगा जिसके लिए गोपाल, लक्ष्मण, माधव और लकी कोशिश करते हैं.
फ़िल्म में प्रेत/प्रेतनी, फ़िल्म के किरदारों में प्रवेश कर के बहुत मज़ेदार सिचुएशन पैदा कर देते हैं और तुषार कपूर जो गोलमाल अगेन फ़्रेंचाइज़ी में 11 सालों से गूंगे के किरदार में है, कुछ बोलते हुए फ़नी लगते हैं |

 

यह कहानी है पांच अनाथ दोस्तों गोपाल (अजय देवगन), माधव (अरशद वारसी), लकी (तुषार कपूर), लक्ष्मण 1 (श्रेयस तलपड़े) और लक्ष्मण 2 (कुणाल खेमू) की, जो ऊटी के जमनादास अनाथालय में पल-बढ़कर बाहर निकले हैं। जब उन्हें पता चलता है कि अनाथालय के हेड जमनादास का निधन हो गया है तो वे उनकी तेरहवीं में शामिल होने ऊटी पहुंचते हैं। यहां उन्हें भूत का अहसास होता है। इनमें गोपाल (अजय देवगन), लकी (तुषार कपूर), माधव (अरशद वारसी), लक्ष्मण1 (श्रेयस तलपड़े), लक्ष्मण 2 (कुणाल केमू) और पप्पी (जॉनी लीवर) शामिल हैं. अनाथालय की लाइब्रेरियन ऐना (तब्बू) हैं जो पूरी फिल्म के दौरान आत्माओं से कनेक्ट करने का काम भी करती हैं. गोपाल, खुशी (परिणीति चोपड़ा) से प्यार करता है.

 

इसी बीच इन सभी दोस्तों को इस बात की जानकारी भी मिलती है कि वहां के एक कर्नल की बेटी की मौत कुछ समय पहले हुई है। आखिर कर्नल की बेटी की मौत के पीछे की वजह क्या है? भूत की मिस्ट्री क्या है? कैसे पांचों दोस्त भूत के चंगुल से खुदको बचा पाते हैं? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

 

कुछ ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जहां निखिल (नील नितिन मुकेश) और वासु रेड्डी (प्रकाश राज) मिलकर इस अनाथालय को हटाकर अपना बिजनेस बढ़ाना चाहते हैं, जिसकी वजह से ये पांचो एक्टर्स, इन दोनों से बदला लेना चाहते हैं. कहानी में ट्विस्ट- टर्न्स आते हैं, भूला (जॉनी लीवर) के साथ साथ वसूली भाई (मुकेश तिवारी), बबली भाई (संजय मिश्रा) की एंट्री होती है और भूत का एंगल भी आता है. अंततः क्या होता है, आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा.
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निर्देशन—

 

रोहित शेट्टी को कॉमेडी और एक्शन फ़िल्में बनाने का बढ़िया अनुभव है और क्योंकि वो अजय देवगन के साथ 10 वीं बार काम कर रहे हैं तो निर्देशक-कलाकार के बीच की केमिस्ट्री साफ़ साफ़ नज़र आती है \फ़िल्म लंबी नहीं होती और भले ही संगीत फ़िल्म का कमज़ोर पक्ष है, ये फ़िल्म एक विजुअल डिलाइट है और कंप्यूटर ग्राफ़िक्स और जॉनी लीवर, अरशद वारसी और अन्य कलाकारों की कमाल की कॉमिक टाइमिंग फ़िल्म को मज़बूती देती है |
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एक्टिंग—–
गोपाल के रोल में अजय देवगन, माधव के रोल में अरशद वारसी, लकी के रोल में तुषार कपूर, लक्ष्मण 1 और लक्ष्मण 2 के रोल में श्रेयस तलपड़े और कुणाल खेमू ने जबरदस्त काम किया है। उनकी कॉमिक टाइमिंग कमाल की है। इसके अलावा, तब्बू और परिणीति चोपड़ा की एंट्री सरप्राइज करती है। प्रकाश राज, नील नितिन मुकेश और जॉनी लीवर सहित बाकी एक्टर्स ने भी अच्छा काम किया है।
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क्यों देखें फिल्म:—-

 

फिल्म में बड़े-बड़े सेट्स और कलरफुल लोकेशंस आपको आकर्षित करती है. रोहित शेट्टी की शूटिंग का स्टाइल भी आपको देखने में हमेशा की तरह दिलचस्प लगता है.
फिल्म की टैगलाइन ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस दिवाली लॉजिक नहीं मैजिक देखना, तो उसी लिहाज से इस पूरी फिल्म के दौरान अगर आप दिमाग नहीं लगाएंगे तो ज्यादा मजा आएगा.फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, लोकेशंस, कैमरा वर्क कमाल का है.
अजय देवगन, अरशद वारसी, तुषार कपूर, कुणाल केमू, श्रेयस तलपड़े, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, मुकेश तिवारी, वृजेश हिरजी की अपनी-अपनी खूबी है, जिसे आप पिछली तीन सीरीज से देखते आए हैं और इन एक्टर्स ने जमकर हंसाने की कोशिश की है.तब्बू, परिणीति चोपड़ा, प्रकाश राज और नील नितिन मुकेश की एंट्री भी इस गोलमाल को और आकर्षक बनाती है. जॉनी लीवर और संजय मिश्रा की मौजूदगी से ठहाके मारकर मारकर हंसने पर विवश करते हैं.साजिद-फरहाद ने बेहतरीन संवाद लिखे हैं. गानो का कॉम्बिनेशन अच्छा है और खास तौर पर बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है. फिल्म का आर्ट वर्क भी काफी दिलचस्प है.
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कमजोर कड़ियां:–

 

फिल्म लगभग ढाई घंटे की है, जो कि काफी लम्बी लगती है. इसे छोटा किया जाता तो फिल्म क्रिस्प लगती. साथ ही गाने भी लंबे हैं जो फिल्म की रफ्तार धीमी करते हैं.यह दिमाग लगाकर देखने वाली फिल्म नहीं है, पर मनोरंजन से भरपूर कहानी है.
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म्यूजिक—
फिल्म का म्यूजिक बेहतरीन है। टाइटल ट्रैक के साथ ही फिल्म की शुरुआत होती है। ‘मैंने तुझको देखा’ सहित बाकी गाने भी सुनने में ठीक लगते हैं। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छा है।
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ओवरऑल—-

 

इस फ़िल्म में आपको हंसने के बहुत सारे मौके मिलेंगे और कई मायनों में ये फ़िल्म गोलमाल फ़्रेचाइज़ी में बनी एक अच्छी कॉमेडी फ़िल्म है, हालांकि अगर आप इसकी तुलना ‘ऑल दि बेस्ट’ से करेंगे तो थोड़ी कमी आपको लग सकती है |

 

इस फ़िल्म को ख़राब कह देना भी ग़लत होगा और इसे सही कहना भी ठीक नहीं होगा क्योंकि फ़िल्म में पहले से घोषित कर दिया गया है कि ये लॉजिकल नहीं बल्कि एक नो ब्रेनर कॉमेडी है, जिसको आप बिना किसी टेंशन के, परिवार के साथ देख सकते हैं | फिल्म की टैगलाइन ही है ‘लॉजिक नहीं, सिर्फ मैजिक’। यानी आप दिमाग का इस्तेमाल किए बगैर इस फिल्म को पूरी फैमिली के साथ एन्जॉय कर सकते हैं।

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