मुझे नहीं जाने देती माँ|
भैया दूध मलाई खाता,
मुझे नहीं खाने देती माँ||
मैं लड़की हूं शायद इससे,
भेद भाव मुझसे होता है|
सदा ध्यान मम्मी पापा का,
हरदम भैया पर होता है|
भैया कुछ भी गाता रहता,
मुझे नहीं गाने देती मां||
भैया को तो हर महीने में ,
नये वस्त्र सिलवाये जाते|
खेल खिलोने उसके मन के,
जब चाहे दिलवाये जाते|
वह जो चाहे ले आता है,
मुझे नहीं लाने देती मां||
गाँव और शहरों में अब भी,
भ्रूण हत्यायें ,जारी हैं|
कुचल्,कुचल दी जाती हर दिन
कितनी कन्यायें क्वांरी हैं|
लड़की को क्यों मार पेट में
गज़ब आज ढाने देती मां||
बर्षों बरस आज से पहले,
तुम भी तो माँ लड़की ही थीं|
लड़कों के हर पक्षपात पर ,
तुम नानी माँ पर भड़की थीं|
इतनी समझ आपमें है फिर,
क्यों सब हो जाने देती माँ|