कैसे मनाएं मौनी अमावस्या 2017 —

सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या ‘सोमवती अमावस्या’ कहलाती है। ऐसा संयोग कम ही होता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। सोमवार भगवान शिव जी का दिन माना जाता है और सोमवती अमावस्या तो पूर्णरूपेण शिव जी को समर्पित होती है।स्नान, दान और पुण्य की मौनी अमावस्या इस बार आज 27 जनवरी 2017 को मनाई जाएगी। इस बार मौनी अमावस्या एक खास संयोग में आ रही है जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है। मौनी अमावस्या इस बार पूर्ण अमृत योग में वरदान लेकर आ रही है। इसके चलते यह स्नान और दान, पुण्य के साथ ही भक्तों के लिए हजार गुणा फलदाई साबित होगी। इस दिन मौन रहकर नर्मदा या गंगा नदी में स्नान का हजार गुणा लाभ मिलेगा। इसी वजह से मौनी अमावस्या पर शिप्रा, नर्मदा ,गंगा और हंडिया तट पर लाखों श्रद्धालु जुटेंगे।

मकर राशि में मौनी अमावस्या का आगमन जब भी होता है, सूर्य और चंद्रमा गोचरवश एक साथ होते हैं। शुक्रवार को उत्तर आषाढ़ नक्षत्र में मौनी अमावस्या का संयोग अमृत योग है। मान्यता के अनुसार संपूर्ण शक्ति से भरपूर दिन में मनु ऋषि के जन्म से अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है। इस विशेष योग के चलते इस बार स्नान, दान का महत्व अधिक होगा। इस बार की मौनी अमावस्या एक खास संयोग में आने से इसका महत्व और बढ़ गया है। इस बार आने वाली मौनी अमावस्या पूर्ण अमृत योग में वरदान लेकर आ रही है। इसके चलते यह नदी स्नान और दान, पुण्य के साथ ही भक्तों के लिए हजार गुणा फलदाई साबित होगी।

इस व्रत का है बड़ा महत्व—
इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्त्र गोदान का फल मिलता है। शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गयी है। अश्वत्थ यानि पीपल वृक्ष। इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेटकर परिक्रमा करने का विधान होता है। धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधानपूर्वक तुलसी के पेड़ को चढ़ाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी खास महत्व समझा जाता है।महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा। ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है।

— आज इस शुभ दिन स्नान करने के बाद श्रद्धालु असहायों को दान पुण्य करें |
—-आज इस शुभ दिन किन्नरों को हरी चूड़ियां व हरे रंग की साड़ी का दान करने से बुध ग्रह शुभ फल देने लगता है।
— आज इस शुभ दिन जिन लोगों का चन्द्र ग्रह अशुभ फल दे रहा है, वह लोग मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखें तथा भगवान शंकर को खीर का भोग लगाकर गरीबों में वितरण करें।
— आज इस शुभ दिन जिन जातकों का बुध ग्रह पीड़ित या अशुभ फल दे रहा है, वह लोग मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रहकर तुलसी के पौधे का पूजन करें। प्रातःकाल में तुलसी की पत्तियों का सेवन करें।

जानिए दान व पुण्य का महत्व —

मौनी अमावस्या के दिन दान, पुण्य, पूजन और स्नानादि त्वरित फलदायक होगा। स्नान का शुभ समय ब्रह्ममुहूर्त में सूर्योदय से पहले है। इस दिन सुबह 11 बजे तक स्नान का सर्वोत्तम समय है। सुबह मौन अवस्था में शिप्रा,नर्मदा,गंगा या आपके निकटस्थ किसी भी पवित्र नदी और शिव का ध्यान कर स्नान करें।

मौनी अमावस्या के दिन सुबह के समय ही कलयुग का आगमन हुआ था। कलयुग के प्रभाव से बचने के लिए मौन स्नान करें। इस दिन मौन रहकर नर्मदा का स्नान करने वाले को इसका हजार गुणा अधिक लाभ मिलेगा।

अमावस्या तिथि की स्वामी महाकाली है। जीवन के कष्ट काल को दूर करने के लिए महाकाली की पूजा आवश्यक है। स्नान के बाद नर्मदा की आरती करें। मंदिर में पूजा के बाद दान करें। स्नान के बाद शुभ संकल्प करने से पाप दूर हो जाएंगे। भिक्षुकों को दान से भी लाभ प्राप्त होगा।
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जानिए कैसे करें पूजन—
शास्त्रों में वर्णित है कि नदी, सरोवर के जल में स्नान कर सूर्य को गायत्री मंत्र उच्चारण करते हुए अर्घ्य देना चाहिए लेकिन जो लोग घर पर स्नान करके अनुष्ठान करना चाहते हैं, उन्हें पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। सोमवती अमावस्या या मौनी अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करें। सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य नारायण को जल देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होती है। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वह गाय को दही और चावल खिलाएं तो मानसिक शांति प्राप्त होगी। इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना और दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

ज्योतिष की नजर में मौनी अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस बार 27 जनवरी को मौनी अमावस्या आ रही है। इस अमावस्या पर स्नान, दान, श्राद्ध व व्रत का विशेष महत्व हमारे धर्म ग्रंथों में लिखा है। तंत्र शास्त्र में भी मौनी अमावस्या को विशेष तिथि माना गया है। मान्यता है कि इस दिन किए गए उपाय जल्दी ही शुभ फल प्रदान करते हैं। ये उपाय बहुत ही आसान हैं। जानिए मौनी अमावस्या के दिन आप कौन-कौन से उपाय कर सकते हैं।

1. अमावस्या की रात करीब 10 बजे नहाकर साफ पीले रंग के कपड़े पहन लें। इसके उत्तर दिशा की ओर मुख करके ऊन या कुश के आसन पर बैठ जाएं। अब अपने सामने पटिए (बाजोट या चौकी) पर एक थाली में केसर का स्वस्तिक या ऊं बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें। इसके बाद उसके सामने एक दिव्य शंख थाली में स्थापित करें।

अब थोड़े से चावल को केसर में रंगकर दिव्य शंख में डालें। घी का दीपक जलाकर नीचे लिखे मंत्र का कमल गट्टे की माला से ग्यारह माला जाप करें-

मंत्र- सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनी।
मंत्र पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।

मंत्र जाप के बाद इस पूरी पूजन सामग्री को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। इस प्रयोग से आपको धन लाभ होने की संभावना बन सकती है।

2.हिंदू धर्म में अमावस्या को पितरों की तिथि माना गया है। इसलिए इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए गाय के गोबर से बने उपले (कंडे) पर शुद्ध घी व गुड़ मिलाकर धूप (सुलगते हुए कंडे पर रखना) देनी चाहिए। यदि घी व गुड़ उपलब्ध न हो तो खीर से भी धूप दे सकते हैं।

यदि यह भी संभव न हो तो घर में जो भी ताजा भोजन बना हो, उससे भी धूप देने से पितर प्रसन्न हो जाते हैं। धूप देने के बाद हथेली में पानी लें व अंगूठे के माध्यम से उसे धरती पर छोड़ दें। ऐसा करने से पितरों को तृप्ति का अनुभव होता है और वे हमें आशीर्वाद देते हैं। जिससे हमारे जीवन में सुख-शांति आती है।

03. अमावस्या पर भूखे प्राणियों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है। इस दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। गोलियां बनाते समय भगवान का नाम लेते रहें। इसके बाद समीप स्थित किसी तालाब या नदी में जाकर यह आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। इस उपाय से आपके जीवन की परेशानियों का अंत हो सकता है।  यदि संभव हो तो अमावस्या पर चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप कर्मों का प्रायश्चित होगा और अच्छे कामों के फल मिलना शुरू होंगे। इसी से आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।

04.अमावस्या की शाम घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें। साथ ही दीएं में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें। यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय है।

05. अमावस्या पर किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाएं। इसके बाद मंदिर में ही बैठकर रुद्राक्ष की माला से ऊं नमः शिवायः मंत्र का पाठ करें। ये उपाय करने से साधक की समस्त मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
06 जिन जातकों का बुध ग्रह पीड़ित या अशुभ फल दे रहा है, वह लोग मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रहकर तुलसी के पौधे का पूजन करें तथा प्रातः काल तुलसी पत्तियों का सेवन करें। इसी दिन किन्नरों को हरी चूड़ियां व हरे रंग की साड़ी का दान करने से बुध ग्रह शुभ फल देने लगता है।
07 .जिन लोगों का चन्द्र ग्रह अशुभ फल दे रहा है, वह लोग मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रहें तथा खीर से भोलेनाथ का भोग लगाकर गरीबों में वितरण करें।

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